Categorized | राज्य

सरकार के तीन वर्षो का कार्यकाल कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित एवं विकास कार्यों के मामले में अति-उत्साहवर्धक रहा - सुश्री मायावती

Posted on 13 May 2010 by admin

लखनऊ -  उत्तर प्रदे की माननीया मुख्यमन्त्री व बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती ने यहां कहाकि प्रदेष में बसपा सरकार के तीन वर्षो का कार्यकाल कानून-व्यवस्था के साथ-साथ जनहित एवं विकास कार्यों के मामले में अति-उत्साहवर्धक रहा है। साथ ही, यह भी एक कड़वा सच है कि इन पिछले तीन वर्षो के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार का रवैया उत्तर प्रदे की जनता के प्रति काफी सौतेला व पक्षपातपूर्ण रहा है और यदि केन्द्र सरकार से उत्तर प्रदे को केन्द्र के तहत मिलने वाली धनराशि समय पर पूरी-पूरी मिल गई होती तो प्रदे के विकास और जनहित के मामलों में प्रदे सरकार और भी बेहतर परिणाम दे सकती थी।

उत्तर प्रदे में बसपा सरकार के तीन वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में, आज यहां एक संवादादता सम्मेलन में मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने केन्द्र की सरकार की तीखी आलोचना करते हुये कहाकि केन्द्र सरकार द्वारा आबादी के हिसाब से दे के सबसे बड़े प्रदे, उत्तर प्रदे की आम जनता के हित व कल्याण की अनदेखी करना व केन्द्र का पर्याप्त धन भी यथासमय पूरा-पूरा नहीं देना, प्रदे की जनता के साथ घोर अन्याय है। इस सम्बंध में यह विदित है कि बसपा सरकार बनने के बाद, केवल तीन वर्षो के दौरान, केन्द्र सरकार ने केन्द्र का लगभग 17 हज़ार करोड़ रुपया समय पर पूरा-पूरा नहीं दिया, जिस कारण इस धनराशि के अभाव में विकास का काम काफी ज्यादा प्रभावित हुआ तथा विकास के अनेकों काम समय पर पूरे नहीं किये जा सके, जिससे निर्माण लागत में बढ़ोत्तरी का अतिरिक्त व्यय भार भी राज्य सरकार पर काफी बढ़ा है। इस प्रकार कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की सरकार का यह नकारात्मक रवैया ना केवल राज्य की विशाल आबादी के प्रति घोर अन्यायपूर्ण है, बल्कि उत्तर प्रदेष में बसपा सरकार के विरुद्ध ड्यन्त्रकारी भी है। इस प्रकार, उत्तर प्रदे की विषाल आबादी को लगातार पिछड़ा तथा उत्तर प्रदे को पिछड़ा हुआ प्रदे बनाये रखने की केन्द्र सरकार की यह एक गहरी साज़ि लगती है, जिसका शक्ती के साथ विरोध किया जाना आवष्यक है।

इसके अलावा, इस सम्बंध में यह सर्वविदित है कि आज़ादी के बाद से अब तक लगभग 60 वर्षो के दौरान केन्द्र व ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस, बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों की ही सरकारें रही हैं और इस दौरान इन सरकारों ने, लगातार ग़लत आर्थिक नीतियां अपनायीं, जिस कारण ग़रीबी दूर करने, लोगों को शिक्षित बनाने, उन्हें रोज़गार मुहैया कराने व उन्हें आत्म-सम्मान के साथ जीवन यापन करने देने के मूल उद्देष्य की प्राप्ति नहीं हो सकी है। इसका एक प्रमुख कारण यह भी है कि केन्द्र सरकार राज्य के प्रति सौतेला व पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाती रही और साथ-ही-साथ, स्वयं अपनी ओर से (गांधी-नेहरू )के नाम पर अनेकों योजनायें बनाकर उन्हें राज्य सरकारों पर लगातार थोपती रही हैं, जबकि केन्द्रीय अधिनियमों के क्रियान्वयन सम्बंधी परियोजनाओं के वित्तपोण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय के (जुडिशियल इम्पैक्ट असेसमेन्ट) सम्बंधी दिनांक 2 अगस्त सन् 2005 के निर्देश के तहत केन्द्रीय सरकार द्वारा मा. न्यायमूर्ति एम. जगननाध राव की अध्यक्षता में (जुडिशियल इम्पैक्ट असेसमेन्ट) के परीक्षण के लिये गठित टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में भी जो संस्तुति की है उसके अनुसार यदि केन्द्र सरकार संघीय सूची तथा समवर्ती सूची में सम्मिलित किसी विशय पर अिधनियम बनाती है एवं राज्य सरकार को उक्त अधिनियम के कार्यान्वयन एवं अनुपालन का निर्देश देती है, तो केन्द्र सरकार को उक्त अधिनियम को लागू करने में निहित शत्-प्रतिशत् वित्तीय भार वहन करना चाहिये। इस परिप्रेक्ष्य में (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) इत्यादि केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन में निहित (सम्पूर्ण व्यय-भार) केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिये अर्थात् राज्य सरकार को इसका व्यय-भार हस्तान्तरित नहीं किया जाना चाहिये।

