Archive | May, 2010

बुन्देलखण्ड के लिए घोषित पैकेज से उत्तर प्रदेश को कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिल रही है

Posted on 14 May 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती के निर्देश पर मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने आज झांसी में केन्द्रीय योजना आयोग एवं केन्द्र सरकार के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में बुन्देलखण्ड पैकेज के सम्बन्ध में राज्य सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने पैकेज से सम्बन्धित विभिन्न योजनाओं के वित्तीय समायोजन तथा पैकेज क्रियान्वयन की प्रगति पर गहन विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा बुन्देलखण्ड के लिए घोषित पैकेज से उत्तर प्रदेश को कोई अतिरिक्त सहायता नहीं मिल रही है।

श्री गुप्ता ने बैठक में प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा बुन्देलखण्ड पैकेज से सम्बन्धित जो योजनाएं/परियोजनाएं राष्ट्रीय वर्ष क्षेत्र प्राधिकरण (एन0आर0ए0ए0) द्वारा अनुमोदित हैं एवं भारत सरकार के सम्बन्धित मन्त्रालयों को भेजी जा चुकी हैं, उनके सम्बन्ध में बजट स्वीकृति की वचनबद्धता हेतु अनुरोध किया। उन्होंने बुन्देलखण्ड पैकेज के सम्बन्ध में विभिन्न बिन्दु उठाते हुए पैकेज से सम्बन्धित कार्यो को मानसून से पहले शुरू कराने के साथ-साथ बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अधिक से अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

मुख्य सचिव ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृत किये गये 3506 करोड़ रूपये के विशेष पैकेज की ओर केन्द्र सरकार के अधिकारियों का ध्यान खासतौर से आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि केन्द्र द्वारा उत्तर प्रदेश को कोई अतिरिक्त धनराशि नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वित्तीय प्रबन्धन करते हुए विशेष पैकेज में 1910.24 करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था कनवर्जेन्स और वर्तमान में संचालित केन्द्रीय योजनाओं से करने की बात कही है।

श्री गुप्ता ने कहॉ कि जहॉ तक पैकेज में 1595.76 करोड़ रूपये की अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता (ए0सी0ए0) दिये जाने का मामला है, वह धनराशि तो व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश को मिलनी ही है। इसके बावजूद ए0सी0ए0 के तहत अभी तक राज्य सरकार को मात्र 332.28 करोड़ रूपये ही अवमुक्त किये गये हैं। उन्होंने अवशेष धनराशि को तत्काल अवमुक्त किये जाने का अनुरोध करते हुए मनरेगा के अन्तर्गत राज्य सरकार को मिलने वाली 471 करोड़ रूपये की धनराशि को भी शीघ्र अवमुक्त किये जाने पर बल दिया।

बैठक में केन्द्रीय योजना आयोग की सदस्य सचिव श्रीमती सुधा पिल्लै, कृषि मन्त्रालय के तकनीकि विशेषज्ञ डॉ0 जे0 एस0 सामरा, भारत सरकार के अन्य सम्बन्धित मन्त्रालयों के अधिकारी तथा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर0 के0 शर्मा, ग्राम्य विकास, लघु सिंचाई, कृषि, वन, सिंचाई, दुग्ध विकास, भूमि विकास एवं जल संसाधन आदि पैकेज से सम्बन्धित विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव, बुन्देलखण्ड तथा चित्रकूटधाम मण्डलों के मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्य सचिव ने चालू योजनाओं में केन्द्रांश के रूप में मिलने वाली 1,318.59 करोड़ रूपये की धनराशि का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें से समादेश क्षेत्र विकास के अन्तर्गत लोवर राजघाट परियोजना में सिर्फ 22 करोड़ रूपये की सहायता प्राप्त हुई है। इसके अलावा कतिपय परियोजनाओं में अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता का उपयोग दो वर्ष में होना है, लेकिन भारत सरकार द्वारा पूरी धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। इसलिए केन्द्रीय सहायता में आवश्यकतानुसार समायोजन हेतु योजना आयोग द्वारा राज्य सरकार को अधिकृत किया जाना चाहिए।

श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि, पशुधन, उद्यान, मण्डी परिषद, सिंचाई एवं लघु सिंचाई की परियोजनाएं राष्ट्रीय वषाZ क्षेत्र प्राधिकरण (एन0आर0ए0ए0) को भेजी गई है। बुन्देलखण्ड पैकेज के अधीन इन योजनाओं को शीघ्र ही स्वीकृति दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बिन्दु उठाया कि पैकेज में वाटरशेड मैनेजमेंट के लिए 810 करोड़ रूपये की धनराशि रखी गई है। इसके उपयोग के लिए राज्यांश का प्राविधान नहीं है। इसके बावजूद भी सम्बन्धित केन्द्रीय मन्त्रालय द्वारा 10 प्रतिशत राज्यांश की अपेक्षा की जा रही है। उन्होंने मांग की कि केन्द्रीय योजना आयोग इसका समाधान करे। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न मदों के लिए पैकेज में इंगित धनराशि से आवश्यकतानुसार अन्य मदों के लिए समायोजन का अधिकार राज्य सरकार को देने का भी अनुरोध किया।

मुख्य सचिव ने केन्द्रीय योजना आयोग से पैकेज में सम्मिलित मदों में राज्य द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार क्रियान्वयन की अनुमति देने की भी अपेक्षा की। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि िस्प्रंकलर पर विभिन्न श्रेणी के लाभार्थियों को सौ फीसदी अथवा 75 फीसदी अनुदान राशि दी जाती है जबकि पैकेज में मात्र 40 प्रतिशत अनुदान की दर से धनराशि का प्राविधान किया गया है। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेय जल की समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार से ज्यादा से ज्यादा संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया।

श्री गुप्ता ने बुन्देलखण्ड पैकेज के तहत कुछ केन्द्रीय योजनाओं में इस क्षेत्र की परिस्थितियों को देखते हुए मानकों में छूट/शिथिलता किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेष सरकार द्वारा यह स्पश्ट किया गया है कि जिन कार्यक्रमों को उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के तहत कराया जा रहा है, उन्हीं के अनुरूप केन्द्रीय योजनाओं को बुन्देलखण्ड में लागू कराया जाये। इसी क्रम में उन्होंने मनरेगा के तहत इच्छुक परिवारों को रोजगार दिये जाने के 100 दिन की अधिकतम सीमा को शिथिल करने हेतु भारत सरकार से अपेक्षा की, ताकि क्षेत्र की आवश्यकता और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए वित्तीय वर्ष में जो परिवार/व्यक्ति काम करना चाहें, उन्हें काम उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण कार्यो पर सामग्री का प्रयोग अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक होता है इसलिए मनरेगा में अनुमन्य श्रम-सामग्री का अनुपात 60:40 को शिथिल किया जाये।

