Archive | December, 2011

ग्राम थलूगढी में जिलाधिकारी द्वारा चैक डैम का शिलान्यास

Posted on 21 December 2011 by admin

dm-agra-laying-foundation-stone-for-check-dam-at-village-thalu-garhiगहरी बोरिंग योजना के नलकूपों का स्थलीय निरीक्षण

जिलाधिकारी अजय चैहान ने तहसील एत्मादपुर के अन्र्तगत ग्राम थलूगढी में हरनद नाले पर लघु सिंचाई विभाग द्वारा बनाये जा रहे चैक डैम का शिलान्यास किया। उन्होंने बडी संख्या में उपस्थित ग्रामबासियों से खुली चैपाल लगाकर जन समस्यांए भी सुनी। उन्होंने बताया कि जिला योजना में इस वर्ष जनपद में विभिन्न स्थानों पर नौ चैक डैम बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कार्य को गुणवत्ता तथा समयबद्वता के साथ तत्परता से पूर्ण कराने के निर्देश दिये। ग्रामबासियों ने कहा कि चैक डैम बनने से वर्षा जल संचय में भी मद्द मिलेगी। जनपद में अन्य स्थानों पर बने चैक डैम के फलस्वरूप आस पास के क्षेत्रों में भूगर्भ जल स्तर में भी सुधार पाया गया है।
जिलाधिकारी ने लघु सिचाई विभाग द्वारा संचालित गहरी वोरिंग योजना में इस वर्ष स्थापित  नलकूपों का भी स्थलीय निरीक्षण किया और लाभार्थियों से वार्ता की। उन्होंने ग्राम धरैरा में नव निर्मित नलकूप पर किसानो से वार्ता की। किसानों ने बताया अब सिंचाई की सुविधा के फलस्वरूप अधिक फसलें  ले सकेगें। नगला अडू में लगाये गये नलकूप को उन्होंने अपने समक्ष चलवाकर देखा। ग्राम थलूगढी में गहरी बोरिंग योजना के तीनो लाभार्थियों से भी जिलाधिकारी ने वार्ता की । किसानों द्वारा प्रस्तुत विद्युत समस्या के त्वरित निदान हेतु उन्होंने एस.डी.एम. को प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर.के. श्रीवास्तव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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जिलाधिकारी द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु कडे निर्देश

Posted on 21 December 2011 by admin

dm-agra-ajay-chauhan-enquiring-about-the-education-with-a-student-at-village-kheriजिलाधिकारी अजय चैहान ने एत्मादपुर तहसील के विभिन्न ग्रामों के भ्रमण के दौरान प्राथमिक विद्यालयों का अचानक निरीक्षण किया और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु कडे निर्देश दिये।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मितावली में बनाई जा रही वाउन्ड्री वाल तथा अतिरिक्त कक्षा कक्ष के निर्माण की सामग्री अधोमानक पायी जाने पर जिलाधिकारी ने असन्तोष प्रकट करते हुए निर्माण प्रभारी प्रधान अध्यापक भाग चन्द को कडी चेतावनी देते हुए कार्य प्रणाली में सुधार हेतु सचेत किया। उन्होंने निर्देश दिये ब्लाक में तैनात अवर अभियंता अधोमानक निर्माण को दो दिन में तुडवाकर मानक के अनुरूप ठीक करायें। विद्यालय के शौचालय में लगे ताले खुलवाकर सफाई कराने और छात्रों को शौचालय का प्रयोग और स्वच्छता के प्रति जागरूक बनाने के निर्देश दिये। मिड-डे मील में लकडी से चूल्हे पर खीर बनाई जा रही थी। उन्होंने गैस कनेक्सन लेने के निर्देश दिये। उन्होंने शौचालय की पुताई कराने तथा  सोखता पिट बनवाने के निर्देश दिये। कार्यो के प्रति लापरवाही पर प्रधान अध्यापक को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
उन्होंने अचानक प्राथमिक विद्यालय खेडी का निरीक्षण किया। निरीक्षण में विद्यालय परिसर में संचालित दोनों आगनवाडी केन्द्रों पर बच्चे नही मिले। सेविकाओं ने बताया कि ठण्ड के कारण बच्चे नही आ रहे है। केन्द्रों पर किसी भी प्रकार कोई सामग्री उपलब्ध नही थी। जिलाधिकारी द्वारा मांगी गई सूचनाएं और जानकारी का भी सेविकाएं कोई उत्तर नही दे सकी। जिलाधिकारी ने डी.पी.ओ. को गहन निरीक्षण करने के निर्देश दिये और दोनो आंगनबाडी सेविकाओं सोमवती और सरोज को सेवा से प्रथक करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने विद्यालय के मध्यान्ह भोजन मीनू का अवलोकन किया। रसोई में जाकर मसाले तथा सामग्री चैक की । स्कूल में एक अध्यापक तथा दो शिक्षा मित्र तैनात है। कुल 81 छात्र पंजीकृत है परन्तु मौके पर 43 बच्चे उपस्थित मिले। उन्होंने छात्रवृत्ति तथा पुस्तक वितरण की जानकारी प्राप्त की । स्कूल में ड्रेस वितरण भी अविलम्ब कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी तथा मुख्य विकास अधिकारी ने बच्चों से पाठ्य पुस्तकें तथा पहाडें आदि सुने। शिक्षा की गुणवत्ता में निराशा जनक स्थिति पर उन्होंने शिक्षा मित्रों को नोटिस तथा अध्यापक को चेतावनी जारी करने के निर्देश देते हुए शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने और अभिभावकों से सम्पर्क कर अनुपस्थित बच्चों को नियमित स्कूल भेजने हेतु कार्यवाही के निर्देश दिये।
स्कूल की पुताई हेतु धनराशि उपलब्ध होने पर भी कार्य नही कराया गया है। शौचालयों की स्थिति खराब होने पर भी उन्होंने असंतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि शिक्षण कार्य की ओर विशेष ध्यान दें। नगला अडू के विद्यालय में शिक्षक की तैनाती हेतु निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आर0के0 श्रीवास्तव तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी 20 दिसम्बर, 2011 को एनेक्सी स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करती हुईं।

