खानदानियों के जुल्म एवं ज्यादतियों से पीडि़त तथा बांदा जनपद के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की संवेदनहीनता के मद्देनजर अपनी न्यायोचित मांगो को लेकर एस0डी0एम0 बाँदा द्वारा आमरण अनशन को तुड़वाते समय दिये गये आश्वासन को निभाने में असमर्थता जाहिर करने पर सा0 समाचार पत्र ‘पैनी कलम’ (वर्तमान में प्रकाशन बंद) के प्रधान संपादक, समाज सेवी तथा आर0टी0आई0 कार्यकर्ता सद्दू अली ने यू0पी0 स्टेट के राजा अखिलेश सिंह यादव के आवास के सामने 15 मार्च 2013 को दिन में 12 बजे आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। आत्मदाह की सूचना मुख्यमंत्री को रजिस्ट्रर्ड डाक से 26 फरवरी 2013 को भेजी जा चुकी है।
बताते चले कि पत्रकार सद्दू अली अपनी नानी स्व0 मासूमन बेगम पत्नी स्व0 हाफिज नवी वक्श के मकान में उनके जीवन काल से सपरिवार रहता चला आ रहा है। पत्रकार की नानी मासूमन बेगम ने अपने जीवनकाल में मकान के सम्बन्ध में करम इलाही, फजल इलाही पुत्रगण हाफिज नवी बक्श एवं अपनी एक मात्र पुत्री श्रीमती नूरजहां बेगम के हक में एक वसीयतनामा गवाहों के समक्ष तहरीर किया था। सद्दू अली नूरजहां बेगम के पुत्र है। दोनो परिवारों को अलग-अलग निकास दिया गया था। लेकिन अजीज इलाही, शफीक इलाही, जुबैर इलाही तथा शमीम खां निवासी मर्दननाका बांदा आदि ने ढाई माह पूर्व दबंगई दिखाते हुए सद्दू अली के मुख्य निकास में ताला ठोक दिया। पत्रकार सद्दू अली के परिवार से मारपीट, घर से बेघर वार करने व एक लाख रूपये की मांग कर, जान से मार डालने की धमकी देते हुए उन्हें उनके मर्दन नाका बाँदा स्थित घर से पत्नी बच्चों समेत खदेड़ दिया गया। वह पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाते रहे। किन्तु उनकी फरियाद किसी ने नहीं सुनी। कथित अभियुक्तों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी। मजबूरन पत्रकार सद्दू अली 15 फरवरी 2013 को अशोक स्तम्भ के नीचे बांदा में नोटिस देकर आमरण अनशन पर बैठ गया। आमरण अनशन के तीसरे दिन एस0डी0एम0 बाँदा ने कथित अभियुक्तों के खिलाफ कार्यवाही का आश्वासन व दबंगो द्वारा जबरन बंद कराये गये मुख्य निवास का ताला खुलवा कर घर में रहने की न्यायोचित मांग को पूरा करने का भरोसा देकर आमरण अनंशन जूस पिलवाकर तुड़वाया। वहीं अनशन समाप्त होने के अगले दिन न्याय दिलाने में असमर्थता जाहिर कर दी। एस0डी0एम0 बाँदा की वाद खिलाफी व दबंगो से मिली भगत की आशंका के चलते मजबूरन पत्रकार सद्दू अली को आत्मदाह करने की घोषणा जैसा आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।
पत्रकार के साथ दो बार आतताई खानदानियों द्वारा संज्ञेय अपराध किया गया। लेकिन प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। पत्रकार सद्दू अली का कहना है कि वर्तमान सरकार की सरकारी मशीनरी पीडि़तों को न्याय दिलाने में विफल है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने तमाम मामलों में पीडि़तों के दर्द का स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय की दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिये है। जनपद स्तर के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को मुख्य मंत्री की संवेदन शीलता से नसीहत लेकर कार्य करना चाहिए। जिससे मुझ जैसे तमाम पीडि़तो को जनपद स्तर पर ही न्याय मिल जाये ताकि वर्तमान सरकार के प्रति जनता की आस्था मजबूत हो सके।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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