Archive | July 9th, 2011

देश में दलित व अन्य पिछड़े वर्गों के प्रति हर मामले में कांग्रेस पार्टी का रवैया आज भी जातिवादी मानसिकता से ग्रसित है

Posted on 09 July 2011 by admin

  • अलीगढ़ के मरोड़गढ़ी गाॅंव में कंजड़ बिरादरी के श्री उदय वीर के घर ठहरे पर उनके घर का खाना नहीं खाया, यह इस बात का सबसे बड़ा सबूत है
  • कांग्रेस पार्टी के युवराज के लिए खाना बाहर से मंगवाया गया, जबकि उनके स्टाफ के लिए खाने का प्रबन्ध ग्राम प्रधान के घर से हुआ इस प्रकार दलित के घर युवराज का रूकना मात्र  राजनैतिक नाटकबाजी है
  • उत्तर प्रदेश में कोई आपराधिक घटना होते ही केन्द्र के  गृह मंत्रालय द्वारा पूछताछ व सभी राष्ट्रीय आयोगों को भेजना तथा देश के अन्य राज्यों में बड़ी से बड़ी आपराधिक घटना होने के बाद भी इन मामलों में चुप रहना कांग्रेस पार्टी का  दलित एवं पिछड़ा वर्ग विरोधी मानसिकता को दर्शाता है
  • राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने कहा कि भाजपा, सपा व कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सरकार चला रही एक दलित महिला का विरोध कर रही हैं, अब तो श्री राहुल गांधी भी बी0एस0पी0 सरकार के पीछे पड़ गये हैं
  • इसी प्रकार भूमि अधिग्रहण को लेकर देश के अन्य राज्यों के किसानों की अधिक समस्यायें है, फिर भी कांग्रेस पार्टी का वहां  चुप रहना लेकिन उत्तर प्रदेश में किसानों को बरगलाकर पंचायत आदि करना क्या यह दलित विरोधी मानसिकता नहीं है, जबकि उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण नीति अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अच्छी है ?

बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के युवराज द्वारा दलित व अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों के घरों में रूकने को राजनैतिक ड्रामेबाजी बताया है। इस सम्बन्ध में असलियत यह है कि कांग्रेस के युवराज जनता को दिखाने के लिये दलितों व पिछड़े वर्गों के लोगों के घरों में जरूर ठहरते हैं, लेकिन उनके घरों में तैयार भोजन को खाने के बजाय इसका प्रबन्ध बाहर से करवाते हैं। इस बात की पुष्टि इससे हो जाती है कि 07 जुलाई, 2011 को, जब कांग्रेस के युवराज ग्राम मरोड़गढ़ी तहसील खैर जनपद अलीगढ़ में कंजड बिरादरी के श्री उदयवीर के घर में रूके, लेकिन परिवार के लिए तैयार भोजन को श्री राहुल गांधी ने नहीं खाया और उनके लिए बाहर से खाने की व्यवस्था की गयी थी। श्री गांधी के स्टाफ के लोगों के खाने की व्यवस्था ग्राम प्रधान के घर से की गयी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के युवराज के इस आचरण से जाहिर हो जाता है कि उनका दलित प्रेम एक ढोंग है।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर ने वर्ग एवं जातिवादी व्यवस्था के तहत हर मामले में गुलामी भरी जिन्दगी व्यतीत करने वाले दलित, पिछड़े एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को हर पहलू में स्वाभिमान की जिन्दगी बसर करने एवं आगे लाने के लिए भारत के संविधान में कानूनी अधिकार दिलाया। उस समय भी बाबा साहेब के इस प्रयास का जातिवादी लोगों और राजनैतिक मामलों में खासतौर पर कांग्रेस पार्टी ने काफी विरोध किया। उन्होंने कहा कि यही मुख्य कारण है कि बी0एस0पी0 को छोड़कर केन्द्र और राज्यों में जिन राजनैतिक दलों की सरकारें बनी, उनका ज्यादातर नेतृत्व जातिवादी व्यवस्था को बढ़ावा देने वाले लोगों के हाथ में रहा है और आज भी है। जिन्होंने इन वर्गों को भारतीय संविधान के तहत मिले कानूनी अधिकारों को लागू कराने के लिए ईमानदारी और निष्ठा से कार्य नहीं किया। इतना ही नहीं बल्कि इनके साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव भी किया।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में केन्द्र में चल रही सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति हर मामले में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का यह कहना है कि आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। जब से यहां बीएसपी की सरकार बनी है और खासतौर से यह सरकार एक दलित की बेटी के नेतृत्व में चल रही है, तब से विरोधी पार्टियों को यह बात आसानी से हजम नहीं हो रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि माननीया मुख्य मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में हाल में घटी कुछ घटनाओं को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा रिपार्ट मांगे जाने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश के दूसरे राज्यों में ऐसी घटनाओं पर केन्द्र सरकार चुप्पी साधे रहती है। इससे साफ जाहिर है कि यूपीए सरकार उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार को बदनाम करने की एक मुहिम चला रही है। इससे कांगे्रस पार्टी की यूपीए सरकार दलित विरोधी मानसिकता से बुरी तरह ग्रसित नजर आ रही है।
प्रवक्ता के अनुसार माननीया मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा  कि देश के अन्य राज्यों, खासतौर से कांगे्रस शासित प्रदेशों में आए दिन बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं तथा महिलाओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दलों को ये घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस शासित महाराष्ट्र राज्य में कुछ महीने पहले एक अतिरिक्त जिलाधिकारी को तेल माफियाओं ने दिन-दहाड़े जिन्दा जला दिया और अभी हाल में ही एक वरिष्ठ पत्रकार की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसी प्रकार कांगे्रस शासित हरियाणा राज्य में पुलिस थाने में ही 14 जून, 2011 को एक दलित लड़की के साथ बलात्कार किया गया जिसमें दो पुलिस वाले शामिल थे। इसके अलावा हरियाणा में ही एक एस0आई0 को सरेआम गोली से उड़ा दिया गया।

