- अलीगढ़ के मरोड़गढ़ी गाॅंव में कंजड़ बिरादरी के श्री उदय वीर के घर ठहरे पर उनके घर का खाना नहीं खाया, यह इस बात का सबसे बड़ा सबूत है
- कांग्रेस पार्टी के युवराज के लिए खाना बाहर से मंगवाया गया, जबकि उनके स्टाफ के लिए खाने का प्रबन्ध ग्राम प्रधान के घर से हुआ इस प्रकार दलित के घर युवराज का रूकना मात्र राजनैतिक नाटकबाजी है
- उत्तर प्रदेश में कोई आपराधिक घटना होते ही केन्द्र के गृह मंत्रालय द्वारा पूछताछ व सभी राष्ट्रीय आयोगों को भेजना तथा देश के अन्य राज्यों में बड़ी से बड़ी आपराधिक घटना होने के बाद भी इन मामलों में चुप रहना कांग्रेस पार्टी का दलित एवं पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को दर्शाता है
- राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा, सपा व कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सरकार चला रही एक दलित महिला का विरोध कर रही हैं, अब तो श्री राहुल गांधी भी बी0एस0पी0 सरकार के पीछे पड़ गये हैं
- इसी प्रकार भूमि अधिग्रहण को लेकर देश के अन्य राज्यों के किसानों की अधिक समस्यायें है, फिर भी कांग्रेस पार्टी का वहां चुप रहना लेकिन उत्तर प्रदेश में किसानों को बरगलाकर पंचायत आदि करना क्या यह दलित विरोधी मानसिकता नहीं है, जबकि उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण नीति अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अच्छी है ?
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के युवराज द्वारा दलित व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के घरों में रूकने को राजनैतिक ड्रामेबाजी बताया है। इस सम्बन्ध में असलियत यह है कि कांग्रेस के युवराज जनता को दिखाने के लिये दलितों व पिछड़े वर्गों के लोगों के घरों में जरूर ठहरते हैं, लेकिन उनके घरों में तैयार भोजन को खाने के बजाय इसका प्रबन्ध बाहर से करवाते हैं। इस बात की पुष्टि इससे हो जाती है कि 07 जुलाई, 2011 को, जब कांग्रेस के युवराज ग्राम मरोड़गढ़ी तहसील खैर जनपद अलीगढ़ में कंजड बिरादरी के श्री उदयवीर के घर में रूके, लेकिन परिवार के लिए तैयार भोजन को श्री राहुल गांधी ने नहीं खाया और उनके लिए बाहर से खाने की व्यवस्था की गयी थी। श्री गांधी के स्टाफ के लोगों के खाने की व्यवस्था ग्राम प्रधान के घर से की गयी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के युवराज के इस आचरण से जाहिर हो जाता है कि उनका दलित प्रेम एक ढोंग है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने वर्ग एवं जातिवादी व्यवस्था के तहत हर मामले में गुलामी भरी जिन्दगी व्यतीत करने वाले दलित, पिछड़े एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को हर पहलू में स्वाभिमान की जिन्दगी बसर करने एवं आगे लाने के लिए भारत के संविधान में कानूनी अधिकार दिलाया। उस समय भी बाबा साहेब के इस प्रयास का जातिवादी लोगों और राजनैतिक मामलों में खासतौर पर कांग्रेस पार्टी ने काफी विरोध किया। उन्होंने कहा कि यही मुख्य कारण है कि बी0एस0पी0 को छोड़कर केन्द्र और राज्यों में जिन राजनैतिक दलों की सरकारें बनी, उनका ज्यादातर नेतृत्व जातिवादी व्यवस्था को बढ़ावा देने वाले लोगों के हाथ में रहा है और आज भी है। जिन्होंने इन वर्गों को भारतीय संविधान के तहत मिले कानूनी अधिकारों को लागू कराने के लिए ईमानदारी और निष्ठा से कार्य नहीं किया। इतना ही नहीं बल्कि इनके साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव भी किया।