उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रदेश में कानून व्यवस्था में सुधार के लिए अपनी सरकार द्वारा अब तक उठाये गये सख्त से सख्त कदमों की जानकारी देते हुए कहा है कि उनकी सरकार ने हर मामले में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त व भयमुक्त वातावरण पैदा किया है। उन्होंने आम जनता को विश्वास दिलाया कि प्रदेश में, उनके शासनकाल के रहते हुए “गुण्डों, बदमाशों, डकैतों, माफियाओं व पेशेवर अपराधियों एवं अन्य शातिर अपराधियों“ का जंगलराज नहीं चलेगा। अर्थात् यहां हर मामले में कानून द्वारा कानून का ही राज चलेगा।
मुख्यमन्त्री आज अपने सरकारी आवास पर प्रेस-प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बी0एस0पी0 की सरकार बनते ही उनकी सरकार ने हर मामले में “अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त व भयमुक्त“ वातावरण पैदा करने तथा पूर्व की सपा सरकार में व्याप्त जंगलराज को खत्म करके, कानून का राज कायम करने के लिए विशेष अभियान चलाया, तो तब सपा व अन्य पार्टियों में बड़ी तादाद् में घुसे हुये अपराधिक छवि वाले तत्वों की नीन्द हराम हो गई थी। उन्होंने कहा कि जब इन पार्टियों को यह लगा कि इनकी पार्टियों में अपराधिक छवि रखने वाले लोग, जिनके आधार पर ये पार्टियां सत्ता में आने का सपना देखती हैं। इसलिए फिर इन विरोधी पार्टियों ने अपने इन अपराधिक तत्वों को जेल से बाहर रखने के लिए षड़यन्त्र के तहत् धीेरे-धीरे उनकी पार्टी में भेजना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि आने वाले विधान सभा आमचुनाव होने से पहले ये सभी अपराधिक तत्व जेल में बन्द हो गये, तो फिर सपा व अन्य विरोधी पार्टियों का यहां सत्ता में आना बहुत मुश्किल हो जायेगा। जब धीरे-धीरे अपराधिक तत्वों ने काफी हद तक हमारी पार्टी में अपनी जड़े जमा ली, तो फिर इन्होंने पूर्व की भांति अपनी आदतों से मजबूर होकर यहां जंगलराज कायम करना शुरू कर दिया।
सुश्री मायावती ने कहा कि 15 मार्च की रैली खत्म होने के बाद जब उनकी पार्टी के जिम्मेदार लोगों ने ये सब बाते उनके सामने रखी तो फिर उन्होंने इस बारे में अपने कुछ खास सूत्रों से भी इसकी रिपोर्ट ली। इनकी रिपोर्ट में भी उन्हें काफी हद तक, यह सच्चाई नज़र आयी। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल का कार्यक्रम खत्म होने के तुरन्त बाद ही उन्होंने, 17 अप्रैल को पार्टी के जिम्मेदार लोगों की बैठक बुलाकर उन्हें यह सख्त निर्देंश दिये गये कि 29 अप्रैल तक पार्टी संगठन के सभी कार्य छोड़कर सबसे पहले उन्हें अपनी पार्टी में दूसरी पार्टियों द्वारा षड़यन्त्र के तहत् जो अपराधिक छवि के लोग भेज दिये गये हैं, उनकी सूची बनाकर, ऐसे तत्वों को तुरन्त पार्टी से निकाले व उनके निकालने की खबर अखबारों में भी जरूर दें। उन्होंने कहा कि खुशी की यह बात है कि हमारी पार्टी के सभी जिम्मेदार लोगों ने उनके इस आदेश का कड़ाई से पालन किया।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि 29 अप्रैल तक पूरे प्रदेश से लगभग 500 आपराधिक छवि रखने वाले तत्वों को उन्होंने पार्टी से निकाल बाहर किया। उन्होंने कहा कि जिनके खिलाफ अपराध हैं, उनके अपराधों को लेकर अब सख्त कार्यवाही की जायेगी, ताकि उ.प्र. में अमन-चैन का वातावरण पैदा हो सके। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने कल फिर यह हिदायत दी है कि उनकी पार्टी में दूसरी पार्टियों से आये हुये अभी आपराधिक छवि के जो लोग बच गये हैं, उनकी भी 13 मई से पहले सूची बनाकर व उनकी पार्टी द्वारा अधिकृत किये गये लोगों से पार्टी से निकालने की इजाजत लेकर, उन्हें पार्टी से निकालकर बाहर करें। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में जो भी लोग कानून को अपने हाथ में लेते हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जाती है और ऐसा उन्होंने करके भी दिखाया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में, उन्होंने अपनी पार्टी के कुछ एम0एल0ए0 व मन्त्री तथा एक एम0पी0 तक को भी जेल भिजवाया है, जो पूर्व की सरकारों में कभी भी देखने के लिए नहीं मिलेगा।
सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेश में हर मामले में, पूर्णरूप से कानून का राज कायम करने के लिए उनकी सरकार के डी0जी0पी0 व प्रमुख सचिव गृह तथा एडीशनल डी0जी0, लॉ एण्ड ऑडर जिनके पास एस0टी0एफ0 का भी अतिरिक्त चार्ज दिया गया है, उन्हें ये सख्त निर्देंश दिये हैं कि वे पुन: विशेष अभियान चलाकर, प्रदेश में अपराधिक तत्वों को जेल की सलाखों में जरूर भेजे, ताकि यहां सही मायने में कानून का राज कायम हो सके। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस विभाग के हर स्तर के अधिकारी जी-जान से इस कार्य में लगे हैं और इस दिशा में इन्होंने अनेकों ऐतिहासिक कार्य किये हैं। हांलाकि उनकी सरकार के विरोधियों ने समय-समय पर साजिश के तहत प्रदेश के कुछ जिलों में “जातीय दंगे व साम्प्रदायिक“ तनाव पैदा करने की पूरी-पूरी कोशिश की है। लेकिन पुलिस एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपनी सूझबूझ व कार्य कुशलता से उनकी इन कोशिशों को अभी तक कामयाब नहीं होने दिया है। इसके अलावा, उन्होंने इन्हें यह भी हिदायत दी है कि पुलिसकर्मी प्रभावशाली लोगों के दबाव में आकर किसी भी बेकसूर आदमी को तंंग न करें। इसके साथ ही दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही करते समय पुलिस कस्टडी में लोगों की मौते भी नहीं होनी चाहिये, और यदि ऐसा होता है, तो फिर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ तुरन्त सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होंने इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि इसके अलावा विरोधी पार्टियों के लोग अक्सर यह दुष्प्रचार भी करते रहते हैं कि उनकी सरकार में अपराधों की संख्या बढ़ी है। सच तो यह है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में पीड़ितों के मुकदमें दर्ज ही नहीं किए जाते थे। इसलिए उनकी सरकार बनते ही उन्होंने यह निर्देश दिए थे कि जिन लोगों के मुकदमें पिछली सपा सरकार के कार्यकाल में दर्ज नहीं किए गए थे, उन सभी पीड़ित व्यक्तियों के मुकदमें उन सभी पीड़ित व्यक्तियों के मुकदमे एक विशेष अभियान चलाकर लिखाये जायें, जिसके फलस्वरूप लगभग 10 हजार मुकदमे दर्ज हुए, जिनमें 31,144 अभियुक्त प्रकाश में आये। इनमें से 31,136 के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की गई।
सुश्री मायावती ने कहा कि सरकार बनते ही उन्होंने यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कानून व्यवस्था में सुधार का आंकलन दर्ज एफ0आई0आर0 की संख्या के आधार पर नहीं किया जायेगा, बल्कि उनके गुणवत्तापरक निस्तारण के आधार पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जन-शिकायतों के निस्तारण के लिए उन्होंने प्रदेश के सभी जिला, मण्डल एवं तहसील स्तरीय अधिकारियों को यह निर्देश दिये थे कि वह सुबह 10.00 बजे से 12.00 बजे के बीच अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से जनता के लिए सुलभ रहें और उनकी समस्याओं का त्वरित एवं गुणवत्तापरक निस्तारण सुनिश्चित करायें।
मुख्यमन्त्री ने तीन वर्ष के दौरान कुख्यात अपराधियों एवं माफियाओं के खिलाफ उठाये गये कठोर कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि पुरस्कार घोषित अपराधियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही में 218 अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें 05 लाख रूपये के इनामी अपराधी-02, रूपये 02 लाख का इनामी अपराधी-01, रूपये 01 लाख के इनामी अपराधी-02, रूपये 50 हजार के इनामी अपराधी-13, रूपये 20 से 25 हजार के इनामी अपराधी-41 तथा 10 हजार से ऊपर एवं 20 हजार रूपये से कम इनामी अपराधी-159 शामिल हैं। प्रमुख पुरस्कार घोषित 101 अपराधी मुठभेड़ में मारे गये, जिनमें 05 लाख रूपये के इनामी अपराधी-02, रूपये 02 लाख का इनामी अपराधी-01, रूपये 01 लाख का इनामी अपराधी-01, रूपये 50 हजार के इनामी अपराधी-14, रूपये 20 से 30 हजार के इनामी अपराधी-31 तथा 10 हजार से ऊपर एवं 20 हजार रूपये से कम इनामी अपराधी-52 शामिल हैं। इसी प्रकार बड़ी मात्रा में हेरोइन, मारफीन, स्मैक, गांजा, भांग तथा चरस जैसे मादक पदार्थाें व 06 करोड़ रूपये से ज्यादा के जाली नोट की बरामदगी भी की गई है।
