Archive | July 27th, 2011

प्रदेश के 14 जनपदों में मक्का की उत्पादकता बढ़ाने की योजना स्वीकृत

Posted on 27 July 2011 by admin

संकर मक्का बीज उत्पादकता कम्पनियों के सहयोग से संचालित योजना से लगभग 50 लाख कुन्तल अतिरिक्त मक्का उत्पादन का अनुमान
लाभार्थी कृषकों को औसतन लगभग 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का लाभ मिलेगा

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत प्रदेश के 14 चयनित जनपदों में संकर मक्का बीज उत्पादकता कम्पनियों के सहयोग पर आधारित मक्का की उत्पादकता बढ़ाने की महात्वाकांक्षी परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गयी है। यह योजना पाइलेट फेज में प्रथम चरण में प्रदेश के 14 जनपदों-बलिया, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, जौनपुर, सुल्तानपुर, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, रमाबाई नगर एवं औरैया जनपदों में 2.00 लाख हे0 क्षेत्र में खरीफ वर्ष 2011 से संचालित की जायेगी तथा इसके क्रियान्वयन से लगभग 50 लाख कुन्तल अतिरिक्त मक्का उत्पादन प्राप्त होने का अनुमान है। लाभार्थी कृषकों को औसतन लगभग 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर का लाभ प्राप्त होगा।

मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित की गयी योजना के अन्तर्गत सम्बन्धित जनपदों में आवंटित विकास खण्ड के अन्तर्गत किसानों का चयन निजी कम्पनी द्वारा किया जायेगा, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति तथा 75 प्रतिशत लघु सीमान्त एवं महिला कृषक चयनित किये जायेंगे। अपेक्षित संख्या में अनुसूचित जाति/ंजनजाति के कृषक न मिलने की दशा में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति सामान्य कृषकों से की जायेगी। परन्तु यह प्रतिबन्ध होगा कि समस्त इच्छुक अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों का चयन कर योजना का लाभ उन्हे दिया जायेगा।

आवंटित विकास खण्ड/जनपदों में लक्ष्य के अनुरूप मक्का हाइब्रिड का निर्धारण करते हुए बीज की व्यवस्था सम्बन्धित कम्पनी द्वारा की जायेगी। इसके लिये उप कृषि निदेशक द्वारा किसानों की वास्तविक जोत एवं पहचान (खसरा, खतौनी अथवा किसान बही की ग्राम प्रधान द्वारा प्रमाणित फोटोकापी) के आधार पर प्रत्येक किसानों को कूपन निर्गत किया जायेगा। किसान विकास खण्ड पर स्थित राज्य कृषि भण्डार पर निजी कम्पनी के प्रतिनिधि को यह कूपन देकर हाइब्रिड मक्का बीज प्राप्त कर सकेंगे। किसान किसी भी दशा में अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र की सीमा तक कुल 40 किग्रा से अधिक मक्का हाइब्रिड अनुदान पर प्राप्त न कर सकेगा। संकर मक्का बीज उत्पादक कम्पनी द्वारा हाइब्रिड मक्का बीज की यथावश्यक मात्रा सम्बन्धित विकास खण्ड के बीज भण्डार पर उपलब्ध कराकर कृषि विभाग के सहयोग से लाभार्थी कृषकों को वितरित कराया जायेगा। बीज वितरण से यदि कोई स्टाॅक अवशेष रहता है तो उसे वापस ले जाने की व्यवस्था निजी कम्पनी द्वारा अपने खर्च पर स्वयं करायी जायेगी। किसी भी दशा में अवशेष बीज स्टाॅक के भुगतान का उत्तरदायित्व कृषि विभाग का नहीं होगा। योजना के संचालन हेतु आवश्यक क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की व्यवस्था का उत्तरदायित्व निजी कम्पनी का होगा। कम्पनी द्वारा यथा सम्भव कृषि स्नातकों को इस कार्य में लगाया जायेगा। कार्मिकों के मानदेय का भुगतान कम्पनी द्वारा किया जायेगा।