मुख्य सचिव ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में स्थायी रोजगार के साधन भी सृजित होने चाहिए। इसके लिए अवस्थापना विकास के साथ-साथ भारी और लघु उद्योगों, खासतौर पर खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में पर्यटन के विकास की भी असीम सम्भावनाएं हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि राश्ट्रीय औद्यानिक मिषन के तहत बुन्देलखण्ड के लिए पैकेज में किया गया प्राविधान पिछले वर्श की तुलना में कम है। इसलिए इसमें अतिरिक्त आवंटन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड पैकेज में सम्मिलित कार्यो की लागत का आकलन लगभग दो वर्ष पूर्व हुआ था, जिसके आधार पर इन कार्याें को वर्तमान लागत में पूरा करना सम्भव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए इन कार्यो के लिए केन्द्र सरकार को अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत करनी चाहिए।

श्री गुप्ता ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यो के साथ-साथ छोटे-बड़े चेक डैम के निर्माण को शामिल किये जाने का अनुरोध किया ताकि पिछले पांच वर्षो से सूखाग्रस्त घोशित इस क्षेत्र में जल संरक्षण एवं जल संचयन किया जा सके। उन्होंने केन-बेतवा नदी जोड़ने की परियोजना के प्रस्ताव पर षीघ्र कार्यवाही की आवष्यकता पर बल देते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कृशि को बढ़ावा देने के लिए राश्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा किये जाने वाले निवेष में कई गुना वृद्धि करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह बेहद कम है, इसलिए केन्द्र सरकार को इस पर विषेश ध्यान देना चाहिए।

इस मौके पर योजना आयोग के सदस्यों तथा भारत सरकार के वरिश्ठ अधिकारियों ने राज्य सरकार के अधिकारियों को बैठक में उठाये गये लगभग सभी मुद्दों पर विचार करने का आष्वासन दिया। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव ने कहा कि केन्द्र सरकार के अधिकारियों द्वारा बैठक में उठाये गये विभिन्न बिन्दुओं तथा बुन्देलखण्ड पैकेज पर दिया गया आष्वासन पूर्ण रूप से सकारात्मक नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से बैठक में उठाये गये विभिन्न बिन्दुओं के सम्बन्ध में बताया गया कि इनके सम्बन्ध में योजना आयोग की आगामी 1 जून को सम्पन्न होने वाली बैठक में विचार किया जायेगा।

श्री गुप्ता ने इस अवसर पर सभी विभागीय अधिकारियों तथा दोनों मण्डलों के आयुक्तों को निर्दे दिये कि वे पूरी गति से कार्यान्वयन में जुट जायें तथा आगामी वर्षा से पहले अधिक से अधिक कार्यो को पूरा कर लें, ताकि इसका लाभ जल संचय व सिंचाई के लिए उठाया जा सके। उन्होंने यह भी स्पश्ट किया कि इन कार्यो की प्रगति की हर माह समीक्षा की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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अनीता सहगल ने महामहिम राज्यपाल,उत्तर प्रदेश से भेंट किया

Posted on 13 May 2010 by admin

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महामहिम श्री राज्यपाल,उत्तर प्रदेश श्री बी0एल0जोशी से भेंट करती हुयी ग्लोबल क्रिएशन्स की अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित एंकर सुश्री अनीता सहगल साथ में उनके पति दिनेश सहगल

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरकार के तीन वर्षो का कार्यकाल कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित एवं विकास कार्यों के मामले में अति-उत्साहवर्धक रहा - सुश्री मायावती

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ -  उत्तर प्रदे की माननीया मुख्यमन्त्री व बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने यहां कहाकि प्रदेष में बसपा सरकार के तीन वर्षो का कार्यकाल कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित एवं विकास कार्यों के मामले में अति-उत्साहवर्धक रहा है। साथ ही, यह भी एक कड़वा सच है कि इन पिछले तीन वर्षो के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार का रवैया उत्तर प्रदे की जनता के प्रति काफी सौतेला व पक्षपातपूर्ण रहा है और यदि केन्द्र सरकार से उत्तर प्रदे को केन्द्र के तहत मिलने वाली धनराशि समय पर पूरी-पूरी मिल गई होती तो प्रदे के विकास और जनहित के मामलों में प्रदे सरकार और भी बेहतर परिणाम दे सकती थी।

उत्तर प्रदे में बसपा सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में, आज यहां एक संवादादता सम्मेलन में मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने केन्द्र की सरकार की तीखी आलोचना करते हुये कहाकि केन्द्र सरकार द्वारा आबादी के हिसाब से दे के सबसे बड़े प्रदे, उत्तर प्रदे की आम जनता के हित व कल्याण की अनदेखी करना व केन्द्र का पर्याप्त धन भी यथासमय पूरा-पूरा नहीं देना, प्रदे की जनता के साथ घोर अन्याय है। इस सम्बंध में यह विदित है कि बसपा सरकार बनने के बाद, केवल तीन वर्षो के दौरान, केन्द्र सरकार ने केन्द्र का लगभग 17 हज़ार करोड़ रुपया समय पर पूरा-पूरा नहीं दिया, जिस कारण इस धनराशि के अभाव में विकास का काम काफी ज्यादा प्रभावित हुआ तथा विकास के अनेकों काम समय पर पूरे नहीं किये जा सके, जिससे निर्माण लागत में बढ़ोत्तरी का अतिरिक्त व्यय भार भी राज्य सरकार पर काफी बढ़ा है। इस प्रकार कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार का यह नकारात्मक रवैया ना केवल राज्य की विशाल आबादी के प्रति घोर अन्यायपूर्ण है, बल्कि उत्तर प्रदेष में बसपा सरकार के विरुद्ध ड्यन्त्रकारी भी है। इस प्रकार, उत्तर प्रदे की विषाल आबादी को लगातार पिछड़ा तथा उत्तर प्रदे को पिछड़ा हुआ प्रदे बनाये रखने की केन्द्र सरकार की यह एक गहरी साज़ि लगती है, जिसका शक्ती के साथ विरोध किया जाना आवष्यक है।

