Archive | March 3rd, 2013

सरकार पर निष्क्रियता तथा दिशाहीनता का आरोप लगाया

Posted on 03 March 2013 by admin

भारीय जनता पार्टी ने प्रदेश की सपा सरकार पर निष्क्रियता तथा दिशाहीनता का आरोप लगाया। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 मनोज मिश्र ने अपने एक बयान में कहा कि सपा सरकार के लगभग 11 महिने के शासन में विकास की गंगा और सूख गई है। केन्द्र द्वारा पोषित तथा प्रदेश द्वारा संचालित कई योजनायें या तो ठप पड़ी है या उनकी गति कछुऐ की चाल से भी धीमी है। डा0 मिश्र ने कहा कि मंजूर धनराशि का मात्र 56 फीसदी खर्च कर पाना इस सरकार की दिशाहिनता तथा निष्क्रियता को दर्शाता है। मात्र मार्च के महिने में शेष धनराशि का विकास के मद में खर्च कर पाना असंभव है जिसके कारण भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलने की पूरी संभावना है।
प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सरकार की यह सुस्ती प्रदेश के लिए चिन्ताजनक है। जब वर्ष 2012-13 में ही कम धनराशि खर्च होगी तो अगले वित्तीय वर्ष मे धन के कम आवंटन की संभावना के कारण प्रदेश का विकास ठप पड़ सकता है। डा0 मिश्र ने केन्द्र की यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि वह भी सही तरीके से धनराशि की निगरानी और वितरण करने की कोई व्यवस्था नही करती है। प्रदेश मे समावेशी विकास की बजाय कांग्रेस प्रभावित क्षेत्रों में विकास प्रदेश की गति को अवरूद्ध किये है। सपा सरकार भी कुछ चुनिन्दा जिलों पर मेहरबान है तथा पूरा प्रदेश राम हवाले है।
डा0 मिश्र ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश की सरकारे भ्रष्टाचार, निष्क्रियता तथा दिशाहिनता के कारण प्रदेश को पंगु बनाये हुए है। ये दोनों सरकारें लुभावने वादे कर प्रदेश की जनता का असली मुद्दों से ध्यान हटाकर अपनी ओर खीचने का प्रयास कर रही है। डा0 मिश्र ने कहा कि मंहगाई अपने चरम पर है, भ्रष्टाचार अपने उत्कर्ष पर है, अराजकता का बोल-बाला है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है और ये दोनों सरकारे एक दूसरे के साथ गलबहियाँ डाल कर प्रदेश के विकास पर आँखे मूँदे है। डा0 मिश्र ने मांग की कि दोनों सरकारे छोटी स्तर की राजनीति को छोड़कर प्रदेश के सर्वागीण विकास पर ध्यान दे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

भक्ति और आस्था के साथ-साथ साधु-संतों द्वारा किये गये सामाजोत्थान के कार्याें में अनोखा रहा महाकुम्भ

