संकर मक्का बीज उत्पादकता कम्पनियों के सहयोग से संचालित योजना से लगभग 50 लाख कुन्तल अतिरिक्त मक्का उत्पादन का अनुमान
लाभार्थी कृषकों को औसतन लगभग 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का लाभ मिलेगा
उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत प्रदेश के 14 चयनित जनपदों में संकर मक्का बीज उत्पादकता कम्पनियों के सहयोग पर आधारित मक्का की उत्पादकता बढ़ाने की महात्वाकांक्षी परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गयी है। यह योजना पाइलेट फेज में प्रथम चरण में प्रदेश के 14 जनपदों-बलिया, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, रमाबाई नगर एवं औरैया जनपदों में 2.00 लाख हे0 क्षेत्र में खरीफ वर्ष 2011 से संचालित की जायेगी तथा इसके क्रियान्वयन से लगभग 50 लाख कुन्तल अतिरिक्त मक्का उत्पादन प्राप्त होने का अनुमान है। लाभार्थी कृषकों को औसतन लगभग 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का लाभ प्राप्त होगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित की गयी योजना के अन्तर्गत सम्बन्धित जनपदों में आवंटित विकास खण्ड के अन्तर्गत किसानों का चयन निजी कम्पनी द्वारा किया जायेगा, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति तथा 75 प्रतिशत लघु सीमान्त एवं महिला कृषक चयनित किये जायेंगे। अपेक्षित संख्या में अनुसूचित जाति/ंजनजाति के कृषक न मिलने की दशा में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सामान्य कृषकों से की जायेगी। परन्तु यह प्रतिबन्ध होगा कि समस्त इच्छुक अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों का चयन कर योजना का लाभ उन्हे दिया जायेगा।
आवंटित विकास खण्ड/जनपदों में लक्ष्य के अनुरूप मक्का हाइब्रिड का निर्धारण करते हुए बीज की व्यवस्था सम्बन्धित कम्पनी द्वारा की जायेगी। इसके लिये उप कृषि निदेशक द्वारा किसानों की वास्तविक जोत एवं पहचान (खसरा, खतौनी अथवा किसान बही की ग्राम प्रधान द्वारा प्रमाणित फोटोकापी) के आधार पर प्रत्येक किसानों को कूपन निर्गत किया जायेगा। किसान विकास खण्ड पर स्थित राज्य कृषि भण्डार पर निजी कम्पनी के प्रतिनिधि को यह कूपन देकर हाइब्रिड मक्का बीज प्राप्त कर सकेंगे। किसान किसी भी दशा में अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र की सीमा तक कुल 40 किग्रा से अधिक मक्का हाइब्रिड अनुदान पर प्राप्त न कर सकेगा। संकर मक्का बीज उत्पादक कम्पनी द्वारा हाइब्रिड मक्का बीज की यथावश्यक मात्रा सम्बन्धित विकास खण्ड के बीज भण्डार पर उपलब्ध कराकर कृषि विभाग के सहयोग से लाभार्थी कृषकों को वितरित कराया जायेगा। बीज वितरण से यदि कोई स्टाॅक अवशेष रहता है तो उसे वापस ले जाने की व्यवस्था निजी कम्पनी द्वारा अपने खर्च पर स्वयं करायी जायेगी। किसी भी दशा में अवशेष बीज स्टाॅक के भुगतान का उत्तरदायित्व कृषि विभाग का नहीं होगा। योजना के संचालन हेतु आवश्यक क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की व्यवस्था का उत्तरदायित्व निजी कम्पनी का होगा। कम्पनी द्वारा यथा सम्भव कृषि स्नातकों को इस कार्य में लगाया जायेगा। कार्मिकों के मानदेय का भुगतान कम्पनी द्वारा किया जायेगा।
यह भी निर्णय लिया गया है कि लाभार्थियों को परियोजना हेतु आवश्यक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कृषि विभाग द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा। कार्यक्रमों पर प्राविधानानुसार हुए व्यय के 50 प्रतिशत का भुगतान संकर मक्का बीज उत्पादक कम्पनी द्वारा प्रस्तुत किये गये बिल पर उप कृषि निदेशक द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना की प्रदत्त धनराशि से किया जायेगा। मंत्रिपरिषद के निर्णय के अन्तर्गत हाइब्रिड मक्का बीज वितरण पर हाइब्रिड मक्का पर अधिकतम अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत, प्रारम्भिक प्रशिक्षण यथा फसल की बुवाई के पूर्व 20 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जायेगा। इसी प्रकार फील्ड डे (02) फसल की मध्यावस्था एवं परिपक्वता पर 15 रूपये प्रति हेक्टेयर प्रति प्रशिक्षण की दर से अनुदान देय होगा।
परियोजना के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता अभियान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु कुल 40 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा फसल की मध्य अवस्था एवं फसल परिपक्वता अवस्था पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षण/फील्ड डे हेतु कुल 30 रूपये प्रति हेक्टेयर प्रति प्रशिक्षण का प्राविधान किया गया है। प्रशिक्षण का आयोजन चयनित क्षेत्र के आधार पर 1 ग्राम पंचायत अथवा 2-3 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर में किया जायेगा। प्रशिक्षण पर व्यय की गणना परियोजनान्तर्गत बोये गये क्षेत्र के आधार पर निर्धारित होगी, जिसके आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रशिक्षण/फील्ड डे के आयोजनोपरांत सहयोगी कम्पनी द्वारा प्रस्तुत बिल के सापेक्ष परियोजना से प्राविधानित 50 प्रतिशत की धनराशि का भुगतान सम्बन्धित उप कृषि निदेशक द्वारा किया जायेगा।
यह भी निर्णय लिया गया है कि मक्का हाइब्रिड बीज मूल्य पर 50 प्रतिशत देय अनुदान का भुगतान किया जायेगा। जिसके अन्तर्गत सहयोगी कम्पनी के कार्मिकों के माध्यम से कृषक अंश की उपलब्ध करायी गयी 25 प्रतिशत धनराशि बीज विक्रय के साथ ही कम्पनी को उपलब्ध होगी तथा परियोजना के अनुमन्य 50 प्रतिशत की आधी धनराशि अर्थात 25 प्रतिशत अंश का भुगतान वितरित बीज की मात्रा के सत्यापन के पश्चात् कृषकों द्वारा दिये गये प्रथम कूपन के माध्यम से संकलित कर तथा शेष 25 प्रतिशत का भुगतान बीज की बुवाई एवं अंकुरण के पश्चात् कृषकों द्वारा दिये गये दूसरे कूपन के माध्यम से संकलित कर कम्पनी द्वारा प्रस्तुत बिल के सापेक्ष किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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