सुश्री मायावती ने बताया कि इसके अलावा ए0टी0एस0 ने फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कचेहरी परिसर तथा अहमदाबाद, जयपुर आदि स्थानों पर बम विस्फोट की घटनाओं में सम्मिलित आतंकवादी संगठन इण्डियन मुजाहिदीन के 01 लाख रूपये के इनामी आतंकवादी शहजाद अहमद उर्फ पप्पू तथा सलमान को भी गिरफ्तार किया और मुठभेड़ में फारूख तथा अबुस्माइल नाम के 02 विदेशी आतंकवादी को गौतमबुद्धनगर में मार गिराया गया तथा आई0एस0आई0 के चार प्रशिक्षित एजेण्ट, जो पाकिस्तानी नागरिक थे, उनको भी गिरफ्तार किया गया। फिरौती के लिए अपहरण मामलों में 241 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, 08 अभियुक्त मारे गये और 138 अपहृतों को अपहरणकर्ताओं से सकुशल मुक्त कराया गया।
सुश्री मायावती ने बताया कि कुख्यात अपराधियों एवं माफिया तत्वों के खिलाफ चलाये गये अभियान के फलस्वरूप वर्ष 2005-06 की तुलना में प्रमुख अपराधों में उल्लेखनीय कमी आयी है। उदाहरण के लिए डकैती/लूट के मामलों में वर्ष 2005 की अपेक्षा वर्ष 2009 में 13.75 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 27.15 प्रतिशत, बलवा के मामलों में 7.36 प्रतिशत और रोल होल्डर के मामलों में 71.43 प्रतिशत और फिरौती के लिए अपहरण मामलों में 59.57 प्रतिशत की कमी आयी है, जो ऐतिहासिक है। यही नहीं भारतीय दण्ड विधान संहिता के अन्तर्गत दर्ज कुल अपराधों की संख्या में वर्ष 2005 की तुलना में 33.47 प्रतिशत की कमी आयी है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि वर्ष 2007 में उनकी सरकार बनने के बाद से अनुसूचित जाति/जनजाति के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों में निरन्तर कमी आयी है। इनमें हत्या के मामलों में 29.30 प्रतिशत, आगजनी के मामलों में 50 प्रतिशत, बलात्कार के मामलों में 19 प्रतिशत और गम्भीर चोट के मामलों में 16.23 प्रतिशत की कमी आयी है। अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत दर्ज कुल अभियोगों की संख्या में 8.80 प्रतिशत की कमी आयी है। इसी प्रकार महिला उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में भी वर्ष 2007 के बाद निरन्तर कमी आयी है। दहेज हत्या के मामलों में 2.5 प्रतिशत, बलात्कार के मामलों में 14.94 प्रतिशत, अपहरण के मामलों में 19.31 प्रतिशत तथा छेड़खानी के मामलों में 16 प्रतिशत की कमी आयी है।
सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेश में पुलिस व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण की दिशा में भी उनकी सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये। जोन और रेन्ज की दोहरी व्यवस्था के कारण पुलिस की कार्य-प्रणाली में अनेक कठिनाइयां आती थीं। जिसके चलते जोन की व्यवस्था को समाप्त किया गया। प्रदेश की 9 बड़ी रेन्जों में आई0जी0 स्तर के अधिकारी तथा शेष 9 छोटी रेन्जों में डी0आई0जी स्तर के अधिकारियों के तैनाती का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही प्रदेश के 9 बड़े जनपदों में डी0आई0जी0 स्तर के अधिकारियों की तैनाती की गई। प्रदेश के सभी थानों को इन्सपेक्टर रैंक का थाना बनाया गया। प्रदेश के सभी जनपदों में महिला थाना की स्थापना की गई। इसके अतिरिक्त आगरा के ताजगंज थाना क्षेत्र में एक “पर्यटन थाना´´ की स्थापना भी की गई है। उन्होंने कहा कि कारागारों में आपराधिक गतिविधियां तथा भ्रष्टाचार की काफी अधिक शिकायतें प्राप्त हो रही थीं, जिसे समाप्त करने के उद्देश्य से कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग को गृह विभाग के नियन्त्रण में लाया गया जिसमें आई0जी0 कारागार के रूप में आई0पी0एस0 अधिकारी की तैनाती की गई।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि गरीब व्यक्ति हमेशा से उत्पीड़ित रहा है और उसकी सुनवाई किसी भी स्तर पर नहीं हो पाती थी। ऐसे लोगों की उत्पीड़न की समस्याओं के निपटारे के लिए उन्होंने “थाना दिवस´´ की व्यवस्था लागू की। प्रत्येक शनिवार को प्रदेश के सभी थानों में “थाना दिवस´´ लागू किया गया, जिसमें पुलिस के अतिरिक्त राजस्व तथा विकास विभाग के भी अधिकारियों/कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन थाना दिवसों के माध्यम से लगभग 3.5 लाख शिकायती मामलों का निपटारा किया गया।