Posted on 03 March 2013 by admin

महाकुंभ मेले में कई मायने में खास और अनोखा रहा। अनोखा इसलिए कि इस कुंभ में सिर्फ स्नान ध्यान, मोक्ष, भक्ति की ही बात नहीं हो रही थी बल्कि महाकुंभ में आए संत धर्म की अलख तो जगा ही रहे थे, साथ ही कर्म, गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने एवं सामाजिक विकास और समाज सुधार  की बात भी कर रहे थे। गंगा से लेकर ‘बेटी बचाओ‘ तक के आंदोलनों के जरिए यहां आए संत अपने संदेश मुखरता से प्रचाारित कर रहे थे। सूचना विभाग अपनी प्रदर्षनियों और दूसरे डिस्पले माध्यमों के जरिए, जो बात आम जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा था, वही बात साधु-संत करते नजर आए।
जाहिर है ये कुंभ सिर्फ आस्था का संगम भर नहीं रहा। ये संदेशों और आंदोलनों का संगम भी बना। देश भर के संतों का इलाहाबाद में संगम हुआ। तो पूरे विष्व के कल्याण की बात की जाने लगी। कई संतों ने फैसला किया कि धर्म की बात बहुत हो गई अब कर्म की बात भी करनी चाहिए। जिस समाज ने उन्हें संत बनाया उस समाज के लिए भी कुछ करना चाहिए। क्योंकि इतिहास गवाह रहा है कि स्वामी विवेकानंद और दयानंद सरस्वती जैसे संतों ने समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया था।
गंगा की निर्मलता और अविरलता को लेकर कुंभ में हमेशा चिंता व्यक्त की जाती रही है। संत समाज वर्षो से गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए आंदोलन करता रहा है। लेकिन संभवतः पहली बार उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर चल रहे महाकुंभ में पर्यावरण और बेटी बचाओ, महिला सशक्तिकरण तथा प्रदूषणमुक्त भारत सहित गरीब की पुत्रियो के विवाह कराने के लिए संतों की ओर से अभियान चलाया गया।  कोई संत विकलांगों के विकास की बात कर रहा था तो कोई गो वंष की रक्षा का संदेष दे रहा था।  तो कोई देष के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले षहीदों की याद में अखंड यज्ञ कर रहा था। इस महाकुंभ में  भगवान के नाम के साथ -साथ धर्म और कर्म की बात करने वाले कर्मयोगी संतों का भी बोलबाला रहा।
कुंभ में गंगा को बचाने के लिए कई संतों ने आवाज बुलंद कर रखी थी। प्रषासन के सामने भी गंगा को स्वच्छ बनाए रखने की बड़ी चुनौती थी। कई संस्थाओं ने कुंभ के षुरू होने से पहले ही गंगा की स्वच्छता से जुड़े कई नारे मेला क्षेत्र से लेकर पूरे षहर में लगाए गए थे। प्रशासन और नगर निगम ने स्नान के दौरान साबुन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा था। कोशिश यही थी कि कुंभ के दौरान करोड़ों की संख्या में आए लोग गंगा को लेकर संवदेनशील बने और गंगा इस दौरान कम से कम प्रदूषित हो।  खुद स्थानीय सांसद रेवती रमण सिंह ने गंगा की सफाई को लेकर कार्यक्रम चलाया। उन्होंने ही शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी को मनाया। शंकराचार्य आए तो उन्होंने अपने शिविर में बाकायदा गंगा यमुना सम्मेलन करवाया। जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी आये। वहीं अरैल घाट पर मौजूद परमार्थ निकेतन में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के आने पर संत समाज की ओर से गंगा को लेकर कानून बनाने के लिए एक प्रस्ताव भी उन्हें सौंपा गया।
