भारतीय जनता पार्टी ने मंत्री रतन लाल अहिरवार के इस्तीफे को नाकाफी बताते हुए कहा है कि आरोपों के दायरे में आये मंत्री के विरूद्ध आपराधिक धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर निष्पक्ष जांच करायी जाए। प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री ऐसे आरोपित मंत्रियों को केवल उनके पद से हटाकर इति श्री कर ले रही हैं। अब तक लोकायुक्त जांच के आधार पर हटाये गये मंत्रियों के विरूद्ध जांच क्यों नही शुरू कराई गयी। जबकि वे एक संवैधानिक संस्था द्वारा दोषी करार दिये जा चुके है। बसपा प्रमुख यह स्पष्ट करें जिन्हें वह मंत्री बने रहने अनुउपयुक्त पा रही हैं उन्हें वह अपना प्रत्याशी बनायेंगी या नही।
आज भाजपा मुख्यालय पर बातचीत में उन्होंने कहा कि मंत्री अहिरवार के ऊपर सरकारी धन का दुरूपयोग व ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जे जैसा गम्भीर आरोप है। पूर्व में राजेश त्रिपाठी, रंगनाथ मिश्र, अवधपाल सिंह यादव, बादशाह सिंह जैसे बसपा सरकार के महत्वपूर्ण लोग लोकायुक्त जांच में आरोपित होने के बाद पदमुक्त हुए पर इनके विरूद्ध कोई जांच कार्यवाही क्यों नही हुई। उन्होंने कहा बसपा सरकार में यदि नैतिकता होती तो वह विभिन्न आरोपों में घिरे नेताओं के विरूद्ध प्रथम दृष्टिया आरोपों को संज्ञान में लेकर आरोपितों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर उसकी जांच कराती। लेकिन राज्य सरकार ने इन लोगो के विरूद्ध अब तक कोई ठोस कार्यवाही तो नहीं की। बल्कि जनता के बीच उनका महिमा मण्डल करने का काम तो जरूर किया।
श्री पाठक ने कहा कि ठीक इसी प्रकार मंत्री दद्दू प्रसाद के ऊपर भी परिवार हित में सरकारी धन के दुरूपयोग के आरोप लगाए गये हैं। दद्दू ने अपनी पत्नी द्वारा संचालित विद्यालय में 2008-11 के बीच विभिन्न किश्तों में क्षेत्र विकास निधि योजनान्तर्गत रू. 97.12 लाख दिया है। मंत्री दद्दू प्रसाद द्वारा विधायक निधि के दुरूपयोग के खुलासे के बाद भी अब तक उनके विरूद्ध सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की और न ही उन्होंने इस्तीफा दिया। मंत्री दद्दू प्रसाद के मंत्रिमण्डल में बने रहने से साबित होता है बसपा सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। स्वयं मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दे रही हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार व घोटालों को अंजाम देकर जन-धन की लूट करने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की आशा करना बेईमानी होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com