इसके अलावा, इस सम्बंध में यह सर्वविदित है कि आज़ादी के बाद से अब तक लगभग 60 वर्षो के दौरान केन्द्र व ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस, बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों की ही सरकारें रही हैं और इस दौरान इन सरकारों ने, लगातार ग़लत आर्थिक नीतियां अपनायीं, जिस कारण ग़रीबी दूर करने, लोगों को शिक्षित बनाने, उन्हें रोज़गार मुहैया कराने व उन्हें आत्म-सम्मान के साथ जीवन यापन करने देने के मूल उद्देष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि केन्द्र सरकार राज्य के प्रति सौतेला व पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाती रही और साथ-ही-साथ, स्वयं अपनी ओर से (गांधी-नेहरू )के नाम पर अनेकों योजनायें बनाकर उन्हें राज्य सरकारों पर लगातार थोपती रही हैं, जबकि केन्द्रीय अधिनियमों के क्रियान्वयन सम्बंधी परियोजनाओं के वित्तपोण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के (जुडिशियल इम्पैक्ट असेसमेन्ट) सम्बंधी दिनांक 2 अगस्त सन् 2005 के निर्देश के तहत केन्द्रीय सरकार द्वारा मा. न्यायमूर्ति एम. जगननाध राव की अध्यक्षता में (जुडिशियल इम्पैक्ट असेसमेन्ट) के परीक्षण के लिये गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में भी जो संस्तुति की है उसके अनुसार यदि केन्द्र सरकार संघीय सूची तथा समवर्ती सूची में सम्मिलित किसी विशय पर अिधनियम बनाती है एवं राज्य सरकार को उक्त अधिनियम के कार्यान्वयन एवं अनुपालन का निर्देश देती है, तो केन्द्र सरकार को उक्त अधिनियम को लागू करने में निहित शत्-प्रतिशत् वित्तीय भार वहन करना चाहिये। इस परिप्रेक्ष्य में (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) इत्यादि केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन में निहित (सम्पूर्ण व्यय-भार) केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिये अर्थात् राज्य सरकार को इसका व्यय-भार हस्तान्तरित नहीं किया जाना चाहिये।

और इस बारे में अब तक का कड़वा सच यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के लिये भी समय पर पैसा भी पूरा-पूरा नहीं दिया जाता है और फिर आगे चलकर केन्द्र सरकार अपनी (विफलता) पर पर्दा डालने के लिये, ग़लती का ठीकरा प्रदे की सरकारों के सर फोड़ने का प्रयास करती हैं। जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकारें हैं वे इस (कड़वे सच) को जनता के सामने नहीं लाती हैं, किन्तु सवाल यह है कि ख़ास कर उत्तर प्रदे जैसे बड़े व ग़रीब राज्य की सरकार, केन्द्र के इस प्रकार के सौतेले रवैये के साथ-साथ, उपेक्षापूर्ण रवैये को आखिर कब तक (बर्दाष्त) कर अपने राज्य की जनता के हित और कल्याण के प्रति ख़ामो रहे।

और जैसाकि हाल ही में पिछले महीने कांग्रेस पार्टी की ओर से यह बयान दिया गया कि: (हिन्दुस्तान में पैसे की कमी नहीं है, पैसा बहुत है)। परन्तु इस सम्बंध में यह बात सच है कि (भारत, ग़रीब लोगों का अमीर दे है), क्योंकि केन्द्र सरकार विभिन्न केन्द्रीय करों के माध्यम से, दे भर में तमाम राज्यों से पैसा वसूल कर अपना ख़ज़ाना भर लेती है और इस धन को बड़े ही मनमाने ढंग से ख़र्च भी करती है। और दूसरी ओर हमारी सरकार को, राज्य की जनता के हित में,विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की मांग करने के बावजूद इसमें से कोई पैसा नहीं दिया जाता है। और बड़े दु:ख की बात यह है कि इस मामले में केन्द्र सरकार का रवैया काफी मनमाना, सौतेला व उपेक्षापूर्ण रहता है, जो कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के भारतीय संविधान की मंषा के बिल्कुल विपरीत है। इस रवैये से उत्तर प्रदे जैसे पिछड़े राज्य का ज्यादा चिन्तित होना स्वाभाविक है, क्योंकि यह आबादी के हिसाब से दे का सबसे बड़ा राज्य है तथा विकास के मानक पर यह हमेशा से काफी पिछड़ा हुआ भी रहा है।

और जहां तक प्रदे में बसपा सरकार के तीन वर्श पूरा होने की बात है तो इस मामले में हमारी सरकार ने औरों की तरह (हवाई) बयानबाज़ी करने के बजाय, ठोस, ज़मीनी व बुनियादी ज़रूरतों का कार्य करने का प्रयास किया है, ताकि इन योजनाओं के पूरा हो जाने पर आम लोगों की ज़िन्दगी में वास्तविक सुधार आ सके। इस मामले में, हमारी सरकार ने अपनी मज़बूत इच्छाशक्ती के बल पर कई बड़ी महत्वाकांक्षी जनोपयोगी योजनाओं को पिछले तीनवर्षो के अन्दर अमलीजामा पहनाया है ताकि आम आदमी, बसपा और कांग्रेस, बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों की सरकार में (बुनियादी फ़र्क़) को महसूस कर सके।

इस सम्बंध में उत्तर प्रदे में बसपा सरकार द्वारा जनहित की अनेकों बड़ी व महत्वाकांक्षी योजनायें सर्वसमाज के लोगों के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर चलायी गई हैं, जिनमें से (डा. अम्बेडकर ग्रामीण समग्र विकास योजना), (मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना), (मान्यवर श्री कांषीराम जी हरी ग़रीब आवास योजना), (सर्वजन हिताय षहरी ग़रीब आवास (स्लम एरिया) मालिकाना हक़ योजना),  (महामाया ग़रीब बालिका आशीर्वाद योजना), (सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, उत्तर प्रदे मुख्यमन्त्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना आदि प्रमुख हैं।

