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प्रदेश के लिए 42,000 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना अनुमोदित

Posted on 18 May 2010 by admin

लखनऊ -  उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों ने केन्द्रीय योजना आयोग के साथ आज नई दिल्ली में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की वार्षिक योजना 2010-11 के आकार के सम्बन्ध में व्यापक विचार-विमर्श किया। इस बैठक के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की योजनाओं के वित्त पोषण के लिए 42 हजार करोड़ रूपये से अधिक के संसाधन आंकलित किये गये हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया कि विभिन्न कार्यक्रमों में मांगी गई धनराशि का पूर्ण औचित्य है। इस पर योजना आयोग ने विस्तृत चर्चा के बाद प्रदेश के लिए 42,000 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना अनुमोदित की।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर अपेक्षित संसाधन उपलब्ध कराने की अपेक्षा की जाती रही है। साथ ही पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड के लिए स्पेशल पैकेज की मांग की गई थी, लेकिन भारत सरकार ने अभी तक सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में उत्तर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों में अपेक्षित अंश उपलब्ध नहीं हो रहा है। ऋण माफी के मद में जहॉ एक ओर केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 में 1063.91 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत ही नहीं की गई है, वहीं दूसरी ओर 2009-10 के राजस्व में कटौती कर ली गई है तथा कोई धनराशि स्वीकृत नहीं गई गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन के अन्तर्गत वर्तमान में प्रदेश के 45 जनपद आच्छादित हैं। केन्द्र सरकार से अवशेष 26 जनपदों को भी आच्छादित करना चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि ए0आई0बी0पी0 योजना में पिछले वर्षो के अन्तर्गत व्यय की गई धनराशि के सापेक्ष 162 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति अभी तक नहीं की गई है और बुन्देलखण्ड तथा विन्ध्याचल प्रदेश की परियोजनाओं को सूखाग्रस्त क्षेत्र की परियोजना में लेते हुए राज्य सरकार को अन्य प्रदेशों की भान्ति 90 प्रतिशत अनुमन्य अनुदान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरयू तथा शारदा सहायक परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजनाओं के रूप में घोषित किया जाये तथा केन्द्र सरकार अन्तर्राज्यीय नवीन जसराना सिंचाई परियोजना (उत्तराखण्ड) तथा कनहर सिंचाई परियोजना का तत्काल क्रियान्वयन सुनिश्चित करे। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा मिर्जापुर, सोनभद्र तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी विकास खण्डों को डीपीएपी ब्लाक घोषित किया जाना चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि 12वीं पंचवार्षिय योजना में स्थापित किये जाने वाली ऊर्जा परियोजनाओं हेतु कोल लिंकेज तथा कोल ब्लाक के आवंटन की कार्यवाही भारत सरकार के कोयला मन्त्रालय द्वारा की जानी चाहिए। इसके अलावा 1,27,000 बस्तियों को, जो विद्युतीकरण के लिए अवशेष हैं, उन्हें 2012 तक पूर्ण करने हेतु भारत सरकार प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार में लिम्बत 228.07 करोड़ रूपये के प्रतिपूर्ति दावे को यथाशीघ्र स्वीकृत किया जाना चाहिए तथा निराश्रित पेन्शन तथा विकलांग पेंशन की योजनाओं में बीपीएल सूची 2002 की बाध्यता को समाप्त किया जाना चाहिए तथा ताकि अधिक से अधिक लोग लाभािन्वत हो सकें।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 को प्रदेश में लागू किये जाने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 20,000 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आवश्यकता राज्य को है, जिसके लिए केन्द्र को संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति के बदले भारत सरकार से विगत वर्षो की लगभग 2059 करोड़ रूपये की धनराशि भारत सरकार से प्राप्त होनी शेष है। इस धनराशि को शीघ्र अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया गया।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2009-10 में योजना आयोग द्वारा अनुमोदित वार्षिक योजना 39 हजार करोड़ रूपये के सापेक्ष 37,161 करोड़ रूपये व्यय किये हैं, जो योजना का 95.3 प्रतिशत है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये परिव्यय का लगभग पूरा उपयोग किया गया है। उन्होनें कहा कि वर्ष 2008-09 में प्रदेश की विकास दर 7.2 प्रतिशत अनुमानित थी, जबकि देश की विकास दर 6.7 प्रतिशत अनुमानित है। वर्ष 2009-10 के अिग्रम अनुमानों के आधार पर प्रदेश की विकास दर 6.