Posted on 21 December 2011 by admin

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राज्य का विभाजन के ेनाम पर बाजी मारने को आतुर बसपा भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं

Posted on 21 December 2011 by admin

उप्र विभाजन के मायाबती के सियासी दांव को काग्रेस ने उलटने के तहत राह मे रोढे अटकाने  का मन बना लिया है केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के 4 भागों में विभाजन के मायावती सरकार के प्रस्ताव को बैरंग वापस लौटा दिया है। राज्य के विभाजन के प्रस्ताव पर तभी विचार किया जा सकता है, जब वह 8 मुद्दों को साफ कर दें। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव में नए राज्यों की सीमाओं का जिक्र तक नहीं है, जो किसी नए राज्य को बनाने के लिए पहली जरूरत है। यह भी नहीं बताया गया कि प्रस्तावित राज्यों में कौन-कौन से जिले शामिल होंगे और उन राज्यों की राजधानी कहां होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि नए राज्य बनाने का खर्च कहां से आएगा और इसे कौन वहन करेगा। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा है कि प्रस्ताव भेजने से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने नए राज्यों के औचित्य का कोई अध्ययन कराया था या नहीं। आखिर राज्य सरकार के विभाजन के प्रस्ताव का आधार क्या है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय यह भी जानना चाहता है कि यूपी के ऊपर मौजूदा कर्जो और राजस्व का नए राज्यों के बीच बंटवारा कैसे किया जाएगा। गृह मंत्रालय यह भी जानना चाहता है कि राज्य में अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों (आइएएस व आइपीएस) का नए राज्यों के बीच बांटे जाने का फार्मूला क्या होगा। के जबाब मे मायाबती ने काग्रेस पर उलट बार करते हुऐ कहा है कि प्रदेश के पुनर्गठन के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार द्वारा प्रेषित पत्र राज्यों के पुनर्गठन के विषय में संविधान द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के उल्लंघन में है, जिसका समुचित उत्तर राज्य सरकार द्वारा प्रेषित किया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि कल व आज समाचारों में जो उल्लिखित किया गया है कि ‘केन्द्र सरकार ने राज्य के विभाजन का प्रस्ताव लौटा दिया यह सही नहीं है। वास्तव में राज्य के पुनर्गठन सम्बन्धी प्रस्ताव को लेकर भारत सरकार द्वारा कतिपय मुद्दों पर जानकारी उपलब्ध कराने की अपेक्षा प्रदेश सरकार से की गयी है। जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय वह इसे लम्बित रखना चाह रही है।
किसी भी राज्य के पुनर्गठन अथवा विभाजन के लिये संविधान में वर्णित प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्बन्ध में विधेयक या कानून संसद द्वारा ही पारित किया जाता है तथा राज्य सरकार की इसमें कोई संवैधानिक भूमिका नहीं होती। संविधान के अनुच्छेद-3 के अन्तर्गत संसद में राज्य के पुनर्गठन का विधेयक प्रस्तुत करने से पूर्व उसके विषय में महामहिम राष्ट्रपति जी की अनुज्ञा प्राप्त किया जाना अपेक्षित है तथा राष्ट्रपति ऐसी अनुज्ञा देने से पहले सम्बन्धित राज्य के विधान मण्डल से अनिवार्य रूप से अभिमत प्राप्त करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के विषय में विधान मण्डल द्वारा दिनांक 21 नवम्बर, 2011 को पारित किये गये प्रस्ताव को राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को