यह भी निर्णय लिया गया है कि लाभार्थियों को परियोजना हेतु आवश्यक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कृषि विभाग द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा। कार्यक्रमों पर प्राविधानानुसार हुए व्यय के 50 प्रतिशत का भुगतान संकर मक्का बीज उत्पादक कम्पनी द्वारा प्रस्तुत किये गये बिल पर उप कृषि निदेशक द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना की प्रदत्त धनराशि से किया जायेगा। मंत्रिपरिषद के निर्णय के अन्तर्गत हाइब्रिड मक्का बीज वितरण पर हाइब्रिड मक्का पर अधिकतम अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत, प्रारम्भिक प्रशिक्षण यथा फसल की बुवाई के पूर्व 20 रूपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान दिया जायेगा। इसी प्रकार फील्ड डे (02) फसल की मध्यावस्था एवं परिपक्वता पर 15 रूपये प्रति हेक्टेयर प्रति प्रशिक्षण की दर से अनुदान देय होगा।

परियोजना के प्रचार-प्रसार के लिये जागरूकता अभियान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु कुल 40 रूपये प्रति हेक्टेयर तथा फसल की मध्य अवस्था एवं फसल परिपक्वता अवस्था पर आयोजित होने वाले प्रशिक्षण/फील्ड डे हेतु कुल 30 रूपये प्रति हेक्टेयर प्रति प्रशिक्षण का प्राविधान किया गया है। प्रशिक्षण का आयोजन चयनित क्षेत्र के आधार पर 1 ग्राम पंचायत अथवा 2-3 ग्राम पंचायतों के क्लस्टर में किया जायेगा। प्रशिक्षण पर व्यय की गणना परियोजनान्तर्गत बोये गये क्षेत्र के आधार पर निर्धारित होगी, जिसके आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय प्रशिक्षण/फील्ड डे के आयोजनोपरांत सहयोगी कम्पनी द्वारा प्रस्तुत बिल के सापेक्ष परियोजना से प्राविधानित 50 प्रतिशत की धनराशि का भुगतान सम्बन्धित उप कृषि निदेशक द्वारा किया जायेगा।

यह भी निर्णय लिया गया है कि मक्का हाइब्रिड बीज मूल्य पर 50 प्रतिशत देय अनुदान का भुगतान किया जायेगा। जिसके अन्तर्गत सहयोगी कम्पनी के कार्मिकों के माध्यम से कृषक अंश की उपलब्ध करायी गयी 25 प्रतिशत धनराशि बीज विक्रय के साथ ही कम्पनी को उपलब्ध होगी तथा परियोजना के अनुमन्य 50 प्रतिशत की आधी धनराशि अर्थात 25 प्रतिशत अंश का भुगतान वितरित बीज की मात्रा के सत्यापन के पश्चात् कृषकों द्वारा दिये गये प्रथम कूपन के माध्यम से संकलित कर तथा शेष 25 प्रतिशत का भुगतान बीज की बुवाई एवं अंकुरण के पश्चात् कृषकों द्वारा दिये गये दूसरे कूपन के माध्यम से संकलित कर कम्पनी द्वारा प्रस्तुत बिल के सापेक्ष किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

ग्रुप हाउसिंग को प्रोत्साहित करने हेतु क्रय योग्य एफ0ए0आर0 नीति में संशोधन

Posted on 27 July 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में महायोजना/भवन उपविधि के अन्तर्गत घनतत्व, भू-आच्छादन एवं तल क्षेत्रफल अनुपात (एफ0ए0आर0) के निर्धारण विषयक नीति में संशोधन की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।

ज्ञातव्य है कि शहरीकरण के बढ़ते दबाव के दृष्टिगत कृषि-योग्य भूमि के संरक्षण एवं एफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग को प्रोत्साहित करने हेतु क्रय-योग्य एफ0ए0आर0 की नीति संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। किसी भूखण्ड के कुल क्षेत्रफल से भवन के कुल तल क्षेत्रफल को विभाजित करने से प्राप्त भागफल एफ0ए0आर0 कहलाता है। तत्सम्बन्धी नीति 09 मार्च, 1999 तदोपरान्त 25.09.2008 को अधिसूचित की गयी थी। अब शुल्क की गणना हेु 9.3.99 के फार्मूले को पुनसर््थापित किया गया है, जिसके अनुसार शुल्क की गणना सीधे क्रय योग्य एफ0ए0आर0 के स्थान पर उसके लिए वांछित अनुपातिक भूमि के आधार पर की जायेगी।

