प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्यातियाँ योग, आयुर्वेद आदि वर्तमान में प्रचलित
चिकित्सा पद्यतियों से अधिक प्रभावशाली है। यह कथन प्रसिद्द हृदय चिकित्सक
पद्म भूषण प्रोफेसर बी0 एम0 हेगड़े के थे, जिन्होंने किंग जार्ज चिकित्सा
विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा समष्टि फाउंडेशन के समग्र प्रयास से प्रथम बार किंग
जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित एक दिवसीय योग की कार्यशाला में
बतलाया कि हमें अपनी संस्कृतिक धरोहर को अपनाना चाहिए तथा इस क्षेत्र में
विभिन्न प्रयोग किये जाने चाहिए। इसके अतिरिक्त इस कार्यक्रम के विशिष्ट
अतिथि पतंजलि विश्वविद्यालय के उप कुलपति करतार सिंह ने योग को न केवल
रोगोपचार अपितु रोगों के रोकथाम का साधन भी बतलाया। इस अवसर पर चिकित्सा
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर डी0 के0 गुप्ता ने विभिन्न रोगों के निदान
हेतु योग को सम्मिलित किये जाने पर बल दिया तथा विश्वविद्यालय में इस सन्दर्भ
में नवीन विभाग स्थापित करने करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर लोगो को योग के
क्रियात्मक तथा उपचारात्मक स्वरुप से परिचित करवाने के लिए समष्टि फ़ाउंडेशन की
तरफ से राहुल द्विवेदी तथा अमित खन्ना द्वारा नेति, आसन, प्राणायाम तथा ध्यान
के प्रारूप की चर्चा हुई। इस कार्यक्रम का सञ्चालन डा0 वाणी गुप्ता द्वारा
किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रमुख अतिथि प्रो0 एस0 के0 सिंघल, प्रो0
बलराज चौहान, डा0 ए0 एन0 श्रीवास्तव, डा0 यू0 एस0 पाल आदि थे। कार्यक्रम के
अंत में डा0 शैलेन्द्र यादव तथा डा0 सत्येन्द्र मिश्र ने सभी आगंतुक अतिथियों
का धन्यवाद् ज्ञापित किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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