Archive | December 4th, 2011

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए 10,685 करोड़ रू0 के प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिये जाने का केन्द्र से अनुरोध

Posted on 04 December 2011 by admin

  • राज्य सरकार ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए स्पेशल एरिया इंसेन्टिव पैकेज की मांग दोहराई
  • किसानों के लिए ऋण माफी की व्यवस्था लागू किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर भी निर्णय लिए जाने का अनुरोध
  • राज्य सरकार ने बुन्देलखण्ड पैकेज के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में केन्द्रीय योजना आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखा
  • केन्द्र बुन्देलखण्ड पैकेज में प्रस्तावित परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृति दे

केन्द्रीय योजना के उपाध्यक्ष श्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता में आज झांसी में सलाहकार समिति की बैठक हुई। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड और पूर्वान्चल क्षेत्र के साथ ही क्रिटिकल गैप्स की पूर्ति हेतु केन्द्र सरकार को 17 जुलाई,2007 को 80 हजार करोड़ रूपये का पैकेज उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस पैकेज में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए 10,685 करोड़ रूपये के प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये थे, किन्तु केन्द्र द्वारा अभी तक इस बारे में कोई सकारात्मक निर्णय नही लिया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार के संज्ञान में यह तथ्य भी लाया गया कि उत्तराखण्ड तथा कुछ अन्य राज्यों को स्पेशल एरिया इन्सेंटिव पैकेज दिया गया है, जिसमें आयकर तथा केन्द्रीय उत्पादन में छूट प्रदान करते हुए पॅंूजी उपादान की व्यवस्था की गयी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि जिन क्षेत्रों के लिए पैकेज दिया गया है, उन क्षेत्रों की स्थिति बुन्देलखण्ड क्षेत्र के समान ही है। इसलिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र को भी अन्य क्षेत्रों की भाॅंति विशेष पैकेज की मदद दी जाये। लेकिन केन्द्र द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए स्पेशल एरिया इन्सेन्टिव पैकेज अभी तक नहीं दिया गया है।
इसके अतिरिक्त बुन्देलखण्ड क्षेत्र कठिन परिस्थितियों के मददेनजर यहां के किसानो के लिये ऋण माफी की व्यवस्था लागू किये जाने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को भी केन्द्र सरकार की मंजूरी नहीं मिल पायी है।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र द्वारा प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र केे लिये 3506 करोड़ रूपये का पैकेज वर्ष 2009 में तीन वर्ष की अवधि के लिये स्वीकृत किया गया है। इसमें से मात्र 1596 करोड़ रूपये की ही धनराशि अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता के रूप में उपलब्ध होगी। शेष धनराशि को पूर्व में विभिन्न चालू योजनाओं के अन्तर्गत राज्य को पहले से प्राप्त हो रही धनराशि में ही समायोजित कर लिया गया है, तथा कोई अतिरिक्त सहायता राज्य को नहीं दी गयी है। इस प्रकार यह पैकेज मात्र 1600 करोड रूपये तक ही सिमट कर रह गया है, जो बुन्देलखण्ड क्षेत्र के विकास की आवश्यकताओं को देखते हुये नितान्त अपर्याप्त है।
प्रवक्ता ने कहा कि अद्यावधिक स्थिति के अनुसार अब बुन्देलखण्ड पैकेज के विभिन्न विकास कार्याें की प्रगति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अब तक जारी की गयी अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष 76.3 प्रतिशत धनराशि व्यय हो चुकी है। इन सभी कार्याें का विवरण वेव-साइट पर उपलब्ध करा दिया गया है और कराये गये कार्यों तथा लाभार्थियों की सूची भी वेव-साइट पर देखी जा सकती है।
प्रवक्ता ने कहा कि सामुदायिक नलकूप निर्माण के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रस्तुुत कर दिये गये हैं। सिंचाई एवं पेयजल की आवश्यकता बुन्देलखण्ड क्षेत्र में महसूस की जा रही है और राज्य सरकार लगातार इस सम्बन्ध में जोर देती रही है। उन्होंने कहा कि निजी नलकूपों के ऊर्जीकरण हेतु पैकेज में प्राविधान किया जाना जरूरी होगा।
प्रवक्ता ने कहा कि डी0पी0ए0पी0 तथा नान-डी0पी0ए0पी0 की वर्तमान व्यवस्था को समाप्त किया जाये और अब पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र की डी0पी0ए0पी0 क्षेत्र के लिए अनुमन्य सुविधायें मुहैया करायी जायें। उन्होंने कहा कि टेन्डर के स्थान पर बाॅण्ड के माध्यम से कराये गये कार्याें की जांच करायी जायेगी और कमी पाये जाने पर कार्रवाई भी की जायेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में बुन्देलखण्ड क्षेत्र की सड़कों के प्रस्ताव भारत सरकार से अभी स्वीकृत होने हैं, इन्हें प्राथमिकता पर स्वीकृत किया जाये। साथ ही, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में बुन्देलखण्ड क्षेत्र के मजरों के विद्युतीकरण की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा शीघ्र प्रदान की जाये।
प्रवक्ता ने कहा कि पैकेज मेें स्वीकृत होने वाले शेष प्रस्तावों पर भारत सरकार से शीघ्र कार्य अपेक्षित हंै, जिसके अनुक्रम में आगामी 12 दिसम्बर, 2011 को बैठक आयोजित कर निर्णय कराये जाने की बात पर सहमति हुई है।
प्रवक्ता ने बताया कि पैकेज में वितरित बकरियों में से 1048 बकरियों के मरने के प्रकरण संज्ञान में आये हैं, किन्तु अब बकरियों के मरने के प्रकरण नही आ रहें है। पूर्व में मरी बकरियों के बीमा क्लेम प्रस्तुत कर दिये गये है और अधिकतर के बीमा क्लेम दिला भी दिये गये है। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत बनाये जा रहें कूपों के ढहने के मामले भी प्रकाश में आये हंै। इसका मुख्य कारण क्षेत्र की काली मिटटी तथा अधिक बरसात का होना है। इन कूपों को पुनः ठीक करने की व्यवस्था की जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने 11 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की

