Archive | December, 2010

खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध अभियान

Posted on 27 December 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरूद्ध  अभियान निरन्तर जारी है।

यह जानकारी आज यहॉ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के प्रवक्ता ने देते हुए बताया कि खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण की रोकथाम हेतु मिलावटखोरों के विरूद्ध अभियान चलाया जा रहा है ताकि आम जनता को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिल सकें। मिलावटखोरों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के अन्तर्गत अब तक दर्ज करायी गई 507 एफ0आई0आर0 में 788 व्यक्तियों को नामित करते हुए 487 को गिरफ्तार किया गया तथा खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के अन्तर्गत एफ0डी0ए0टीम द्वारा मारे गये छापों में कुल 456.03 लाख रूपये मूल्य की खाद्य सामग्री जब्त की गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि आज कुल 10 जनपदों-प्रतापगढ़, सन्तरविदास नगर, गोण्डा, औरैया, सहारनपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, फैजाबाद, सुल्तानपुर एवं बाराबंकी में छापे मारकर 27 नमूनें संग्रहीत किये गये। जनपद प्रतापगढ़ में 12 दर्जन केले एवं 25 किग्रा0 फल जब्त करते हुए 2 नमूनें लिये गये। जनपद औरैया में 20 किग्रा0 फल एवं 4 नमूनें, सुल्तानपुर में 50 किग्रा0 सब्जी एवं 20 किग्रा0 मिठाई जब्त कर नष्ट करते हुए 3 नमूनें संग्रहीत किये गये। जनपद बाराबंकी में 50 किग्रा0 सब्जी जब्त कर नष्ट की गई। इसी प्रकार जनपद सन्तरविदास नगर में 90 किग्रा0 फल एवं सब्जी तथा 5 नमूनें, जनपद गोण्डा में 75 किग्रा0 फल एवं सब्जी तथा 4 नमूनें, जनपद सहारनपुर में 50 किग्रा0 फल एवं सब्जी, चित्रकूट में 10 किग्रा0 फल एवं सब्जी, हमीरपुर में 10 किग्रा0 फल एवं सब्जी तथा 6 नमूनें एवं फैजाबाद में एक कुन्तल फल एवं सब्जी जब्त कर नष्ट करते हुए 2 नमूनें संग्रहीत किये गये।
प्रवक्ता ने बताया कि छापामार अभियान के दौरान खाद्य पदार्थों के निर्माण, उत्पादन एवं भण्डारण इकाइयों पर पैनी नज़र रखी जा रही है। एफ0डी0ए0 टीम को सिन्दग्ध खाद्य पदार्थों के प्रतिष्ठानों से नमूने संकलित करने के निर्देश दिये गये हैं तथा नमूनों में अपमिश्रण की पुष्टि होने पर अपराधियों के विरूद्ध खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम के तहत सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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राष्ट्रीय कार्यक्रम को अधिकारी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि बनाये सफल- गौरव दयाल

Posted on 27 December 2010 by admin

विकास खण्डों में रह रहे नागरिकों को 4000 टीमों द्वारा डी.ई.सी टैबलेट खिलाया जायेगा

जिलाधिकारी गौरव दयाल के कर कमलों द्वारा फाइलेरिया दिवस का उद्घाटन डी.ई.सी. टैबलेट स्वयं खाकर एवं उपस्थित अधिकारियों,कर्मचारियों एवं जनता को खिलाकर किया तथा जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों,अधिकारियों, कर्मचारियों ,जनता एवं मीडिया से अपील किया कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें।

मुख्य चिकित्साधिकारी परिवार कल्याण डा. एस.एन.उपाध्याय ने बताया कि 4404765 कुल 21 विकासखण्डों में रह रहे नागरिकों को चार हजार टीमों द्वारा दवा खिलाया जायेगा।  10905 दवा वितरकों के माध्यम से 3741829 लाभार्थियों के लिए कुल 9050836 टी.ई.सी. की गोली की आवश्यकता पड़ेगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए  100 चिकित्सकों की टीमें लगाकर कुल 628043 घरों को दवा खिलायी जायेगी।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. मेजर वी.पी.सिंह ने बताया कि सबसे पहले केरला प्रान्त के मालावार गांव में 1872 में महिलाओं के परीक्षण के उपरान्त इस फाइलेरिया बीमारी की जानकारी प्राप्त हुई। 1942 में दवा की खोज की गई।लड़कियों की शादी के लिए चेहरा के बजाय पैर देखा जाने लगा कि कही आपको फाइलेरिया तो नही है। प्रदेश के 50 जनपदों में 2004 से कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 2015 तक फाइलेरिया मुक्त प्रदेश बनाने का लक्ष्य है। 0-2 वर्ष के नीचे वाले बच्चे ,गर्भवती महिलाओं तथा गम्भीर रूप से बीमार लोगों को दवा नही दी जा सकती। 2-5 वर्ष के बच्चों को एक गोली( 100 मि.गा.),6 से 14 वर्ष के बच्चों को दो गोली, 15 वर्ष से अधिक के लोगों को तीन गोली खिलाई जायेगी।

कार्यक्रम का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी एम.पी.सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. वी.के.तिवारी, डा. ए.के.सिंह, डा. कमर अब्बास, डा. आनन्द कुमार चौधरी, गीता त्रिपाठी, शैल मौर्या, माधुरी गुप्ता,डा. विमला सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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ई-गर्वनेन्स अवार्ड 2009-10