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में केन्द्र में चल रही सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति हर मामले में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का यह कहना है कि आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जब से यहां बीएसपी की सरकार बनी है और खासतौर से यह सरकार एक दलित की बेटी के नेतृत्व में चल रही है, तब से विरोधी पार्टियों को यह बात आसानी से हजम नहीं हो रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्य मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में हाल में घटी कुछ घटनाओं को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा रिपार्ट मांगे जाने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश के दूसरे राज्यों में ऐसी घटनाओं पर केन्द्र सरकार चुप्पी साधे रहती है। इससे साफ जाहिर है कि यूपीए सरकार उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार को बदनाम करने की एक मुहिम चला रही है। इससे कांगे्रस पार्टी की यूपीए सरकार दलित विरोधी मानसिकता से बुरी तरह ग्रसित नजर आ रही है।
प्रवक्ता के अनुसार माननीया मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि देश के अन्य राज्यों, खासतौर से कांगे्रस शासित प्रदेशों में आए दिन बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं तथा महिलाओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दलों को ये घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस शासित महाराष्ट्र राज्य में कुछ महीने पहले एक अतिरिक्त जिलाधिकारी को तेल माफियाओं ने दिन-दहाड़े जिन्दा जला दिया और अभी हाल में ही एक वरिष्ठ पत्रकार की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसी प्रकार कांगे्रस शासित हरियाणा राज्य में पुलिस थाने में ही 14 जून, 2011 को एक दलित लड़की के साथ बलात्कार किया गया जिसमें दो पुलिस वाले शामिल थे। इसके अलावा हरियाणा में ही एक एस0आई0 को सरेआम गोली से उड़ा दिया गया।
माननीया मुख्य मंत्री जी ने कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था की स्थिति इस कदर बदतर हो गयी है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने एक व्यक्ति को जिन्दा जला डाला। इसी तरह भाजपा के सहयोग से चलायी जा रही बिहार सरकार में लोगों की जघन्य हत्याएं लगातार हो रही हैं, किन्तु विपक्षी दलों को ये सब घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। माननीया मुख्य मंत्री जी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर आधारहीन आरोप लगाने से पहले कांगे्रस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कांगे्रस शासित राज्यों तथा भाजपा को अपनी पार्टी की सरकारों वाले प्रदेशों में दलितों, महिलाओं सहित समाज के अन्य कमजोर वर्गों पर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर भी एक निग़ाह ज़रूर डाल लेनी चाहिए।
माननीया मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब कांगे्रस शासित प्रदेशों में गम्भीर आपराधिक घटनाएं होती हैं तो उन सरकारों के खिलाफ़ केन्द्र की यूपीए सरकार कोई नोटिस जारी नहीं करती और न ही उनसे कोई रिपोर्ट मांगी जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा हर आपराधिक घटना के विरूद्ध निष्पक्ष तरीके से कठोर कदम उठाये जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा अक्सर रिपोर्ट मांगी जाती रहती है। इसके साथ-साथ पूरे देश भर में मीडिया के माध्यम से इसका खूब प्रचार भी कराया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांगे्रस एवं अन्य विरोधी दलों को देश में एक दलित मुख्य मंत्री के नेतृत्व में चल रही बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार उनकी जातिवादी मानसिकता के चलते उनके गले नहीं उतर पा रही है।
माननीया मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि कांगे्रस शासित दिल्ली राज्य में प्रतिदिन महिलाओं के साथ जुल्म-ज्यादती की घटनाएं हो रही हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली बलात्कार की राजधानी बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की इज्जत-आबरू सुरक्षित नहीं है और दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की घटनाओं में कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था के हर मामले में तेजी से कठोर कार्यवाही करते हुए दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है तथा बीते चार वर्षों में कानून-व्यवस्था के प्रति आम जन-मानस का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की है।