Posted on 04 December 2011 by admin

राष्ट्रीय विकलांग पार्टी ने विश्व विकलांग दिवस पर आगामी विधानसभा चुनाव हेतु सूची में 11 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। अब तक 5 किन्नर, विकलांग सहित कुल 53 प्रत्याशियों की सूची जारी हो चुकी है। राजनैतिक भागीदारी के लिए प्रदेश की 350 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का पार्टी का संकल्प दुहराते हुऐ। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय विकलांग पार्टी पूरे प्रदेश में 350 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने जा रही है, पार्टी 50 किन्नरों को पार्टी प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारगी, पार्टी द्वारा जारी पहली सूची में 5 किन्नर शामिल है। पार्टी ने पहली सूची जारी कर हाजी किन्नर शोभा बुआ को मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्तावित कर दिया है उत्तर प्रदेश में पार्टी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि विकलांगों, किन्नरों, युवाओं महिलाओं व वृद्धों को राजनैतिक भागीदारी दिलाकर सामाजिक समानता कानून पारित किया जाएगा और इस कानून के माध्यम के माध्यम से सभी को रोटी, कपड़ा मकान, चिकित्सा की सौ फीसदी गारन्टी दी जाएगी। अपनी पार्टी की रणनीति का खुलासा करते। कहा कि हम जाति धर्म के आधार पर राजनीति नही करते विकलांग पार्टी मुद्दों के आधार पर राजनीति करती है। बसपा सरकार गरीबों की मसिहा होने का ढोंग करनी है। इस सरकार ने विकलांगों की सुविधाओं में कटौती कर परिवहन निगम की निःशुल्क यात्रा सुविधा समाप्त कर दी है, सरकार बनने से लेकर आज तक तक नई विकलांग पेंशन का बजट नही दिया है। शल्य चिकित्सा योजना समाप्त कर दी गयी है। नौकरी, रोजगार की कोई समुचित व्यवस्था नही की गयी है। आज प्रदेश तथा केन्द्र सरकार विश्व विकलांग दिवस मना रही है जब कि विकलांगता बार-बार याद करने जैसे विषय नही है। सरकारों को यह हक तभी मिलना चाहिए जब वह विकलांगों की समस्याओं को सुलझाते हुए समाज की मुख्य धारा से जोड़ ले। राष्ट्रीय विकलांग पार्टी हर वर्ष सभी जनपदों में काला दिवस मनाते हुए सम्बन्धित जिलाधिकारियों को अपनी समस्याओं से सम्बन्धित ज्ञापन देने के लिये प्रदर्शन करते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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किसानों पर मेहरबान बैंक आॅॅफ इंडिया, दी पांच करोड़ की मद्द