माननीया मुख्य मंत्री जी ने कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था की स्थिति इस कदर बदतर हो गयी है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने एक व्यक्ति को जिन्दा जला डाला। इसी तरह भाजपा के सहयोग से चलायी जा रही बिहार सरकार में लोगों की जघन्य हत्याएं लगातार हो रही हैं, किन्तु विपक्षी दलों को ये सब घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। माननीया मुख्य मंत्री जी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर आधारहीन आरोप लगाने से पहले कांगे्रस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कांगे्रस शासित राज्यों तथा भाजपा को अपनी पार्टी की सरकारों वाले प्रदेशों में दलितों, महिलाओं सहित समाज के अन्य कमजोर वर्गों पर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर भी एक निग़ाह ज़रूर डाल लेनी चाहिए।

माननीया मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब कांगे्रस शासित प्रदेशों में गम्भीर आपराधिक घटनाएं होती हैं तो उन सरकारों के खिलाफ़ केन्द्र की यूपीए सरकार कोई नोटिस जारी नहीं करती और न ही उनसे कोई रिपोर्ट मांगी जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा हर आपराधिक घटना के विरूद्ध निष्पक्ष तरीके से कठोर कदम उठाये जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा अक्सर रिपोर्ट मांगी जाती रहती है। इसके साथ-साथ पूरे देश भर में मीडिया के माध्यम से इसका खूब प्रचार भी कराया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांगे्रस एवं अन्य विरोधी दलों को देश में एक दलित मुख्य मंत्री के नेतृत्व में चल रही बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार  उनकी जातिवादी मानसिकता के चलते उनके गले नहीं उतर पा रही है।

माननीया मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि कांगे्रस शासित दिल्ली राज्य में प्रतिदिन महिलाओं के साथ जुल्म-ज्यादती की घटनाएं हो रही हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली बलात्कार की राजधानी बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की इज्जत-आबरू सुरक्षित नहीं है और दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की घटनाओं में कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था के हर मामले में तेजी से कठोर कार्यवाही करते हुए दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है तथा बीते चार वर्षों में कानून-व्यवस्था के प्रति आम जन-मानस का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की है।

