उत्तर प्रदेश में भारत की जनगणना 2011 का शुभारम्भ दिनांक 16 मई, 2010 को प्रदेश के प्रथम नागरिक महामहिम राज्यपाल व मुख्यमन्त्री उत्तर प्रदेश की गणना से होगा। भारत की जनगणना 2011 के प्रथम चरण मकानसूचीकरण व मकानगणना तथा राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का कार्य उत्तर प्रदेश में दिनांक 16 मई, 2010 से 30 जून, 2010 मे मध्य सम्पन्न होगा। इस दौरान पूरे उत्तर प्रदेश में प्रगणकों के द्वारा सभी भवनों, मकानों को चििन्हत किया जायेगा व घर-घर जाकर प्रत्येक परिवार के सम्बन्ध में वृहत्तम आंकड़े एकत्र किये जायेंगे। यह कार्य जनगणना अधिनियम 1948 के अन्तर्गत किया जायेगा व 09 फरवरी से 05 मार्च, 2011 में होने वाली प्रगणना के लिये आधारभूत ढ़ांचा उपलब्ध करायेगा। इस बार जनगणना के साथ ही एक अन्य कार्य राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर बनाने का भी किया जायेगा जिसकी योजना, नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 के अन्तर्गत सम्पन्न की जा रही है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में देश के सभी `सामान्य निवासियों´ का विवरण शामिल किया जायेगा चाहे वे नागरिक हों या गैर-नागरिक हों। यह कार्य भारत वर्ष में प्रथम बार होगा जिसका उपयोग आने वाले समय में प्रत्येक नागरिक को विशिष्ट पहचान नम्बर दिलाने हेतु होगा। इस सम्बन्ध में समस्त तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। प्रत्येक जिले में क्षेत्र कार्य करने वाले प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को नियुक्त करके प्रशिक्षण दिया जा चुका है। पूरे प्रदेश में यह कार्य लगभग तीन लाख बावन हजार प्रगणकों व बावन हजार पर्यवेक्षकों द्वारा किया जायेगा। प्रत्येक जिले में जनगणना कराने का दायित्व सम्बन्धित जिलाधिकारी का है जिसे उस जिले का प्रमुख जनगणना अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह जानकारी जनगणना कार्य निदेशालय, उत्तर प्रदेश की निदेशक व मुख्य प्रधान जनगणना अधिकारी श्रीमती नीना शर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान दी।
अत: इस कार्य में प्रदेश में रहने वाले सभी व्यक्तियों का सहयोग अपरिहार्य है, क्योंकि नागरिकों के सहयोग से ही प्राप्त आंकड़े सही एवम् उच्च कोटि के होंगे जिनका उपयोग भविष्य में नागरिकों के लिये बनायी जाने वाली योजनाओं के लिये होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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