भेज दिया गया, जिसमें कि उत्तर प्रदेश विधान मण्डल की मंशा व्यक्त की गयी है। इस सम्बन्ध में यदि केन्द्र सरकार संवैधानिक योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित विधेयक के विषय में अभिमत चाहती है तो उसे महामहिम राष्ट्रपति जी के माध्यम से राज्य के विधान मण्डल से संवाद करना चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधान मण्डल के अभिमत के विषय में कोई टिप्पणी अथवा स्पष्टीकरण देने हेतु संवैधानिक रूप से सक्षम नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पुर्नगठन विधेयक निर्मित करने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से कोई जानकारी चाही जाती है तो राज्य सरकार प्रशासनिक स्तर पर उसमें निश्चित रूप से सहयोग करेगी। परन्तु केन्द्र सरकार ने ऐसा कुछ नहीं कहा है कि उसको विधेयक बनाने के लिए सूचना अथवा जानकारी चाहिये। केन्द्र सरकार ने पत्र में यह कहा कि वह पत्र का उत्तर प्राप्त होने के पश्चात इस पर विचार करेंगी। इसका मतलब विधान मण्डल के प्रस्ताव का कोई महत्व केन्द्र सरकार के लिए नहीं है, जबकि केन्द्र सरकार को जन-आकांक्षाओं के अनुरूप भेजे गये विधान मण्डल के प्रस्ताव पर संवैधानिक रूप से कार्यवाही करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस प्रकार केन्द्र सरकार द्वारा प्रेषित किया गया उक्त पत्र महामहिम राष्ट्रपति जी एवं उत्तर प्रदेश राज्य के विधान मण्डल के अधिकारों के अनुरूप प्रतीत नहीं होता है। उप्र विभाजन के पक्षधर बुन्देलखण्ड काग्रेस के राजा बुन्देला के साथ ही लोकमंच के अमर सिह भी माया के सुर मे सुर मिला रहे है। जन-आकांक्षाओं के अनुरूप उत्तर प्रदेश राज्य का विभाजन मे देर करने पर काग्रेस को कटघरे मे खडा करने की मुहिम पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड,मे चलायेगे। राज्य का विभाजन के ेनाम पर बाजी मारने को आतुर बसपा भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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UGC Sanctions Rs. 5 crore to Manyawar Sri Kanshiram ji Urdu, Arabi-Farsi University for library and Computer lab

Posted on 21 December 2011 by admin

The University Grants Commission (UGC) has sanctioned an amount of Rs. 5 crore to the Manyawar Sri Kanshiram ji Urdu, Arabi-Farsi University under the “one-time catch-up grant” scheme, for its Lucknow Campus. The sanctioned amount will be utilised for the construction of the library building and the computer lab.
This information was given by the Vice-Chancellor of the Manyawar Sri Kanshiram ji Urdu, Arabi-Farsi University, Mr. Anis Ansari, here today. He said that the condition imposed by the UGC on the U.P. Government to provide a matching grant of Rs. 5 forms part of the scheme.
Mr. Ansari further said that the digital library and the computer lab would be set up under the project. Under this project, the library building and the lab will be constructed in a built-up area of 7441 sq. metres at a cost of about Rs. 15.39 crore. The entire complex housing the library and the lab will be six-storeyed, he added.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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जनसंपर्क शुरू करके चुनाव अभियान का श्रीगणेश