Posted on 27 December 2010 by admin

मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने आज खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदिशZता व कम्प्यूटराइजेशन हेतु प्राप्त अन्तर्राश्ट्रीय पुरस्कार मन्थन साउथ एिशया अवार्ड-2010 व राश्ट्रीय संस्था कम्प्यूटर सोसायटी आफ इण्डिया द्वारा प्रदत सी0एस0 निहिलैन्ट ई-गर्वनेन्स अवार्ड 2009-10 प्रदान करते हुए कहा कि खाद्य एव ंरसद विभाग द्वारा प्रदेश के निर्धनतम व्यक्तियों, निराश्रित वृद्धों एवं अन्य सामान्य उपभोक्ताओं को आसानी से खाद्यान्न व अन्य सामग्री उपलब्ध कराने के कार्य मेें आधुनिक सूचना प्रणाली का प्रयोग कर इसे सर्व सुलभ बनाया गया है।

untitled-14मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता तत्कालीन खाद्य आयुक्त श्री राजीव अग्रवाल को अन्तर्राश्ट्रीय व राश्ट्रीय संस्थाओं द्वारा प्राप्त पुरस्कार प्रदान करते हुए।

cs-photo-27-12-2010-2मुख्य सचिव श्री गुप्ता ने एनेक्सी सभाकक्ष में आयोजित पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कहा कि खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा पारदिशZता, डाटा कम्प्यूटराइजेशन व राशन के आवक की सूचना उपभोक्ताओं को एस0एम0एस0 द्वारा देने के क्षेत्र में जो अभिनव व सराहनीय पहल की गई है, उसको मान्यता देते हुए अन्तर्राश्ट्रीय व राश्ट्रीय संस्था द्वारा यह दो पुरस्कार दिए गए हैं। विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस कार्य को निरन्तर बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए।

मुख्य सचिव ने इस अवसर पर तत्कालीन प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्री जैकब थामस, तत्कालीन खाद्य आयुक्त श्री राजीव अग्रवाल, वर्तमान खाद्य आयुक्त श्रीमती वीना, विशेश सचिव खाद्य एवं रसद आयुक्त श्री डी0के0 गुप्ता व श्री चन्द्र प्रकाश, संयुक्त खाद्य आयुक्त श्री विनोद कुमार राय, अधिशासी निदेशक कर्मचारी कल्याण निगम श्री रमेश चन्द्र मिश्र व निदेशक एन0आई0सी0 श्री एस0बी0 सिंह के प्रतिनिधि को व अन्य अधिकारियों को पुरस्कार व ट्रॉफी का वितरण किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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दिन की सुर्खिया

Posted on 27 December 2010 by admin

1.सहीद  स्मारक  पर अपने  मांगो  को  लेकर  धरना  देते  रकाब  गंज  सब्जी   विक्रेता
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2..सहीद  स्मारक  पर  अपने  मांगो  को  लेकर  धरना  देते  अखिल  भारतीय  चमार  दलित  शोषित  समाज  के  लोग
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3..सहीद  स्मारक  पर  अपने  मांगो  को  लेकर  धरना  देते  मजदूर  कल्याण   मोर्चा  के  सदस्य
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4..सहीद  स्मारक  पर  पुलिस उत्पीडन  के  खिलाफ  धरना  देते  अनिल  त्रिपाठी
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5..L.D.A द्वारा  अनुग्रहीत  किये   गए   ज़मीनों  के  विरोध  में  सदर  तहसील  का  घेराव  करते   भारतीय   किसान  यूनियन  के  सदस्य
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6..Press Club आयोजित  गोष्ठी  को  संबोधित  करते  Dr Bhanu
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7..K.K Hospital में सुभारम्भ  करते  मंत्री Lal Ji Verma
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8..जय  संकर  सभागार  में  आयोजित  मीटिंग को  संबोधित  करती Roop Rekha Verma
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9..Press Club में  आयोजित  प्रेस  वार्ता  को  संबोधित  करते Anil tripathi
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10..गाँधी  भावन  में  Electric Employee Union के  तीन  दिवसी Program में  उर्जा  मंत्री  Ramveer Upadhyae का  माल्यर्पण  कर  स्वागत  करते  पदाधिकारी  गन
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11..लखनऊ  के IG  का  पदभार  संभाला  Sudesh Kumar ji ने
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12..आयोजित  प्रेस  वार्ता  को  संबोधित  करते  Maulana Yasu Abbas
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13..आयोजित  मजलिस  का  ख़िताब  करते  Maulana Safdar
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14..छोटे  इमामबाड़े  पर  पुतला  जलाते  सिया  समुदाय  के  लोग
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कांग्रेस की 125वीं वर्षगांठ पर विशेष- भारतीय राष्ट्रीय कंाग्रेस की उपलब्धियां एवं चुनौतियां