गंगा की रक्षा के साथ साथ जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा बल संतो ने दिया वह था पर्यावरण संरक्षण। महाकुंभ में आस्था के साथ सामाजिक सरोकार की भी गंगा बह रही थी, जहां साधु-संत इसे ग्रीन कुंभ का दर्जा दिलाने में जुटे हुए थे। इस आंदोलन का सबसे बड़ा केंद्र रहा अरैल घाट पर स्थित परमार्थ निकेतन। जिसके अगुवा स्वामी चिदानंद मुनि ने पूरे कुंभ के दौरान गंगा और पर्यावरण को लेकर झंडा बुलंद किए रखा। ग्रीन कुम्भ के संकल्प में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बी एल जोशी सहित उ0प्र0 के लोक निर्माण ,सिचाई मंत्री शिवपाल यादव भी आए थे। ‘हरित कुम्भ‘ का संकल्प लेने वाले बाबा के विदेशी भक्तों ने पर्यावरण प्रेम को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए अपने आप को एक हरे पेड़ के रूप में सजाया और फिर पूरे मेले क्षेत्र में घूम घूमकर लोगों को हरित कुम्भ के संकल्प को दोहराया
विश्व के सबसे बडे धार्मिक आयोजन महाकुंभ में आस्था के साथ ही देशभक्ति की भावना स्पष्ट रूप से दिख रही थी, क्योंकि यहां शहीदों को सम्मान देने के लिए कई तरह के आयोजन किए जा रहे थे। सबसे खास रहा सेक्टर 9 स्थित बालक योगेष्वर दास की ओर से बनाया गया ‘शहीदों का गाव‘। इस धार्मिक मेले में उन जवानों के लिए भी जगह दी गई थी, जिन्होंने कारगिल युद्ध और मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के दौरान देश की आन-बान और शान के लिए अपनी शहादत दी थी।
वहीं राजस्थान के शनिधाम ट्रस्ट के महामंडलेश्वर परमहंस दाती महाराज एक ऐसे मुहिम को चला रहे थे, जो आज की तारीख में सबसे अहम है। बेटी बचाने की मुहिम। हाल के दिनों में जिस तरह महिलाओं के प्रति उत्पीड़न और अत्याचार के मामले सामने आए उसके बाद दाती महाराज ने ये फैसला किया। दाती महाराज ने ‘बेटी बचाओ‘ अभियान से संत समाज और अपने भक्तों को जोड़ने के लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन अपने षिविर में किया था। ऐसे ही कई और मुद्दों के साथ संत समाज ने कुंभ के दौरान न ही उस पर चर्चा की, बल्कि संगोष्ठियां बुलाकर अपने भक्तों को भी जागरूक करते नजर आए।
कुंभ के इस पवित्र अवसर की महत्ता मंे एक अध्याय तब और जुड़ गया जब मेला के सेक्टर नम्बर 6 में बजरंग दास मार्ग गंगा तट पर स्थित भिखारी उर्फ जंगाली बाबा सोनभद्र के षिविर में पूरी तरह निःशुल्क रूप से बिना दहेज के कुल 99 जोड़े कुंभ मेलाधिकारी मणि प्रसाद मिश्रा की उपस्थिति में परिणय-सूत्र में बंधाये गये। इन 99 जोड़ों में एक जोड़ा मुस्लिम परिवार का भी था। इन परिणय-सूत्र में बंधने वाले जोड़ों में अधिकांश गरीब परिवार के थे और अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा पिछड़े वर्ग से संबंधित थे जो छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखण्ड राज्य के थे।
प्रदेश सरकार की भी शुरू से यही कोशिश थी कि कुंभ के दौरान जहां उत्तर प्रदेश की जनता सरकार की योजनाओं के बारे में समझें वहीं बाहर से आए लोगों के बीच प्रदेष के अच्छे शासन अच्छी व्यवस्था का संदेश जाए। कुम्भ में देश विदेश से आये विभिन्न बुद्धिजीवियो, मन्त्रीगणों मनीषियो ने भी कुंभ मेले की व्यवस्था देख प्रसंसा करके ही गये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