इसके अलावा भी, सभी प्रकार की पेंन राशि में वृद्धि के साथ-साथ गंगा एक्सप्रेस-वे, ताज एक्सप्रेस-वे योजना तथा राजधानी लखनऊ, अयोध्या- फ़ैज़ाबाद, वाराणसी, मथुरा, इलाहाबाद, आगरा, कानपुर, कन्नौज, मेरठ आदि प्राचीन व प्रमुख हरों में लोगों की आम ज़रूरतों व सुख सुविधाओं हेतु बुनियादी सुविधाओं का विकास इस बात का प्रमाण है कि हमारी सरकार ने अपने तीन  वर्षो के अल्प षासनकाल में ही ऐसे कई बड़े काम किये हैं, जो दूसरी पार्टियों ने अपने शासनकाल के दौरान तीस  वर्षो में क्या, बल्कि पिछले 60  वर्षो में नहीं कर पायी हैं।

साथ ही, युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता पाने की मानसिक ग़ुलामी से मुक्ति दिलाकर उन्हें सीधा रोज़गार देने के मामले में भी बसपा सरकार की उपलब्धि अतुलनीय है। इस सम्बंध में सर्वविदित है कि एक मुष्त लगभग एक लाख 9 हज़ार सफाईकर्मियों की भर्ती, 88 हज़ार प्राथमिक शिक्षकों की तथा 5 हज़ार उर्दू षिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ पुलिस महकमे में एक साथ लगभग ढाई लाख नये पदों की स्वीकृति व इन पदों पर भर्ती कुछ ऐसे काम हैं जिनकी, सरकारी पदों पर रोज़गार मुहैया कराने के मामले में, दूसरी मिसाल मिलनी मुश्किल है। इसके साथ-साथ सरकारी प्रयासों से ग़ैर-सरकारी क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर मुहैया कराये गये हैं। सरकारी नौकरियों में वर्षो से खाली पड़े अनुसूचित जाति/जनजाति के लिये आरक्षित पदों के बैकलॉग को भी पूरा किया गया है।

इसके साथ-साथ, अनुसूचित जाति/जनजाति समाज के ग़रीब लोगों की आर्थिक दशा सुधारने हेतु 25 लाख रुपये तक के सरकारी ठेकों में प्रथम बार आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई, जिस क्रम में अब तक 525.35 करोड़ रुपये के कार्यो के ठेके आवंटित किये जा चुके हैं। साथ ही, अनुसूचित जाति/जनजाति समाज के बच्चों के लिये आई.ए.एस. व पी.सी.एस. जैसी उच्च नौकरियों की कोचिंग हेतु, भागीदारी भवन लखनऊ तथा आगरा, अलीगढ़ व बरेली में प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है। साथ-ही-साथ, ख़ासकर इन वर्गों के ग़रीब छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा की सुविधा मुहैया कराने के उद्देष्य से ज़िला गौतम बुद्ध नगर में विष्व-स्तरीय गौतम बुद्ध विष्वविद्यालय स्थापित किया गया है जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक एवं सामान्य वर्ग के मेधावी बी.पी.एल छात्र/छात्राओं के लिये राजकीय व्यय पर यूरोपीय देष डेनमार्क  में उन्नत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये भेजा गया है।

इसके अलावा, बसपा सरकार ने बड़े पैमाने पर डाक्टरों और इंजीनियरों की वर्षो से रिक्त पड़े पदों पर भर्ती की है तथा सर्वसमाज के हित में सामान्य वर्ग के लोगों की भर्ती पर लगे प्रतिबन्ध को भी बसपा सरकार ने हटाने का काम किया है। साथ-ही-साथ, बिजली के क्षेत्र में उत्तर प्रदेष सरकार कई महत्वपूर्ण काम कर रही है और अगर केन्द्र सरकार ने ज्यादा दख़ल नहीं दिया, तो राज्य की जनता को सन् 2014 तक बिजली आपूर्ति के मामले में काफी राहत  अवश्य मिल जायेगी।

इस प्रकार, इन सब बातों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदे में बसपा ने तीन वर्षो के अपने शासनकाल के दौरान देमें समय-समय पर दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषो में भी ख़ासतौर से महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर, सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति के आधार पर सरकार चलायी है।

साथ-ही-साथ, मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहाकि इन सन्तों, गुरुओं व महापुरुषो को आदर-सम्मान देते हुये, इनके नाम से जनहित की अनेकों योजनायें शुरू की हैं और इसके साथ ही, स्मारक, संग्रहालय, मूर्तियां व पार्कों आदि का निर्माण करके, इनको पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया है, जिनकी पूर्व की सरकारों में जातिवादी मानसिकता के तहत चलकर उपेक्षा की गई है। लेकिन इसके साथ ही, मुख्यमन्त्री ने स्पष्ट किया कि इन कार्यों पर पिछले तीन वर्षो के दौरान कुल बजट का लगभग एक प्रतित से भी कम ख़र्च किया गया है, फिर भी इसके बारे में विरोधी पार्टियों के लोग आये-दिन ग़लत बयानबाज़ी करके जनता को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं।

सुश्री मायावती जी ने कहाकि प्रदे की बसपा सरकार ने समाज के हर वर्ग के लोगों को, एवं किसान, मज़दूर, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी तथा अन्य पेशे में लगे लोगों के साथ-साथ दलित, पिछड़े, धार्मिक अल्पसंख्यक व अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों के हितों का ख़ास ख्य़ाल रखा गया है एवं उनके लिये रोज़ी-रोटी, युवाओं को रोज़गार व षिक्षा, आवास तथा अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ, अमन-चैन के माहौल में आत्म-सम्मान के साथ जीने का मार्ग प्रस्त किया है, जिसके बारे में यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदे में बसपा सरकार बनने के पहले यहां प्रदे में चारों तरफ हर मामले में यहां अराजकता व्याप्त थी अर्थात् एक प्रकार से कानून के राज के स्थान पर  जंगल राज  क़ायम था। लेकिन बसपा सरकार ने अपने शासनकाल के तीन वर्षो के अन्दर प्रदेष में हर मामले में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त व भ्रष्टाचारमुक्त वातावरण पैदा करके यहां कानून द्वारा कानून का राज क़ायम किया है। और इस प्रकार का वातावरण पैदा करने के लिये, प्रदे में अपराधिक छवि वाले लोगों के खिलाफ विशेष अभियान लगातार जारी है।