सुश्री मायावती ने कहा कि राज्य में दक्ष, प्रभावी एवं उत्तरदायी पुलिस बल विकसित करने के लिए नीति निर्धारित करने हेतु “राज्य सुरक्षा आयोग´´ “पुलिस सुधार आयोग´´ तथा इस आयोग को `नया ड्राफ्ट पुलिस अधिनियम´ तैयार करने का काम सौंपा गया है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि पुलिस जनसंख्या अनुपात सम्पूर्ण देश में अत्यन्त ही कम है, उत्तर प्रदेश में और भी कम था। उनकी सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए एक साथ लगभग 02 लाख 04 हजार पद सृजित किये हैं जिससे पुलिस जनसंख्या अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इससे थानों में अधिक संख्या में पुलिसकर्मी उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि यह हमेशा शिकायत रही है कि पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार होता है, जिसके कारण योग्य व्यक्तियों का चयन नहीं हो पाता है। पिछली सरकार में पुलिस भर्ती के दौरान व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायते प्राप्त हुई थीं, जिसमें काफी अधिक अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही भी की गई। पुलिस भर्ती को पारदशीZ एवं भ्रष्टाचारमुक्त कराने के लिए हमारी सरकार द्वारा महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसमें पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड गठित किया गया। उन्होंने ने कहा कि प्रदेश में बड़े आर्थिक घोटालों के अन्वेषण के लिए कोई जांच एजेन्सी अलग से नहीं थी। इसके लिए “विशेष अनुसन्धान दल´´ गठित किया गया है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए नवम्बर, 2007 में “आतंकवादी निरोधक दस्ते´´ का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमने 2000 कमाण्डो तैयार करने के लिए निर्णय लिया है और इन कमाण्डों के प्रशिक्षण के लिए लखनऊ में एक “कमाण्डो ट्रेनिंग सेण्टर´´ स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश में कुख्यात अपराधियों एवं माफिया तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए स्पेशल टास्क फोर्स को पुनगठिZत किया गया।
सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेश में नक्सलवाद की समस्या को उन्होंने केवल कानून व्यवस्था की समस्या नहीं माना है वरन् इसे आर्थिक, सामाजिक समस्या के रूप में इसके निदान की पहल की है। प्रदेश सरकार के इन्हीं प्रयासों के कारण प्रदेश में नक्सलवाद की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। प्रदेश पुलिस द्वारा इन पर दबाव बनाया गया है, जिसके चलते नक्सली तत्वों का कोई प्रयास सफल नहीं हो पाया है। विगत तीन वषाZें में 50 से अधिक हार्ड कोर नक्सली पकड़े गये हैं। गत वर्ष दो दुर्दान्त नक्सली कमलेश चौधरी व रामवृक्ष कोल पुलिस मुठभेड़ में मारे गये जिन पर डेढ़ लाख एवं पचास हजार रूपये का इनाम था। इसके अलावा अभी 04 अप्रैल को पांच हजार रूपये का इनामी राम सजीवन कुशवाहा को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एस0टी0एफ0 द्वारा सेन्ट्रल महिला सब कमेटी प्रतिबन्धित संगठन की सक्रिय सदस्या उर्फ हीरामन मुड को गिरफ्तार किया गया तथा उसकी निशानदेही पर इलाहाबाद में सक्रिय नक्सली विश्वजीत उर्फ कमलजी उसकी पत्नी सीमा को गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से भारी मात्रा में नक्सली साहित्य आदि बरामद हुए। इसी तरह जनपद कानपुर नगर में बलराज व अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि प्रदेश पुलिस में सराहनीय कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए “मुख्यमन्त्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक´´ प्रदान करने का निर्णय उनकी सरकार ने लिया और अब तक पिछले तीन वषोZं में दस पुलिस अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों को इस पदक से सम्मानित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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