मंत्रिपरिषद के निर्णय अनुसार अब वाणिज्यक, कार्यालय/संस्थागत तथा ग्रुप हाउसिंग में जहां नीलामी हुई है, वहां नीलामी की दर अथवा प्राधिकरण का वर्तमान सेक्टर रेट, दोनों में जो अधिक हो, के आधार पर गणना की जाएगी। जहां नीलामी नहीं हुई है तथा प्राधिकरण का सेक्टर रेट जिलाधिकारी के सर्किल रेट से कम हो, वहां दोनों रेट के योग के 1/2 पर गणना की जाएगी। जहां प्राधिकरण का सेक्टर रेट, जिलाधिकारी के सर्किल रेट से अधिक हो, वहां प्राधिकरण के सेक्टर रेट पर गणना की जाएगी।

इसी प्रकार सामुदायिक सुविधाओं के लिए प्राधिकरण के वर्तमान सेक्टर रेट पर और जहां उक्त रेट उपलब्ध नहीं है, वहां जिलाधिकारी के वर्तमान सर्किल रेट पर गणना की जाएगी। क्रय योग्य एफ0ए0आर0 की अनुमति तकनीकी समिति की संस्तुति के आधार पर उपाध्यक्ष/आवास आयुक्त के स्तर से देय होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

उत्तर प्रदेश निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली, 2011 अनुमोदित

Posted on 27 July 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियमावली, 2011 को अनुमोदित किया गया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा 6-14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 दिनांक 01 अप्रैल, 2010 से लागू किया गया है। इस अधिनियम के तहत प्रत्येक बच्चे के लिए उसके निकट के पड़ोसी विद्यालय में निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा की व्यवस्था की गयी है। इस अधिनियम में यह भी व्यवस्था है कि बच्चे से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जायेगा।

इस अधिनियम में 07 अध्याय एवं 38 धारायें हैं। अधिनियम की धारा-38 में नियम बनाने के शक्ति राज्य सरकार को प्रदान की गयी है। इस अधिनियम में निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार/केन्द्र, राज्य, स्थानीय सरकारों और अभिभावकों के दायित्व/स्कूल और शिक्षकों के दायित्व/पाठ्यचर्चा और प्रारम्भिक शिक्षा का पूरा होना तथा बाल अधिकारों का संरक्षण आदि मुख्य प्राविधान हैं।

भारत सरकार द्वारा निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा-38(1) में निहित प्राविधानों के तहत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नियमावली बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इस नियमावली में कुल 08 भाग तथा 26 नियम है। राज्य सरकार द्वारा तैयार की गयी नियमावली में मुख्य बिन्दु निम्नवत् हैः-
1-    पास-पड़ोस का क्षेत्र या सीमा जिसके अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत समिति द्वारा विद्यालय की स्थापना निम्नवत होगी-
(क)    कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के संबंध में ऐसी बस्ती में विद्यालय स्थापित किया जायेगा जिसके 01 किमी0 की दूरी के अन्तर्गत कोई विद्यालय नहीं है तथा न्यूनतम आबादी 300 है।
(ख)    कक्षा छः से आठ तक के बच्चों के संबंध में ऐसी बस्ती में विद्यालय स्थापित किया जायेगा, जिसके बाद 3 किमी0 की दूरी के अन्तर्गत कोई विद्यालय नहीं है तथा न्यूनतम आबादी 800 है।
2-    पड़ोसी विद्यालय की सुलभता एवं स्थापना के उद्देश्य से, स्थानीय प्राधिकारी द्वारा विद्यालय मानचित्रण कर दूरवर्ती क्षेत्रों के बच्चों, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों, अपवंचित वर्ग के बच्चों, कमजोर वर्ग के बच्चों तथा धारा-4 में संदर्भित श्रेणी के बच्चों का चिन्हांकन अधिनियम के प्रवृत्त होने की एक वर्ष की अवधि में अथवा दिनांक 31 मार्च तक और तत्पश्चात प्रत्येक वर्ष करेगा।
3-    राज्य सरकार अथवा स्थानीय प्राधिकारी द्वारा स्थापित, स्वामित्व प्राप्त या नियंत्रित समस्त विद्यालयों हेतु प्रारम्भिक शिक्षा पर राज्य सरकार पर स्वयं अपनी निधियों से एवं केन्द्र सरकार तथा किसी अन्य प्राधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी निधियों से उपगत कुल वार्षिक आवर्ती व्यय ऐसे सभी विद्यालयों में 30 सितम्बर को नामांकित बालाकों की कुल संख्या से विभाजित किये जाने पर राज्य सरकार द्वारा प्रति बालक उपगत किया गया व्यय माना जायेगा।
4-     राज्य सरकार के निर्णय के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी विद्यालय को प्रदत्त मान्यता रदद् करने का आदेश निर्णय प्राप्ति के 07 दिन के अन्दर जारी करेगा। मान्यता रदद् होने का आदेश तत्काल अनुवर्ती शैक्षिक सत्र से लागू होगा तथा इस आदेश में ही उन पड़ोसी विद्यालयों के नाम भी इंगित किये जायेंगे जहां मान्यता प्रत्याहरित विद्यालय के बच्चों को नामांकित कराया जायेगा।
5-    राज्य सलाहकार परिषद में 14 सदस्य एवं एक अध्यक्ष सम्मिलित होंगे।
6-    राज्य में बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री परिषद के पदेन अध्यक्ष होंगे।
7-    राज्य सलाहकार परिषद अधिनियम के प्राविधानों का प्रभावशाली रूप में अनुपालन के संबंध में राज्य सरकार को सलाह देगी।
8-    यह नियमावली तुरन्त प्रवृत्त होगी।