इतना ही नहीं, बल्कि हमारी सरकार ने यहां काफी हद तक जातिवाद के आधार पर व्याप्त नफरत को काफी सफलतापूर्वक ख़त्म किया है, साम्प्रदायिक ताकतों को कमज़ोर बनाया है तथा साम्प्रदायिक सद्भाव को मज़बूत किया है। इसके साथ ही प्रदे के कुछ ज़िले, जो पहले से नक्सलवाद से प्रभावित चले आ रहे थे, वहां बसपा सरकार ने, उन क्षेत्रों के मूल निवासियों की समस्या को कुछ हद तक सुलझाकर, उनकी बुनियादी समस्याओं व विकास के मामले पर ध्यान देकर, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया है।

इन बातों के सम्बंध में जनता को विस्तार से जानकारी देने के लिये केन्द्रीय सहायता का कड़वा सच व उत्तर प्रदे की उपेक्षा एवं बसपा सरकार के तीन वर्षो के कार्यकाल के प्रमुख मदों में बजट का व्यय व महत्वपूर्ण उपलब्धियां नाम से एक पुस्तक का भी प्रकान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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बसपा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में उ0प्र0 में विकास शून्य रहा - द्विजेन्द्र त्रिपाठी

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ - सुश्री मायावती के नेतृत्व में बसपा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में उ0प्र0 में विकास शून्य रहा, सिर्फ पत्थरों के अवैध खनन में मन्त्रियों एवं विधायकों द्वारा कमीशनखोरी, मौरंग के खनन में कमीशनखोरी, पार्कों, मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण में अरबों रूपये बर्बाद किया गया तथा बसपा विधायकों और मन्त्रियों के नाम कई हत्याएं तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाया जाना ही बसपा सरकार की मुख्य उपलब्धि रही।

गैर कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल में बिजली उत्पादन हेतु कोई भी पावर प्लाण्ट नहीं लगाया गया जबकि कांग्रेस शासनकाल में ओबरा, अनपरा, ऊंचाहार, टाण्डा आदि तमाम बिजलीघर स्थपित किये गये। जबकि गैर कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल में लगातार गिरावट होती चली गई,जिसके कारण मांग और आपूर्ति में काफी अन्तर आ गया। जिसका हश्र यह हुआ कि जहां 13मई2007 को बसपा सरकार की मुखिया ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह ऐलान किया था कि गांवों को चौदह घंटे बिजली दी जायेगी, बिजली मिलना तो दूर आज चाहे शहर हो या गांव, 18 से 20घंटे बिजली की कटौती हो रही है। जिसके कारण जहाँ प्रदेश के 2लाख 17हजार किसानों के गेहूं की फसल बिजली न होने के कारण सिंचाई के अभाव में ऐंठ जाने के कारण बिजली खरीदने वाला कोई नहीं है। इतना ही नहीं बिजली न होने से किसानों को सिंचाई के लिए 35रूपये प्रति लीटर डीजल खरीदना पड़ा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी जर्जर हुई। बिजली के न होने से जहां प्रदेश के उद्योग चौपट हो रहे हैं, व्यापार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। बिजली न होने से प्रदेश के लाखों छात्रों की शिक्षा पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। विगत बीस वर्षो से कोई भी पावर प्लाण्ट तो लगना दूर टाण्डा तथा ऊंचाहार को प्रदेश सरकार ने एनटीपीसी को बेंचने का काम किया। प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में एक श्वेतपत्र जारी करना चाहिए कि प्रदेश में चीनी मिलें तथा सैंकड़ों फैक्ट्रियाँ कैसे बन्द हो गईं और इसकी जिम्मेदारी किसकी है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश की बसपा सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धि में केन्द्र सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए दिये गये धन में भ्रष्टाचार, घोटाला भी रहा, जिसे पहले तो सरकार दबाती रही किन्तु बाद में कांग्रेस पार्टी द्वारा आन्दोलन करने और दबाव बनाने पर लगभग तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों पर कार्यवाही करनी पड़ी। सबसे बड़ी उपलब्धि इस सरकार की दलित उत्पीड़न में बढ़ोत्तरी की रही, जिसके तहत प्रदेश के तमाम जिलों में दलितों की जमीनों पर बसपा विधायकों, मन्त्रियों एवं सांसदों द्वारा जबरन कब्जा किया गया।

एक ओर जहां प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था के चलते प्रदेश में कोई नया उद्योग नहीं स्थापित हुआ, वहीं पूरा प्रदेश आज बिजली और पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है। सरेआम हत्या, लूट, डकैती तथा महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में बाढ़ आना भी बसपा सरकार की प्रमुख उपलब्धि रही। अभी हाल ही में सुलतानपुर में कंाग्रेस कार्यकर्ता मयंकेश शुक्ला की हत्या में नामजद स्थानीय बसपा विधायक ने भी बसपा सरकार की उपलब्धि में चार चान्द लगाने का कार्य किया है। जनतान्त्रिक मूल्यों को कुचलने का कार्य इस सरकार में किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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पार्टी के जनाधार को और ज्यादा बढ़ाने के साथ-साथ पार्टी की इमेज को भी जनता की आशा के अनुरूप बनायें : सुश्री मायावती

Posted on 13 May 2010 by admin

22 मई, 2010 से कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार के उ.प्र. के साथ सौतेले रवैये व महंगाई के खिलाफ राज्य-व्यापी जनहित आन्दोलन को सफल बनायें : सुश्री मायावती जी की अपील

लखनऊ - बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेष की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी के निर्दे पर राज्य के वरिष्ठ व ज़िम्मेदार पार्टी पदाधिकारियों की आज यहां पार्टी के प्रदेष कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुयी, जो लगभग तीन घण्टे चली तथा इस बैठक में पार्टी के जनाधार को और ज्यादा बढ़ाने, संगठन को मज़बूत बनाने तथा 22 मई, 2010 से षुरू होने वाले राज्य-व्यापी जनहित आन्दोलन की तैयारी के सम्बंध में विस्तार से चर्चा की गई।

इस बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ व ज़िम्मेदार पदाधिकारी माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी से उनके निवास स्थान पर मिले और पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के साथ-साथ पार्टी की इमेज को जनता की आषा के अनुरूप बनाने के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष को पे की तथा उनसे आवश्यक दिशा-निर्दे प्राप्त किये। मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने कहाकि प्रदे की बसपा सरकार यहां की जनता को अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त व भ्रष्टाचारमुक्त वातावरण देने के लिये कृत संकल्प है तथा इस सम्बंध में अपना प्रयास लगातार जारी रखेगी।