Posted on 19 December 2011 by admin

img00245-20111219-1400भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही ने आज अपने निर्वाचन क्षेत्र पथरदेवा विधानसभा में जनसंपर्क शुरू करके चुनाव अभियान का श्रीगणेश कर दिया। विधान सभा के तरकुलवा, बघोचघाट व पथरदेवा मंडल में सघन जनसम्पर्क करते हुए श्री शाही ने लोगों से आगामी विधान सभा चुनाव में भ्रष्टाचार व आतंक की पर्याय बनी बसपा सरकार को नेस्तनाबूत कर प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए भाजपा की सरकार बनाने का आह्वान किया।
जनसम्पर्क के दौरान लोगों ने जगह-जगह प्रदेश अध्यक्ष श्री सूर्य प्रताप शाही का स्वागत किया और उन्हें भारी बहुमत से जीत का भरोसा दिया। इस अवसर पर श्री शाही ने मायावती को अब तक की सबसे भ्रष्ट और तानाशाह मुख्यमंत्री बताया। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर पूरे प्रदेश की जनता बिजली, पानी, खाद, बीज, दवाएं जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से त्रस्त है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की मुख्यमंत्री जनता की गाढ़ी कमाई के धन रैलियों में बरबाद करने में मस्त हैं।
img00240-20111219-1249जनसम्पर्क के दौरान भूपेन्द्र सिंह, अनिल सिंह, दुर्ग विजय यादव, रवीन्द्र पाण्डेय, हरेन्द्र पाण्डेय, सुनील सिंह, रमेश ंिसह, धु्रवनाथ पाण्डेय, जलालुद्दीन खान, राजेश मधेसिया, श्रीनिवास मणि, ब्रम्हा यादव, संजय सिंह, संजीतधर द्विवेदी, मन्दीप मिश्र, मृत्युंजय पाण्डेय, अखिलेशमणि, प्रभुनाथ मिश्र, अमर ंिसह, दुर्गेश पाण्डेय, कृष्णनाथ राय, अमरेन्द्र सिंह, नवीन ंिसह, पिंटू सरकार, विजय सैनी, पंकज, विनीत, विमल मिश्र सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मुसलमानों के आरक्षण का बिल संसद में आने पर सपा के सभी संसद सदस्य समर्थन करेंगे

Posted on 19 December 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री सुश्री मायावती जी ने दिनांक-18-12-2011 की क्षत्रिय, मुस्लिम बैश्य भाई चारा रैली में अल्पसंख्यकों से फर्जी मोहब्बत का ड््रामा कर उन्हें गुमराह करने वाला बयान और कोरी घोषणायें कर बहुजन समाज पार्टी के मुखिया का चेहरा बेनकाब हो गया है ।
1-        चुनाव करीब आते ही मुख्य मंत्री जी को मुसलमानों की याद आई और बाबरी मस्जिद  की शहादत में कांगेस और भजपा की साजिश भी याद आयी लेकिन बाबरी मस्जिद को दिन दहाडे शहीद करने वाली भाजपा के साथ मिलकर हुकूमत  बनाते समय उनको मुुसलमानों की याद क्यों नहीं आयी ।

2-        बहुजन समाजवादी पार्टी  की मुखिया को उस दिन मुसलमानों की याद क्यों नहीं आयी जब मुसलमानों पर नरसंहार कराने वाले  गुजारात के मुख्य मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह मोदी के चुनाव में उनके लिये वह वोट मांगने  स्वयं गुजरात गयी थी ।

3-        बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने पार्लियामेंट में भाजपा द्वारा पोटा बिल को पास कराने में भाजपा की हिमायत क्यों की थी और उस समय भाजपा का साथ क्यों दिया था, जब कि   पोटा के कारण आज भी हजारों मुसलमान जेलों में बद हैं ।

4 -    मायावती जी ने बाबरी मस्जिद के शहादत के अपराधी श्री लाल कृष्ण अडवानी का स्वागत  अम्बेडकर पार्क में करके मुसलमानों के घाव पर नमक छिडकने का काम किया है ।

5-        मुख्य मंत्री जी को मुसलमानों को ख्याल  उस समय क्यों नहीं आया जब सिमी की गतिविधियां  उत्तर प्रदेश में न होने के बावजूद उन पद केन्द्र की भाजपा सरकार और कांग्रेस सरकारों को समर्थन देकर उन पर प्रतिबंध जारी रखा । जब कि माननीय मुलायम सिंह जी ने सिमी पर प्रतिबंध हटा दिया था ।