वर्ष 2010-11 में राज्य सरकार द्वारा राज्यंाश के रूप में 1845 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी है। राज्यंाश के रूप में वर्ष 2011-12 में 3056 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। जिसके सापेक्ष 1603 करोड़ रूपये का बजट प्राविधान किया गया है, राज्यांश के रूप में वर्ष 2012-13 में 4472 करोड़, वर्ष 2013-2014 में 4274 करोड़ तथा वर्ष 2014-15 में 4512 करोड़ रूपये की आवश्यकता अनुमानित है।

वर्ष 2104-15 के बाद वित्त आयोग से अनुदान एवं सर्व शिक्षा अभियान कार्यक्रमों के वित्तीय पोषण हेतु भारत सरकार द्वारा वर्तमान में कोई प्रतिबद्धता नहीं दी गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना प्रदेश के मान्यता प्राप्त मदरसों में लागू

Posted on 27 July 2011 by admin

मुस्लिम समाज की बी0पी0एल0 श्रेणी की छात्राओं को कक्षा-11 में प्रवेश लेने पर 15 हजार रूपये, साइकिल तथा कक्षा-12 में 10 हजार रूपये की धनराशि दिये जाने का निर्णय

उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज की बालिकाओं को शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना को प्रदेश के मान्यता प्राप्त मदरसों में भी लागू करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस दूरगामी फैसले से मुस्लिम समाज की हजारों छात्राएं लाभान्वित होंगी।

इस आशय के प्रस्ताव को आज माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित किया गया। राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से गरीब मुस्लिम परिवार की छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने की ओर प्रेरित होंगी तथा मुस्लिम परिवार भी समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित हो सकेंगे।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से मौलवी/मंुशी (हाई स्कूल परीक्षा के समकक्ष) परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् आलिम प्रथम वर्ष (कक्षा-11 के समकक्ष) में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को प्रोत्साहन धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली बी0पी0एल0 श्रेणी की छात्राओं को कक्षा-11 में 15 हजार रूपये एवं मदरसें से आने-जाने हेतु एक साइकिल तथा कक्षा-12 में 10 हजार रूपये की धनराशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है।