और इस बारे में अब तक का कड़वा सच यह है कि केन्द्र सरकार द्वारा इन योजनाओं के लिये भी समय पर पैसा भी पूरा-पूरा नहीं दिया जाता है और फिर आगे चलकर केन्द्र सरकार अपनी (विफलता) पर पर्दा डालने के लिये, ग़लती का ठीकरा प्रदे की सरकारों के सर फोड़ने का प्रयास करती हैं। जिन राज्यों में कांग्रेस पार्टी की सरकारें हैं वे इस (कड़वे सच) को जनता के सामने नहीं लाती हैं, किन्तु सवाल यह है कि ख़ास कर उत्तर प्रदे जैसे बड़े व ग़रीब राज्य की सरकार, केन्द्र के इस प्रकार के सौतेले रवैये के साथ-साथ, उपेक्षापूर्ण रवैये को आखिर कब तक (बर्दाष्त) कर अपने राज्य की जनता के हित और कल्याण के प्रति ख़ामो रहे।

और जैसाकि हाल ही में पिछले महीने कांग्रेस पार्टी की ओर से यह बयान दिया गया कि: (हिन्दुस्तान में पैसे की कमी नहीं है, पैसा बहुत है)। परन्तु इस सम्बंध में यह बात सच है कि (भारत, ग़रीब लोगों का अमीर दे है), क्योंकि केन्द्र सरकार विभिन्न केन्द्रीय करों के माध्यम से, दे भर में तमाम राज्यों से पैसा वसूल कर अपना ख़ज़ाना भर लेती है और इस धन को बड़े ही मनमाने ढंग से ख़र्च भी करती है। और दूसरी ओर हमारी सरकार को, राज्य की जनता के हित में,विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की मांग करने के बावजूद इसमें से कोई पैसा नहीं दिया जाता है। और बड़े दु:ख की बात यह है कि इस मामले में केन्द्र सरकार का रवैया काफी मनमाना, सौतेला व उपेक्षापूर्ण रहता है, जो कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के भारतीय संविधान की मंषा के बिल्कुल विपरीत है। इस रवैये से उत्तर प्रदे जैसे पिछड़े राज्य का ज्यादा चिन्तित होना स्वाभाविक है, क्योंकि यह आबादी के हिसाब से दे का सबसे बड़ा राज्य है तथा विकास के मानक पर यह हमेशा से काफी पिछड़ा हुआ भी रहा है।

और जहां तक प्रदे में बसपा सरकार के तीन वर्श पूरा होने की बात है तो इस मामले में हमारी सरकार ने औरों की तरह (हवाई) बयानबाज़ी करने के बजाय, ठोस, ज़मीनी व बुनियादी ज़रूरतों का कार्य करने का प्रयास किया है, ताकि इन योजनाओं के पूरा हो जाने पर आम लोगों की ज़िन्दगी में वास्तविक सुधार आ सके। इस मामले में, हमारी सरकार ने अपनी मज़बूत इच्छाशक्ती के बल पर कई बड़ी महत्वाकांक्षी जनोपयोगी योजनाओं को पिछले तीनवर्षो के अन्दर अमलीजामा पहनाया है ताकि आम आदमी, बसपा और कांग्रेस, बी.जे.पी. व अन्य विरोधी पार्टियों की सरकार में (बुनियादी फ़र्क़) को महसूस कर सके।