सांस्कृतिक पण्डाल में 10 मार्च तक आयोजित हो कार्यक्रम

Posted on 03 March 2013 by admin

कुम्भ मेले में  भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला पर आधारित शिव आराधना, शिवाष्टकम, नटनम आदिनार, पंचतत्व तथा रिदम इंज्वाय विषयों पर स्वर्ण हंस नृत्य कला मंदिर लखनऊ के कलाकारों द्वारा सूचना विभाग के सांस्कृतिक पण्डाल में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए शिवजी के विभिन्न नृत्यों का भावपूर्ण मंचन कर दर्षकों को षिव जी के विभिन्न रूपों के विषय में जानकारी दी।
उक्त पण्डाल में कलाकारों द्वारा सर्वप्रथम शिव आराधना की प्रस्तुति कर षिव जी की सुन्दरता एवं उनके विभिन्न रूपों का नृत्य नाटिका के माध्यम से वर्णन किया गया। कलाकारों ने प्रस्तुति के माध्यम से यह भी दर्शया कि जो मानव शिवाष्टकम का पाठ बड़े मनोयोग से करता है उसे धन समृद्धि प्राप्त होती है। कलाकारों ने नटनम आदिनार की प्रस्तुति के माध्यम से शिव के आनन्द ताण्डव नृत्य को दर्शया। पंचतत्व की प्रस्तुति कर भगवान शिव के पांच तत्वों जिन्हे वह धारण किये हुए है प्रत्येक तत्व के विषय में नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया गया। कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति देते हुए कलाकारों ने रिदम इंज्वाय के माध्यम से भगवान शंकर द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले पारम्परिक नृत्य को प्रदर्शित करते हुए दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
उक्त कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों ने कलाश्री सम्मान से सम्मिनित कलाकार समसुर्रहमान, लवली घिल्डियाल, रिचा तिवारी, मीतू सिंह, आरती दीक्षित, पल्लवी मिश्रा, सनीता तिवारी और बाल कलाकार के रूप में प्रांजल अग्रवाल ने भाग लिया।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के सांस्कृतिक पण्डाल में कार्यक्रमों की श्रंखला में दिनांक 3 मार्च को उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विभाग के सास्कृतिक दलों द्वारा दो कार्यक्रमों का आयोजन सायं 06ः00 बजे से किया जायेगा तथा 08 मार्च 2013 को सायं 06ः00 बजे से मुंशी प्रेमचन्द का प्रसिद्ध उपन्यास ‘‘कफ़न’’ पर नाटक का मंचन किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