इस योजना के लिए कुछ मानक तथा शर्तें भी निर्धारित की गयी हैं:-
1-    जिसके तहत छात्रा द्वारा वर्ष 2011 की मंुशी/मौलवी परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त मदरसे में आलिम प्रथम वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया हो।
2-    छात्रा के अविवाहित होने की दशा में छात्रा के माता-पिता/अभिभावक, बी0पी0एल0 कार्ड/अन्त्योदय श्रेणी के कार्ड धारक हो।
3-    छात्रा के विवाहित होने की दशा में उसका पति /परिवार बी0पी0एल0 कार्ड धारक/अन्त्योदय श्रेणी का कार्ड धारक हो। विवाहित पात्र छात्राओं के लिए आयु सीमा 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए अर्थात विवाह के समय छात्रा की आयु 18 वर्ष से कम न रही हो।
4-    ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना के लिए संबंधित ग्राम के प्रधान अथवा ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा जारी किया गया विवाहित होने का प्रमाण-पत्र मान्य होगा।
5-    शहरी क्षेत्रों में इस योजना हेतु संबंधित नगर निगम से क्षेत्रीय सभासद/नायब तहसीलदार/सहायक नगर आयुक्त द्वारा निर्गत विवाहित होने संबंधी प्रमाण-पत्र मान्य होगा। नगर पालिका परिषद में क्षेत्रीय सभासद/नायब तहसीलदार/अधिशासी अधिकारी द्वारा निर्गत विवाहित होने संबंधी प्रमाण-पत्र मान्य होगा। नगर पंचायत में क्षेत्रीय सभासद/नायब तहसीलदार/अधिशासी अधिकारी द्वारा निर्गत विवाहित होने संबंधी प्रमाण-पत्र मान्य होगा।
6-    अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के विशिष्ट संदर्भ में ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्र दोनों में काजी द्वारा हस्ताक्षरित एवं दो गवाहों की उपस्थिति में एवं उनके हस्ताक्षर सहित प्रस्तुत किये गये निकाहनामें अथवा किसी अन्य सक्षम अधिकारी द्वारा निर्गत विवाह प्रमाण-पत्र के आधार पर विवाहित होने संबंधी प्रमाण-पत्र उपरोक्त बिन्दु संख्या 4 व 5 में अंतिम विवरण के अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा निर्गत किया जायेगा।
7-    छात्राओं को वित्तीय वर्ष में उस वर्ष के सितम्बर माह तक आवेदन करना होगा। पात्र छात्राओं को धनराशि का वितरण उसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जायेगा।
8-    योजना के तहत चयनित छात्रा को दी जाने वाली धनराशि का भुगतान जनपदीय समिति के माध्यम से उसके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा।
9-    छात्राओं को वितरित की जाने वाली साइकिल का क्रय जनपदीय समिति द्वारा शिक्षा विभाग में लागू प्रक्रिया के अनुसार नियमों के अन्तर्गत किया जायेगा।
10- जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा वर्ष 2011 में मंुशी/मौलवी परीक्षा उत्तीर्ण छात्रा जिसने आलिम प्रथम वर्ष में प्रवेश ले लिया है, के मदरसें के प्रधानाचार्य के माध्यम से आवेदन पत्र आमंत्रित किये जायेंगे, जिसके साथ मुंशी/मौलवी परीक्षा वर्ष 2011 की प्रमाणित अंकतालिका, आलिम प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने का प्रमाण-पत्र, तहसीलदार/सक्षम अधिकारी द्वारा निर्गत बी0पी0एल0 कार्ड/अन्त्योदय कार्ड की प्रमाणित प्रतिलिपि संलग्न करना अनिवार्य होगा। योजना से संबंधित अभिलेखों का रख-रखाव जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय द्वारा किया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों की आबादी प्रदेश की कुल आबादी का 19.33 प्रतिशत है, जिसको दृष्टिगत रखते हुए अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक और आर्थिक विकास का सम्पूर्ण प्रदेश के समग्र विकास में विशेष महत्व है। प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदायों में सर्वाधिक जनसंख्या मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय की है।
मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय शैक्षणिक एवं आर्थिक दृष्टि से अधिक पिछड़ा हुआ है, जिसका प्रतिकूल प्रभाव न केवल प्रदेश के मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय पर वरन् पूरे प्रदेश के विकास पर पड़ना स्वाभाविक है। प्रदेश के मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षणिक विकास में मदरसों का भी विशेष योगदान रहा है। वर्तमान में आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त 1571 मदरसें हैं, जिनमें 459 मदरसे अनुदानित हैं तथा 1112 मदरसें गैर-अनुदानित हैं।

अल्पसंख्यक विशेषकर मुस्लिम समुदाय में साक्षरता की दर अत्यधिक कम है। मुस्लिम समाज में भी शिक्षा के प्रति धीरे-धीरे जागरुकता आ रही है। मदरसा शिक्षा परिषद से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार अरबी, फारसी परीक्षा वर्ष 2007 में कुल पंजीकृत छात्र-छात्राओं की संख्या 73693 थी, जिसमें से छात्राओं की संख्या 27464 थी। वर्ष 2008 में छात्राओं की संख्या 44344, वर्ष 2009 में छात्राओं की संख्या 48840 तथा वर्ष 2010 में 58449 हो गयी । इस तरह छात्राओं की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य सरकार की इस पहल से मुस्लिम समाज के गरीब छात्राओं को शिक्षा के प्रति और झुकाव पैदा होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

प्रदेश की शहरी दलित बस्तियों के सुधार हेतु तृतीय राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार नागर निकायों को धन का आंवटन