Posted on 27 December 2010 by admin

28दिसम्बर को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी स्थापना के 125 वर्ष पूरे कर रही है। इन 125 वषोZं में जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और इसे अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराया। वहीं दूसरी ओर आजादी के बाद देश को एकता के सूत्र में पिरोने, आत्मनिर्भर बनाने, गरीबों, किसानों, दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं तथा समाज के सभी कमजोर वर्गों के लिए विकास का ताना-बाना तैयार करने और उसमें उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास किया। एक मजबूत, लोकतान्त्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष भारत के निर्माण में कांग्रेस पार्टी के योगदान, बलिदान और गौरवशाली परम्परा के कारण ही आज भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था और विश्वशक्ति बनकर उभर रहा है।

जिस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई, पूरे देश में आम लोगों की आवाज उठाने का कोई मंच मौजूद नहीं था। 1857 के विप्लव के बाद सभी विरोधियों को अंग्रेजों ने गोली, बन्दूकों और तोपों के जरिए मौत के घाट उतार दिया था। देश में एक असहज सन्नाटा सा पसरा हुआ था। अंग्रेज अपनी मनमानी करने पर तुले थे और न्यायसंगत बात करना भी विद्रोह का प्रतीक माना जाता था। ऐसे में यह एक अंग्रेज प्रशासक ए.ओ.ह्यूम ही थे जिन्होने जनता की नब्ज को पहचाना और एक ऐसे संगठन की परिकल्पना की जिसके माध्यम से भारतवासी अपनी बात और अपनी समस्याएं अंग्रेज शासकों के समक्ष मजबूती से उठा सकें। उस समय सम्भवत: किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक ऐसा संगठन साबित होगा जो भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने का माध्यम बनेगा। परन्तु सच तो यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कंाग्रेस के शैशवकाल से ही आधुनिक भारत में प्रगति, शंाति और समृद्धि की एक मजबूत नींव पड़ चुकी थी। अंग्रेजों के शासनकाल में ही भारतीय राष्ट्रीय कंाग्रेस एक मात्र ऐसी पार्टी रही जिसने सभी वर्गों, धर्मों और समुदायों को एक सूत्र में पिरोकर ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध देशव्यापी संघर्ष का सूत्रपात किया। कंाग्रेस ने ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों और व्यक्तिगत स्वतन्त्रता पर रोक लगाने वाली नीतियों के खिलाफ संघर्ष किया। जिससे बौखलाकर इस संघर्ष का नेतृत्व करने वाले तमाम नेताओं को ब्रिटिश हुकूमत ने राष्ट्रद्रोह के अपराध में जेल के सींखचों के पीछे डाल दिया।

भारतीय राजनीति में गांधी जी के पदार्पण के पहले अनेक नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलन्द करने के कारण यातनाएं झेलीं और जेल गये। इनमें बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, दादा भाई नौरेाजी, गोपाल कृष्ण गोखले, देशबन्धु चितरंजन दास, मोती लाल नेहरू, ऐनी बेसेंट और बदरूद्दीन तैय्यब जैसे महान स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी नेतृत्व के अिग्रम पंक्ति में थे।

गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से भारत आने एवं भारतीय राष्ट्रीय कंाग्रेस का नेतृत्व सम्भालने के पश्चात आजादी के आन्दोलन को एक नई धार मिली। सविनय अवज्ञा, असहयोग, खादी, सत्य, अिंहंसा जैसे साधन आजादी के आन्दोलन में महात्मा गांधी के नये हथियार बने। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने हिन्दू-मुस्लिम एकता का एक अभिनव आदर्श प्रस्तुत किया। जिसने न सिर्फ भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी वरन् दुनिया भर में साम्राज्यवादी शक्तियों के दमन और उत्पीड़न के विरूद्ध चल रहे अभियान को एक नई धार दी। गांधी जी के नेतृत्व ने दुनिया केा यह दिखा दिया कि किस तरह सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह जैसे साधन अपनाकर उस ब्रिटिश हुकूमत को भी हिलाया जा सकता था जिसका सूर्य कभी अस्त नहीं होता था। गांधी जी ने दुनिया को दिखा दिया कि शासक वर्ग कितना भी क्रूर, दमनकारी तथा ताकतवर क्यों न हो, उसे आम जनता की शान्तिपूर्ण एकता तथा सभी धर्मों एवं समुदायों की सामूहिक पहल के आगे झुकना ही पड़ता है। मोहन दास करमचन्द गांधी के इसी सत्य तथा अहिंसा के दर्शन के कारण विश्व कवि रविन्द्र नाथ टैगोर ने उन्हें “महात्मा´´ का दर्जा दिया था। यह महात्मा गांधी ही थे जो अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति के कारण विभिन्न सम्प्रदायों एवं समुदायों में गठित लोगों को एक सूत्र में पिरोकर अंग्रेजों से लेाहा ले सके। एक ओर जहां उन्होने सामाजिक सुधार के कार्यक्रमों द्वारा समाज में एकता का सन्देश दिया वहीं दूसरी ओर हिन्दू एवं मुसलमानों को एक मंच पर लाने में सफलता प्राप्त की। महात्मा गांधी ने दलित उत्थान की दिशा में समाज के सबसे निचले तबके की स्थिति सुधारने के लिए “अस्पृश्यता निवारण´´ जैसा कार्यक्रम कंाग्रेस पार्टी को दिया। छुआछूत की भावना मिटाने के लिए उन्होने दलितों के साथ हर तरह के भेदभाव का विरोध किया। दलित उत्थान की दिशा में महात्मा गांधी और कंाग्रेस पार्टी का यह अप्रितम योगदान था। यह महात्मा गांधी का ही राजनीतिक कौशल था कि जिसके कारण गरम दल और नरम दल के बीच समझौता हुआ। असहयोग आन्देालन, दाण्डी मार्च, नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा और अन्तत: भारत छोड़ो आन्देालन के जरिए न सिर्फ भारतवासियों को बल्कि विश्व भर के तरक्कीपसन्द और शान्तिप्रिय लोगों को भारतीय स्वतन्त्रता आन्देालन से जोड़ दिया। फलस्वरूप अंग्रेज शासकों पर चौतरफा दबाव पड़ा और वह भारत छोड़ने के लिए मजबूर हो गये। अंन्तत: महात्मा गांधी के नेतृत्व में जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, गणेश शंकर विद्यार्थी, सरोजनी नायडू, बाबू जगजीवन राम, डा. राजेन्द्र प्रसाद, जय प्रकाश नारायण, आचार्य कृपलानी, पट्टाभि सीतारमैया, सरदार बल्लभ भाई पटेल, राजषिZ पुरूषोत्तम दास टण्डन, मौलाना मोहम्मद अली जैसे अनेक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों के संघषोZं के माध्यम से 15अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ।

