Archive | December 14th, 2017

उपचुनाव को लेकर के भारतीय जनता पार्टी की गतिविधियां तेज

Posted on 14 December 2017 by admin

img-20171214-wa0028कानपुर देहात/लखनऊ 14 दिसम्बर 2017, कानपुर देहात के सिकंदरा विधानसभा के उपचुनाव को लेकर के भारतीय जनता पार्टी की गतिविधियां तेज हो गई हैं इस कड़ी में आज भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने भाजपा प्रत्याशी अजीत पाल के प्रचार में सिकंदरा में जनसभा की।
जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि स्वर्गीय मथुरा पाल जी ने पैरवी की थी कि जो बुंदेलखंड क्षेत्र में अन्ना प्रथा है और हमारा पशुधन सड़कों पर घूमने को मजबूर है उसके उपाय के लिए नंद घर बनाए जाएंगे उनके सपनों को पूरा करने के लिए अब हम लोग नंदघर बनाने जा रहे हैं। नंदघर में गाय बछड़े आदि अन्य जानवरों के चारे इलाज की व्यवस्था की जाएगी। वहां पशुओं के गोबर से खाद भी बनाई जाएगी जो कि किसानों के काम आएगी।img-20171214-wa00341
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 15 सालों में सपा, बसपा की सरकारों ने भ्रष्टाचार का बीज बोया था और जिसका पोषण कांग्रेस पार्टी भी करती थी इसीलिए इन पार्टियों के नेताओं के ऊपर मुकदमे भी हुए अब उस भ्रष्टाचार और माफिया गिरी पर लगाम लगाने के लिए हमने कड़ा कानून बनाया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद पारदर्शिता से काम हो रहा है और भ्रष्टाचार होने का तो सवाल ही नहीं है भारतीय जनता पार्टी की सरकार विकासोन्मुखी सरकार है और हमने आते ही सबसे पहले पूरे उत्तर प्रदेश में सड़कों के गड्ढों को भरने का काम किया और इसके अलावा किसानों और गरीबों के हित की अनेक योजनाएं बनाई। खाद को लेकर के भी किसानों को अब वह दिक्कत नहीं होती है। पुलिस के माध्यम से होने वाली वसूली पर भी रोक लगी है।
प्रमुख रूप से उप्र शासन में मंत्री एस.पी. सिंह बघेल, प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, क्षेत्रीय महामंत्री संगठन ओम प्रकाश जी, विधायक महेश त्रिवेदी, नीलिमा कटियार, अभिजीत सिंह सांगा, विनोद कटियार, निर्मला संखवार, प्रतिभा शुक्ला, वारसी आदि थे।

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Climate Agenda and Greenpeace India demands Regional Action Plan to control air pollution in Uttar Pradesh

Posted on 14 December 2017 by admin

press-conference-lucknow-14th-decAir Quality across Uttar Pradesh equally bad as Delhi but may have more severe impacts in absense of robost air quality monitoring and action plans to combat it

Lucknow,14th December 2017| The Climate Agenda and Greenpeace India held a joint press conference at U.P. Press Clubon 14th December 2017 to highlight the Rising Air Pollution levels and Health crisis across Uttar Pradesh.

While Delhi has been in the headlines for one of the worst air pollution crisis in its history, Uttar Pradesh, the densely populated State of India bordering Delhi, is also witnessing hazardous air pollution levels. November monthly average PM2.5 levels across prominent cities where real time monitoring of air pollution levels is done such as Varanasi (183), Lucknow (233), Kanpur (306), Noida (244), Ghaziabad (336), Agra (190) and Moradabad (272) are constantly beyond sever levls at three to five times the prescribed limits by CPCB (60) and eight to 12 times the WHO (25) prescribed standards. The avrage PM2.5 levels during the same time across Delhi were monitored to be at 251 µg/m3.

“Hazardous pollution levels are not just restricted to Delhi. Entire north India is grappling with a virtual public health emergency. The problem is quite severe. And yet we are looking at Delhi’s pollution scenario alone by turning a blind eye to health of people living across other regions exposed to equally hazardous pollution levels. Uttar Pradesh is a classic case of this. There are other cities in the Indo-Gangetic plains spanning right from Punjab going all the way to UP and Bihar that are just as polluted as Delhi. This clearly depicts that air pollution is a regional issue and solution to this lies in acting in a coordinated and systematic way across regions rather than limiting it to a few city centers such as Delhi.,” said Sunil Dahiya, Senior Campaigner, Greenpeace India.