6-        मुख्य मंत्री जी यह बतायें कि उन्होंने मकोका की तर्ज पर कोका बिल को इस प्रदेश में क्यों पास  कराया जब कि महाराष्ट््र  में मुसलमानों के खिलाफ मकोका बिल का दुर्पयोग किया गया । उत्तर प्रदेश विधान परिषद् में समाजवादी पार्टी द्वारा कोका बिल को न रोकती  तो यहां पर   भी मुसलमानों का वही हश्र होता जो कि गुजरात और महाराष्ट्  में मुसलमानों के साथ हुआ ।

7-        मुसलमानों  के बारे में अपने साढे चार साल के कार्यक्रल में पुलिस की 33 हजार की भर्ती में केवल दो प्रतिशत की हिस्सेदारी क्यों दी जब कि इसके विपरीत माननीय मुलायम सिंह जी के कार्यकाल में 14 प्रतिशत मुसलमानों की पुलिस में भर्ती हुई ।

8-        माननीय मायावती जी के साढे चार साल के कार्यकाल में  मेरिट और पात्रता के बावजूद श्री अनीस अंसारी को     उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव क्यों नहीं बनाया गया ।
9-        मायावती के कार्यकाल में प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी    और पुलिस अधीक्षकों की तैनाती में केवल 1 ही जिले में मुसलमानों की पोस्टिंग की गयी  जिससे मायावती की मुस्लिम बिरोधी मानसिकता स्पष्ट होती है ।

10-    प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा में  दलितों के छात्रों की पूरी फीस मांफ है लेकिन अल्पसंख्यक  छात्रों को केेवल नाममात्र की  ही प्रतिपूर्ति की जाती है और दलित छात्रों की पूरी फीस की छूट मिलती है, इतना बडा भेदभाव क्यों किया जाता है ।

11-        जनपद लखीमपुर के निघासन की एक 13साल की लडकी सोनम के साथ थाने में  बलात्कार और कत्ल भी हुआ लेकिन बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने उसकी  कोई सहायता नहीं की जब कि समाजवादी पार्टी ने पीडित परिवार  को एक लाख की  आर्थिक सहायता की ।
12-     मुख्य मंत्री जी द्वारा 30 अक्टूबर,2008 में ऊर्दू फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी किन्तु अभी तक न उस विश्वविद्यालय का भवन पूरा निर्मित हुआ और न ही पढाई शुरू हुई ।
बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया ने मुसलमानों को आरक्षण देने की बात पर चुप्पी साध ली है और सारी जिम्मेदारी केन्द्र के ऊपर डाल दी है । समाजवादी पार्टी की सरकार मुसलमानों के हित और इंसाफ के लिये हमेशा से ही तत्पर रही है । समाजवादी पार्टी में सबसे पहले 67 मदरसों को अनुदान सूची में लाकर 13000 ऊर्दू शिक्षकों को नौकरी देकर रोजी रोटी से जोडा । दोबरा समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर 20000 ऊर्दू शिक्षकों की भर्ती की गयी । समाजवादी पार्टी ने बुनकरों के पावर लूमों को किसानों की भंांति निश्चित दर पर सस्ती 18-20 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गयी । वक्फ सम्पत्तियों को रेंट कंटोल से मुक्त किया गया, हाजियों की सुविधा के लिये हज हाउस की स्थापना की  गयी । समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर मुसलमानो के हित में रंगनाथ मिश्रा व सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर ठोस कार्यवाही की जायेगी। मुसलमानों के आरक्षण का बिल संसद में आने पर सपा के सभी संसद सदस्य समर्थन करेंगे । दिल्ली में सरकार आने पर सपा यह काम खुद करेगी ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्तर प्रदेश की जनता बदलाव का मन बना चुकी है