प्रवक्ता ने बताया कि माननीया मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की निग़ाह में अपराधी सिर्फ अपराधी है, चाहे वह कितना शक्तिशाली व प्रभावशाली क्यों न हो, उसकी सही जगह सिर्फ जेल है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर मामले में अपराधियों के खिलाफ की गयी कड़ी कार्यवाही की विरोधी दलों द्वारा सराहना न करके राज्य सरकार को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ लेने का घिनौना जो प्रयास किया जा रहा है। यह एक दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो और क्या है? साथ ही सभी विपक्षी दल राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर गलत ठहराने का अनर्गल प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ये सभी दल अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। इतना ही नहीं, बल्कि सभी विरोधी दल विधान सभा के आम चुनाव को नज़दीक देखते हुए अपने राजनीतिक लाभ के लिये घिनौने तरीके से मुद्दे तलाशने की होड़ में घटिया बय़ानबाजी एवं सरकार पर झूठे आरोप लगाने पर हमेशा उतारू रहते हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि माननीया मुख्य मंत्री जी ने कहा है कि सभी विपक्षी दलों में राज्य सरकार पर झूठे एवं घटिया आरोप लगाने की जो होड़ मची हुई है, उसके पीछे का सच उत्तर प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है। विपक्षी पार्टियों को राज्य सरकार द्वारा जनता के हित में किये जा रहे तमाम कल्याणकारी एवं विकास कार्य नज़र नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दल अपनी सरकारों के कार्यकाल के दौरान यहां जघन्य अपराधों एवं दलित, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों को याद न करके प्रदेश में कानून-व्यवस्था के खराब होने का झूठा आरोप जबरदस्ती लगाते रहते हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री श्री भंवर लाल मेघवाल ने भी गत् दिवस स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश में अपने दम पर एक दलित महिला सरकार चला रही है, जिनका विरोध भाजपा, सपा व कांग्रेस पार्टी कर रही हैं। श्री मेघवाल ने यह भी कहा कि ’अब तो हमारे हृदय सम्राट श्री राहुल गांधी भी बी0एस0पी0 सरकार के पीछे पड़ गये हैं’। राजस्थान के शिक्षा मंत्री के अनुसार अगर श्री राहुल गांधी में दम हो तो गुजरात जाकर श्री नरेन्द्र मोदी से टकरायें तो उन्हे आटे-दाल का भाव मालूम हो जायेगा।
प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण नीति देश की ऐतिहासिक, उदार एवं सर्वाधिक कृषक हितैषी क्रान्तिकारी नीति है। निजी क्षेत्र में विकासकर्ता को कम से कम 80 प्रतिशत प्रभावित किसानों से आपसी सहमति पैकेज के आधार पर जमीन सीधे प्राप्त करनी होगी। यदि 80 प्रतिशत किसान सहमत न हों तो परियोजना पर पुनर्विचार किया जायेगा। जिला प्रशासन इसमें मात्र फेैसिलिटेटर की भूमिका ही निभायेगा। उन्होंने कहा कि पैकेज के तहत किसानों को दो विकल्प उपलब्ध होंगे। पहली या तो वे 16 प्रतिशत विकसित भूमि लें जिसके साथ 23 हजार रूपये प्रति एकड़ की वार्षिकी भी 33 साल तक मिलेगी अथवा दूसरी 16 प्रतिशत भूमि में से कुछ भूमि के बदले नकद प्रतिकर लें। किसानों को दी जाने वाली विकसित भूमि निःशुल्क मिलेगी और उस पर कोई स्टैम्प ड्यूटी व रजिस्टेªशन शुल्क नहीं लगेगा। यदि नकद मुआवजे की रकम से, एक वर्ष के भीतर प्रदेश में कहीं भी कृषि भूमि खरीदी जाती है तो उसमें भी स्टैम्प ड्यूटी से पूरी छूट मिलेगी। 80 प्रतिशत किसानों से समझौते के बाद ही अवशेष भूमि पर अधिग्रहण के लिए धारा 6 इत्यादि की कार्यवाही की जायेगी।