Posted on 04 December 2011 by admin

जिले की अग्रणी बैंक का दर्जा प्राप्त बैंक आॅफ इंडिया ने शुक्रवार को किसानों की मद्द में आगे आई और मद्द का पिटारा खोलकर रख दिया। गांधी भवन के सभागार में प्रशासन ने अधिकारियों की मौजूदगी में अलग अलग योजनाओं के द्वारा 537 लाभार्थियों को 5.23 करोड़ रूपए की मद्द की। 446 किसानों को क्रेडिट कार्ड भी बांटें जिसके तहत 3.76 करोड़ का कर्ज बांटा गया। डेयरी उद्योग में 80 किसानों को 1.2 करोड़ की मद्द भी की गई। अन्य 11 योजनाओं में 45 लाख रूपए का कर्जा दिया गया। इतनी धनराशि एक मुश्त पाकरके किसानों के चेहरें खिल गए। कैंप में मौजूद जिलाधिकारी एके  सिंह राठौर नेकहा कि लाभार्थी किसानों को पैसे का सद्पयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आप लोग जागरूक किसान बनकर आगे की सरकारी योजनाओं को लाभ इसी प्रकार प्राप्त करे। बैंक आॅफ इंडिया के टीम के सदस्यों की तारीफ भी और उन्हें शाबासी भीदी। सीडीओं एके  द्विवेदी ने कहा किसान कर्ज का सही प्रयोग करके लाभ कमाएं और समय से अदायगी करना भी न भूलें। जिसकी वजह से उन्हें कर्ज मिला है बाकी  किसानों से कहा कि मायूस न हो अपने कागजों का सही सत्यापन करवाकर फिर से लाभ वितरित किया जाएगा। एलडीएम डा. लावानिया ने कहा कि बैंक  आॅफ इंडिया दूसरी बैंकों के साथ केसीसी सुविधा मुहैया कराने के  लिए प्रयत्नशील है। इस अवसर पर डीडीएम डा. एसएस सौदिया, कृषि उपनिदेषक बृजेश चंद्र श्रीवास्तव, बीओआई के 29 शाखा प्रबंधक और किसान मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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निजी अस्पताल में न मानक न स्टाफ न प्रशिक्षित कर्मचारी केवल पैसे की लूट

Posted on 04 December 2011 by admin

निजी अस्पतालों का हालचाल जानने सीएमओं डा.एसके तिवारी ने जब निजी अस्पतालों का रूख किया तो वहां जाने पर पाया कि मरीजों की जिंदगी रामभरोंसे चल रही है। व्यवस्था की सुरक्षा कम निजी अस्पतालों में व्यापार ज्यादा लग रहा था। मानक के अनुरूप उनमें कुछ भी नहीं पाया गया। क्षमता से अधिक छोटे कमरों में मरीज भर्ती थे जो निश्चित संख्या से ज्यादा थे। चारों तरफ गंदगी का बोलबाला रहा। जिला अस्पताल के सीएमओं सबसे पहले धर्मशाला रोड़ स्थित कटियार नर्सिग होम गए। बाहर बेतरतीब से खड़े वाहनों को पारकर किसी प्रकार अंदर पहुंचें। रोगियों और तीमारदारों की भीड़ में सांस लेना भी दुर्लभ था। अपर्याप्त सफाई जरा चूकें तो लगा धक्का। रजिस्ट्रेशन में दशायी गई सूची में मरीज कम थे। फार्मासिस्ट व व एनएनएम जो काम कर रही थी अप्रशिक्षित थी। सीएमओं ने हिदायत दी। कि केवल प्रशिक्षित स्टाफ ही रखे। ठीक इसी प्रकार की स्थित नघेटा रोड़ स्थित शिव शक्ति अस्पताल और कीर्ति कृष्णा बाल चिकित्सालय की थी। एक स्टाफ महिला से जब उन्होंने पूंछा कि तुमने यह कला व प्रशिक्षण कहां से सीखा हैं तो उसने कहा कि साहब सब कुछ यहीं से ही सीखें है। छोटे कमरें बेड ज्यादा सभी जगहों पर चिकित्सा नियमों का खुला उल्लंघन पाया।सुई लगाने सेलेकर आपरेशन थियेटर तक अप्रशिक्षित कर्मचारी लगे हुए  है। जो डाक्टर की मद्द करते है। यह व्यवस्था काफी फल फूल रहीहैं। समुचित निर्देश देते हुए सीएमओं ने कहा कि व्यवस्था सुधारों नहीं तो कार्यवाही की जाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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आदिवासी बच्चों का कब्रगाह बना यूपी ,सोनभद्र में ५०० से ज्यादा मौतें -आवेश तिवारी