Posted on 19 December 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र  चैधरी ने बताया है कि विकास की गंगा बहाने का दावा करते हुये कांगे्रस अंततः जाति और सम्प्रदाय के परनाले के किनारे आकर ठहर गई है। कांग्रेस महासचिव श्री राहुल गाॅधी ने रमाबाई नगर की जनसभा में श्री सैम पित्रोदा की जाति बताई। यह बात समझ से परे है कि केवल जातीय समीकरण और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण के लिए कांगे्रस कैसे कैबिनेट मंत्री पद से लेकर आयोग के चेयरमैन के पद भी बांटने लगी है। मोलतोल और बंदरबांट का यह सिलसिला कांगे्रस की पुरानी परम्परा एवं सिद्धान्तों का मजाक बनाता है। ऐसे तो लोगों की तकदीर क्या बदलेगी, जिसका वायदा किया जा  रहा है।
कांगे्रस के नए नेता पुराने इतिहास और संस्कृति से अनजान है। उन्हें सिर्फ इस बात की व्याकुलता है कि पिछले 22 सालों से कांगे्रस को उत्तर प्रदेश में सत्ता की चासनी चखने का मौका नहीं मिल रहा है। जब तक कांगे्रस सत्ता में रही उसे गरीबों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों की याद नहीं आई। किसानों की बदहाली, मजदूरों की तंगहाली और बढ़ती मंहगाई की चिन्ता नहीं हुई। भ्रष्टाचार के घोटाले पर घोटाले कांगे्रस की नई संस्कृति के अंग बन गए। प्रदेश भर के विकास का राग अलाप रहे नेता अमेठी-रायबरेली का जब 64 वर्षो में विकास नहीं कर पाए तो अब उनसे क्या उम्मीद रखी जा सकती है। दरअसल विकास का नारा तो सिर्फ जनता को भरमाने के लिए दिया जा रहा है। कांगे्रस तो किसी भी तरह सत्ता में आने के लिए व्याकुल है। उसके लिए वह कोई गलत कदम भी उठा सकती है।
कांग्रेस नेतृत्व को जानना चाहिए कि समाजवादी जाति के पक्षधर नहीं, जाति तोड़ांे के समर्थक हैं। समाजवादी पार्टी ने हमेशा विचार और सिद्धान्त की राजनीति की है। साम्प्रदायिकता का विरोध और धर्म निरपेक्षता का पक्ष लिया है।
समाजवादी पार्टी ने कभी क्षुद्र और संकीर्ण भावनाओं को उभारने का काम नहीं किया है। वह राजनीति में शुचिता तथा पारदर्शिता की कायल है। इसलिए श्री मुलायम ंिसह यादव ने न तो कभी जातीय सम्मेलनों में भाग लिया और नहीं जाति के नाम पर वोट माॅगे हैं। यह बड़े दुःख एवं क्षोभ की बात है कि प्रदेश में सत्ता के लिए व्याकुल कांगे्रस वोट के लिए क्षुद्र राजनीति को बढ़ावा दे रही है। दिखावे के लिए बसपा सरकार की आलोचना होती है पर उसके भ्रष्टाचार और अत्याचार पर बंदिश लगाने के बजाए उसे खुला  संरक्षण दिया जा रहा है। हाथी हाथ के इशारे पर मस्त चाल चल रहा है। उत्तर प्रदेश की जनता बदलाव का मन बना चुकी है। वह समाजवादी पार्टी को सत्ता मंे लाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सरकार हाथ पर हाथ धरे आंख मूंदे बैठी है