Posted on 27 July 2011 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने तृतीय राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार 15 प्रतिशत से अधिक स्लम जनसंख्या की सभी नगरीय निकायों के मध्य जनसंख्या के आधार पर दलित बस्तियों में सुधार लाने हेतु वर्ष 2010-11 से तृतीय राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के अन्तर्गत कुल धनराशि की 01 प्रतिशत की धनराशि पात्र निकायों को आवंटित करने का निर्णय लिया है।

इस आशय के प्रस्ताव को माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित किया गया।

उल्लेखनीय है कि पंचायती राज्य एवं नगरीय स्थानीय निकायों के लिए संसाधनों के संक्रमण तथा उनकी वित्तीय व्यवस्था में सुधार के उपायों की संस्तुति देने हेतु तृतीय राज्य वित्त आयोग (पंचायती राज्य एवं नगरीय स्थानीय निकाय) का कार्यकाल 01 अप्रैल, 2006 से 31 मार्च, 2011 तक निर्धारित था।

तृतीय राज्य वित्त आयोग की संस्तुति के आधार पर निकायों को वित्तीय वर्ष 2010-11 से धनराशि अवमुक्त की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 में तृतीय राज्य वित्त आयोग का संस्तुति के अन्तर्गत क्रमशः बजट का प्राविधान 2565.6840 एवं 2790.0000 करोड़ रूपये है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय

Posted on 27 July 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णय निम्न हैः-

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कृषि सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2011, का प्रख्यापन
उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद की बैठक में ”उत्तर प्रदेश अधीनस्थ कृषि सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली, 2011“ को प्रख्यापित करने की अनुमति प्रदान कर दी गयी है।

कानपुर प्राणि उद्यान प्रबंध एवं विकास सोसाइटी नियमावली, 2011“ का अनुमोदन
उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने कानपुर प्राणि उद्यान के प्रबंध, रख-रखाव एवं विकास हेतु ”कानपुर प्राणि उद्यान प्रबंध एवं विकास सोसाइटी नियमावली, 2011“ को अनुमोदित कर दिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

बायोपेस्टीसाइड्स, बायोएजेन्ट्स, इकोफ्रैण्डली एवं बीज शोधक रसायनों पर किसानों को वर्ष 2011-12 हेतु अनुदान की सुविधा

Posted on 27 July 2011 by admin

राज्य सरकार के इस निर्णय से कृषि उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि होगी

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में बायोपेस्टीसाइड्स, बायोएजेन्ट्स, इकोफ्रैण्डली एवं बीज शोधक रसायनों पर वर्ष 2011-12 हेतु अनुदान की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से कृषि उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि होगी।

मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार लघु एवं सीमान्त कृषकों (कुल लाभार्थियों का 30 प्रतिशत महिलाएं) को बायोपेस्टीसाइड्स/ बायोएजेन्ट्स पर 90 प्रतिशत तथा इकोफ्रैण्डली रसायन पर 50 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा। अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों (कुल लाभार्थियों का 30 प्रतिशत महिलाएं) को बायोपेस्टीसाइड्स/बायोएजेन्ट्स पर 90 प्रतिशत तथा इकोफ्रैण्डली रसायन पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इसी प्रकार बीज शोधक रसायनों पर कृषकों को, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति (कुल लाभार्थियों का 30 प्रतिशत महिलाएं) हों, को 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि कृषि उत्पादन तथा उत्पादक में ठहराव परिलक्षित होने की दशा में प्रदेश में बढ़ती हुई जनसंख्या का भरण-पोषण सुनिश्चित करने के लिये कीट/रोग नियंत्रक के सम्बन्ध में नयी तकनीक की जानकारी किसानों को दिया जाना जरूरी है, ताकि फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में अपेक्षित वृद्धि हो सके। इसके दृष्टिगत कृषि उत्पादन में गुणात्मक वृद्धि हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में कीट/रोग नियंत्रक की नयी तकनीकी जानकारी किसानों तक पहुंचाने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रयासों से प्रदेश के कृषि उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

धान, मक्का एवं बाजरा के संकर बीजों के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना स्वीकृत

Posted on 27 July 2011 by admin

योजना के तहत अनुदान की व्यवस्था
लाभार्थी किसानों में कम से कम 25 प्रतिशत कृषक  अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहाॅ सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में वर्ष 2011-12 में प्रदेश में धान, मक्का एवं बाजरा के संकर बीजों के उपयोग को बढ़ावा देने की योजना को स्वीकृति प्रदान की गयी। योजना के तहत अनुदान की व्यवस्था की गयी है।