इस सम्बंध में उत्तर प्रदे में बसपा सरकार द्वारा जनहित की अनेकों बड़ी व महत्वाकांक्षी योजनायें सर्वसमाज के लोगों के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर चलायी गई हैं, जिनमें से (डा. अम्बेडकर ग्रामीण समग्र विकास योजना), (मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना), (मान्यवर श्री कांषीराम जी हरी ग़रीब आवास योजना), (सर्वजन हिताय षहरी ग़रीब आवास (स्लम एरिया) मालिकाना हक़ योजना),  (महामाया ग़रीब बालिका आशीर्वाद योजना), (सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, उत्तर प्रदे मुख्यमन्त्री महामाया ग़रीब आर्थिक मदद योजना आदि प्रमुख हैं।

इसके अलावा भी, सभी प्रकार की पेंन राशि में वृद्धि के साथ-साथ गंगा एक्सप्रेस-वे, ताज एक्सप्रेस-वे योजना तथा राजधानी लखनऊ, अयोध्या- फ़ैज़ाबाद, वाराणसी, मथुरा, इलाहाबाद, आगरा, कानपुर, कन्नौज, मेरठ आदि प्राचीन व प्रमुख हरों में लोगों की आम ज़रूरतों व सुख सुविधाओं हेतु बुनियादी सुविधाओं का विकास इस बात का प्रमाण है कि हमारी सरकार ने अपने तीन  वर्षो के अल्प षासनकाल में ही ऐसे कई बड़े काम किये हैं, जो दूसरी पार्टियों ने अपने शासनकाल के दौरान तीस  वर्षो में क्या, बल्कि पिछले 60  वर्षो में नहीं कर पायी हैं।

साथ ही, युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता पाने की मानसिक ग़ुलामी से मुक्ति दिलाकर उन्हें सीधा रोज़गार देने के मामले में भी बसपा सरकार की उपलब्धि अतुलनीय है। इस सम्बंध में सर्वविदित है कि एक मुष्त लगभग एक लाख 9 हज़ार सफाईकर्मियों की भर्ती, 88 हज़ार प्राथमिक शिक्षकों की तथा 5 हज़ार उर्दू षिक्षकों की भर्ती के साथ-साथ पुलिस महकमे में एक साथ लगभग ढाई लाख नये पदों की स्वीकृति व इन पदों पर भर्ती कुछ ऐसे काम हैं जिनकी, सरकारी पदों पर रोज़गार मुहैया कराने के मामले में, दूसरी मिसाल मिलनी मुश्किल है। इसके साथ-साथ सरकारी प्रयासों से ग़ैर-सरकारी क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोज़गार के अवसर मुहैया कराये गये हैं। सरकारी नौकरियों में वर्षो से खाली पड़े अनुसूचित जाति/जनजाति के लिये आरक्षित पदों के बैकलॉग को भी पूरा किया गया है।

इसके साथ-साथ, अनुसूचित जाति/जनजाति समाज के ग़रीब लोगों की आर्थिक दशा सुधारने हेतु 25 लाख रुपये तक के सरकारी ठेकों में प्रथम बार आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई, जिस क्रम में अब तक 525.35 करोड़ रुपये के कार्यो के ठेके आवंटित किये जा चुके हैं। साथ ही, अनुसूचित जाति/जनजाति समाज के बच्चों के लिये आई.ए.एस. व पी.सी.एस. जैसी उच्च नौकरियों की कोचिंग हेतु, भागीदारी भवन लखनऊ तथा आगरा, अलीगढ़ व बरेली में प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की गई है। साथ-ही-साथ, ख़ासकर इन वर्गों के ग़रीब छात्र/छात्राओं को उच्च शिक्षा की सुविधा मुहैया कराने के उद्देष्य से ज़िला गौतम बुद्ध नगर में विष्व-स्तरीय गौतम बुद्ध विष्वविद्यालय स्थापित किया गया है जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग, धार्मिक अल्पसंख्यक एवं सामान्य वर्ग के मेधावी बी.पी.एल छात्र/छात्राओं के लिये राजकीय व्यय पर यूरोपीय देष डेनमार्क  में उन्नत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये भेजा गया है।

