Archive | May 18th, 2010

सन्तुलित क्षेत्रीय विकास निधि से सम्बंधित मार्गदर्शी सिद्धान्त में संशोधन

Posted on 18 May 2010 by admin

50 लाख रूपये से अधिक की परियोजनाएं अब राज्यांश से स्वीकृत होंगी

एक लाख से 50 लाख रूपये तक की परियोजनाएं जिलांश से स्वीकृत होगी

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश सरकार ने सन्तुलित क्षेत्रीय विकास (पूर्वाचंल/ बुन्देलखण्ड) निधि से सम्बंधित मार्गदशीZ सिद्धान्त में संशोधन कर दिया है। अब राज्यांश से ऐसी परियोजनाएं ही स्वीकृत की जाएंगी जिनकी परियोजना लागत 50 लाख रूपये से अधिक की होगी। पहले यह सीमा 10 लाख रूपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं के लिए थी।

प्रदेश के प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, श्री रवीन्द्र सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि अब राज्यांश के अन्तर्गत वे परियोजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी जिनका क्रियान्वयन जिलांश हेतु सीमित धनराशि 50 लाख रूपये से सम्भव नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि एक लाख रूपये से 50 लाख रूपये लागत तक की परियोजनाएं जिलांश से स्वीकृत की जाएंगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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प्रदेश के 18 जनपदों में नेशनल बैम्बू योजना कार्यान्वित

Posted on 18 May 2010 by admin

योजना के अन्तर्गत वन कर्मचारियों एवं किसानों को प्रशिक्षण

लखनऊ -  प्रदेश में नेशनल बैम्बू योजना के अन्तर्गत वन क्षेत्रों में जिला वन विकास अभिकरण तथा गैर वन क्षेत्रों में जिला बांस अभिकरण के माध्यम से बांस सम्बर्धन की योजनाएं चलाई जा रही है।

योजना के प्रमुख कार्यों में सेन्ट्रलाइज्ड नर्सरी, बांस वृक्षारोपण कार्यशाला का आयोजन, मौजूद बांस क्षेत्रों का संवर्धन तथ वन कर्मचारियों व किसानों को प्रशिक्षित किया जाना है। निजी क्षेत्रों में भारत सरकार द्वारा बांस नर्सरी स्थापना, बांस वृक्षारोपण हेतु निर्धारित मानक तक सिब्सडी दी जाती है।

प्रदेश में नेशनल बैम्बू योजना इलाहाबाद, प्रतापगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, ओबरा, जौनपुर, महोवा, चित्रकूट, ललितपुर, सीतापुर, बारावंकी, बलिया, बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत सामाजिक वानिकी, रामपुर व शिवालिक (सहारनपुर) वन प्रभागों में कार्यान्वित की जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश के लिए 42,000 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना अनुमोदित