इस बैठक में सुश्री मायावती जी ने केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार द्वारा उत्तर प्रदे सरकार के साथ सौतेला व पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने तथा साथ ही केन्द्र द्वारा ग़लत आर्थिक नीति अपनाने के कारण दे भर में लगातार बढ़ रही महंगाई के खिलाफ, केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार के एक वर्ष पूरा होने के दिन अर्थात् 22 मई, 2010 से षुरू होने वाले राज्य-व्यापी जनहित आन्दोलन की तैयारियों की प्रगति रिपोर्ट ली तथा पार्टी के लोगों से इस जनहित आन्दोलन में पूरे तन, मन, धन से जुट कर इसे सफल बनाने की अपील की।

उल्लेखनीय है कि 22 मई सन् 2010 से बी.एस.पी. इस राज्य-व्यापी जनहित आन्दोलन के तहत प्रदे के सभी ज़िले की एक विधानसभा सीट पर धरना-प्रदर्षन करने जा रही है, ताकि कांग्रेस पार्टी का हाथ, ग़रीबों के साथ नहीं, बल्कि पूंजीपतियों के साथ का भण्डाफोड़ करने के साथ ही उत्तर प्रदे की बसपा सरकार के साथ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के सौतेले व पक्षपातपूर्ण रवैये के प्रति आम जनता को जागरूक बनाया जा सके। दिनांक 22 मई, 2010 से, प्रत्येक ज़िले के एक विधानसभा मुख्यालय पर एक दिन के ज़ोरदार धरना- प्रदर्शन कार्यक्रम के बाद, हर ज़ोन में प्रत्येक बुधवार को एक विधान सभा क्षेत्र के मुख्यालय पर इसी प्रकार का धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम लगातार आयोजित किया जायेगा और इस प्रकार यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेष के सभी 403 विधान सभा क्षेत्रों में पूरा (कवर) होने तक लगातार जारी रहेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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पूर्व विधायक श्री अफसर यू0 अहमद को पार्टी की सदस्यता से निलंबित किया

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ - सन्तकबीर नगर के पूर्व विधायक श्री अफसर यू0 अहमद को डुमरियांगज विधानसभा उपचुनाव के समय जान-बूझकर पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री जगदिम्बका पाल के विरूद्ध समाचारपत्रों में अनर्गल एवं अनावश्यक बयानबाजी कर कांग्रेस पार्टी की छवि धूमिल करने के आरोप में आज उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी अनुशासन समिति के चेयरमैन एवं पूर्व मन्त्री श्री रामकृष्ण द्विवेदी ने तत्काल प्रभाव से पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दस दिनों के अन्दर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है।

यह जानकारी उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मुख्यमन्त्री द्वारा कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाना सरासर मिथ्या, झूठ एवं तथ्यों से परे - कांग्रेस

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ- पंचायतों एवं स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण देने के मा0 सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए उ0प्र0 की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती द्वारा कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप लगाना कि उन्होने प्रदेश की अतिपिछड़ी सत्रह जातियों(कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, बाथम, तुरहा, गोण्ड, माझी, मछुवा) को अनु.जाति में शामिल किये जाने के सम्बन्ध में उन्होने प्रधानमन्त्री जी को विगत 20मार्च,08 को पत्र लिखा किन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई, सरासर मिथ्या, झूठ एवं तथ्यों से परे है। इसका मकसद इन अतिपिछड़ी जातियों को बरगलाना है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सच्चाई तो यह है कि सुश्री मायावती ने प्रधानमन्त्री जी को 04मार्च,08 को जो पत्र लिखा उसके प्रत्युत्तर में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मन्त्रालय द्वारा 11.4.08 को पत्र लिखकर राज्य सरकार से अनुरोध किया था कि तत्सम्बन्धी प्रकरण में सारी आवश्यक सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर भरकर भेजें, ताकि उस पर कार्यवाही की जा सके। लगभग दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक उसका जवाब राज्य सरकार ने नहीं भेजा। सुश्री मायावती ने पिछड़े वर्ग को मुख्य धारा से जुड़ने न देने जैसी कोरी बात कहकर कांग्रेस पार्टी पर आरोप तो जड़ दिया, जबकि आरोप लगाने से पहले इन्हें अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए थी। स्पष्ट है कि मुख्यमन्त्री इस मुद्दे पर आवश्यक कदम उठाने के बजाए कोरी राजनीति कर रही हैं।

मुख्य प्रवक्ता ने कहाकि सुश्री मायावती की पूर्ववर्ती सरकार ने इस दिशा में जो कदम उठाया था, सुश्री मायावती ने सत्ता में आते ही उस पर रोक लगाने हेतु 6.6.2007 को प्रधानमन्त्री जी को पत्र लिख दिया। केवल स्वयं श्रेय लेने के उद्देश्य से ऐसा किया गया। पत्र में मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती द्वारा स्पष्ट तौर पर यह उल्लेख किया गया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस दिशा में जो प्रयास किया गया है उसे रोककर यथास्थिति बनायी रखी जाये। इसके उपरान्त उन्होने 4मार्च2008 को पत्र लिखा था। अब जबकि केन्द्र से आए हुए पत्र को दो वर्ष बीत गये हैं, सुश्री मायावती ने इस मुद्दे को ठण्डे बस्ते में डालकर रखा है।

श्रीवास्तव ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस पार्टी ने ही पिछड़ों के हितों के लिए कार्य किये हैं। कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाने से पहले सुश्री मायावती को प्रदेश की इन सत्रह अति पिछड़ी जातियों को अनु.सूचित जाति में शामिल करने के लिए पहले केन्द्र द्वारा मांगी गई सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर भरकर अविलम्ब केन्द्र सरकार के पास प्रेषित कर अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी सुश्री मायावती के पिछड़े वर्ग के सम्बन्ध में की गई गलतबयानी की कड़ी आलोचना करती है।

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बी0एस0पी0 सरकार की नीतियों के कारण प्रदेश में खुशहाली व जनता को राहत- मायावती