Posted on 04 December 2011 by admin

1अकाल मौत  से भी भयावह होता है अकेले पड़ जाना !देश की उर्जा राजधानी कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद  के आदिवासी -गिरिजन अकेले पड़ चुके हैं|पिछ्ले१५ दिनों के दौरान आदिवासी बहुल इस जनपद में अज्ञात बीमारी से 500 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है,वहीँ हजारों बच्चे अब भी जीवन -मौत से संघर्ष कर रहे हैं |शर्मनाक ये है कि मरने वाले शत -प्रतिशत बच्चे अनुसूचित जनजातियों के हैं |स्थिति की  गंभीरता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि 402 ग्राम सभाओं वाले सोनभद्र की  अकेली तीन ग्रामसभाओं में लगभग  115 मौतें हुई हैं |मौत के सर्वाधिक मामले जनपद के चोपन विकास खंड से सामने आये हैं | त्रासदी ये है कि अकाल मौतों के इस रौंगटे खड़ा कर देने वाले अध्याय में कई -कई परिवारों में एक से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है |शायद जिन्दा कौमें यकीन न करे गरीब माँ  -बाप  इलाज के लिए पैसे न होने की स्थिति में अपने स्वस्थ बच्चों को सेठ -साहूकारों के यहाँ गिरवी रख दे रहे हैंमौत के इन गंभीर मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश में इस एक वक्त जब मैडम मायावती विधान सभा चुनावों की गुना गणित में लगी हैं और नौकरशाही जैसे -तैसे गुड गवर्नेंस का माहौल बनाने की कोशिशों में  |सोनभद्र का काला पानी कहे जाने वाले इन  इलाकों में बच्चों की मौत के इन मामलों पर किसी की भी निगाह नहीं पड़ी है ,सरकारी चिकित्सक दुर्गम कहे जाने वाले इन इलाकों में जाने से पह्ले गुरेज करते थे ,निजी चिकत्सकों के लिए आदिवासियों का इलाज हमेशा से घाटे का सौदा है ,ऐसे में आदिवासियों के पास दो ही विकल्प शेष बचे हैं या तो वो अपने बच्चों का इलाज झोला झाप डाक्टरों से कराएँ या फिर उन्हें ओझाओं के भरोसे छोड़ दे |बच्चों की मौत के इन मामलों में जब जिलाधिकारी सोनभद्र से बात की गयी तो उन्होंने स्थिति की गंभीरता स्वीकार करते हुए कहा कि हमने इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव को सूचना प्रेषित कर दी है ,हमारी प्राथमिकता है कि पह्ले इस बात का पता लगाया जाए कि इन अकाल मौतों की मुख्य वजह  क्या है |हालाँकि वो बार -बार ये दलील देते रहे कि अधिकारियों को प्रभावित इलाके में भेजा गया है ,और अतिरिक्त दवाओं की मांग की गयी है |जबकि जमीनी हकीकत ये है कि अधिकारी  संक्रमण के भय और सड़कों के अभाव में मौके पर अभी तक नहीं पहुंचे हैं |इस सम्बन्ध में जब कुछेक चिकित्सकों से बात की गयी तो उन्होंने नाम न छापने कि शर्त पर बताया कि जिस तरहसे ये मौतें हो रही हैं उन्हें देखकर इन्सेफेलाइटिस की संभावनाओं से इनकार  नहीं किया जा सकता |चिकित्सक फिलहाल बीमार बच्चों का इलाज फाल्सिफेरुम  मलेरिया की दवाओं से कर रहे हैं  ,गौरतलब है कि सोनभद्र देश के सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित इलाकों में से एक है |

देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करते करते थक चूका उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जनपद या तो भ्रष्टाचार की वजह से सुर्ख़ियों में रहता है या फिर अकाल मौत की वजह से ,यहाँ अब तक अज्ञात बीमारियों से जानवरों की मौत होती थी इस बार मासूम बच्चों की बारी हैं ,गाँव के गाँव कब्रिस्तान में तब्दिल हो रहे हैं सोनभद्र के जुगैल ग्राम सभा के भीतरी गाँव के पप्पू के पास फिलहाल अपने मृत  बच्चे के अंतिम संस्कार के लिए  भी पैसे नहीं है उसका  ४ साल का बच्चा दो दिन पहले अचानक बीमार पड़ा और गाँव के अन्य १२ बच्चों की तरह उसने भी दम तोड़ दिया ,लगभग एक हजार की आबादी वाले इस गाँव में ज्यादातर आदिवासी  सीमांत कृषक है ,गरम पहाड़ वैसे भी सरकारी योजनाओं की तरह होते हैं जिनसे पेट नहीं भरा जा सकता ,इलाज कहाँ से हो ,गाँव के लोगों ने मनरेगा में काम किया लेकिन दो -दो साल की मजदूरी बाकी है ,ऐसे में इलाज के लिए आदिवासियों के पास महाजन से एक के दो सूद पर कर्ज लेने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है |गाँव के तिवारी लाल बताते हैं कि हमारे  पास झोला छाप डाक्टरों से इलाज के अलावा कोई और रास्ता नहीं ,लगभग पांच किलोमीटर दूर पंचपेडिया में सामुदायिक स्वास्थय केंद्र  है ,लेकिन चिकित्सकों के अभाव में इस पर भी ताला लगा हुआ है ,इलाज की सुविधा जिस नजदीकी कस्बे ,ओबरा में मौजूद है वो तक़रीबन ३०  किलोमीटर दूर है ,लेकिन सुगम सड़क मार्ग न होने से रात तो क्या दिन में भी जाना वहाँ  असंभव है |श्यामलाल और पृथ्वीलाल ने तो अस्पताल ले जाते समय बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया  आदिवासियों के पास वाहन के रूप में खटिया और उसके चार पावे मौजूद हैं जिस पर लादकर बीमार को पहाड़ी रास्तों से ले जाना बेहद दुष्कर काम है |गाँव में एक दो झोला झाप डाक्टर मौजूद हैं वो अपने ज्ञान के अनुसार यथासंभव इलाज करते हैं |भीतरी के ही रामानुग्रह का बच्चा जब बीमार पड़ा तो उसने उसे टेक्सिम का इंजेक्शन लगा दिया और बच्चे की जान बच गयी |

dscn9877भीतरी से आठ किलोमीटर दूर घनघोर जंगल के बीचो-बीच बसे मुर्गीडांड गाँव में मरघट सा सन्नाटा पसरा हुआ है जिसे या तो रह-रह कर आने वाली महिलाओं की चीत्कार खंडित करती है ,या फिर थके हारे चक्की की आवाज ,लगभग १०० परिवारों वाले इस गाँव में महज दो दिनों के भीतर १२ मौतें हुई हैं |गाँव में घुसते ही राज्य के परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री महामाया सचल  स्वास्थ्य परियोजना  की वैन  मिलती है | वैन में बैठे डाक्टर बताते हैं कि मलेरिया की दवा उपलब्ध नहीं है ,न ही  खून जांच के लिए बुनियादी सुविधाएँ |गाँव में घुसते ही पहला घर शिवकुमार   का है जिसके बच्चे की तीन दिनों पहले मौत हुई है ,शिवकुमार  का २ साल का दूसरा बेटा भी बीमार है शिवकुमार की पत्नी  कहती है हमारे पास न तो इलाज के पैसे हैं न तो सरकारी अस्पताल तक जाने की शरीर में  हिम्मत ,क्या करें ?मुर्गीडांड की ही रामरती जिसका पति दिल्ली में मजदूरी करता है के पांच बच्चों में से एक की मौत दो दिन पहले हो गयी ,घर चलाने के लिए न तो खेती| किसानी है और न ही और कोई जुगाड |रामरती ने मनरेगा में काम किया था लेकिन दो साल बीतने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली ,गाँव वाले बताते हैं कि पूर्व प्रधान रामेश्वर ने मनरेगा के पैसे से मंदिर बनवा दिया |गाँव वाले बताते हैं कि पिछले १५ सालों से गाँव में दवा का छिडकाव नहीं हुआ है ,दवाई के लिए झोला छाप डाक्टर हैं जो ट्रेक्टर की मरम्मत का भी काम करते हैं या फिर ओझा जो गरीब आदिवासियों को तब तक चूसते हैं जब तक दम न निकल जाए |बच्चों के मौत से जुडी एक त्रासदी ये भी है कि आदिवासी समाज मौत के बाद के क्रिया -क्रमों को बेहद अनिवार्य मानता है |अब गरीब आदिवासी भोज -भात कराने के लिए कर्ज न ले या फिर अपनी छोटी जोत की खेती न बेचे तो क्या करे ?

