केंद्र की मंशा कमजोर तबके के लोगों का विकास कर उन्हें मुख्य धारा के साथ जोड़ना है। लखनऊ में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति – अनुसूचित जनजाति हब के राज्य सम्मेलन में लघु और मध्यम उद्योगों के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि केंद्र सरकार सबका साथ सबका विकास मूल मंत्र को लेकर कार्य कर रही है।
उन्होने कहा कि जबतक देश की 21 फीसद आबादी रोजगार से वंचित रहेगी विकास की हर परिकल्पना अधूरी मानी जाएगी। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार सार्वजनिक उद्यमों की कुल खरीद में कम से कम 4 फीसद अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों से करती है।
श्री पचौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकता कार्य है। बैंकों में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री पचौरी ने कहा कि छोटे कारोबारियों को भी प्राथमिकता के साथ कर्ज मिलना चाहिए। उन्होने कहा कि छोटे उद्योगों में रोजगार की अपार संभावनाएं निहित होती हैं।
प्रदेश के न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार छोटे और मझोले उद्यमियों को हर संभव मदद देने के लिए वचनबद्ध है। इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए एनएसआईसी के निदेशक (वित्त) एके मित्तल ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है।
इस एक दिवसीय सम्मेलन में बड़ी संख्या में दूर दराज से आए उद्यमियों ने हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से स्थापित राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति हब के जरिये जहां एक ओर युवा उद्यमियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाती है वहीं उन्हें उचित मार्गदर्शन भी प्राप्त होता है।