भारत की आजादी के बाद पं. जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमन्त्री बने। नेहरू जी एक बुद्धिजीवी, चिन्तक, दूरदशीZ तथा असाधारण राजनेता थे जिन्हें आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान भारतीय जनता एवं अर्थव्यवस्था विशेषकर कृषि एवं उद्योग अत्यन्त विपरीत व विषम परिस्थितियों से गुजर रही थी। इसलिए आजादी के बाद पं0 नेहरू की प्राथमिकता भारतीय अर्थव्यवस्था एवं कृषि को फिर से पटरी पर लाना था। यही कारण था कि नेहरू जी ने देशवासियों का आवाहन किया कि हमें राजनैतिक आजादी तो मिल गई है लेकिन आर्थिक आजादी प्राप्त करने के लिए सबको मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होने जहां एक ओर पंचवषीZय योजनाओं का सूत्रपात किया वहीं दूसरी ओर सिंचाई के लिए नहरों एवं बांधों के निर्माण पर बल दिया। भूमि सुधारों को लागू करने के लिए उन्होने तेजी से कदम उठाये जिसके तहत जमीन्दारी उन्मूलन कानून बना और किसानों को जमीन्दारेां के उत्पीड़न से मुक्त कराया गया। पण्डित नेहरू ने खाद के कारखाने स्थापित करने और बड़े बांध बनाने पर भी बहुत जोर दिया और वह इन बड़े बांधों केा आधुनिक भारत का मन्दिर कहा करते थे। उन्होने भारत के परमाणु कार्यक्रम की भी नींव रखी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कुटीर एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दिया। जाहिर सी बात है यह सारे कार्यक्रम एक तरह से आजादी के आन्दोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की देश के आम लेागों के प्रति प्रतिबद्धता एवं विरासत की ही कड़ी थे।

कंाग्रेस की नीतियों को पं. नेहरू ने मूर्त रूप देने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। इसलिए भारतीय संसद में जहां एक तरफ हिन्दू कानून में का्रन्तिकारी बदलाव लाकर छुआछूत जैसी सामाजिक विषमता को दूर करने की कोशिश हुई वहीं दूसरी तरफ सामाजिक बदलाव के लिए महिलाओं को भी सामाजिक स्वतन्त्रता का अवसर दिया गया। भारतीय संविधान में डा. अम्बेडकर के विचारों को कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार किया और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े लेागों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजातियोें को आरक्षण का लाभ दिया गया। कांग्रेस सरकार ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एवं उनका प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए साम्प्रदायिक सद्भाव एवं धर्मनिरपेक्षता को हमेशा अपने एजेण्डे पर रखा। गौरतलब है कि 1955 में आवड़ी अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी ने समाजवाद-उन्मुख व्यवस्था पर आधारित समाज के निर्माण पर जोर दिया, जिससे गैर बराबरी दूर करने की दिशा में कांग्रेस की सरकार की तरफ से अनेक कदम उठाये गये। पं0 नेहरू की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने देश के प्रधानमन्त्री पद की बागडोर सम्भाली। उनके नेतृत्व में भारतवर्ष ने पाकिस्तान के विरूद्ध एक बड़ी लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की। देश पर आये संकट के समय उन्होने देशवासियों से सप्ताह में एक दिन उपवास करने की अपील की, जिसका बहुत व्यापक असर पड़ा। शास्त्री जी ने जय जवान-जय किसान का एक ऐसा नारा देश को दिया जो आज भी प्रासंगिक है।