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह विकास दर 7.2 प्रतिशत है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि वर्ष 2008-09 में प्राथमिक सेक्टर के अन्तर्गत प्रदेश की विकास दर 4.9 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 1.8 प्रतिशत आंकलित की गई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कृषि के विकास के लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 551.91 करोड़ रूपये तथा पूर्वांचल क्षेत्र में 57.26 करोड़ रूपये व्यय किये जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि एवं संवर्गीय क्षेत्र के विकास को वरीयता प्रदान करने के परिणाम अब परिलक्षित होने लगे हैं। किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कदम उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अन्तर्गत गत वर्ष 5906 करोड़ रूपये व्यय किए गए हैं, जो देश के सभी राज्यों से अधिक है। जिसके फलस्वरूप राज्य में सर्वाधिक रोजगार सृजन हुआ है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि गत वर्ष इिन्दरा आवास योजना के तहत प्रति यूनिट लागत 35 हजार रूपये थी, जिसके आधार पर 4.81 लाख आवास बनाये गये हैं। केन्द्र द्वारा वर्ष 2010-11 में प्रति इकाई लागत को बढ़ाकर 45 हजार रूपये कर दिया है। परन्तु धनराशि में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है, जिसकी वजह से इस वर्ष आवासों की संख्या में कमी करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से गरीबों के लिए 0.83 लाख आवास निर्मित किये जाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इन्दिरा आवास योजना में गत वर्ष 4.93 लाख आवास दिए गए थे, जिनमें इस साल कमी करके 3.40 लाख कर दिया गया है। प्रदेश में लगभग 39 लाख आवासों की कमी है। उन्होंने कहा कि इस कमी को पूरा करने के लिए 10 लाख इन्दिरा आवास प्रतिवर्ष की दर से स्वीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीपीपी के आधार पर प्रदेश में लगभग 1,61,618 करोड़ रूपये के प्रस्ताव आ चुके हैं और इसमें से 60,842 करोड़ रूपये की परियोजनायें क्रियािन्वत की जा रही हैं और 27,000 करोड़ रूपये की परियोजनाओं हेतु विकासकर्ताओं का चयन कर लिया गया है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के अन्तर्गत 10वीं योजना में 1698 मेगावाट की क्षमता वृद्धि की गई है, जबकि 11वीं योजना अवधि के प्रथम तीन वर्षो में 759 मेगावाट की क्षमता वृद्धि की गई है। वर्ष 2010-11 में 2329 मेगावाट व वर्ष 2011-12 में लगभग 3000 मेगावाट क्षमता की वृद्धि प्रस्तावित है। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2009-10 में अपने संसाधनों से 437.50 लाख रूपये व्यय करके 2.36 लाख बालिकाओं को लाभािन्वत किया गया है। वर्ष 2010-11 में 420.60 करोड़ रूपये व्यय करके 3.02 लाख बालिकाओं को लाभािन्वत किये जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जे0एन0एन0यू0आर0एम0 में राज्य सरकार को 2700 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए। इसी प्रकार ए0आई0बी0पी0 में 953 करोड़ रूपये, एन0एस0ए0पी0 में 1291 करोड़ रूपये, सी0आर0एफ0 में 500 करोड़ रूपये, इस प्रकार लगभग 7600 करोड़ का अनुदान केन्द्र सरकार को स्वीकृत करना चाहिए।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत केन्द्र द्वारा गत वर्ष प्रदेश के मात्र 561 राजकीय विद्यालयों को लिया गया है, जबकि राजस्थान में 6315, पंजाब में 3119 विद्यालय लिये गये हैं, जिनकी संख्या काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संस्थागत प्रसव पर विशेष बल दिया गया है। वर्ष 2009-10 में संस्थागत प्रसव की संख्या 20.82 लाख रही जिसके सकारात्मक प्रभाव के कारण शिशु मृत्यु दर में कमी परिलक्षित हो रही है। आम जनता को स्पेशलिस्टों द्वारा इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रत्येक विकास खण्ड में दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। निर्धन एवं बेसहारा रोगियों को सरकारी अस्पतालों में विशिष्ट उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किये गये हैं।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि पी0एम0जी0एस0वाई0 योजना में गत वर्ष 2915 करोड़ रूपये व्यय किए गए थे। इस साल अभी तक कोई धनराशि नहीं मिली है। राज्य सरकार द्वारा 5668 करोड़ रूपये के सड़क निर्माण के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन अभी तक स्वीकृत नहीं किए गए हैं।  उन्होंने कहा कि सी0आर0एफ0 में भी अपेक्षित सहायता उपलब्ध नहीं करायी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यावरण में सुधार के लिए सीसी रोड तथा केसी ड्रेन निर्मित कराये जा रहे हैं। गॉवों की सफाई के लिए 93,447 सफाई कर्मियों की भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बीपीएल की संख्या में बढ़ोत्तरी न करने के कारण राज्य सरकार द्वारा उ0प्र0 मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना प्रारम्भ की गई है, जिसके प्रथम चरण में 30 लाख ऐसे गरीबों को जिन्हें बीपीएल अथवा अन्त्योदय कार्ड आदि किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है उन्हें 300 रूपये प्रति माह आर्थिक सहायता दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष 402 करोड़ रूपये व्यय करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार से कार्यक्रम आधारित अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में 7,601.01 करोड़ रूपये की मॉग की गई है। गत वर्ष इस मद में केन्द्र से 3927.32 करोड़ रूपये की धनराशि प्राप्त हुई थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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