इसके अलावा, बसपा सरकार ने बड़े पैमाने पर डाक्टरों और इंजीनियरों की वर्षो से रिक्त पड़े पदों पर भर्ती की है तथा सर्वसमाज के हित में सामान्य वर्ग के लोगों की भर्ती पर लगे प्रतिबन्ध को भी बसपा सरकार ने हटाने का काम किया है। साथ-ही-साथ, बिजली के क्षेत्र में उत्तर प्रदेष सरकार कई महत्वपूर्ण काम कर रही है और अगर केन्द्र सरकार ने ज्यादा दख़ल नहीं दिया, तो राज्य की जनता को सन् 2014 तक बिजली आपूर्ति के मामले में काफी राहत  अवश्य मिल जायेगी।

इस प्रकार, इन सब बातों से यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदे में बसपा ने तीन वर्षो के अपने शासनकाल के दौरान देमें समय-समय पर दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषो में भी ख़ासतौर से महात्मा ज्योतिबा फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर, सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीति के आधार पर सरकार चलायी है।

साथ-ही-साथ, मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहाकि इन सन्तों, गुरुओं व महापुरुषो को आदर-सम्मान देते हुये, इनके नाम से जनहित की अनेकों योजनायें शुरू की हैं और इसके साथ ही, स्मारक, संग्रहालय, मूर्तियां व पार्कों आदि का निर्माण करके, इनको पूरा-पूरा आदर-सम्मान दिया है, जिनकी पूर्व की सरकारों में जातिवादी मानसिकता के तहत चलकर उपेक्षा की गई है। लेकिन इसके साथ ही, मुख्यमन्त्री ने स्पष्ट किया कि इन कार्यों पर पिछले तीन वर्षो के दौरान कुल बजट का लगभग एक प्रतित से भी कम ख़र्च किया गया है, फिर भी इसके बारे में विरोधी पार्टियों के लोग आये-दिन ग़लत बयानबाज़ी करके जनता को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं।

सुश्री मायावती जी ने कहाकि प्रदे की बसपा सरकार ने समाज के हर वर्ग के लोगों को, एवं किसान, मज़दूर, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी तथा अन्य पेशे में लगे लोगों के साथ-साथ दलित, पिछड़े, धार्मिक अल्पसंख्यक व अपरकास्ट समाज के ग़रीब लोगों के हितों का ख़ास ख्य़ाल रखा गया है एवं उनके लिये रोज़ी-रोटी, युवाओं को रोज़गार व षिक्षा, आवास तथा अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ, अमन-चैन के माहौल में आत्म-सम्मान के साथ जीने का मार्ग प्रस्त किया है, जिसके बारे में यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदे में बसपा सरकार बनने के पहले यहां प्रदे में चारों तरफ हर मामले में यहां अराजकता व्याप्त थी अर्थात् एक प्रकार से कानून के राज के स्थान पर  जंगल राज  क़ायम था। लेकिन बसपा सरकार ने अपने शासनकाल के तीन वर्षो के अन्दर प्रदेष में हर मामले में अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त व भ्रष्टाचारमुक्त वातावरण पैदा करके यहां कानून द्वारा कानून का राज क़ायम किया है। और इस प्रकार का वातावरण पैदा करने के लिये, प्रदे में अपराधिक छवि वाले लोगों के खिलाफ विशेष अभियान लगातार जारी है।

इतना ही नहीं, बल्कि हमारी सरकार ने यहां काफी हद तक जातिवाद के आधार पर व्याप्त नफरत को काफी सफलतापूर्वक ख़त्म किया है, साम्प्रदायिक ताकतों को कमज़ोर बनाया है तथा साम्प्रदायिक सद्भाव को मज़बूत किया है। इसके साथ ही प्रदे के कुछ ज़िले, जो पहले से नक्सलवाद से प्रभावित चले आ रहे थे, वहां बसपा सरकार ने, उन क्षेत्रों के मूल निवासियों की समस्या को कुछ हद तक सुलझाकर, उनकी बुनियादी समस्याओं व विकास के मामले पर ध्यान देकर, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया है।

इन बातों के सम्बंध में जनता को विस्तार से जानकारी देने के लिये केन्द्रीय सहायता का कड़वा सच व उत्तर प्रदे की उपेक्षा एवं बसपा सरकार के तीन वर्षो के कार्यकाल के प्रमुख मदों में बजट का व्यय व महत्वपूर्ण उपलब्धियां नाम से एक पुस्तक का भी प्रकान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in