शास्त्री जी की असमय मृत्यु के कारण देश की बागडोर इिन्दरा गांधी के हाथों में आयी। उनका प्रारिम्भक कार्यकाल काफी चुनौतीपूर्ण रहा। उन्हें कांग्रेस पार्टी के ही एक वर्ग का विरोध झेलना पड़ा। इिन्दरा जी जहां बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने एवं प्रीवीपर्स खत्म करने की वकालत करती थीं वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी उन्हें इस दिशा में बढ़ने से रोकते थे। किन्तु इिन्दरा जी ने देश के गरीबों, पिछड़ों और दलितों के हित में निर्णय लिये जिसक परिणति अन्ततोगत्वा कांग्रेस पार्टी के विभाजन के रूप में हुई। 1971 में पाकिस्तान से एक बार फिर युद्ध की स्थिति पैदा हुई। इिन्दरा जी की राजनीतिक सूझबूझ के चलते पाकिस्तान को पुन: करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान दो भागों में विभाजित हुआ और बंगलादेश का जन्म हुआ। हरित क्रान्ति और श्वेत क्रान्ति इिन्दरा जी के प्रधानमन्त्रित्व काल का अविस्मरणीय योगदान है। यह इन्दिरा गांधी ही थीं जिन्होने बीस सूत्रीय कार्यक्रम लागू किया और गांवों में गरीबों के बीच जमीन का वितरण करवाया। उन्होने भारतीय संविधान की प्रस्तावना में “धर्मनिरपेक्षता´´ और “समाजवाद´´ को जुड़वाकर एक क्रान्तिकारी कदम उठाया। 1974 में पहला परमाणु विस्फोट करके भारत को परमाणु सम्पन्न देश बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। इिन्दरा जी के कार्यकाल में गुट निरपेक्ष आन्दोलन में भारत एक महत्वपूर्ण एवं शक्तिशाली देश के रूप में उभरा। इिन्दरा जी ने देश की एकजुटता और अखण्डता के लिए कांग्रेस की नीतियों के अनुरूप कभी भी समझौता नहीं किया। यही कारण था कि अलग खालिस्तान की मांग को लेकर उपजे आतंकवाद को दबाने में उन्होने कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। इिन्दरा जी ने देश की एकता-अखण्डता की बलि बेदी पर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये।

संजय गांधी की असमय निधन के कारण कम उम्र में ही राजीव गांधी राजनीति में कदम रखा और अपनी मां की सहायता करने लगे थे। इिन्दरा जी के असामयिक निधन से पूरे कंाग्रेस पार्टी ने उन्हें ही प्रधानमन्त्री पद के लिए सबसे उपयुक्त माना। राजीव जी ने प्रधानमन्त्री पद का दायित्व सम्भालने के बाद सबसे पहले उद्योगों केा बढ़ावा दिया तथा कम्प्यूटर एवं संचार तकनीक की नींव रखी। राजीव जी की इसी सोच के चलते आज भारत की प्रगति में कम्प्यूटर एवं दूर संचार क्रान्ति ने पूरे विश्व में भारत को प्रतििष्ठत किया। इसी के साथ राजीव जी ने देश में युवाओं को 18वर्ष का मताधिकार देकर एवं पंचायती राज व्यवस्था लागू कर देश के कमजोर वर्गों, महिलाओं एवं युवाओं को शासन सत्ता में भागीदारी का मार्ग प्रशस्त किया।

सत्ता के विक्रेन्द्रीकरण के रूप में पंचायती राज व्यवस्था का लाभ आज पूरे भारत में देखने को मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हो रही विकास की गति का पूरा श्रेय राजीव जी को ही जाता है। 1989 में बोफोर्स मामले में दुष्प्रचार के चलते कांग्रेस को लेाकसभा के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। लेकिन राजीव गांधी के प्रति आम लोगों के दिलों  में असीम स्नेह एवं विश्वास कभी कम नहीं हुआ।

तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में 1991 में हुए मध्यावधि चुनाव के दौरान राजीव गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस पार्टी एक बार फिर केन्द्र में सरकार बनाने में सफल रही और नरसिम्हाराव के नेतृत्व में कांग्रेस ने सरकार गठित की। उनकी सरकार ने आर्थिक सुधारों का एक नया प्रयोग आरम्भ किया गया। जिससे भारत एक बार फिर आर्थिक रूप से शक्तिशाली बन सका। इसी बीच बाबरी मिस्जद के विध्वंस ने एक बार फिर साम्प्रदायिक राजनीति को हवा दी। साम्प्रदायिक विभाजन का नुकसान कांग्रेस को भी उठाना पड़ा। खासतौर पर अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी कांग्रेस से इस कारण बढ़ गई कि केन्द्र में उसकी सरकार होने के बावजूद मिस्जद का विध्वंस नहीं रोका जा सका। अल्पकालिक भाजपा की सरकार एवं संयुक्त मोर्चे की सरकार भी देश को नई दिशा नहीं दे सकी। कांग्रेस संगठन में भी बिखराव की स्थिति उभर रही थी। ऐसे मौके पर सोनिया गांधी ने कंाग्रेस को दिशा देने का निर्णय लिया और कंाग्रेसजनों को तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई थी। 1998 से लेकर अब तक सोनिया गांधी के नेतृत्व में कंाग्रेस पार्टी लगातार मजबूत हो रही है। 2004 के चुनाव के पहले जहां उन्होने राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक गठबंधन(एनडीए) के विरूद्ध एक मजबूत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(यूपीए) बनाया वहीं कांग्रेस को भी अनुशासित एवं संगठित करने पर अपना ध्यान केिन्द्रत किया। 2004 में जब यूपीए गठबंधन सत्ता में आया तो हर तरफ यही उम्मीद थी कि सोनिया गांधी ही प्रधानमन्त्री बनेंगी। लेकिन त्याग का एक अविस्मरणीय एवं अतुलनीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए उन्होने प्रधानमन्त्री पद अस्वीकार कर दिया एवं डा0 मनमोहन सिंह प्रधानमन्त्री बने। 2004 के चुनाव में राहुल गांधी पहली बार अमेठी से सांसद चुने गये एवं देश के युवाओं को इस नये नेतृत्व ने अपनी सच्चाई और ईमानदारी से अत्यधिक प्रभावित किया। इस दौरान आर्थिक विकास की दर तेजी से बढ़ी और भारत विश्व में आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा। किसानों की कर्जमाफी, महात्मा गांधी नरेगा, सूचना का अधिकार, जंगल की जमीन पर आदिवासियों का अधिकार जैसे महत्वपूर्ण एवं क्रान्तिकारी कदम उठाये गये, जिसके फलस्वरूप 2009 में हुए लोकसभा के आम चुनावों में कांग्रेस और भी ज्यादा ताकतवर बनकर उभरी। शिक्षा का अधिकार का कानून बना एवं खाद्य सुरक्षा बिल तैयार किया गया। जिसके लागू होने के बाद यह देश में गरीबी और भुखमरी से लड़ने का सबसे सशक्त माध्यम बनेगा।

