कुम्भ मेले में भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला पर आधारित शिव आराधना, शिवाष्टकम, नटनम आदिनार, पंचतत्व तथा रिदम इंज्वाय विषयों पर स्वर्ण हंस नृत्य कला मंदिर लखनऊ के कलाकारों द्वारा सूचना विभाग के सांस्कृतिक पण्डाल में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए शिवजी के विभिन्न नृत्यों का भावपूर्ण मंचन कर दर्षकों को षिव जी के विभिन्न रूपों के विषय में जानकारी दी।
उक्त पण्डाल में कलाकारों द्वारा सर्वप्रथम शिव आराधना की प्रस्तुति कर षिव जी की सुन्दरता एवं उनके विभिन्न रूपों का नृत्य नाटिका के माध्यम से वर्णन किया गया। कलाकारों ने प्रस्तुति के माध्यम से यह भी दर्शया कि जो मानव शिवाष्टकम का पाठ बड़े मनोयोग से करता है उसे धन समृद्धि प्राप्त होती है। कलाकारों ने नटनम आदिनार की प्रस्तुति के माध्यम से शिव के आनन्द ताण्डव नृत्य को दर्शया। पंचतत्व की प्रस्तुति कर भगवान शिव के पांच तत्वों जिन्हे वह धारण किये हुए है प्रत्येक तत्व के विषय में नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया गया। कार्यक्रम की अन्तिम प्रस्तुति देते हुए कलाकारों ने रिदम इंज्वाय के माध्यम से भगवान शंकर द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले पारम्परिक नृत्य को प्रदर्शित करते हुए दर्शकों को भाव विभोर कर दिया।
उक्त कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों ने कलाश्री सम्मान से सम्मिनित कलाकार समसुर्रहमान, लवली घिल्डियाल, रिचा तिवारी, मीतू सिंह, आरती दीक्षित, पल्लवी मिश्रा, सनीता तिवारी और बाल कलाकार के रूप में प्रांजल अग्रवाल ने भाग लिया।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के सांस्कृतिक पण्डाल में कार्यक्रमों की श्रंखला में दिनांक 3 मार्च को उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विभाग के सास्कृतिक दलों द्वारा दो कार्यक्रमों का आयोजन सायं 06ः00 बजे से किया जायेगा तथा 08 मार्च 2013 को सायं 06ः00 बजे से मुंशी प्रेमचन्द का प्रसिद्ध उपन्यास ‘‘कफ़न’’ पर नाटक का मंचन किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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