Posted on 18 May 2010 by admin

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने केन्द्रीय योजना आयोग के साथ आज नई दिल्ली में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की वार्षिक योजना 2010-11 के आकार के सम्बन्ध में व्यापक विचार-विमर्श किया। इस बैठक के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की योजनाओं के वित्त पोषण के लिए 42 हजार करोड़ रूपये से अधिक के संसाधन आंकलित किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया कि विभिन्न कार्यक्रमों में मांगी गई धनराशि का पूर्ण औचित्य है। इस पर योजना आयोग ने विस्तृत चर्चा के बाद प्रदेश के लिए 42,000 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना अनुमोदित की।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर अपेक्षित संसाधन उपलब्ध कराने की अपेक्षा की जाती रही है। साथ ही पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड के लिए स्पेशल पैकेज की मांग की गई थी, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों में अपेक्षित अंश उपलब्ध नहीं हो रहा है। ऋण माफी के मद में जहॉ एक ओर केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 में 1063.91 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत ही नहीं की गई है, वहीं दूसरी ओर 2009-10 के राजस्व में कटौती कर ली गई है तथा कोई धनराशि स्वीकृत नहीं गई गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन के अन्तर्गत वर्तमान में प्रदेश के 45 जनपद आच्छादित हैं। केन्द्र सरकार से अवशेष 26 जनपदों को भी आच्छादित करना चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि ए0आई0बी0पी0 योजना में पिछले वर्षो के अन्तर्गत व्यय की गई धनराशि के सापेक्ष 162 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति अभी तक नहीं की गई है और बुन्देलखण्ड तथा विन्ध्याचल प्रदेश की परियोजनाओं को सूखाग्रस्त क्षेत्र की परियोजना में लेते हुए राज्य सरकार को अन्य प्रदेशों की भान्ति 90 प्रतिशत अनुमन्य अनुदान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरयू तथा शारदा सहायक परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाओं के रूप में घोषित किया जाये तथा केन्द्र सरकार अन्तर्राज्यीय नवीन जसराना सिंचाई परियोजना (उत्तराखण्ड) तथा कनहर सिंचाई परियोजना का तत्काल क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा मिर्जापुर, सोनभद्र तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी विकास खण्डों को डीपीएपी ब्लाक घोषित किया जाना चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि 12वीं पंचवार्षिय योजना में स्थापित किये जाने वाली ऊर्जा परियोजनाओं हेतु कोल लिंकेज तथा कोल ब्लाक के आवंटन की कार्यवाही भारत सरकार के कोयला मन्त्रालय द्वारा की जानी चाहिए। इसके अलावा 1,27,000 बस्तियों को, जो विद्युतीकरण के लिए अवशेष हैं, उन्हें 2012 तक पूर्ण करने हेतु भारत सरकार प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार में लिम्बत 228.07 करोड़ रूपये के प्रतिपूर्ति दावे को यथाशीघ्र स्वीकृत किया जाना चाहिए तथा निराश्रित पेन्शन तथा विकलांग पेंशन की योजनाओं में बीपीएल सूची 2002 की बाध्यता को समाप्त किया जाना चाहिए तथा ताकि अधिक से अधिक लोग लाभािन्वत हो सकें।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को प्रदेश में लागू किये जाने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 20,000 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आवश्यकता राज्य को है, जिसके लिए केन्द्र को संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति के बदले भारत सरकार से विगत वर्षो की लगभग 2059 करोड़ रूपये की धनराशि भारत सरकार से प्राप्त होनी शेष है। इस धनराशि को शीघ्र अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया गया।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2009-10 में योजना आयोग द्वारा अनुमोदित वार्षिक योजना 39 हजार करोड़ रूपये के सापेक्ष 37,161 करोड़ रूपये व्यय किये हैं, जो योजना का 95.3 प्रतिशत है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये परिव्यय का लगभग पूरा उपयोग किया गया है। उन्होनें कहा कि वर्ष 2008-09 में प्रदेश की विकास दर 7.2 प्रतिशत अनुमानित थी, जबकि देश की विकास दर 6.7 प्रतिशत अनुमानित है। वर्ष 2009-10 के अिग्रम अनुमानों के आधार पर प्रदेश की विकास दर 6.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह विकास दर 7.2 प्रतिशत है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि वर्ष 2008-09 में प्राथमिक सेक्टर के अन्तर्गत प्रदेश की विकास दर 4.9 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 1.8 प्रतिशत आंकलित की गई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कृषि के विकास के लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 551.91 करोड़ रूपये तथा पूर्वांचल क्षेत्र में 57.26 करोड़ रूपये व्यय किये जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि एवं संवर्गीय क्षेत्र के विकास को वरीयता प्रदान करने के परिणाम अब परिलक्षित होने लगे हैं। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत गत वर्ष 5906 करोड़ रूपये व्यय किए गए हैं, जो देश के सभी राज्यों से अधिक है। जिसके फलस्वरूप राज्य में सर्वाधिक रोजगार सृजन हुआ है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि गत वर्ष इिन्दरा आवास योजना के तहत प्रति यूनिट लागत 35 हजार रूपये थी, जिसके आधार पर 4.81 लाख आवास बनाये गये हैं। केन्द्र द्वारा वर्ष 2010-11 में प्रति इकाई लागत को बढ़ाकर 45 हजार रूपये कर दिया है। परन्तु धनराशि में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, जिसकी वजह से इस वर्ष आवासों की संख्या में कमी करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से गरीबों के लिए 0.83 लाख आवास निर्मित किये जाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इन्दिरा आवास योजना में गत वर्ष 4.93 लाख आवास दिए गए थे, जिनमें इस साल कमी करके 3.40 लाख कर दिया गया है। प्रदेश में लगभग 39 लाख आवासों की कमी है। उन्होंने कहा कि इस कमी को पूरा करने के लिए 10 लाख इन्दिरा आवास प्रतिवर्ष की दर से स्वीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीपीपी के आधार पर प्रदेश में लगभग 1,61,618 करोड़ रूपये के प्रस्ताव आ चुके हैं और इसमें से 60,842 करोड़ रूपये की परियोजनायें क्रियािन्वत की जा रही हैं और 27,000 करोड़ रूपये की परियोजनाओं हेतु विकासकर्ताओं का चयन कर लिया गया है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के अन्तर्गत 10वीं योजना में 1698 मेगावाट की क्षमता वृद्धि की गई है, जबकि 11वीं योजना अवधि के प्रथम तीन वर्षो में 759 मेगावाट की क्षमता वृद्धि की गई है। वर्ष 2010-11 में 2329 मेगावाट व वर्ष 2011-12 में लगभग 3000 मेगावाट क्षमता की वृद्धि प्रस्तावित है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2009-10 में अपने संसाधनों से 437.50 लाख रूपये व्यय करके 2.36 लाख बालिकाओं को लाभािन्वत किया गया है। वर्ष 2010-11 में 420.60 करोड़ रूपये व्यय करके 3.02 लाख बालिकाओं को लाभािन्वत किये जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जे0एन0एन0यू0आर0एम0 में राज्य सरकार को 2700 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए। इसी प्रकार ए0आई0बी0पी0 में 953 करोड़ रूपये, एन0एस0ए0पी0 में 1291 करोड़ रूपये, सी0आर0एफ0 में 500 करोड़ रूपये, इस प्रकार लगभग 7600 करोड़ का अनुदान केन्द्र सरकार को स्वीकृत करना चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत केन्द्र द्वारा गत वर्ष प्रदेश के मात्र 561 राजकीय विद्यालयों को लिया गया है, जबकि राजस्थान में 6315, पंजाब में 3119 विद्यालय लिये गये हैं, जिनकी संख्या काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव पर विशेष बल दिया गया है। वर्ष 2009-10 में संस्थागत प्रसव की संख्या 20.82 लाख रही जिसके सकारात्मक प्रभाव के कारण शिशु मृत्यु दर में कमी परिलक्षित हो रही है। आम जनता को स्पेशलिस्टों द्वारा इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक विकास खण्ड में दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। निर्धन एवं बेसहारा रोगियों को सरकारी अस्पतालों में विशिष्ट उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये गये हैं।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई0 योजना में गत वर्ष 2915 करोड़ रूपये व्यय किए गए थे। इस साल अभी तक कोई धनराशि नहीं मिली है। राज्य सरकार द्वारा 5668 करोड़ रूपये के सड़क निर्माण के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन अभी तक स्वीकृत नहीं किए गए हैं।  उन्होंने कहा कि सी0आर0एफ0 में भी अपेक्षित सहायता उपलब्ध नहीं करायी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण में सुधार के लिए सीसी रोड तथा केसी ड्रेन निर्मित कराये जा रहे हैं। गॉवों की सफाई के लिए 93,447 सफाई कर्मियों की भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बीपीएल की संख्या में बढ़ोत्तरी न करने के कारण राज्य सरकार द्वारा उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना प्रारम्भ की गई है, जिसके प्रथम चरण में 30 लाख ऐसे गरीबों को जिन्हें बीपीएल अथवा अन्त्योदय कार्ड आदि किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है उन्हें 300 रूपये प्रति माह आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष 402 करोड़ रूपये व्यय करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से कार्यक्रम आधारित अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में 7,601.01 करोड़ रूपये की मॉग की गई है। गत वर्ष इस मद में केन्द्र से 3927.32 करोड़ रूपये की धनराशि प्राप्त हुई थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मर्सडीज बेंज ने लखनऊ में प्योर फैसनेशन को लाकर भारत के पूर्वी कार बाजार के लिए एक बेहतरीन शुरूआत की