Posted on 19 December 2011 by admin

उत्तर प्रदेश में हाड़ कंपाती ठंड और भीषण कुहरे से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस कड़कती ठंड, शीतलहरी और भयंकर ठंड के प्रकोप से आम जनता परेशान है। अब तक पूरे प्रदेश में ठंड से सैंकड़ों की संख्या में मौतें हो चुकी हैं, किन्तु प्रदेश की संवेदनहीन मायावती सरकार हाथ पर हाथ धरे आंख मूंदे बैठी है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में काह कि प्रदेश सरकार द्वारा अलाव व रैन बसेरों के लिए जारी किये गये 6.6 करोड़ रूपये नाकाफी है। सरकारी आंकड़ों ने अब तक ठंड से 40 मौतों की पुष्टि की है, जबकि असलियत यह है कि ठंड से मृतकों की संख्या सैंकड़ों में है।
मा0 उच्चतम न्यायालय ने भी इसका संज्ञान लेते हुए दिशा-निर्देश जारी किया है कि ठंड से किसी की भी मौत नहीं होनी चाहिए। लोकतंत्र में निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी होती है कि जनता की प्रत्येक स्तर पर उनके जानमाल की रक्षा करे। प्रदेश सरकार को चाहिए कि प्रत्येक जिले के जिला मजिस्ट्रेट को सर्कुलर जारी कर यह सुनिश्चित करें कि जिलाधिकारी स्तर पर ठंड से बचने के लिए की जाने वाली व्यवस्था का औचक निरीक्षक किया जाय। जिस प्रकार सरकारी कर्मचारियों के लिए समय सारिणी निश्चित है उसी प्रकार सरकारी परियोजनाओं में कार्य करने वाले मजदूरों को भी प्रातः 8बजे की बजाय उनके कार्य के समय को बढाकर प्रातः 10 बजे से 5बजे किया जाय। सरकार को इस बात का भी एहसास होना चाहिए कि मजदूर भी इन्सान हैं।
प्रदेश सरकार की नाक के नीचे राजधानी लखनऊ में ठंड से आम जनता त्रस्त है। किसी भी दलित व मलिन बस्ती में न तो समुचित अलाव जलाने की व्यवस्था की गयी है और न ही इस भीषण सर्दी में उन्हें कम्बल, रैन बसेरे का इंतजाम किया गया है। खुद को गरीबों और दलितों का हितैषी कहलाने वाली मुख्यमंत्री के शासन में आज गरीब और दलित इस भीषण ठंड में खुले आसमान में जीने को मजबूर है और हाल बेहाल है।
केन्द्र से दलितों और गरीबों के लिए आये अरबों रूपयों को प्रदेश सरकार ने पार्कों और स्मारकों के नाम बर्बाद कर पत्थर का जंगल खड़ा कर दिया है। विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के धन में हजारेां करोड़ रूपये के भ्रष्टाचार और घोटाले किये गये, किन्तु इस ठंड से आम जनता को राहत दिलाने के नाम पर जो धन मुहैया कराया गया वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। यहां तक कि प्रदेश सरकार द्वारा बनवाये गये पार्कों एवं स्मारकों के किनारे खुले आसमान में गरीब ठंड से मर रहा है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी ने मांग की है कि मृतक परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता मुहैया करायी जाय और यह सुनिश्चित किया जाय कि अब आगे कोई मौत न हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मजहबी आरक्षण की मांग को संविधान विरोधी

Posted on 19 December 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री मायावती की मजहबी आरक्षण की मांग को संविधान विरोधी बताया और कहा कि मुख्यमंत्री की ऐसी मांग डाॅ0 बी0आर0 अम्बेडकर की विचारधारा के भी विपरीत हैं। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि उन्हें बाबा साहब की किताब “कांग्रेस ने अछूतों के लिए क्या किया” पढ़नी चाहिए। बाबा साहब ने लिखा था कि कांग्रेस मुस्लिमों के लिए तो कोरा चेक लिए तैयार रहती है लेकिन दलित हितों की परवाह नहीं करती। बाबा साहब और समूची संविधान सभा मजहबी आरक्षण के खिलाफ थी। संविधान सभा ने 1949 में सर्वसम्मति से मजहब आधारित आरक्षण को खारिज कर दिया था। लेकिन बसपा डाॅ0 अम्बेडकर के मार्ग से हट गई है। पौने पांच वर्ष के कार्यकाल में बसपा सरकार ने गरीबों, पिछड़ो और दलितों की उपेक्षा की, अब जब चुनाव सिर पर हैं तो मुख्यमंत्री मजहबी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन की मांग कर रही हैं। भाजपा इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेगी।
श्री दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस, सपा व बसपा तीनों बढ़ चढ़कर मजहबी आरक्षण की मांग कर रहे हैं, तीनों के बीच मुस्लिम वोट बैंक को लेकर गलाकाट प्रतिस्पर्धा है। तीनों को सिर्फ मजहबी वोट बैंक की ही चिन्ता है। तीनों ने मुसलमानों को वोट बैंक मान रखा है। तीनों की साजिश है कि विकास, सुशासन और भ्रष्टाचार जैसे बुनियादी सवाल चुनावी एजेण्डे से बाहर रखे जायें। मुख्यमंत्री सरकारी भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने के लिए ही बार-बार कोई न कोई शिगूफा उठाती हैं। भाजपा ने मुख्यमंत्री, उनकी सरकार व बसपा के नेताओं पर सुनिश्चित तथ्यों के साथ आरोप लगाये हैं। मुख्यमंत्री को भाजपा के सभी आरोपों का बिन्दुवार उत्तर देना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री ने भाजपा द्वारा लगाए गए तथ्यपरक आरोपों का कोई जवाब नहीं दिया। जनता सब देख रही है। बसपा का जाना और भाजपा का सत्ता में आना सुनिश्चित है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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