म्योरपुर की कुल्डोमरी ग्राम पंचायत अब से कुछ समय -पहले एक अमेरिकी कंपनी द्वारा बिजली घर लगाएं जाने के कयासों के बाद चर्चा में आई थी ,बिजलीघर तो नहीं बना ,हाँ गाँव के आस -पास बच्चों के नए कब्रगाह जरुर बन गए हैं \यहाँ के हरिपुर गाँव में चहरों और मातम का माहौल है ,पिछले एक माह के दौरान यहाँ १७ से ज्यादा मौते हुई हैं |यहाँ के मेडरदह टोले में घर -घर मातम का माहौल है |यहाँ पर अज्ञात बीमारी ने बच्चों के साथ -साथ बड़ों को भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है ,गाँव के तमाम लोगों में हिमोग्लोबिन का स्तर अचानक तेजी से घटा है |गाँव वाले बताते है कि हमारे पस घरेलु इलाज के अलावा कोई विकाप्ल्प नहीं है ,अगर हम ओबरा पहुँच भी जाते हैं तो वाहन पर बिजलीघर का  अस्पताल भर्ती का ५०० रूपए और जांच का एक हजार रूपए मांगता है ,दवाई का खर्च अलग से |गरीब आदमी कहाँ से पैसे लाये |गाँव के शंकर बैगा बताते है कि मौत के भय से ज्यादातर ग्रामीणों ने पलायन शुरू कर दिया है लोग पानी खेती किसानी और अपने जानवरों को औने पीने दाम में बेंचकर जा रहे हैं ,न जाने किसकी नजर लग गयी गाँव को |

मौत के इन दिल दहला देने वाले मामलों में स्वयंसेवी स्तर पर भी किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही |जहाँ पर अधिकारी और एनजीओज पूरी तरह से संवेदनहीन साबित हुए हैं वहीँ ग्रामीणों की आपसी मददगारी से कुछ आशा बंधी है |रेणुका के प्रदुषण को लेकर ग्रामीण युवाओं द्वारा बांये गए “रेणुका बचाओ संघर्ष समिति ” के अध्यक्ष विश्वनाथ पांडे कहते है हम लोग जितना संभव हो सकता हैं कर रहे हैं कुछ लोगों को हमने आपस में पैसा इकठ्ठा कर अस्पतालों में भर्ती कराया है लेकिन ये नाकाफी है |पांडे कहते हैं “जब तक चिक्तिसक गाँवों में नहीं जायेंगे और ग्रामीणों तक दवाएं नहीं पहुंचेगी ,तब तक मौत के ये मामले रुकेंगे  कहना कठिन है |वो मांग करते हैं कि इन अकाल मौतों की वजह सीधे तौर पर जिला प्रशासन है ,दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए |निजी चिकित्सक डॉ गुप्ता कहते हैं कि अगर हम माने लें कि इन बच्चों को फाल्सिफेरम मलेरिया है तो भी एक बच्चे के इलाज और दवाओं में ४ से ५ हजार रूपए का खर्च आता है ,सोनभद्र के आदिवासी इतना पैसा कहाँ से पायेंगे ?फिलहाल राज्य सरकार मौत के इन आकडों पर चुप्पी साधे बैठी है ,राहुल गांधी भी पूर्वांचल आते हैं तो सोनभद्र नहीं आते ,मुख्यमन्त्री मायावती कभी आती हैं तो हेलीकाप्टर से ही आती है |आम आदिवासियों के नसीब में न तो जमीन है और न ही आस्मां ,सिर्फ मौत बदी है |