वर्तमान में धान, मक्का एवं बाजरा के संकर बीजों की बहुत प्रजातियाॅ ऐसी है जो सामान्य उन्नत प्रजातियों के बीजों की अपेक्षा सवा से डेढ गुना अधिक उत्पादन दे रही है। मंत्रिपरिषद ने धान, मक्का एवं बाजरा के उत्पादन/ उत्पादकता में बढ़ोत्तरी किये जाने तथा कृषकों की आय में वृद्वि किये जाने हेतु इन फसलों के संकर बीजों से अधिकाधिक आच्छादन कराये जाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है।

मंत्रिपरिषद के फैसले के अनुसार संकर धान के प्रमाणित/टुथफुल बीज, जिनकी कृषकों में अच्छी मांग/लोकप्रियता हो तथा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित हो, पर प्रदेश सरकार द्वारा 8,000 रुपये प्रति कुंतल एवं भारत सरकार द्वारा प्रदत्त 2,000 रुपये प्रति कुंतल, कुल 10,000 रुपये प्रति कुंतल अथवा मूल्य का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, की दर से अनुदान दिया जायेगा।

संकर मक्का के प्रमाणित/टुथफुल बीज, जिनकी कृषकों में अच्छी मांग/ लोकप्रियता हो तथा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित हो, पर प्रदेश सरकार द्वारा 5,000 रुपये प्रति कुंतल अथवा मूल्य का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, की दर से अनुदान दिया जायेगा। इसी प्रकार संकर बाजरा के प्रमाणित/टुथफुल बीज, जिनकी कृषकों में अच्छी मांग/लोकप्रियता हो तथा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित हो, पर भी प्रदेश सरकार द्वारा 5,000 रुपये प्रति कुंतल अथवा मूल्य का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, की दर से अनुदान दिया जायेगा।

वित्तीय वर्ष 2011-12 में धान, मक्का एवं बाजरा के संकर बीजों के वितरण पर निम्नवत व्यय सम्भावित हैः-

क्र.सं.    फसल    वितरण लक्ष्य  (कु0 में)    राज्य सेक्टर से देय अनुदान (रु0/कु0)    अनुदान की अनुमानित धनराशि (लाख रु0 में)
1    संकर धान    32500    8000    2600
2    संकर बाजरा    4000    5000    200
3    संकर मक्का    4000    5000    200
योग    40500        3000.00

इस योजना के अन्तर्गत लघु/सीमान्त कृषकों को अनुदान दिया जायेगा, जिसमें कम से कम 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषक होंगे जो लघु/सीमान्त अथवा वृहद श्रेणी के भी हो सकते हैं। चयनित प्रत्येक कृषक को एक हैक्टेयर क्षेत्र की सीमा तक ही संकर बीज पर अनुदान देय होगा। अधिकतम एक हैक्टेयर क्षेत्रफल हेतु अनुदान पर संकर धान 15 किलोग्राम, संकर मक्का 20 किलोग्राम एवं संकर बाजरा 5 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर की दर से बीज उपलब्ध कराया जायेगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में संकर बीजों के उपयोग की बढ़ावा देने की योजना वर्ष 2011-2012 में संकर धान के बीजों पर 8,000 रुपये प्रति कुंतल अथवा मूल्य का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, राज्य सेक्टर से अनुदान दिये जाने की नई योजना नई मांग के माध्यम से शुरु की गयी है, जो विधायिका से अनुमोदित है। उक्त योजना के अन्तर्गत अनुदान हेतु वित्तीय वर्ष 2011-2012 के आय-व्ययक में 30 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान है।

ऐसी स्थिति में पूर्व निर्गत शासनादेश संख्याः 1956/12-2-2009-234/ 2005 दिनांक 22 मई, 2009 द्वारा प्रमाणित बीजों पर अनुदान योजना (राज्य सेक्टर) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2009-2010 से संकर धान के टुथफुल बीज, जिनकी कृषकों में अच्छी मांग/लोकप्रियता हो तथा भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्यिगिकी विभाग द्वारा आर0 एण्ड डी0 अनुमोदित हो, के बीजों के वितरण पर मूल्य का 25 प्रतिशत अथवा 4,000 रुपये प्रति कुंतल, जो भी कम हो, की दर से अनुमन्य अनुदान को समाप्त किये जाने का निर्णय भी मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया है। साथ ही यह फैसला भी लिया है कि संकर धान, संकर बाजरा तथा संकर मक्का पर आगे के वर्षो में भी वर्ष 2011-2012 के अनुरुप ही अनुदान दिया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मंत्रिपरिषद ने मृदा में सूक्ष्म तत्वों की कमी को दूर करने की योजना को मंजूरी प्रदान की