आयुर्वेद आदि वर्तमान में प्रचलित चिकित्सा पद्यतियों से अधिक प्रभावशाली है

Posted on 03 March 2013 by admin

sdc14690प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्यातियाँ योग, आयुर्वेद आदि वर्तमान में प्रचलित
चिकित्सा पद्यतियों से अधिक प्रभावशाली है। यह कथन प्रसिद्द हृदय चिकित्सक
पद्म भूषण प्रोफेसर बी0 एम0 हेगड़े के थे, जिन्होंने  किंग जार्ज चिकित्सा
विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा समष्टि फाउंडेशन के समग्र प्रयास से प्रथम बार  किंग
जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय योग की कार्यशाला में
बतलाया कि  हमें अपनी संस्कृतिक धरोहर को अपनाना चाहिए तथा इस क्षेत्र में
विभिन्न  प्रयोग किये जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम के विशिष्ट
अतिथि पतंजलि विश्वविद्यालय के उप कुलपति करतार सिंह ने योग को न केवल
रोगोपचार अपितु रोगों के रोकथाम का साधन भी बतलाया। इस अवसर पर चिकित्सा
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डी0 के0 गुप्ता ने विभिन्न रोगों के निदान
हेतु योग को सम्मिलित किये जाने पर बल दिया तथा विश्वविद्यालय में इस सन्दर्भ
में नवीन विभाग स्थापित करने करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर लोगो को योग के
क्रियात्मक तथा उपचारात्मक स्वरुप से परिचित करवाने के लिए समष्टि फ़ाउंडेशन की
तरफ से राहुल द्विवेदी तथा अमित खन्ना द्वारा नेति, आसन, प्राणायाम तथा ध्यान
के प्रारूप की चर्चा हुई। इस कार्यक्रम का सञ्चालन डा0 वाणी गुप्ता द्वारा
किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रमुख अतिथि प्रो0 एस0 के0 सिंघल, प्रो0
बलराज चौहान, डा0 ए0 एन0 श्रीवास्तव, डा0 यू0 एस0 पाल आदि थे। कार्यक्रम के
अंत में डा0 शैलेन्द्र यादव तथा डा0 सत्येन्द्र मिश्र ने सभी आगंतुक अतिथियों
का धन्यवाद् ज्ञापित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