कुलडोमरी और जुगैल ग्रामसभा में मृतक बच्चों की सूची

छोटू                    8 माह                         अवध लाल                            जुगैल
गाड़िया                २ वर्ष                           अमर नाथ                             खोसी
विमलौती             १० वर्ष                          हरी प्रसाद                             पदीडाड
नगरा                  ८ वर्ष                            देवी चंद                               कडिया
गोलू                   ३ १/२  वर्ष                      देवी चंद                               कडिया
छोटू लाल             ५ वर्ष                            ह्रदय                                   कडिया
माया                   १ महिना                        शंकर                                   कडिया
टोली                   ५ वर्ष                             नारद                                   काशपानी
फूलमती               ५ वर्ष                            जगदीश                                काशपानी
अमर कुमार          २ वर्ष                            जगदीश                                काशपानी
राधे                     ५ वर्ष                            रामप्रीत                                काशपानी
फूल कुमार            ५ वर्ष                            छत्तर धारी                           काशपानी
अन्नू                   ४ माह                           संत कुमार                             जुगैना
सुदेवी                  ६ वर्ष                             राम सूरत                              करवनिथा
रजनी                 १० वर्ष                            सूरज                                    कडिया
फूल सिंह             ७ वर्ष                              राम नरेश                              चाडम
अतवरिया            ९ वर्ष                              ईश्वर                                    चाडम
अशोक वैगा         १ १/२ वर्ष                       अमृत लाल वैगा                      चाडम
दरोगा                ६ वर्ष                             हिंद लाल                               भितरी जुगैल
राम सुन्दर          ६ वर्ष                             रामबली                                भितरी जुगैल
विलिता               ६ वर्ष                            लल्लू                                    भितरी जुगैल
लड़का                ५ वर्ष                            सोबरन                                 भितरी जुगैल
लड़की                १ वर्ष                            कमलेश                                भितरी जुगैल
लड़का                ७ वर्ष                            पन्ना लाल                             भितरी जुगैल
लड़का                ५ वर्ष                            रामलाल                                भितरी जुगैल
लड़की                २ माह                           संतलाल                               भितरी जुगैल
लाती                  २ १/२ वर्ष                       लालजी                                 भितरी जुगैल
सावित्री                ६ माह                         राम सुभग                             भितरी जुगैल
फूल सिंह              ५ वर्ष                          राम नरेश                               भितरी जुगैल
टिक्कू                  १ वर्ष                          कैलाश                                   खोखरी डाड़
गीता                    ७ वर्ष                         सुग्रीव                                    जुगैल खोखरी
बल्लू                     २ वर्ष                        सुग्रीव यादव                            खोखरी डाड़
पुत्र                       २ दिन                       सूर्य बलि                                  मुर्गी डाड़
कलावती                ३ वर्ष                        शिव कुमार                               मुर्गी डाड़
सजवंती                 ४ वर्ष                        गीरज कुमार                             मुर्गी डाड़
संगीता                   ३ वर्ष                       बुधराम                                    मुर्गी डाड़
लड़का                    ५ वर्ष                       सीताराम                                  मुर्गी डाड़
लड़की                     १ १/२ वर्ष                रामजीत                                   घर हवहिया जुगैल
लड़की                     ३ वर्ष                     वाल गोबिंद                                कुराहनिया
सुनीता                     ७ वर्ष                    सुखरीभर                                  ठोघी
रिंकू                         ५ वर्ष                    राम निघरी                                 ठोघी
लड़का                      ५ वर्ष                    चेतू                                           रास्ते में
लड़का                      ३ माह                   पप्पू                                          भीतरी
भागीरथी                  6 वर्ष                    पप्पू                                          भीतरी
राहित                      ४ वर्ष                    रामलाल                                    भीतरी
विन्दु                       ६ वर्ष                    पृथ्वी लाल                                  भीतरी
पुत्री                         ८ वर्ष                    परसोतन गोंड                               हरिपुर
पुत्री                         ३ वर्ष                    छोटेलाल                                     हरिपुर
पुत्री                         ६ वर्ष                    राजकुमार गोंड                             हरिपुर
पुत्री                         १२ वर्ष                  बैजनाथ                                       हरिपुर
पुत्री                         ७ वर्ष                   राम चरण खरवार                         हरिपुर
पुत्री                         २ वर्ष                   जगत गोंड                                   हरिपुर
नाती                        ५ वर्ष                  गुलाब सिंह                                   हरिपुर
पुत्र                           १२ वर्ष                गुलाब सिंह                                   हरिपुर
पुत्र                           १ वर्ष                  जगत नारायण  सिंह गोंड                हरिपुर
पुत्र                           २० वर्ष                सुखलाल गोंड                               हरिपुर
पुत्री                          ५ वर्ष                  कुंज लाल खरवार                          हरिपुर
पुत्र                           ५ वर्ष                  ईश्वर सिंह गोंड                             हरिपुर

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4-day International Convention on Students’ Quality Control Circles concludes

Posted on 04 December 2011 by admin

jg_qcExcellence in human race can only be brought through quality concept in education
— Quality experts of India and abroad opine