Posted on 27 July 2011 by admin

राज्य सरकार द्वारा 08 करोड़ रुपये का प्राविधान
चयनित किसानों में कम से कम 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के होंगे

उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने मृदा में सूक्ष्म तत्वों की कमी को दूर करने की योजना को माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न बैठक में मंजूरी प्रदान कर दी। योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण के वर्ष 2011-12 में प्रदेश के 72 जनपदों के 266680 हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म तत्व मिश्रण ग्रेड-1 एवं ग्रेड-3 के प्रयोग किये जाने हेतु कुल 6667 मैट्रिक टन 90 प्रतिशत अनुदान पर वितरित किया जायेगा। इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार द्वारा 08 करोड़ रुपये की धनराशि का प्राविधान एस0एन0डी0 के माध्यम से किया जा चुका है।

सूक्ष्म तत्व मिश्रण के वितरण पर दिये जाने वाले अनुदान में भारत सरकार की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना द्वारा 50 प्रतिशत तथा राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा, जबकि 10 प्रतिशत अंश का भुगतान कृषकों द्वारा स्वयं वहन किया जायेगा।

मंत्रिपरिषद के निर्णय के अनुसार सूक्ष्म तत्व मिश्रण वितरण के लिए कृषकों का चयन खुली बैठक में किया जायेगा। इस योजना का लाभ लघु/सीमांत किसानों को दिया जायेगा। चयनित किसानों में कम से कम 25 प्रतिशत लघु/सीमांत अथवा वृृहद श्रेणी के अनुसूचित जाति/जनजाति के किसान होंगे। कार्यक्रम का अनुश्रवण जनपद स्तर पर उप कृषि निदेशक, मण्डल स्तर पर संयुक्त कृषि निदेशक तथा प्रदेश स्तर पर शासन/कृषि निदेशक द्वारा किया जायेगा।

योजना का लाभ मृदा परीक्षण के आधार पर सूक्ष्म तत्वों की कमी पाये जाने की दशा में ही दिया जायेगा। इसके अलावा योजना के प्रभाव के कनकरेन्ट मूल्यांकन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

उ0प्र0 वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 में संशोधन हेतु आगामी विधान मण्डल सत्र में विधेयक लाये जाने का प्रस्ताव मंजूर

Posted on 27 July 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया। इस सम्बन्ध में प्रस्तावित विधेयक को राज्य विधान मण्डल के आगामी सत्र में प्रस्तुत किये जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी।

मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित मसौदे के अनुसार, विधेयक में ‘उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976’ की  धारा 15(1) व 15(2) में उल्लिखित प्राविधान के अन्तर्गत अपराधों के प्रशमन हेतु निर्धारित अधिकतम धनराशि को पांच हजार रूपये से बढ़ाकर दस हजार रूपये किया जाना प्रस्तावित है।

किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसके विरूद्ध यह विश्वास करने का कारण है कि उसमें किसी वन, बाग या सार्वजनिक भूग्रहादि में स्थित वृक्ष से भिन्न किसी वृक्ष के सम्बन्ध में इस अधिनियम के अधीन अपराध किया है, ऐसी धनराशि, जो दस हजार रूपये से अधिक न हो, से उस अपराध के लिये प्रशमन के रूप में स्वीकार करने के लिये प्राधिकृत किये जाने हेतु अधिनियम की धारा 15(1) में संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है।

इसी प्रकार विधेयक के माध्यम से अधिनियम की धारा 15(2) में संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत किसी ऐसे अधिकारी को ऐसी धनराशि का भुगतान करने पर, संदिग्ध व्यक्ति को, यदि व अभिरक्षा में है, छोड़ दिया जायेगा और ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध इस अधिनियम के अधीन कोई अग्रेतर कार्यवाही नहीं की जायेगी और धारा 14 में किसी बाद के होते हुए भी, ऐसा अधिकारी, ऐसी राशि का, जो दस हजार रूपये से अधिक न हो, जिसे वह मामले की परिस्थितियों में उचित समझे, भुगतान करने पर इस अधिनियम के अधीन अभिग्रहीत सम्पत्ति को छोड़ने का प्राविधान किया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

July 2011
M T W T F S S
« Jun   Aug »
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
-->









 Type in