दिल्ली में सम्पन्न हुए कंाग्रेस के 83वें महाधिवेशन में सोनिया गांधी ने एक बार फिर भ्रष्टाचार एवं साम्प्रदायिकता से लगातार लड़ने का संकल्प कांग्रेसजनों को दिलाया है। भारतीय जनता पार्टी एवं अन्य विरोधी दल भले ही कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर हों, भ्रष्टाचार से लड़ने की कांग्रेस पार्टी की प्रतिबद्धता कभी कम नहीं रही।

125वर्ष की कांग्रेस पार्टी भविष्य के पार्टी के रूप में खुद को स्थापित करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। इसके पास ठोस नीतियां हैं, ठोस कार्यक्रम हैं और जनहितकारी कदम उठाने की प्रतिबद्धता भी है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नेतृत्व एवं डा0 मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केन्द्र सरकार, कंाग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता को यह विश्वास दिलाने में सफल सिद्ध होगी कि देश कंाग्रेस के हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है और देश के युवाओं का भविष्य, देश का विकास, सामाजिक न्याय की दिशा में बढ़ते कदम और भारत की अन्तर्राष्ट्रीय छवि लगातार निखरती रहेगी।

सुबोध श्रीवास्तव- राष्ट्रीय समाचार फीचर्स नेटवर्क

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कंाग्रेस की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन

Posted on 27 December 2010 by admin

भारतीय राष्ट्रीय कंाग्रेस की स्थापना के 125 वर्ष पूरे होने पर कल दिनांक 28दिसम्बर,2010 को उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी की अध्यक्षता में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश कंाग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने बताया कि कंाग्रेस स्थापना दिवस के तहत कल सर्वप्रथम प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी जी द्वारा प्रात: 10बजे हजरतगंज स्थित (जी0पी0ओ0) गांधी प्रतिमा, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर प्रतिमा एवं सरदार पटेल प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा। तदुपरान्त प्रात: 11.00बजे प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में ध्वजारोहण के उपरान्त प्रात: 11.15 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 125 वर्ष के सफर´´ पर गोष्ठी का आयोजन किया गया है।

मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त कार्यक्रमों में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी सहित कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी, पूर्व मुख्यमन्त्री श्री रामनरेश यादव सहित कई वरिष्ठ नेतागण एवं भारी संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहेंगे।

श्री श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय सहित पूरे प्रदेश में जिला/शहर कंाग्रेस कमेटियों द्वारा भी कांग्रेस स्थापना दिवस जोश एवं उत्साह के साथ मनाया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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वरिश्ठ भाजपा नेता और विधायक बहराइच पहुचें

Posted on 27 December 2010 by admin

जनपद के विशेश्वर गंज विकास खण्ड के ब्लाक प्रमुख चुनाव में मतगणना में धांधली कर बसपा प्रत्याशी को जिताने और पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सुबाश त्रिपाठी उनके पुत्र और अनेक पार्टी समर्थकों केे खिलाफ गम्भीर धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज कराये जाने के खिलाफ भाजपा जिला ईकाई बहराइच द्वारा  शहर में एक जुलुस निकालकर तथा जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में एक धरना प्रदशZन किया। जिसमें भाग लेने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही तथा प्रदेश के वरिश्ठ भाजपा नेता और विधायक बहराइच पहुचें।

