आज यहाॅ उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के नवीन प्रेक्षागृह में आयोजित एक समारोह में उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मान्यवर श्री कांशीराम जी राज्य हथकरघा पुरस्कार योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय पुरस्कारों का वितरण किया। इसके तहत प्रथम पुरस्कार वाराणसी के श्री शमीम अहमद को उनके उत्कृष्ट उत्पाद ’पर्दा’ हेतु दिया गया, और उन्हें 25000 रूपये, शील्ड, शाल तथा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार राज्य स्तरीय द्वितीय पुरस्कार बागपत के श्री इनाम को उत्कृष्ट बेडशीट के लिए 21000 रूपये, शील्ड, शाल तथा प्रमाण पत्र दिया गया। इसी श्रंखला में तृतीय पुरस्कार बागपत के ही श्री मो0 इरशाद अंसारी को बेहतर पर्दा बनाने हेतु 18,000 रूपये, शील्ड, शाल तथा प्रमाण पत्र से नवाज़ा गया।
इस अवसर पर योजना के तहत परिक्षेत्रीय हथकरघा पुरस्कारों हेतु 13 परिक्षेत्रों से आये हुये बुनकरों को उनके उत्कृष्ट उत्पाद हेतु प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय पुरस्कार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अब्दुल मन्नान ने प्रदान किये। प्रथम पुरस्कार के रूप मे उन्हें 10,000 रूपये, शील्ड, शाल तथा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार द्वितीय तथा तृतीय को क्रमशः 8,000 रूपये, 6,000 रूपये, शील्ड, शाल तथा प्रमाण पत्र दिये गये। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के वस्त्रोद्योग एवं रेशम मंत्री श्री जगदीश नारायण राय ने की।
पुरस्कार वितरण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कृषि प्रधान देश होने के कारण यहाॅ अधिकांश उद्योग ग्रामोद्योग के श्रेणी में आते हैं, जिनका दायरा सीमित होता है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी विचारधारा को पुष्पित-पल्लवित करने वाले ये ग्रामोद्योग न केवल कारोबार का सहारा हैं बल्कि आजादी के बाद से इन उद्योगों पर देश का स्वावलम्बन भी बड़ी हद तक निर्भर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के लाखों लोगो को कारोबार उपलब्ध कराने वाले एवं उन्हें रोजी-रोटी प्रदान करने वाले इन खादी ग्रामोद्योगों, हथकरघा या कुटीर उद्योगों के अस्तित्व को देश में लाये जाने वाली मल्टीनेशनल कम्पनियों से बहुत बड़ा खतरा है। इनके आने से बड़ी संख्या में लोगों की आय के साधन समाप्त हो जायेंगे। यही वजह है कि मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा एफ0डी0आई0 रिटेल व्यापार की अनुमति देने वाले निर्णय का पुरजोर विरोध किया है और केन्द्र सरकार से इस निर्णय को तुरन्त वापस लेने का आग्रह किया है।
कार्यक्रम को अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अब्दुल मन्नान ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बुनकरों, लघु उद्यमियों एवं इनसे जुड़े अन्य कार्यों को व्यापक स्तर पर बढ़ावा देने के लिये अनेक हितकारी योजनाएं चलायी हैं ताकि ये लोग आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बन सकें और एक सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये वस्त्रोद्योग एवं रेशन मंत्री श्री जगदीश नारायण राय ने कहा कि हथकरघा एवं ग्रामोद्योग मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में शामिल हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद इस क्षेत्र के विकास हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों ने इस क्षेत्र की पूरी उपेक्षा की थी, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में अपेक्षा के अनुरूप प्रगति नहीं हो सकी। उन्होंने बुनकरों को आश्वस्त किया कि उनके समग्र विकास की ओर प्रदेश सरकार अपने सीमित संसाधनों का उपयोग करते हुए हर संभव प्रयास करेगी। मान्यवर श्री कांशीराम जी राज्य हथकरघा पुरस्कार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिवर्ष वितरित किया जाता है। यह पुरस्कार बुनकरों को उनके बेहतर उत्पाद के प्रदर्शन के लिये दिया जाता है। पुरस्कारों की इस श्रंृखला में दो तरह के पुरस्कार दिये जाते हैं। प्रथम राज्य स्तरीय एवं द्वितीय परिक्षेत्रीय स्तरीय।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव वस्त्रोद्योग श्री मुकुल सिंघल, निदेशक वस्त्रोद्योग श्री विजयकान्त दुबे के अतिरिक्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में बुनकर मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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