The PM2.5 levels across Uttar Pradeshare constantly in very poor category and have breached the sever category several time similar to Delhi over past two months. Contrary to Delhi where at certain intervals during past two months pollution watchdog and Governmnet at-least direted some actions to cutdown hazardous air pollution levelsunder GRAP, ranging from shutting down Badarpur thermal power plant to closure orders to industries, increasing parking fees for vehicles, banning of construction activities and open waste burning, Uttar Pradesh was breathing the toxic fumes day in day out without any strong ations to safeguard public health.

Ravi Sekhar from The Climate Agenda concuded by saying that, “The impact of air pollution on human health has been studied extensively. But to make air pollution an issue among masses and to tell hem what they are breathing in, we need to have a robost air quality monitoring network across the state. We have passed the stage of merely debating about air pollution, short term measures such as graded response action plan (GRAP) similar to Delhi should also be implemented in other northern cities across Uttar Pradesh. Lucknow has shown an intent to copy and implement the Delhi GRAP in Delhi but the actions plan needs to be precautionary rather than reactionary as well as it shouldn’t just be a piece of paper and should be implemented in it’s eternity. There is an urgent need to implement strict, time-bound action plan to address various sources of air pollution across the state. We need an ambitious and systematic clean air action plan with focused and precise targets, clear timelines and demonstrable accountability towards public health. This should address the root causes of the problem,”.

For further details please contact-
Ravi Sekhar, The Climate Agenda, 8127401252, lokavidya.singrauli@gmail.com
Sunil Dahiya, Senior Campaigner, Greenpeace India, 9013673250, sunil.dahiya@greenpeace.org

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छोटे कारोबारियों को प्राथमिकता के साथ मिले कर्ज

Posted on 14 December 2017 by admin

केंद्र की मंशा कमजोर तबके के लोगों का विकास कर उन्हें मुख्य धारा के साथ जोड़ना है। लखनऊ में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति – अनुसूचित जनजाति हब के राज्य सम्मेलन में लघु और मध्यम उद्योगों के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास मूल मंत्र को लेकर कार्य कर रही है। img-20171214-wa0049
उन्होने कहा कि जबतक देश की 21 फीसद आबादी रोजगार से वंचित रहेगी विकास की हर परिकल्पना अधूरी मानी जाएगी। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक उद्यमों की कुल खरीद में कम से कम 4 फीसद अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों से करती है।
श्री पचौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकता कार्य है। बैंकों में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री पचौरी ने कहा कि छोटे कारोबारियों को भी प्राथमिकता के साथ कर्ज मिलना चाहिए। उन्होने कहा कि छोटे उद्योगों में रोजगार की अपार संभावनाएं निहित होती हैं। img-20171214-wa0051
प्रदेश के न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार छोटे और मझोले उद्यमियों को हर संभव मदद देने के लिए वचनबद्ध है। इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए एनएसआईसी के निदेशक (वित्त) एके मित्तल ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है।
इस एक दिवसीय सम्मेलन में बड़ी संख्या में दूर दराज से आए उद्यमियों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से स्थापित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति हब के जरिये जहां एक ओर युवा उद्यमियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाती है वहीं उन्हें उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है।

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डाॅ0 विद्याविन्दु सिंह एवं डाॅ0 अमिता दुबे की कृतियों को अखिल भारतीय सम्मान

Posted on 14 December 2017 by admin

साहित्य अकादमी (मध्य प्रदेश) द्वारा कृति पुरस्कार योजना के अन्तर्गत वर्ष 2015 के ‘पं0 भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार‘ से डाॅ0 विद्याविन्दु सिंह की काव्य कृति ‘हम पेड़ नहीं बन सकते‘ तथा वर्ष 2016 के ‘गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार‘ से डाॅ0 अमिता दुबे के कहानी संग्रह ‘सुखमनी‘ को पुरस्कृत किया गया।
amita-1 हरियाणा के महामहीम राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी के करकमलों द्वारा मानस भवन, भोपाल में गणमान्य अतिथियों एवं साहित्यकारों के सम्मुख मंगलवार, 12 दिसम्बर, 2017 को उत्तरीय, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न एवं रु0 51,000=00 से डाॅ0 विद्याविन्दु सिंह एवं डाॅ0 अमिता दुबे को सम्मानित किया गया। इस अवसर श्री सुरेन्द्र पटवा, संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मध्य प्रदेश सरकार, श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश एवं श्री उमेश कुमार सिंह, निदेशक, साहित्य अकादमी विशेष रूप से उपस्थित रहे। यहाँ उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय स्तर के 10 पुरस्कार में से उपर्युक्त 02 पुरस्कार लखनऊ, उत्तर प्रदेश के दो साहित्यकारों को प्रदान किये गये।