img_2607भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही ने ब्लाक प्रमुख चुनाव में हुई धांधली और दर्ज कराये गये फर्जी मुकदमों के खिलाफ जिला ईकाई द्वारा निकाले गये विशाल जुलुस का नेतृत्व किया। हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री शाही ने कहा कि इतनी बिशाल संख्या में आपकी उपस्थिति यह प्रमाणित करती हेै कि अन्याय के खिलाफ आप झुकने वाले नही है।उन्होने बहराइच जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि सात दिनों के अन्दर भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमें यदि वापस न लिए गये तो पार्टी इसी स्थल पर अनििश्चकालीन धरना देगी और यदि आवश्यक हुआ तो अन्याय के प्रतिकार के लिए आन्दोलन भी करेगी।श्री शाही ने  कहा कि प्र्र्रदेश वासियों को न समय पर बिजली है न पानी है न ही खाद न गन्ने की कीमत न धान खरीद केन्द्र । मायावती सरकार ने पंचायत चुनाव में लोकतन्त्र का गला ही घोट दिया। उन्होने कहा कि बहुत हो चुका अराजकता और गुण्डागदीZ बन्द होनी चाहिए। प्रदेश के मन्त्रियों के खिलाफ भ्रश्टाचार की अनेक िशकायते लोकायुक्त के यहा दर्ज है। खुलेयाम लुट हो रही है। चीनी मिलों की ब्रिकी में ढाई हजार करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ। यह सरकार न गरीब के हित में न किसान के न मजदूर के और न ही बेरोजगार के इसका एक मात्र मक्सद पैसा है। विशेश्वर गंज के चुनाव में की गई गड़बरी के लिए बहराइच जिला प्रशासन पहले से ही कटिबद्ध था। वहा एक ही वर्ग के तीन अधिकारियों की तैनाती इसका प्रमाण है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 2012 में भाजपा की सरकार बनेगी और इन सारे कारनामों की सीबीआई द्वारा जांच कराकर हम मायावती को जेल में डालेंगें। उन्होने कहा कि हम प्रदेश भर में उन अधिकारियों को और राजनेताओं को सूचीबद्ध कर रहे है जो प्रदेश में भ्रश्टाचार और लूटतन्त्र के मालिक बने बैठे है। भाजपा सरकार आते ही इन लोगों का हिसाब सरकार लेगी।श्री शाही फर्जी मुकदमें में फसायें गये पार्टी कार्यकर्ता और समर्थकों से मिलने जिला जेल भी गये।

जिलाधिकरी कार्यलय गेट पर आयोजित विशाल धरने को संबोधित करने वाले प्रमुख लोगों में पूर्व सांसद और प्रदेश प्रवक्ता सत्यदेव सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष रमापति शास्त्री, स्वतन्त्र देव सिंह, प्रदेश महामन्त्री नरेन्द्र सिंह, पूर्व मन्त्री अक्षयबर गौड़, पूर्व विधायक मुकुट बिहारी बर्मा, विधायक सुरेश्वर सिंह, प्रदेश मन्त्री अनुपमा जायसवाल बहराइच जिले के जिलाध्यक्ष संचित सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष भगतराम मिश्रा बाराबंकी के जिलाध्यक्ष शरद अवस्थी, जिला मन्त्री गुलाब शुक्ला,  पूर्व विधायक जटाशंकर सिंह,विधान परिशद सदस्य रामनरेश रावत, प्रदेश मन्त्री अनुपमा जायसवाल आदि थे।इस धरने में शामिल होने के लिए लखनउ कैन्ट विधायक सुरेश तिवारी,  श्रावस्ती के पुर्व जिलाध्यक्ष रामफेरन पाण्डेय, क्षेत्रीय मन्त्री कुंअर जितेन्द्र सिंह, लखनउ जिलाध्यक्ष दिनेश तिवारी मीडिया प्रभारी हरीश चन्द्र श्रीवास्तव,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कैप्टन चन्दन सिंह नेगी एवं महेन्द्र सिंह, शैलेन्द्र सिंह शैलू, युवामोर्चा के जिलाध्यक्ष मनोज मिश्रा, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मंसूरी समाज की मांग धुनकर आयोग का गठन हो

Posted on 27 December 2010 by admin

ऑल इण्डिया जमीअतउन मंसूर के तत्वावधान में आयोजित बैठक में धुनकर
आयोग के गठन की मांग की है।

संस्था के कार्यालय पर आयोजित बैठक की अध्यक्षता संस्था के प्रदेश अध्यक्ष हाजी मंशरूर अहमद
मंसूरी ने की। इस बैठक में तय किया गया कि मुसलमानों की विभिन्न जातियां वषोZ से मंसूरी समाज
के लोगों का हक मार रही है। ऐसी स्थिति में मंसूरी समाज के लोगों की समस्याओं का हल सिर्फ
`धुनकर आयोग´ के गठन द्वारा ही सम्भव है क्योकि मुस्लिम पिछड़ी जातियों में सबसे बड़ी बिरादरी
मंसूरी समाज की है लेकिन उससे कम आबादी वाली जातियों के कुछ मुस्लिम नेता हमेशा मंसूरी
समाज के लोगों को पीछे ढकेलने का काम करते आ रहे लेकिन अब इसे मंसूरी समाज के लोग
बर्दास्त नही करेंगे।

सभा को सम्बोधित करते हुए संस्था के महामन्त्री हाजी सलीम अहमद मंसूरी ने कहा कि प्रदेश की
मुख्यमन्त्री बहन मायावती जी मंसूरी समाज के सीनियर लीडर जावेद इकबाल मंसूरी को राज्यमन्त्री बना
कर जो इज्जत बक्शी है उसके लिये मंसूरी समाज के लोग उसके शुक्रगुजार है। श्री मंसूरी ने कहा
कि जब तक `धुनकर आयोग´ का गठन वक्त का तकाजा है इसके बिना मंसूरी समाज के लोगों का
भला नही हो सकता।

