कंाग्रेस की स्पष्ट धारणा है कि व्यापारी वर्ग हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैं एवं व्यापारी वर्ग हमारे देश की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं। कांग्रेस पार्टी व्यापारियों के साथ हैं किन्तु विपक्षी दलों द्वारा व्यापारियों की आड़ लेकर अपने राजनैतिक लाभ के लिए आज जिस मुद्दे के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराने का कृत्य किया गया है वह उचित नहीं है। क्या भाजपा, बसपा और सपा, संसद में अन्य मुद्दों पर भी एक साथ खड़े होंगे?
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता राम कुमार भार्गव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि जिस तरह भाजपा, सपा एवं अन्य मौकापरस्त दलों ने अपनी-अपनी तरह से बंद का आवाहन किया था उससे इन दलों की आपसी प्रतिद्वंदिता झलकती है जिसका व्यापारियों से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। अच्छा होता कि यह सभी पार्टियां व्यापारिक संगठनों की आवाज में आवाज मिलाते, न कि उनके आंदोलन को हाईजैक करने का प्रयास करते।
लोकसभा में जब इस मुद्दे पर विचार-विमर्श होने वाला है और विपक्षी दलों सहित सभी दलों के चुने हुए प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं, ऐसे में इस मुद्दे सहित सभी मुद्दों का सार्थक हल आपसी विचार-विमर्श से ही संभव है और लोकतंत्र में यही अवधारणा होती है। कांग्रेस पार्टी ने कभी भी व्यापारियों के हितों को अनदेखा नहीं की है लेकिन व्यापारी वर्ग को राजनैतिक दलों से सावधान रहने की आवश्यकता है जो अपने राजनैतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए ऐसे मौकों की तलाश करते हैं और उनके तथाकथित हमदर्द बनकर उन्हें ही मोहरा बनाते हैं और उनके हितों पर कुठाराघात करते हैं। पिछले 22 वर्षों में इन गैर कांग्रेसी सरकारों के कार्यकाल में व्यापारियों का किस कदर शोषण हुआ है, हत्याएं और अपहरण, फिरौती जैसी जघन्य घटनाएं हुई हैं, उसे प्रदेश की जनता भूली नहीं है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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