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ- उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 38 वर्ष तक शासन किया है और इसी तरह केन्द्र में भी लगभग 50 वर्ष तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा है। इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की गरीबी और बेरोजगारी दूर करने पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रधानमन्त्री उत्तर प्रदेश से ही रहे है, किन्तु गरीबों के प्रति कांग्रेस सरकारों के उदासीन रवैये के कारण ही प्रदेश से बड़े पैमाने पर पलायन हुआ और रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश के लोगों को मुम्बई और दिल्ली जैसे शहरों में बसना पड़ा, जहां कांग्रेस शासित इन राज्यों की सरकारों ने भी इन लोगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाया।

सुश्री मायावती आज अपने सरकारी आवास पर बी0एस0पी0 सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेन्स के दौरान एक  प्रश्न पूछे जाने पर कि क्या श्री बिल गेट्स के साथ अमेठी भ्रमण के दौरान कांग्रेसी सांसद प्रदेश की गरीबी का मार्केटिंग कर रहे हैं, कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी तथा भाजपा एवं अन्य दलों की सरकारों ने भी जनता के हितों और प्रदेश के विकास पर ध्यान नहीं दिया है। ये पार्टियां सिर्फ हवाई बातें करती रहीं। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार द्वारा प्रदेश के विकास और जनता के हित में उठाये गये कदमों के फलस्वरूप प्रदेश की जनता अपने को खुशहाल एवं काफी राहत महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 की पूर्ण बहुमत की सरकार ने अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के के माध्यम से प्रदेश के विकास व जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हर सम्भव प्रयास किया है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और देश की लगभग 18 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश को केन्द्रीय संसाधनों में से सिर्फ 07 प्रतिशत ही हिस्सा मिलता है। जबकि बिहार को केन्द्रीय करों में लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है। इस तरह उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव का रवैया अपनाया जा रहा है।

सुश्री मायावती ने कहा कि आजादी के बाद से देश में अधिकतर कांग्रेस का ही शासन रहा है। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश लगातार पिछड़ता चला गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सौतेले रवैये एवं उपेक्षापूर्ण व्यवहार के बाद भी बी0एस0पी0 सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति को काफी हद तक सुदृढ़ बनाने के साथ ही विकास के लिए हर सम्भव कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय है कि बी0एस0पी0 के शासनकाल के पहले दो वर्ष (2007-2009) में उत्तर प्रदेश की विकास दर 7.1 प्रतिशत रही, जबकि पूरा विश्व आर्थिक मन्दी के दौरा से गुजर रहा था, इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि काफी महत्वपूर्ण कही जा सकती है। इसके विपरीत पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की औसत वार्षिक विकास दर 4.9 प्रतिशत तक ही रही।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के जिला/महानगर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामन्त्री, कोषाध्यक्ष एवं प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्षों की बैठक मे प्रस्तुत प्रस्ताव

Posted on 13 May 2010 by admin

सरकार के तीन वर्ष : प्रदेश का काला अध्याय
लखनऊ -  बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल के तीन वर्ष प्रदेश के इतिहास के कलंकपूर्ण अध्याय रहे हैं। इस अवधि में प्रदेश विकास के क्षेत्र में मीलों दूर पीछे ढकेल दिया गया है। राज्य की अर्थव्यवस्था दिवालिएपन के कगार पर पहुंच गई है। राजकोष के भयंकर दुरूपयोग के चलते जनता की गाढ़ी कमाई पत्थरों, पार्को, स्मारकों और बसपा नेताओं की प्रतिमाओं पर खर्च की जा रही है। अनुत्पादक मदों पर व्यय से विकास कार्य ठप्प हैं। प्रदेश की सरकार ने संवैधानिक प्रतिष्ठानों के निरन्तर अवमूल्यन और लोकतन्त्र को लांछित करने का काम किया है। विपक्ष के प्रति असम्मानपूर्ण आचरण, जनान्दोलन का बर्बर दमन और माफियाओं का संरक्षण इस सरकार ने जिस बेहियायी से किया हैं, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल है।

जबसे प्रदेश में बसपा सरकार बनी है कानून व्यवस्था का संकट निरन्तर गहराता गया है। राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश मानवाधिकारों के हनन, दलितों के उत्पीड़न, महिलाओं पर अत्याचार तथा कुप्रबंधन के मामलों में शीर्ष स्तर पर स्थान पाता रहा है। भयमुक्त समाज का नारा देने वाली सरकार में सिर्फ वही व्यक्ति भयमुक्त है जिस पर किसी अपराधी की निगाह किसी कारणवश न पड़ी हो। सरकार में शामिल कई मन्त्री संगीन धाराओं में आरोपित हैं और बसपा के विधायकों, सॉसदों में तो माफियाओं की भरमार है। अपराधियों की छंटनी के नाटक में मुख्यमन्त्री को वांछित वसूली न दे सकने वाले अपराधी ही चििन्हत हो रहे हैं। बड़े अपराधी तो उनकी निगाह में गरीबों के मसीहा होते हैं। इन मसीहाओं ने सरकारी संरक्षण में लूट, वसूली, कोठी-प्लाट पर कब्जा, हत्या, अपहरण की वारदातों को ऐसा अंजाम दिया कि प्रदेश में जंगलराज कायम हो गया है। पुलिस थानों में गरीब और सामान्य जन की सुनवाई नहीं हो रही है। खुद पुलिसतन्त्र में अराजकता का हाल यह है कि स्वयं डीजीपी के आदेश भी नहीं माने जाते हैं, पुलिस बल के प्रयोग के लिए आए कारतूस और हथियार अराजकतत्वों, नक्सलियों, माओवादियों को बेचे जा रहे है।
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तीन साल में प्रदेश में मिलावट, जमाखोरी और नकली शराब के धंधे को फलने-फूलने का पूरा मौका दिया गया है। मिलावट का रोग अब पराग दूध  जैसे सरकारी उपक्रमों तक पहुंच गया है। जहरीली शराब ने सैकड़ों लोगों की जाने ले ली है। मंहगाई की मार से जनता बुरी तरह त्रस्त हैं। सरकार ने खुद वैट पर सैट लगाकर इसे बढ़ाया है। समाजवादी पार्टी ने इसके खिलाफ 19 जनवरी और 27 अप्रैल, 2010 को आन्दोलन किए जिसमें जनता ने भारी संख्या में भागीदारी की। इसकी सफलता से बौखलायी सरकार ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की कार्यवाही शुरू कर दी है। झूठे मामलों में गिरफ्तारी, उनके घरों पर दबिश डाली जा रही है और घरवालों तक को थानों पर बुलाकर बिठाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी प्रदेश सरकार को इससे बाज आने की चेतावनी देती है।

मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रदेश के बुनियादी ढांचे को ही बिगाड़ कर रख दिया है। सड़क, बिजली, पानी के क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। बसपा सरकार के समय इसीलिए उद्योग क्षेत्र में पूंजीनिवेश शून्य है। जो उद्योग धंधे लगे भी है, वे बन्दी के कगार पर हैं। मजदूर बेकार हो रहे है। कुप्रबंधन एवं कोई नीति न होने के कारण पावर कारपोरेशन को अब तक 33750 करोड़ का घाटा हो चुका है। गांवों में दो घंटे भी बिजली नहीं आती है। अब तो राजधानी क्षेत्र में भी कटौती होने लगी है। मन्त्री खुद बिजली चोरी की बात स्वीकार करते है पर अपने विभाग पर उनका कोई नियन्त्रण नहीं है। समाजवादी पार्टी की सरकार में मुख्यमन्त्री श्री मुलायम सिंह यादव ने गद्दी छोड़ते समय सरकारी खजाने में 24 हजार करोड़ रूपया छोडे़ थे। बसपा सरकार ने राजकोष को लूट कर तीन वर्षो में प्रदेश को कंगाल बना दिया है।

किसानो के प्रति तो इस सरकार का शुरू से ही सौतेला व्यवहार रहा है। इस सरकार ने आते ही गन्ना, धान और गेहूं की खरीद में घपलेबाजी को बढ़ावा देना शुरू कर दिया। न्यूनतम समर्थन मूल्य ऐसे घोषित किए गए जिनसे लागत भी नही निकलती है। बीज, खाद, सिंचाई पर कोई ध्यान नहीं दिए जाने से बाजार कालाबाजारियों के कब्जे में चला गया और किसान कर्ज में डूबता गया हैं। खरीद केन्द्रों में लूट मची हुई है। बिचौलिए और भ्रष्ट अफसर चॉदी काट रहे हैं। किसानों की कृषि भूमि एक्सप्रेस वे के नाम पर हड़पी जा रही है और उसे पूंजीपतियों को कम दामों पर देकर ऊंचा कमीशन कमाया जा रहा है।

सरकार की योजनाएं दिखाने भर की हैं। गरीबों का इससे बड़ा मजाक क्या होगा कि इन्दिरा आवास, अम्बेडकर ग्राम योजना, कांशीराम आवास योजना के नाम पर घटिया निर्माण और असुरक्षित आवास ही बने हैं और उनके आवंटन में भी लेन देन की शिकायतें आ रही हैं। दलितों के साथ यह बेहूदा मजाक है। गरीबों को राशन, किरोसिन कुछ भी नही मिलता है। दरअसल, इस सरकार की जो भी योजना बनती है उसके पीछे कमीशन और ठेके  का खेल भी जुड़ा रहता है। गरीबों, दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के हित में जो तमाम योजनाएं श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमन्त्रित्वकाल में प्रारम्भ हुई थी, वे सब सरकारी उपेक्षा की शिकार हो गई हैं। अल्पसंख्यक समाज के नौजवान इस सरकार मे सबसे ज्यादा उत्पीड़न के शिकार बने है। आतंकवादी बताकर सैकड़ों निर्दोष लोगों की गिरफ्तारियां एवं फर्जी इन्काउंटर किए गए है।

प्रदेश की बर्बादी केन्द्र की कांग्रेस के साथ राज्य की बसपा सरकार की मिलीभगत से ही हुई है। मंहगाई की बढ़त उन्हीं की देन है। मुख्यमन्त्री के आय से अधिक सम्पत्ति का मामला हो या करोड़ों के नोटों की मालाओं का, वसूली और कोठी कब्जे का या तमाम बेनामी संपत्ति बटोरने का, हर मामले में केन्द्र सरकार का इसे संरक्षण मिलता रहा है। मुख्यमन्त्री बदले में कांग्रेस को समर्थन दे रही है। महिला आरक्षण  बिल में  पिछड़ा वर्ग और  अल्पसख्यकों का  कोटा निर्धारित किए जाने तथा जाति आधारित गणना के मुद्दों पर मुख्यमन्त्री का रवैया ढुलमुल है। उन्होने मनरेगा जैसी केन्द्रीय योजनाओं में भी घपलों को प्रोत्साहित किया है पर केन्द्र सरकार उसकी जॉच नहीं करती है। इस सम्बन्ध में राज्यपाल महोदय की भूमिका भी मूकदर्शक की रही है। उन्होने प्रदेश की असंवैधानिक, जन विरोधी, विकास विरोधी तथा भ्रष्ट सरकार के विरूद्ध शिकायतो पर कोई कार्यवाही न कर अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं किया है।

समाजवादी पार्टी प्रदेश की बदहाली पर चिन्ता एवं प्रशासन की सत्तारूढ़ दल के एजेंन्ट बन जाने की भूमिका पर गहरा क्षोभ जताते हुए तथा पिछले तीन वर्षो में आम जनता को जिन त्रासद स्थितियों से सरकारी रीति-नीति के कारण गुजरना पडा है, उसकी तीव्र शब्दों में भत्र्सना करती हैं। समाजवादी पार्टी गांधी जी के शान्तिपूर्ण अहिंसक आन्दोलन में विश्वास रखती है। वह जनान्दोलन के द्वारा ही प्रदेश में परिवर्तन लाने का संकल्प व्यक्त करती है और प्रदेश के करोड़ों लोगों से इसमें सहयोग एवं समर्थन का आवाह्न करती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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मुलायम सिंह 15 मई को बलिया में श्रन्द्धाजलि कार्यक्रम में भाग लेगें

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव 15 मई,2010, शनिवार को बलिया में पूर्वमन्त्री स्व0 शारदानन्द अंचल के ग्राम पशुहारी स्थित आवास पर आयोजित श्रन्द्धाजलि कार्यक्रम में भाग लेगें।

श्री अंचल का निधन गत 2 मई,2010 को हो गया था। समाजवादी पार्टी के संगठन में जिला से प्रदेश स्तर तक और समाजवादी पार्टी की सरकार में मन्त्री के रूप में उन्होने कई विभागों की जिम्मेदारियां सम्हाली थी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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