उत्तर प्रदेश की मुख्य मंत्री सुश्री मायावती जी ने दिनांक-18-12-2011 की क्षत्रिय, मुस्लिम बैश्य भाई चारा रैली में अल्पसंख्यकों से फर्जी मोहब्बत का ड््रामा कर उन्हें गुमराह करने वाला बयान और कोरी घोषणायें कर बहुजन समाज पार्टी के मुखिया का चेहरा बेनकाब हो गया है ।
1- चुनाव करीब आते ही मुख्य मंत्री जी को मुसलमानों की याद आई और बाबरी मस्जिद की शहादत में कांगेस और भजपा की साजिश भी याद आयी लेकिन बाबरी मस्जिद को दिन दहाडे शहीद करने वाली भाजपा के साथ मिलकर हुकूमत बनाते समय उनको मुुसलमानों की याद क्यों नहीं आयी ।
2- बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया को उस दिन मुसलमानों की याद क्यों नहीं आयी जब मुसलमानों पर नरसंहार कराने वाले गुजारात के मुख्य मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह मोदी के चुनाव में उनके लिये वह वोट मांगने स्वयं गुजरात गयी थी ।
3- बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने पार्लियामेंट में भाजपा द्वारा पोटा बिल को पास कराने में भाजपा की हिमायत क्यों की थी और उस समय भाजपा का साथ क्यों दिया था, जब कि पोटा के कारण आज भी हजारों मुसलमान जेलों में बद हैं ।
4 - मायावती जी ने बाबरी मस्जिद के शहादत के अपराधी श्री लाल कृष्ण अडवानी का स्वागत अम्बेडकर पार्क में करके मुसलमानों के घाव पर नमक छिडकने का काम किया है ।
5- मुख्य मंत्री जी को मुसलमानों को ख्याल उस समय क्यों नहीं आया जब सिमी की गतिविधियां उत्तर प्रदेश में न होने के बावजूद उन पद केन्द्र की भाजपा सरकार और कांग्रेस सरकारों को समर्थन देकर उन पर प्रतिबंध जारी रखा । जब कि माननीय मुलायम सिंह जी ने सिमी पर प्रतिबंध हटा दिया था ।
6- मुख्य मंत्री जी यह बतायें कि उन्होंने मकोका की तर्ज पर कोका बिल को इस प्रदेश में क्यों पास कराया जब कि महाराष्ट््र में मुसलमानों के खिलाफ मकोका बिल का दुर्पयोग किया गया । उत्तर प्रदेश विधान परिषद् में समाजवादी पार्टी द्वारा कोका बिल को न रोकती तो यहां पर भी मुसलमानों का वही हश्र होता जो कि गुजरात और महाराष्ट् में मुसलमानों के साथ हुआ ।
7- मुसलमानों के बारे में अपने साढे चार साल के कार्यक्रल में पुलिस की 33 हजार की भर्ती में केवल दो प्रतिशत की हिस्सेदारी क्यों दी जब कि इसके विपरीत माननीय मुलायम सिंह जी के कार्यकाल में 14 प्रतिशत मुसलमानों की पुलिस में भर्ती हुई ।
8- माननीय मायावती जी के साढे चार साल के कार्यकाल में मेरिट और पात्रता के बावजूद श्री अनीस अंसारी को उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव क्यों नहीं बनाया गया ।
9- मायावती के कार्यकाल में प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षकों की तैनाती में केवल 1 ही जिले में मुसलमानों की पोस्टिंग की गयी जिससे मायावती की मुस्लिम बिरोधी मानसिकता स्पष्ट होती है ।
10- प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा में दलितों के छात्रों की पूरी फीस मांफ है लेकिन अल्पसंख्यक छात्रों को केेवल नाममात्र की ही प्रतिपूर्ति की जाती है और दलित छात्रों की पूरी फीस की छूट मिलती है, इतना बडा भेदभाव क्यों किया जाता है ।
11- जनपद लखीमपुर के निघासन की एक 13साल की लडकी सोनम के साथ थाने में बलात्कार और कत्ल भी हुआ लेकिन बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने उसकी कोई सहायता नहीं की जब कि समाजवादी पार्टी ने पीडित परिवार को एक लाख की आर्थिक सहायता की ।
12- मुख्य मंत्री जी द्वारा 30 अक्टूबर,2008 में ऊर्दू फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी किन्तु अभी तक न उस विश्वविद्यालय का भवन पूरा निर्मित हुआ और न ही पढाई शुरू हुई ।
बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया ने मुसलमानों को आरक्षण देने की बात पर चुप्पी साध ली है और सारी जिम्मेदारी केन्द्र के ऊपर डाल दी है । समाजवादी पार्टी की सरकार मुसलमानों के हित और इंसाफ के लिये हमेशा से ही तत्पर रही है । समाजवादी पार्टी में सबसे पहले 67 मदरसों को अनुदान सूची में लाकर 13000 ऊर्दू शिक्षकों को नौकरी देकर रोजी रोटी से जोडा । दोबरा समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर 20000 ऊर्दू शिक्षकों की भर्ती की गयी । समाजवादी पार्टी ने बुनकरों के पावर लूमों को किसानों की भंांति निश्चित दर पर सस्ती 18-20 घंटे बिजली उपलब्ध कराई गयी । वक्फ सम्पत्तियों को रेंट कंटोल से मुक्त किया गया, हाजियों की सुविधा के लिये हज हाउस की स्थापना की गयी । समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर मुसलमानो के हित में रंगनाथ मिश्रा व सच्चर कमेटी की सिफारिशों पर ठोस कार्यवाही की जायेगी। मुसलमानों के आरक्षण का बिल संसद में आने पर सपा के सभी संसद सदस्य समर्थन करेंगे । दिल्ली में सरकार आने पर सपा यह काम खुद करेगी ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com