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निधन पर गहरा शोक

Posted on 14 December 2017 by admin

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने जनपद महाराजगंज समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री यमुना प्रसाद यादव के निधन पर गहरा शोक जताते हुए संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त किया है।
65 वर्षीय श्री यमुना प्रसाद यादव ग्राम रम्भौली तहसील सदर जिला महाराजगंज के निवासी थे। उनका निधन आज लखनऊ में एक प्राईवेट अस्पताल में हुआ।

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समाजवादी सरकार की योजनाओं को बंद कर देने के खिलाफ आवाज उठाई

Posted on 14 December 2017 by admin

उत्तर प्रदेश विधानमण्डल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आज समाजवादी पार्टी के विधायकों ने विधान सभा और विधान परिषद में सŸाारूढ़ दल भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध किया। दोनों सदनों में समाजवादी विधायकों ने भाजपा सरकार पर विपक्ष को उत्पीड़ित करने, अपराध की घटनाओं में अंधाधुंध वृद्धि, कानून व्यवस्था की बदतर हालत, विद्युत दरों में भारी वृद्धि के साथ किसानों, नौजवानों और गरीबों के हित की समाजवादी सरकार की योजनाओं को बंद कर देने के खिलाफ आवाज उठाई। 14-12-a
समाजवादी पार्टी के विधायकों ने भाजपा सरकार पर सŸाा का दुरूपयोग करने, चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त करने, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के नाम पर घोटाला करने का भी आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तावित यूपीकोका जैसे जनविरोधी कानून को विपक्षियों और जनता को प्रताड़ित करने वाला करार देते हुए उसे तत्काल वापस लिए जाने की मांग की।
1- उत्तर प्रदेश मेें भाजपा सरकार को बने 9 महीने हो चुके है। इस अवधि में जनहित में कोई नया काम नहीं हुआ है। समाजवादी सरकार के समय की कई जनोपयोगी योजनाएं बंद हो गई हैं। नोटबंदी, जीएसटी और मंहगाई से परेशान जनता बदहाल और परेशान है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर है। पूरी तरह से अराजकता व्याप्त है। कोई दिन ऐसा नही जाता है जबकि महिलाओं और बच्चियों तक से दुष्कर्म की घटनाएं नही होती हांे, लूटपाट, अपहरण, डकैती और हत्या की वारदातों में बढ़़ोत्तरी है। व्यापारियों के साथ लूट और हत्या की कई घटनाआंे का खुलासा भी नही हो पाया है।
2- भाजपा सरकार से कानून व्यवस्था तो सुधर नही रही उससे अपराधियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वह पुलिस पर भी हमलावर होने में नही हिचकते हैं। पुलिस का इकबाल गिरता जा रहा है। भाजपा नेता, मंत्री, विधायक और सांसद सत्ता मद में प्रशासनिक मामलों में हस्तक्षेप के साथ अधिकारियों को प्रताड़ित करने का काम धड़ल्ले से कर रहे हैं। समाजवादी सरकार ने यूपी 100 डायल व्यवस्था लागू की जिससे अपराध नियंत्रण होता। 1090 वूमेन पावर सेवा मेें महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं रूक रही थी। भाजपा सरकार ने इन व्यवस्थाओं को बर्बाद कर दिया।
3- भाजपा सरकार ने सŸाा का दुरूपयोग करते हुए प्रशासनतंत्र को पंगु बना दिया है। निर्वाचित ब्लाक प्रमुखों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों को हटाने के लिए पुलिस बल का खुला दुरूपयोग किया गया। निकाय चुनावों में भी प्रशासनिक मशीनरी का पक्षपात दिखाई दिया।
4- भाजपा सरकार के दबाव में प्रशासन विरोधीपक्ष के कार्यकर्Ÿााओं, नेताओं का उत्पीड़न करने में लगा है। ऐसे में यूपीकोका जैसा जनविरोधी कानून लाया जा रहा है ताकि विपक्षियों और जनता को प्रताड़ित किया जा सके।
5- प्रदेश में विद्युत की व्यवस्था चरमरा गई है। समाजवादी सरकार के समय की व्यवस्थाओं को ध्वस्त किया जा रहा है। किसानों को विद्युत आपूर्ति बाधित है। अब यह सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दरें 67 से 150 फीसदी बढ़ाकर किसानों को तबाह कर रही हैं।
6- भाजपा सरकार में किसान सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं। उन्हें खाद, बीज, कीटनाशक, समय से नहीं मिल रहे हैं। मंहगाई ने उनकी कमर तोड़ दी है। धान की खरीद लक्ष्य से कोसों दूर है। गन्ना किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। नहरों की सिंचाई बंद है। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल खराब है। चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त है। मरीजों के लिए अस्पतालों में दवाओं का अभाव है। प्राईवेट क्लीनिक मनमानी पर उतारू है। एम्बूलेंस सेवा 102, 108 ठप्प है। कैंसर अस्पताल भी ठीक से काम नहीं कर रहा है।
7- लोक निर्माण विभाग का हाल तो और भी खराब है। स्वीकृत सड़कों की धनराशि लेकर कार्य अधूरे छोड़ दिए गए हैं। सड़के गड्ढा मुक्त करने का प्रचार जोरशोर से हुआ पर इसमें घोटाला हो गया है। समाजवादी सरकार के विकासोन्मुख निर्माण कार्य रोक दिए गए हैं।
8- ग्रामीण विकास की सभी योजनाएं बंद हैं। गरीबों के आवास के नाम पर पैसों का बंदर-बांट होने लगा है। गांव और किसान की घोर उपेक्षा की जा रही है। भाजपा सरकार ने गांव, गरीब, किसान, नौजवान और अल्पसंख्यकों, महिलाओं के हितों की तमाम योजनाएं रोक दी हैं और भाजपा सरकार रागद्वेष की भावना से काम कर रही हैं।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समाजवादी पार्टी विधानमण्डल दल के नेता श्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता के साथ किये जा रहे अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी। भाजपा राज में जनता हर तरह से त्रस्त है। उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। सŸाा मद में भाजपा नेता लोकतांत्रिक मर्यादाओं का तिरस्कार कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी सदन से लेकर सड़क तक भाजपा सरकार की मनमानी के विरूद्ध लोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष करेगी।