On the 4th and last day of the four-day International Convention on Students’ Quality Control Circles (ICSQCC-2011) convened by City Montessori School, Kanpur Road campus, the quality experts came from across the globe unanimously said that the human race can only excel if the quality concept is brought in education. The fourth and concluding day of the ICSQCC-2011 going on at CMS Kanpur Road auditorium had been very interesting and the quality ‘gurus’ poured out their knowledge and inspired students to imbue them. On the last day of the Convention the students participated in ‘Quality Quiz’ contest to show the advent of quality age through their knowledge and skills. Chief Minister, Mr Mahiepala Herath of Sabaragamuwa Province of Sri Lanka handed over the ICSQCC flag to the representative of Mauritius where the next convention will be convened.
The fourth day opened with the meaningful speech of CMS Founder, Dr Jagdish Gandhi on ‘Meaningful Education’. Dr  Gandhi said that humanity can never be benefitted until we make quality human beings. The ‘quality’ in man inspires him to serve the humanity, in absence of this ‘Quality’, even the most learned of men tend to exploit the humanity. Making himself clear, he said that today, man is engaged in improving the quality of non-living items like TV, fridge, camera, watches, mobile phones etc. but the quality of the man himself in constantly deteriorating. This phenomenon is leading to the increase in
anti-social activities like terrorism, war, theft, murders, kidnappings etc. There is, therefore, an urgent need to develop the concept of quality for the benefit of humanity, he said.
Mr A M M Khairul Bashar, Vice President, Bangladesh Society for TQM, Dhaka said that goal setting and decision making are the keywords of a quality person and to develop quality a person should be gentle and eager. He profusely praised Dr Jagdish Gandhi, renowned educationist and Founder of CMS for instilling quality concept in children. Dr Richard Ennels of UK regarded quality concept as empowerment. He emphasized on the respect for experience, skills and knowledge. Similarly, Dr. Feyza Doyran from Bogazici University, Istanbul, Turkey said that if we want to change the world first we have to change ourselves. We should learn good traits from others. Her stress was on self-respect and learn from our mistakes instead of fearing from it. Mr Ranjith Goonatilake, a quality expert from Sri Lanka quoted Swami Vivekananda’s quotation that the ‘Education should be life building’.
In the afternoon session, students from various countries participated eagerly in the Quality Quiz. After the written round, the selected teams displayed their deep knowledge and awareness by answering questions with electrifying speed in the oral quiz. The questions ranged form various aspects of quality control and quality management to cover a variety of subjects.
In the closing ceremony of the convention, the Principal of CMS Kanpur Road, Dr (Mrs) Vineeta Kamran said that quality breathes new life in every product and activity. Nature itself teaches us the value of quality. If water or air is polluted, there is danger of death, desire and extinction of species. Students must be trained to become Total Quality Persons since the very beginning. She was happy that quality Gurus and experts as well as quality enthusiasts and students of 11 counties of the world have added a new chapter in the field of quality control by their active participation and creative ideas in this convention.
This evening, a grand closing and prize distribution ceremony was organized at CMS Kanpur Road auditorium. The winners of various contests were specially honoured and awarded prizes at the closing ceremony. Sharing their experiences at the closing function, students of various countries said that the quality initiative which they had imbibed at this convention will continue to inspire them throughout life and take them towards excellence in all things. The love and affection of the CMS family will remain as sweet memories in their hearts. The lesson of peace and unity learnt here will be a gift for them when they return to their respective country. At the end of the ceremony, the CMS Founder-Director and renowned educationist, Dr (Mrs) Bharti Gandhi thanked all the respected guests, teachers, educationists, quality experts and students whose total involvement had contributed to the outstanding success of the Quality Control Convention.
qc-closingChief Public Relations Officer of CMS, Mr Hari Om Sharma said that in the 4-day International Convention on Students’ Quality Control Circles (ICSQCC-2011), around 1800 students and quality gurus from 11 countries of the world viz Bangladesh, Cyprus, Mauritius, Nepal, Philippines, Singapore, Sri Lanka, Turkey, USA, UK and India  participated. During the past four days, these students from various countries displayed their excellent skills through quiz, poster and slogan writing, skit and case study presentation and have spread the quality movement in all direction. Mr Sharma expressed his firm belief that these students will further spread the feelings of quality in their countries when they go back so that the whole earth may be illumined with the flame of quality and progress of humanity may appear in result.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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