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एअरटेल अधिकारियो द्वारा प्रदेश सरकार की सूचना एवं प्रौद्योगिक प्रोत्साहन नीति तथा देश की सुरक्षा की राह मे रोडा बनने की चाल

Posted on 14 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की सरकार ने विगत वशोZ मे सूचना एवं प्रौद्योगिक तथा इससे जुडे हुए छोटे एवं माध्यम उद्योगो को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक प्रकार की प्रोत्साहन नीतियांं बनाई है जिससे प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना तन्त्र को ओर अधिक ‘ाक्तिशाली तथा प्रभावशाली बनाया जा सके। यह सर्वविदित है कि उद्योगो तथा देश/प्रदेश के विकास के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का विकास कितना आवश्यक है जिसमे इण्टरनेट का अत्यन्त प्रभावशाली योगदान है। इण्टरनेट के कनेक्शन देने वाले कंम्पनियो मे एअरटेल का नाम कोइ्र नया नही है जो फोन लाइन पर घर तथा उद्योगो को इण्टरनेट के कनेक्शन उपलब्ध कराती है। इन इण्टरनेट कनेक्शन के कई प्रकारो मे लीज्ड लाइन भी एक प्रकार का अत्यधिक खर्च तथा हाई स्पीड वाला कनेक्शन है जो मुख्यत: औद्यौगिक इकाइयॉ ही लेती है। लीज्ड लाइन कनेक्शन के साथ प्च् भी दिये जाते है जो एअरटेल ही उपलब्ध कराती है। सरकार की नाक के तले एअरटेल के अधिकारियो की मिलीभगत से इन प्च् का कितने बडे पैमाने पर दुरूपयोग हो रहा है इसकी भनक सरकार के साथ-साथ आम जनता को भी नही है। इन दुरूपयोगो मे ईमेल स्पैमिंग, हैकिंग, कम्प्यूटरो से गुप्त जानकारियॉ चुराना आदि ‘ाामिल है। जब किसी कम्प्यूटर से इस तरह का दुरूपयोग होता है तो उस कम्प्यूटर के इण्टरनेट कनेक्शन वाले प्च् को दुनिया भर में फैले लगभग 150 मॉनिटरिंग सर्वर रिकार्ड कर लेते है जिससे वह प्च् ब्लैकलिस्ट हो जाता है। एक बार प्च् के ब्लैकलिस्ट होने पर जिस कनेक्शन पर वह प्च् दिया जाता है वहॉ से ईमेल आदि का आदान-प्रदान पूरी तरह बन्द हो जाता है क्योकि ईमेल प्राप्त करने वाला सर्वर मॉनिटरिंग सर्वर से जुडा होने के कारण जान जाता है कि जिस इण्टरनेट कनेक्शन (जहां ब्लैकलिस्टड प्च् दिया गया है) से ईमेल भेजा गया है। और उनकी यह चूक और दुलमुल रवैया देश की सुरक्षा पर कितना भारी पडता है इस तरफ उनका ध्यान नही जाता। जब इस प्रकार के कनेक्शन सूचना एवं प्रौद्योगिकी से जुडे उद्योगो को दिये जाते है तो इस बात की भनक भी नही लगती है कि अनजाने मे जिस ऐअरटेल के कनेक्शन के द्वारा वह अपने उद्योग का सूचना तन्त्र विश्वसनीय बनाने के या सॉफटवेयर उद्योग के द्वारा देश-प्रदेश की उन्नति मे सहयोग के सपने देख रहे है वह पहले ही पूरी तरह से दुरूपयोग के कारण ब्लैकलिस्ट हो चुका है।सबसे ताजा उदाहरण प्रदेश के अनुभवी सॉफटवेयर डेवलपर्स द्वारा संयुक्त रूप से ‘ाुरू की गई कम्पनी एजूकेशन लैब का है जिसने शिक्षा से जुडे सॉफटवेयर एवं कम्प्यूटर प्रोग्रम्स में कार्य किया है। एजूकेशन लैब द्वारा 12 मार्च 2010 को लीज्ड लाईन के आवेदन देने के बाद जब कनेक्शन लगते समय यह पता चलने पर कि कनेक्शन के साथ दिए गए प्च् ब्लैकलिस्ट है इसकी सूचना एअरटेल के सम्बन्धित अधिकारियो को दी तथा यह आग्रह किया कि ब्लैकलिस्ट प्च् न देकर क्लीन प्च् दिए जाएं लेकिन 5 दिन बीतने पर कोई आश्वासन न मिलने पर अपना ऑर्डर तुरन्त ही 31 मार्च 2010 निरस्त कर दिया जिसकी सूचना सभी एअरटेल अधिकारियो को ईमेल द्वारा उसी समय दे दी गई तथा चेक द्वारा अिग्रम भुगतान राशि रू ़25,000/- को लौटाने का आग्रह भी किया। देश की नामी कम्पनी एअरटेल के अधिकारियो द्वारा नई ‘ाुरू हुई कम्पनियो के लिए इस रवैये से इन अधिकारियो की संजीदगी का अन्दाजा आप स्वयं ही लगा सकते है। समाचार लिखने तक कस्टमर  केयर को कई ईमेल, कॉल के बाद कस्टमर केयर द्वारा इस कम्पनी का पैसा वापिस करने के सम्बन्ध मे कोई नििश्चत जवाब नही दिया था इसी से आसानी से आप समझ सकते है कि लुभावने वादो वाले विज्ञापन तथा ऊंची तन्ख्वाह पाने वाले अधिकारियो की असली मंशा आम जनता की गाढी कमाई से एश उडाने की ही होती है और कस्टमर केयर के लिए इनका मतलब होता है कि कस्टमर अपनी केयर खुद कर सके तोे ठीक नही तो भगवान भी कुछ नही कर सकता। विश्व मे 10,5000 इण्टरनेट कनेकशन देने वाली कम्पनियो मे से अपने इण्टरनेट कनेकशनो का सबसे ज्यादा दुरूपयोग होने देने वाले कम्पनियो मे एअरटेल चौथे स्थान पर है।इस सम्बन्ध मे एअरटेल के तकनीकी अधिकारियो द्वारा दी गई यह दलील कि एअरटेल के लाखो होम यूसर्स है और सभी पर सूरक्षा सम्बन्धी प्रणालियो लगा कर कनेकशन्स का दुरूपयोग रोकना असम्भव है बिल्कुल सिरे से ही नकारात्मक है तथा अपनी कमियो को ढकने का असफल प्रयत्न ही है क्योकि चिश्व मे अग्रणी इण्टरनेट प्रदाता कम्पनी ।व्स् (अमेरिका ऑन लाइन) के पास लगभग 60 लाख प्च् है जिसमे से अधिकतर होम यूर्सस है और इसके बाद भी ।व्स् के नेटवर्क पर दुरूपयोग का प्रतिशत नगण्य 1: से नीचे है। अगर आपकी इण्टरनेट कम्पनी स्पैमर्स या अपने दिये गए कनेक्शन द्वारा दुरूपयोगों की परवाह नहीं करती , इसको सहन करके या अनदेखी करके आप अप्रत्यक्ष रूप से अपने पैसे से ग्लोबल स्पैम का समर्थन करते हैं।

आप भी अपने इण्टरनेट कनेक्शन से जुडे प्च् के ब्लैकलिस्ट होने की स्थिति जान सकते है जिसके लिए आप पहले whatismyip.com वेबसाइट पर अपना IP जानिए फिर अपने उसी IP को www.mxtoolbox.com/blacklists.aspx वेबसाइट पर दीजिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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