समस्त उपभोक्ता त्रस्त्र हो चुके है

Posted on 03 March 2013 by admin

जनपद में मंहगाई की मार झेल रहे सीधे साधे उपभोक्ताओ के साथ अमेठी गैस सर्विस द्वारा तौल में कम भरे हुए गैस सिलेन्डरो को खुलेआम आपूर्रि्त करके उपभोक्ताओं के जेब पर डाका डालने का कार्य हो रहा है । निराला नगर के कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि अमेठी गैस के हाकरो द्वारा तौल मे कम गैंस सप्लाई करना एवं उपभोक्ताओं से २० रु० से लेकर ५० रु० तक डिलवरी चार्ज वसूलना इनका लक्ष्य बन चुका है । जिससे जनपद के समस्त उपभोक्ता त्रस्त्र हो चुके है ।
जब कि नियम यह कहता है कि इन गैस डिलेवरी मैन को तौल का कांटा और छपे गैस मूल्य की कीमत से अधिक नही लेना चाहिए उसमें डिलेवरी चार्ज जुडा होता है परन्तु इन गैंस एजेन्सियों की शह पर गैस हाकर उपभोक्ताओं से जबरन अधिक पैसा लिए बिना घर से नही जाते और यदि किसी उपभोक्ता ने शिकायत की बात उससे की तो वह गैस हाकर धमकी देता है कि दुबारा गैस नही लाउंगा जाकर एजेन्सी के चक्कर लगाना । इस बावज जब उपभोक्ता ने अमेठी गैस एजेन्सी से सम्पर्क साधना चाहा तो एजेन्सी मालिक का मोबाइल स्विच आफ मिला लैंड लाइन फोन नही उठा ।
परेशान होकर उपभोक्ता ने एक दूसरे नं० पर बात की परन्तु उस कर्मचारी द्वारा संतोष जनक जबाब न प्राप्त होने पर उपभोक्ता ने जिला पूर्रि्त अधिकारी वी०के० श्रीवास्तव से सम्पर्क साधा वह उस समय हाईकोर्ट मे थे और उन्होने कहा एक शिकायती पत्र आफिस मे दे दीजिए और एक शिकायती पत्र कांटा बाट माप अधिकारी को देकर अवगत करा दीजिए । जिस पर उचित कार्यवाही की जा सके ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत किया गया

Posted on 03 March 2013 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव द्वारा श्री निर्मल सिंह, ग्राम व पो0 नबीपना, माल जनपद लखनऊ तथा श्री सूर्यकुमार, भारत यात्रा केन्द्र, ऐलो पयागपुर, बहराइच को समाजवादी पार्टी उ0प्र0 की राज्य कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत किया गया है।
इनके सहयोग से समाजवादी पार्टी का संगठन मजबूत होने की आशा की गई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

आत्मदाह करने की चेतावनी दी

Posted on 03 March 2013 by admin

खानदानियों के जुल्म एवं ज्यादतियों से पीडि़त तथा बांदा जनपद के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की संवेदनहीनता के मद्देनजर अपनी न्यायोचित मांगो को लेकर एस0डी0एम0 बाँदा द्वारा आमरण अनशन को तुड़वाते समय दिये गये आश्वासन को निभाने में असमर्थता जाहिर करने पर सा0 समाचार पत्र ‘पैनी कलम’ (वर्तमान में प्रकाशन बंद) के प्रधान संपादक, समाज सेवी तथा आर0टी0आई0 कार्यकर्ता सद्दू अली ने यू0पी0 स्टेट के राजा अखिलेश सिंह यादव के आवास के सामने 15 मार्च 2013 को दिन में 12 बजे आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। आत्मदाह की सूचना मुख्यमंत्री को रजिस्ट्रर्ड डाक से 26 फरवरी 2013 को भेजी जा चुकी है।
बताते चले कि पत्रकार सद्दू अली अपनी नानी स्व0 मासूमन बेगम पत्नी स्व0 हाफिज नवी वक्श के मकान में उनके जीवन काल से सपरिवार रहता चला आ रहा है। पत्रकार की नानी मासूमन बेगम ने अपने जीवनकाल में मकान के सम्बन्ध में करम इलाही, फजल इलाही पुत्रगण हाफिज नवी बक्श एवं अपनी एक मात्र पुत्री श्रीमती नूरजहां बेगम के हक में एक वसीयतनामा गवाहों के समक्ष तहरीर किया था। सद्दू अली नूरजहां बेगम के पुत्र है। दोनो परिवारों को अलग-अलग निकास दिया गया था। लेकिन अजीज इलाही, शफीक इलाही, जुबैर इलाही तथा शमीम खां निवासी मर्दननाका बांदा आदि ने ढाई माह पूर्व दबंगई दिखाते हुए सद्दू अली के मुख्य निकास में ताला ठोक दिया। पत्रकार सद्दू अली के परिवार से मारपीट, घर से बेघर वार करने व एक लाख रूपये की मांग कर, जान से मार डालने की धमकी देते हुए उन्हें उनके मर्दन नाका बाँदा स्थित घर से पत्नी बच्चों समेत खदेड़ दिया गया। वह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाते रहे। किन्तु उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। कथित अभियुक्तों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। मजबूरन पत्रकार सद्दू अली 15 फरवरी 2013 को अशोक स्तम्भ के नीचे बांदा में नोटिस देकर आमरण अनशन पर बैठ गया। आमरण अनशन के तीसरे दिन एस0डी0एम0 बाँदा ने कथित अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन व दबंगो द्वारा जबरन बंद कराये गये मुख्य निवास का ताला खुलवा कर घर में रहने की न्यायोचित मांग को पूरा करने का भरोसा देकर आमरण अनंशन जूस पिलवाकर तुड़वाया। वहीं अनशन समाप्त होने के अगले दिन न्याय दिलाने में असमर्थता जाहिर कर दी। एस0डी0एम0 बाँदा की वाद खिलाफी व दबंगो से मिली भगत की आशंका के चलते मजबूरन पत्रकार सद्दू अली को आत्मदाह करने की घोषणा जैसा आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।
पत्रकार के साथ दो बार आतताई खानदानियों द्वारा संज्ञेय अपराध किया गया। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। पत्रकार सद्दू अली का कहना है कि वर्तमान सरकार की सरकारी मशीनरी पीडि़तों को न्याय दिलाने में विफल है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने तमाम मामलों में पीडि़तों के दर्द का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिये है। जनपद स्तर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को मुख्य मंत्री की संवेदन शीलता से नसीहत लेकर कार्य करना चाहिए। जिससे मुझ जैसे तमाम पीडि़तो को जनपद स्तर पर ही न्याय मिल जाये ताकि वर्तमान सरकार के प्रति जनता की आस्था मजबूत हो सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

