उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के निर्देश पर गत वर्ष उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, कृषि शिक्षा तथा पशु चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों को और बेहतर बनाने के लिये प्रोफेसर हर्ष कुमार सहगल, कुलपति, छत्रपति शाहू जी महाराज, कानपुर की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के आधार पर राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों को विभिन्न सुविधायें एवं अनुदान देने का निर्णय लिया है।
इस समिति को शैक्षिक गुणवता, आधारभूत सुविधाओं में सुधार तथा विश्वविद्यालय के वित्तीय स्थायित्व के बिन्दुओं पर संस्तुतियों देने का दायित्व सौंपा गया था। समिति की संस्तुतियों के आधार पर मन्त्रिमण्डलीय सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विश्वविद्यालयों में लागू छठे वेतन आयोग के संस्तुतियों के फलस्वरूप बढ़े हुए 101.28 करोड़ रूपये अतिरिक्त व्यय भार वहन करने के लिए वाषिZक अनुदान के स्तर में वृद्धि तथा 200.11 करोड़ रूपये वन टाईम ब्लाक ग्रान्ट देने का निर्णय लिया गया है।
इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय को कृषि शिक्षा हेतु ब्लाक ग्रान्ट 35.79 करोड़ रूपये का व्यय भार मण्डी परिषद द्वारा अपनी निधियों से तथा उच्च शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा तथा पशु चिकित्सा विभाग को ब्लाक ग्रान्ट के रूप में 164.32 करोड़ रूपये राज कोष से उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। सहगल समिति की संस्तुतियों के क्रियान्वयन हेतु अनुश्रवण समिति को स्थायी स्वरूप प्रदान करने का निर्णय लिया गया तथा साथ ही इस समिति को ही भविष्य में विश्वविद्यालयों के वेतन भत्ते आदि एवं उसे वहन करने हेतु अतिरिक्त संसाधन जुटाने के सुझाव देने हेतु अधिकृत किया गया है। अनुश्रवण समिति के कार्य क्षेत्र को विधिवत परिभाषित करते हुए इस समिति के साथ समन्वय का कार्य करने के लिये प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा को अधिकृत किया गया है। इस समिति का सेक्रेटेरियल सहयोग व सम्बन्धित व्यय उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय द्वारा वहन किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को केन्द्र बिन्दु मानते हुए उच्च शैक्षिक गुणवत्ता तथा छात्रों में शिक्षणेत्तर गतिविधियों में सुधार लाने के उद्देश्य से गत 04 सितम्बर, 2009 को कुलपति छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति के गठन के निर्देश दिए थे। इस समिति में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, लखनऊ विश्वविद्यालय, प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ, चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ, पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, मथुरा, चन्द्र शेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपतियों को सदस्य तथा उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुल सचिव को संयोजक सचिव नामित किया गया था।
इस समिति से उच्च शिक्षा के पांचों क्षेत्रों-जैसे उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, कृषि शिक्षा एवं पशु चिकित्सा शिक्षा के अन्तर्गत संचालित विश्वविद्यालयों को स्वावलम्बी बनाने, अतिरिक्त संसाधन जुटाने, अनुशासित शैक्षणिक वातावरण सृजित करने, शैक्षिक संस्थाओं में गुणात्मक सुधार व उन्नयन, शैक्षणिक गुणवत्ता में अभिवृद्धि तथा प्रशासकीय एवं प्रबन्धकीय व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव देने की अपेक्षा की गई थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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