लखनऊ- उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 38 वर्ष तक शासन किया है और इसी तरह केन्द्र में भी लगभग 50 वर्ष तक कांग्रेस पार्टी का शासन रहा है। इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की गरीबी और बेरोजगारी दूर करने पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रधानमन्त्री उत्तर प्रदेश से ही रहे है, किन्तु गरीबों के प्रति कांग्रेस सरकारों के उदासीन रवैये के कारण ही प्रदेश से बड़े पैमाने पर पलायन हुआ और रोजी-रोटी की तलाश में उत्तर प्रदेश के लोगों को मुम्बई और दिल्ली जैसे शहरों में बसना पड़ा, जहां कांग्रेस शासित इन राज्यों की सरकारों ने भी इन लोगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाया।
सुश्री मायावती आज अपने सरकारी आवास पर बी0एस0पी0 सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित प्रेस कान्फ्रेन्स के दौरान एक प्रश्न पूछे जाने पर कि क्या श्री बिल गेट्स के साथ अमेठी भ्रमण के दौरान कांग्रेसी सांसद प्रदेश की गरीबी का मार्केटिंग कर रहे हैं, कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी तथा भाजपा एवं अन्य दलों की सरकारों ने भी जनता के हितों और प्रदेश के विकास पर ध्यान नहीं दिया है। ये पार्टियां सिर्फ हवाई बातें करती रहीं। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 सरकार द्वारा प्रदेश के विकास और जनता के हित में उठाये गये कदमों के फलस्वरूप प्रदेश की जनता अपने को खुशहाल एवं काफी राहत महसूस कर रही है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 की पूर्ण बहुमत की सरकार ने अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के के माध्यम से प्रदेश के विकास व जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का हर सम्भव प्रयास किया है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और देश की लगभग 18 प्रतिशत आबादी यहां निवास करती है। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश को केन्द्रीय संसाधनों में से सिर्फ 07 प्रतिशत ही हिस्सा मिलता है। जबकि बिहार को केन्द्रीय करों में लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है। इस तरह उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव का रवैया अपनाया जा रहा है।
सुश्री मायावती ने कहा कि आजादी के बाद से देश में अधिकतर कांग्रेस का ही शासन रहा है। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश लगातार पिछड़ता चला गया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सौतेले रवैये एवं उपेक्षापूर्ण व्यवहार के बाद भी बी0एस0पी0 सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश की आर्थिक स्थिति को काफी हद तक सुदृढ़ बनाने के साथ ही विकास के लिए हर सम्भव कदम उठाये हैं। उन्होंने कहा कि उल्लेखनीय है कि बी0एस0पी0 के शासनकाल के पहले दो वर्ष (2007-2009) में उत्तर प्रदेश की विकास दर 7.1 प्रतिशत रही, जबकि पूरा विश्व आर्थिक मन्दी के दौरा से गुजर रहा था, इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश की यह उपलब्धि काफी महत्वपूर्ण कही जा सकती है। इसके विपरीत पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की औसत वार्षिक विकास दर 4.9 प्रतिशत तक ही रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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