विद्यालय संचालन की कठिनाइयां अब तक दूर न हो पाने के विरोध में

Posted on 03 March 2013 by admin

संगठन का 4 मार्च को झूलेलाल पार्क में विशाल धरना प्रदर्शन
उ.प्र. शासन द्वारा प्राथमिक व जूनियर स्तर के संचालित निजी विद्यालयों की मान्यता हेतु निर्धारित मानक व शर्ते अत्यन्त कठोर तथा अव्यवहारिक है। इन मानकांे को इतना सरल बनाया जाना चाहिए कि प्रदेश में संचालित अधिकांश विद्यालय इन्हे पूरा कर मान्यता प्राप्त कर सके। उक्त भावनाओं को शासन तक पहुंचाने हेतु संगठन ने प्रदेश के अधिकांश जनपद मुख्यलयों पर जिलाधिकारी कार्यालयों पर धरना प्रदर्शन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री को अपना ज्ञापन भेज चुका है किन्तु विद्यालय संचालन की कठिनाइयां अब तक दूर न हो पाने की दशा में संगठन ने 4 मार्च को झूलेलाल पार्क लखनऊ में विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित किया है। इसमें प्रदेश के लगभग सभी जनपदों के हर ब्लाकों से प्रबंधकगण भाग लेंगे। उक्त बातंे उ.प्र. वित्तविहीन विद्यालय प्रबन्धक संघ (पंजीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र व स्ववित्त पोषित विद्यालय प्रबन्धक एसोसिएशन उ.प्र. के अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने उ.प्र. प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता के दौरान कही।
उ.प्र. वित्तविहीन विद्यालय प्रबन्धक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र ने कहा कि सरकार उक्त कठोर मानकों, शर्तो व मान्यता की प्रक्रियाओ को सरल नही बनाती है तो प्रदेश के लाखों प्रबन्धक अपने शिक्षकों व सहयोगियों के साथ बेरोजगार हो जायेंगे। साथ ही, जूनियर स्तर तक की शिक्षा व्यवस्था पंूजीपतियों के हाथों चली जाने से अत्यन्त महंगी हो जायेगी। इसके परिणाम स्वरूप निम्न व मध्यम आयवर्ग वाले अभिभावकों के बच्चे हम जैसे विद्यालयों द्वारा दी जा रही न्यूनतम शुल्क पर बेहतर शिक्षा से वंचित हो जायेंगंे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा परिषदीय व हमारे निजी विद्यालयों हेतु अलग-अलग मानक अपनाना हमारे साथ घोर अन्याय है। मानक की कठोरता की चर्चा करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के अधिकांश जनपदों से औसतन 400 विद्यालयों ने मान्यता हेतु आवेदन किया था किन्तु उनमें से मात्र 1 या  2 विद्यालयों को ही मान्यता मिलना मानक की कठोरता व अव्यवहारिकता को स्पष्ट करता है।
स्ववित्त पोषित विद्यालय प्रबन्धक एसोसिएशन के अध्यक्ष आनन्द द्विवेदी ने कहा कि हम निजी विद्यालय प्रबन्धकगण अपने सीमित संसाधनों मंे कठोर परिश्रम के बल पर बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के क्षेत्र के नौनिहालों को शिक्षित व संस्कारित करते हुये उन्हें समाज व राष्ट्र के लिए एक आदर्श नागरिक बनाने जैसा पुनीत कार्य करते है। किन्तु उक्त पुनीत कार्य के पुरस्कार स्वरूप हमारे ऊपर आपराधिक मुकदमें दर्ज कराना अत्यन्त खेद का विषय है। लखनऊ की चर्चा करते हुये श्री द्विवेदी ने कहा कि लखनऊ में 229 विद्यालयों पर मुकदमा दर्ज कराना अत्यन्त दुर्भाग्य पूर्ण है। इन्हें तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। उन्हांेने यह भी बताया कि जिन बेसिक विद्यालयों को पूर्व में मान्यता है चाहे वो प्राइमरी मान्यता प्राप्त या जूनियर मान्यता प्राप्त है उन्हें पुनः मान्यता आवेदन करने हेतु जो शिक्षा विभाग से नोटिस जारी हो रही है वह जनहित में नही है। क्यों कि उ.प्र. में निजी बेसिक विद्यालयों के हजारों की संख्या है जिसमें लाखों अध्यापक/अध्यापिकायें व कई लाख बच्चे प्रभावित होगें।
मानको की शिथिलता सम्बन्धी अखबारों में छपे समाचार टिप्पणी करते हुये प्रबन्धक नेता द्वय ने कहा कि शासनादेश आने तक हम कोई प्रतिक्रिया नही व्यक्त कर सकते, किन्तु यदि सरकार मानको को शिथिल बनाते हुये मान्यता लेना आसान करती है तो यह स्वागत योग्य होगा। किन्तु हमारा संघर्ष हमारी सभी मांगो को पूरा होने तक जारी रहेगा। अतः हम यह मांग करते हैं जो पूर्व विद्यालयों की मान्यता हो चुकी है उनको यथावत रखा जाये। नये आवेदन के बाध्य न किया जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

अंजुमन-ए-नजमी एवं दाऊदी बोहरा समुदाय द्वारा मिलाद मुबारक का आयेाजन किया गया

Posted on 03 March 2013 by admin

अंजुमन-ए-नजमी एवं दाऊदी बोहरा समुदाय के अनुयायियों की एक आवश्यक बैठक बोहरा भवन, माॅडल हाउस, लखनऊ की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में 102वें मिलाद मुबारक के मौके पर 52वें दाइअल-मुतलाक हिज होलिनेस डाॅ0 सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन द्वारा दाऊदी बोहरा समुदाय और मानवता की सेवा को याद किया गया और उनके आध्यात्मिकता और भौतिकता की दिशा में की जा रही रचनात्मक कार्याें की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी। उनके समुदाय और मानवता को ऊंचाइयों तक पहुँचाने के प्रयास को सराहा गया। उनके द्वारा किये गये कार्याें का अनुशरण करके समुदाय की आने वाली पीढि़यां लाभान्वित होती रहेंगी।
बैठक में सामूहिक रूप से यह दुआ की गई कि दाऊदी बोहरा समुदाय  के रहनुमा डाॅ0 सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को मानवजाति की भलाई के लिए हमेशा स्वस्थ रखें और दीर्घ आयु प्रदान करने के लिए  मिलाद मुबारक का आयोजन किया गया था

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

March 2013
M T W T F S S
« Feb   Apr »
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
-->









 Type in