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यदि भूमि नगर विकास प्राधिकरणों, औद्योगिक विकास प्राधिकरणों आदि द्वारा ली जाती है, जिनका मास्टर प्लान बनाया जाता है तो ऐसी भूमि भी राज्य सरकार की करार नियमावली के तहत आपसी समझौते से ही ली जायेगी। इस सम्बन्ध में भी अधिग्रहीत भूमि के बदले किसानों को दो विकल्प प्रदान किये गये हैं। पहले विकल्प के अनुसार प्रतिकर की धनराशि करार नियमावली के तहत सम्बन्धित सार्वजनिक उपक्रम द्वारा उदार रवैया अपनाते हुए आपसी समझौते से निर्धारित की जायेगी। इसके अलावा प्रभावित किसानों को पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना नीति के सभी लाभ भी उपलब्ध कराये जायेंगे। दूसरे विकल्प के तहत अधिग्रहीत भूमि के कुल क्षेत्रफल का 16 प्रतिशत विकसित करके निःशुल्क दिया जायेगा। साथ ही 23 हजार रूपये प्रति एकड़ की वार्षिकी भी 33 साल तक मिलेगी। किसान यदि चाहें तो 16 प्रतिशत भूमि में से कुछ भूमि के बदले नकद प्रतिकर भी ले सकते हैं। इन मामलों में भी स्टैम्प ड्यूटी की छूट वैसे ही मिलेगी जैसे कि निजी क्षेत्र द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामलों में दी गयी है। यदि नकद मुआवजे से एक वर्ष के भीतर किसान द्वारा प्रदेश में कहीं भी कृषि भूमि खरीदी जाती है तो उसमें भी स्टैम्प ड्यूटी से पूरी छूट मिलेगी।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यदि भूमि का अधिग्रहण अथवा अंतरण किसी कम्पनी के प्रयोजन हेतु होगा तो किसानों को पुनर्वास अनुदान की एकमुश्त धनराशि में से 25 प्रतिशत के समतुल्य कम्पनी शेयर लेने का विकल्प उपलब्ध होगा। परियोजना क्षेत्र में कृषि भूमि वाले ऐसे प्रत्येक प्रभावित परिवार, जिनकी पूरी भूमि अर्जित अथवा अंतरित की जायेगी, उन्हें आजीविका में हुए नुकसान की भरपाई के लिए पांच वर्षों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त धनराशि वित्तीय सहायता के तौर पर दी जायेगी। ऐसे प्रभावित परिवार जो भूमि अर्जन अथवा अंतरण के परिणाम स्वरूप सीमान्त किसान हो जायेंगे, उन्हें पांच सौ दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जायेगी। इसी तरह जो प्रभावित परिवार छोटे किसान बन जायेंगे, उन्हें 375 दिनों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जायेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि यदि परियोजना प्रभावित परिवार खेतिहर मजदूर अथवा गैर-खेतिहर मजदूर की श्रेणी का होगा तो उसे 625 दिनों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के तौर पर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जायेगी। इसी तरह प्रत्येक विस्थापित परिवार को 250 दिनों की न्यूनतम ड्डषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त धनराशि का अतिरिक्त रूप में भुगतान किया जायेगा। औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पुश्तैनी किसानों को अधिग्रहीत की गयी कुल भूमि के 7 प्रतिशत के बराबर आबादी पूर्व निर्धारित शर्तों पर यथावत दी जाती रहेगी। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित प्रत्येक ग्राम में विकासकर्ता संस्था द्वारा एक किसान भवन का निर्माण अपने खर्च पर कराया जायेगा। विकासकर्ता संस्था द्वारा परियोजना क्षेत्र में कम से कम कक्षा आठ तक एक माडल स्कूल खेल के मैदान सहित संचालित किया जायेगा, जिसके भवन का निर्माण परियोजना विकासकर्ता द्वारा किया जायेगा। निजी क्षेत्र की यदि किसी परियोजना से प्रभावित किसानों में से 80 प्रतिशत से कम किसान सहमति देते हैं, तो परियोजना पर पुनर्विचार किया जायेगा। इस प्रकार अधिग्रहीत की गयी भूमि के कुल क्षेत्रफल की 16 प्रतिशत भूमि को विकसित करके प्रभावित किसान को निःशुल्क देने की जो ऐतिहासिक व्यवस्था की गयी है, उससे किसान अब विकास का समुचित लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
प्रवक्ता ने कहा कि लेकिन इसके बावजूद भी, उ0प्र0 में बी0एस0पी0 की सरकार पर उंगली उठाना, यह सब विरोधी पार्टियों की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है, जिसका हमारी पार्टी विरोध करती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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