बैठक में हाजी समी उल्ला खां मंसूरी, बरकत मंसूरी, गुलाम अली मंसूरी, साबिर अली मंसूरी, उस्मान
मंसूरी, इरफान मंसूरी, रईस मंसूरी, हाजी मुख्तार मंसूरी, सहित अनेक लोग शामिल थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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समाजवादी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का प्रेस वक्तव्य ने कहा

Posted on 27 December 2010 by admin

कानून का राज दिखाने का मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती का प्रयास सिर्फ एक ढकोसला है। दागी मन्त्री और विधायक उनके संरक्षण का पूरा लाभ उठा रहे हैं। बसपा में बलात्कारी भरे पड़े हैं। उनके चरित्र से प्रदेश की जनता भली प्रकार वाकिफ हो गई है। अभी पंचायत चुनावो में बसपा नेताओं ने दबंगई का नंगानाच किया। उन पर कार्यवाही के बजाय लूट, अपहरण और आतंक के शिकार समाजवादी पार्टी समर्थकों को ही परेशान किया गया है।ं अपराधियों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ है।

सच तो यह है कि मुख्यमन्त्री सिर्फ अपनी पसन्द-नापसन्द और रागद्वेश से प्रेरित होकर ‘ाासन चला रही हैं। अपने विरोधियों को फंसाने में उन्हें Þपरपीड़क-सुखÞ का अनुभव होता है। राजा भइया उनकी आंख की किरकिरी पहले से हैं। जोर जुल्म के सभी हथकण्डे वे उन पर पूर्व में आजमा चुकी हैं। फिर से उन पर तथा समाजवादी पार्टी संासद ‘ौलेन्द्र कुमार, विधायक विनोद सरोज और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह पर फर्जी केस लगाकर जेल भेजने का काम किया गया है क्योकि वे पंचायत चुनावों में बसपा की मनमानी नहीं चलने दे रहे थे। इसके विरोध समाजवादी पार्टी सांसद, विधायक में प्रतापगढ़ प्रदशZन धरने पर बैठे हैं।

मुख्यमन्त्री की बदले की भावना से कार्यवाही इससे भी स्पश्ट है कि राजा भइया को बसपा से जान का खतरा और विमान हादसे मेें लगी चोट के कारण लम्बी यात्रा से बचने की डाक्टरी सलाह के बावजूद उनके इशारे पर जेल प्रशासन ने उन्हें रातों रात प्रतापगढ़ से बरेली जेल भेज दिया है। यदि राजा भइया और समाजवादी पार्टी के सांसद, विधायकों को किसी भी तरह की कोई क्षति पहुंचती है तो उसके किए मुख्यमन्त्री और बसपा सरकार ही दोशी होगी।

महिला और दलित मुख्यमन्त्री के राज में ही बान्दा जनपद की ग्राम ‘ाहबाजपुर थाना नरैनी की नाबलिग कु0 ‘ाीलू निशाद को बसपा विधायक श्री पुरूशोत्तम नरेश ने अपनी हविश का शिकार बनाया। लेकिन उल्टे उसे ही फर्जी केस में फंसा कर जेल भेज दिया गया। इसके विरोध में सुश्री दीपमाला कुशवाहा के साथ सैकड़ों समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताे धरना दे रहे है।

समाजवादी पार्टी ने अन्याय और जन विरोधी कार्यो के प्रति हमेशा लड़ाई लड़ी है। राजा भइया और उनके साथियों का फर्जी केस लगाकर उत्पीड़न करने के खिलाफ समाजवादी पार्टी सड़क से लेकर विधान सभा तक संघशZ करेगी। पूर्व मुख्यमन्त्री एवं समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव यह चेतावनी दे चुके है  कि समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं का बेवजह उत्पीड़न करनेवाले दोशी अफसर बच नहीं पाएगें। सुश्री मायावती को भी अपने कार्यो की सजा भुगतनी होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी का सातवां राज्य सम्मेलन आगामी 10, 11, तथा 12 फरवरी, 2011 को गोरखपुर में

Posted on 27 December 2010 by admin

समाजवादी पार्टी का सातवां राज्य सम्मेलन आगामी 10, 11, तथा 12 फरवरी, 2011 को गोरखपुर में होगा। इसका उद्घाटन समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव तथा अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव करेंगे। सम्मेलन में लगभग 10 हजार प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

समाजवादी पार्टी के राज्य सम्मेलन में उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनैतिक स्थिति, सत्ता का दुरूपयोग और प्रशासनिक आन्तकवाद, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न तथा बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पर विचार के साथ आसन्न विधानसभा  चुनावों के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी।

समाजवादी पार्टी इस सम्मेलन में जनसमस्याओं तथा प्रदेश के विकास के प्रति मायावती सरकार की उपेक्षापूर्ण एंव जनविरोधी नीतियों तथा बसपा सरकार के भ्रश्टाचार के विरूद्ध निर्णायक संघशZ का भी निर्णय लेगी। सम्मेलन मेें सभी जनपदों से राज्य सम्मेलन के लिए निर्वाचित प्रतिनिधि, समाजवादी पार्टी के सभी सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, राज्य संगठन के पदाधिकारी, सदस्यगण,  पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा विशेश आमन्त्रित सदस्य भाग लेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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