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भाजपा राज में नहीं चलेगा माफिया राज - डा0 चन्द्रमोहन

Posted on 14 December 2017 by admin

लखनऊ 14 दिसम्बर 2017, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने जिस तरह से माफियाओं के खिलाफ अभियान छेड़ा है वह काबिल-ए-तारीफ है। माफिया के चंगुल में जकड़े प्रदेश को छुड़ाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश कंट्रोल ऑफ आर्गिनाइज्ड क्राइम एक्ट’ (यूपीकोका) जैसे सख्त कानून का प्रावधान करना एक सराहनीय और पीड़ित जनता को राहत दिलाने की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम साबित होगा।
भारतीय जनत पार्टी प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार का अपराध पर रवैया जीरो टॉलरेंस का है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद से अपराधियों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है जिससे पिछली सपा और बसपा सरकार में निडर हो चुके माफियाओं में पुलिस का खौफ बैठ रहा है। अनेको अपराधी या तो प्रदेश छोड़कर चले गए हैं या फिर सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं।
डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि अब यूपीकोका प्रदेश में अपहरण, अवैध खनन जैसे संगठित अपराधों को नेस्तनाबूत कर देगा। इस कानून में अपराधियों को किसी प्रकार का संरक्षण नहीं मिल सकेगा और इनकी मदद करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी। वहीं दूसरी ओर अपराधियों के डर से सामने न आने वाले गवाहों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि यूपीकोका में अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस के पास अब एक प्रभावी कानून होगा और यूपी पुलिस अब और कड़े ढंग से इनपर कार्रवाई कर सकेगी। इससे न केवल विश्व में यूपी पुलिस की छवि और निखरेगी बल्कि प्रदेश को ‘वाइब्रेंट यूपी’ बनाने की दिशा में कदम तेजी से आगे बढ़ेंगे।

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