Posted on 18 May 2010 by admin

लखनऊ - मर्सडीज बेंज ने लखनऊ में प्योर फैसनेशन को लाकर इस वर्ष भारत के पूर्वी कार बाजार के लिए एक बेहतरीन शुरूआत की है। इस थीम के मुख्य अंश ऑटो एक्पो 2010 में इसकी हिस्सेदारी में दिखे थे जिसमें निकट भविश्य में कंपनी की भारतीय बाजार के प्रति रणनीति दिखाई दी थी। प्योर फैसनेश कंपनी के सभीं ब्राण्ड वेल्यूओं के बीच का एक पारस्परिक प्रभाव हैं। ब्राण्ड की विशेशता जोश सम्पूर्णता व शानदार टैक्नोलॉजी वह मान्यतांए है जो इसकी थीम प्योर फैसनेशन मे निहित है, यह इसके मन्त्रमूग्ध करने वाले विभिन्न उत्पादों के प्रदर्शन दिये जाने वलो अनुभव व विश्व स्तरीय संरचना से प्रतिबिम्बित होती है।

ऑटोमोबाइल व विश्व के बेहद कीमती प्रीमियम कार ब्राण्ड के निर्माता होने के नाते, मर्सडीज बेंज गाड़ी की गुणवत्ता सुरक्षा व सुगम्य मोटरिंग के मापदण्डों को बनाये हुए है। लखनऊ में इस प्रदर्शन मंच को लाने का विचार कंपनी के विकास व निर्देशन के जोश को बांटना है व ग्राहकों तथा मीडिया से अपने  थ्री प्वांइटेड स्टार को रूबरू कराना हैं मर्सडीज कारों में जोश सम्पूर्णता व बेहतरीन टैक्नोलॉजी क समावेश है जो इसके शानदार उत्पादों में दिखती है जिन्हें पहली बार लखनऊ में एक साथ प्रदिर्शत किया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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यूनीनॉर ने डायनमिक प्राइसिंग पेश

Posted on 18 May 2010 by admin

लखनऊ - यूनीनॉर ने भारत में अपनी सेवाओं के लॉन्च के कुछ ही हफ्तों के भीतर अब उत्तर प्रदेश (पूर्व) में एक नई जोरदार संकल्पना डायनमिक प्राइसिंग पेश की है जो भारत में मोबाइल सेवाओं के क्षेत्र में कॉल खर्च के लिहाज से एक नए युग की शुरूआत कर सकती है। यूनीनॉर के बदलते डिस्काउंट प्लान (डीपी) की बदौलत ग्राहकों को नेटवर्क पर ट्रैफिक के हिसाब से उनकी कॉल पर डिस्कांउट दिया जाएगा। और यह डिस्काउंट लोकेशन तथा टाइम के हिसाब से बदलेगा क्योंकि हर सैलफोन टावर से ग्राहकों को अलग अलग डिस्काउंट दिया जाएगा। अलबत्ता, एक स्थान पर हर घंटे डिस्काउंट की दर बदलती रहेगी। इस तरह यूनीनार की ताजा पेशकश के चलते चौबीसों घंटे ग्राहकों को उनकी कॉल पर अलग अलग हिसाब से छूट मिलेगी। हो सकता है कि आने वाले समय में इस नई संकल्पना की बदौलत भारत के दूरसंचार क्षेत्र में टैरिफ संरचना के समीकरण ही पूरी तरह से बदल जाएं।

बदलता डिस्काउंट प्लान डीपी के अन्तर्गत ग्राहकों को अपनी कॉल पर 5 फीसदी से लेकर 60 फीसदी तक डिस्काउंटठ का लाभ मिलेगा और यह छूट इस बात पर निर्भर करेगी कि कॉल किस समय और कहॉ से की गई। यह छूट यूनीनॉर से यूनीनॉर या यूनीनॉर से अन्य ऑपरेटरों के नेटवर्क पर की जाने वाली लोकल कॉल पर 50 पैसे प्रति मिनट की बेस रेट पर लागू होगा। इसका मतलब यह हुआ कि 1 मिनट की कॉल छूट मिलने पर कभी मात्र 20 पैसे की भी हो सकती है, और इतना हो तय है कि वह 50 पैसे से अधिक की कभी नहीं होगी।

