लखनऊ - सुश्री मायावती के नेतृत्व में बसपा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में उ0प्र0 में विकास शून्य रहा, सिर्फ पत्थरों के अवैध खनन में मन्त्रियों एवं विधायकों द्वारा कमीशनखोरी, मौरंग के खनन में कमीशनखोरी, पार्कों, मूर्तियों और स्मारकों के निर्माण में अरबों रूपये बर्बाद किया गया तथा बसपा विधायकों और मन्त्रियों के नाम कई हत्याएं तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाया जाना ही बसपा सरकार की मुख्य उपलब्धि रही।
गैर कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल में बिजली उत्पादन हेतु कोई भी पावर प्लाण्ट नहीं लगाया गया जबकि कांग्रेस शासनकाल में ओबरा, अनपरा, ऊंचाहार, टाण्डा आदि तमाम बिजलीघर स्थपित किये गये। जबकि गैर कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल में लगातार गिरावट होती चली गई,जिसके कारण मांग और आपूर्ति में काफी अन्तर आ गया। जिसका हश्र यह हुआ कि जहां 13मई2007 को बसपा सरकार की मुखिया ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद यह ऐलान किया था कि गांवों को चौदह घंटे बिजली दी जायेगी, बिजली मिलना तो दूर आज चाहे शहर हो या गांव, 18 से 20घंटे बिजली की कटौती हो रही है। जिसके कारण जहाँ प्रदेश के 2लाख 17हजार किसानों के गेहूं की फसल बिजली न होने के कारण सिंचाई के अभाव में ऐंठ जाने के कारण बिजली खरीदने वाला कोई नहीं है। इतना ही नहीं बिजली न होने से किसानों को सिंचाई के लिए 35रूपये प्रति लीटर डीजल खरीदना पड़ा जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और भी जर्जर हुई। बिजली के न होने से जहां प्रदेश के उद्योग चौपट हो रहे हैं, व्यापार पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। बिजली न होने से प्रदेश के लाखों छात्रों की शिक्षा पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। विगत बीस वर्षो से कोई भी पावर प्लाण्ट तो लगना दूर टाण्डा तथा ऊंचाहार को प्रदेश सरकार ने एनटीपीसी को बेंचने का काम किया। प्रदेश सरकार को इस सम्बन्ध में एक श्वेतपत्र जारी करना चाहिए कि प्रदेश में चीनी मिलें तथा सैंकड़ों फैक्ट्रियाँ कैसे बन्द हो गईं और इसकी जिम्मेदारी किसकी है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश की बसपा सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धि में केन्द्र सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए दिये गये धन में भ्रष्टाचार, घोटाला भी रहा, जिसे पहले तो सरकार दबाती रही किन्तु बाद में कांग्रेस पार्टी द्वारा आन्दोलन करने और दबाव बनाने पर लगभग तीन दर्जन जिलों के अधिकारियों पर कार्यवाही करनी पड़ी। सबसे बड़ी उपलब्धि इस सरकार की दलित उत्पीड़न में बढ़ोत्तरी की रही, जिसके तहत प्रदेश के तमाम जिलों में दलितों की जमीनों पर बसपा विधायकों, मन्त्रियों एवं सांसदों द्वारा जबरन कब्जा किया गया।
एक ओर जहां प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था के चलते प्रदेश में कोई नया उद्योग नहीं स्थापित हुआ, वहीं पूरा प्रदेश आज बिजली और पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है। सरेआम हत्या, लूट, डकैती तथा महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में बाढ़ आना भी बसपा सरकार की प्रमुख उपलब्धि रही। अभी हाल ही में सुलतानपुर में कंाग्रेस कार्यकर्ता मयंकेश शुक्ला की हत्या में नामजद स्थानीय बसपा विधायक ने भी बसपा सरकार की उपलब्धि में चार चान्द लगाने का कार्य किया है। जनतान्त्रिक मूल्यों को कुचलने का कार्य इस सरकार में किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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