फ्रोदे हॉगन ईवीपी यूपी हब पूर्व यूनीनॉर ने कहा पहले ग्राहक और फिर टैक्नोलॉजी की बदौलत यह मुमकिन हुआ है। हमने अपनी डायनमिक प्राइसिंग पेशकश लाकर अपने इस मार्गदर्शी सिद्धान्त को सही साबित कर दिखाया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जनता दल यूनाइटेड के पदाधिकारियों की बैठक सम्पन्न

Posted on 18 May 2010 by admin

लखनऊ- जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश पदाधिकारियों, जिला, महानगर अध्यक्षों एवं समस्त प्रकोश्ठों के प्रमुख पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश निरंजन भैया जी ने किया। बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के राश्ट्रीय महासचिव जावेद रजा जी उपस्थित रहे। बैठक का संचालन पार्टी के प्रदेश महासचिव सुभाश पाठक ने किया। बैठक में लगभग 40 जिलों के जिलाध्यक्ष उपस्थित थे। बैठक मे निर्धारित कार्यवृत्त पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

बैठक को सम्बोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश निरंजन भैया ने कहा कि इस समय प्रदेश में किसानों की हालत अत्यन्त खराब हो गई क्योंकि किसानों को खाद, बीज, पानी, की किल्लत सहना पड़ रहा है और दूसरी ओर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी नहीं मिल पाता। इस समय गेहूं की खरीद में भारी घपला हो रहा है। गेहूं क्रय-केन्द्र पर बिचौलियों का बोल-बाला है। कहीं पर बोरा न होने की बात कर्मचारी करते है तो कही पर कर्मचारी नदारद रहते है और क्रय केन्द्र पर ताला लटका रहता है। यही हाल गन्ना एवं आलू किसानों का भी है। गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान नहीं हो पा रहा है जिससे किसानों में रोश व्याप्त है। उन्होंने आगे कहा कि बुन्देलखण्ड सहित पूरे प्रदेश मे बिजली और पानी की समस्या अत्यन्त गम्भीर है और पीने के लिये पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। बिजली की समस्या बदतर है। संगठन को मजबूत करने के लिए उन्होनें जनता की बुनियादी समस्याओं को लेकर जिलो-जिलों में कार्यक्रम चलाने हेतु कार्यकर्ताओं का आवाहन किया और कहा कि प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की जनविरोधी नितियों तथा जनता के दैनिक उपयोग की वस्तुओं मे हुई बेतहाशा वृद्धि से उत्पन्न हुई मंहगाई के खिलाफ पार्टी जन जागरण अभियान चलाएगी। अनूप पटेल, देवेन्द्र त्यागी, अमरीश कुमार गुप्ता, रामानुज शर्मा, डा0 वीरेन्द्र सिंह निरंजन आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गेहूं खरीद वर्ष 2010-11अब तक 1471101 मी0टन गेहूं क्रय किया गया

Posted on 18 May 2010 by admin

लखनऊ-    उत्तर प्रदेश में गेहूं खरीद वर्ष 2010-11 के तहत अब तक कुल 1471101 मी0टन गेहूं का क्रय किया गया तथा आज कुल 36051 मी0टन गेहूं क्रय किया गया।

खाद्य नियन्त्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार खाद्य विभाग द्वारा आज कुल 18376 मी0टन गेहूं क्रय किया गया। इसी प्रकार पी0सी0एफ0 द्वारा 6855 मी0टन, यू0पी0एग्रो द्वारा 2625 मी0टन, यू0पी0एस0एस0 द्वारा 3594 मी0टन,  आवश्यक वस्तु निगम द्वारा 2902 मी0टन, कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा 674 मी0टन तथा नैफेड द्वारा 1025 मी0टन गेहूं क्रय किया गया है।

खाद्य नियन्त्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक कुल 4444 गेहूं क्रय केन्द्र खोले गये हैं, जिनमें 634 खाद्य निगम द्वारा, 2255 पी0सी0एफ0 द्वारा, 299 यू0पी0एग्रो द्वारा, 681 यू0पी0एस0एस0 द्वारा, 207 आ0व0निगम द्वारा, 92 कर्मचारी कल्याण निगम द्वारा, 233 नैफेड द्वारा तथा 43 क्रय केन्द्र भारतीय खाद्य निगम द्वारा खोले गये हैं।
कृषकों को अब तक कुल 1597.278 करोड़ रूपये का भुगतान किया जा चुका है तथा इतनी ही धनराशि देय है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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