प्रवक्ता ने बताया कि माननीया मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की निग़ाह में अपराधी सिर्फ अपराधी है, चाहे वह कितना शक्तिशाली व प्रभावशाली क्यों न हो, उसकी सही जगह सिर्फ जेल है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर मामले में अपराधियों के खिलाफ की गयी कड़ी कार्यवाही की विरोधी दलों द्वारा सराहना न करके राज्य सरकार को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ लेने का घिनौना जो प्रयास किया जा रहा है। यह एक दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो और क्या है? साथ ही सभी विपक्षी दल राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर गलत ठहराने का अनर्गल प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ये सभी दल अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। इतना ही नहीं, बल्कि सभी विरोधी दल विधान सभा के आम चुनाव को नज़दीक देखते हुए अपने राजनीतिक लाभ के लिये घिनौने तरीके से मुद्दे तलाशने की होड़ में घटिया बय़ानबाजी एवं सरकार पर झूठे आरोप लगाने पर हमेशा उतारू रहते हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि माननीया मुख्य मंत्री जी ने कहा है कि सभी विपक्षी दलों में राज्य सरकार पर झूठे एवं घटिया आरोप लगाने की जो होड़ मची हुई है, उसके पीछे का सच उत्तर प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है। विपक्षी पार्टियों को राज्य सरकार द्वारा जनता के हित में किये जा रहे तमाम कल्याणकारी एवं विकास कार्य नज़र नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दल अपनी सरकारों के कार्यकाल के दौरान यहां जघन्य अपराधों एवं दलित, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों को याद न करके प्रदेश में कानून-व्यवस्था के खराब होने का झूठा आरोप जबरदस्ती लगाते रहते हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री श्री भंवर लाल मेघवाल ने भी गत् दिवस स्वीकार किया कि उत्तर प्रदेश में अपने दम पर एक दलित महिला सरकार चला रही है, जिनका विरोध भाजपा, सपा व कांग्रेस पार्टी कर रही हैं। श्री मेघवाल ने यह भी कहा कि ’अब तो हमारे हृदय सम्राट श्री राहुल गांधी भी बी0एस0पी0 सरकार के पीछे पड़ गये हैं’। राजस्थान के शिक्षा मंत्री के अनुसार अगर श्री राहुल गांधी में दम हो तो गुजरात जाकर श्री नरेन्द्र मोदी से टकरायें तो उन्हे आटे-दाल का भाव मालूम हो जायेगा।

प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई प्रगतिशील भूमि अधिग्रहण नीति देश की ऐतिहासिक, उदार एवं सर्वाधिक कृषक हितैषी क्रान्तिकारी नीति है। निजी क्षेत्र में विकासकर्ता को कम से कम 80 प्रतिशत प्रभावित किसानों से आपसी सहमति पैकेज के आधार पर जमीन सीधे प्राप्त करनी होगी। यदि 80 प्रतिशत किसान सहमत न हों तो परियोजना पर पुनर्विचार किया जायेगा। जिला प्रशासन इसमें मात्र फेैसिलिटेटर की भूमिका ही निभायेगा। उन्होंने कहा कि पैकेज के तहत किसानों को दो विकल्प उपलब्ध होंगे। पहली या तो वे 16 प्रतिशत विकसित भूमि लें जिसके साथ 23 हजार रूपये प्रति एकड़ की वार्षिकी भी 33 साल तक मिलेगी अथवा दूसरी 16 प्रतिशत भूमि में से कुछ भूमि के बदले नकद प्रतिकर लें। किसानों को दी जाने वाली विकसित भूमि निःशुल्क मिलेगी और उस पर कोई स्टैम्प ड्यूटी व रजिस्टेªशन शुल्क नहीं लगेगा। यदि नकद मुआवजे की रकम से, एक वर्ष के भीतर प्रदेश में कहीं भी कृषि भूमि खरीदी जाती है तो उसमें भी स्टैम्प ड्यूटी से पूरी छूट मिलेगी। 80 प्रतिशत किसानों से समझौते के बाद ही अवशेष भूमि पर अधिग्रहण के लिए धारा 6 इत्यादि की कार्यवाही की जायेगी।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यदि भूमि नगर विकास प्राधिकरणों, औद्योगिक विकास प्राधिकरणों आदि द्वारा ली जाती है, जिनका मास्टर प्लान बनाया जाता है तो ऐसी भूमि भी राज्य सरकार की करार नियमावली के तहत आपसी समझौते से ही ली जायेगी। इस सम्बन्ध में भी अधिग्रहीत भूमि के बदले किसानों को दो विकल्प प्रदान किये गये हैं। पहले विकल्प के अनुसार प्रतिकर की धनराशि करार नियमावली के तहत सम्बन्धित सार्वजनिक उपक्रम द्वारा उदार रवैया अपनाते हुए आपसी समझौते से निर्धारित की जायेगी। इसके अलावा प्रभावित किसानों को पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना नीति के सभी लाभ भी उपलब्ध कराये जायेंगे। दूसरे विकल्प के तहत अधिग्रहीत भूमि के कुल क्षेत्रफल का 16 प्रतिशत विकसित करके निःशुल्क दिया जायेगा। साथ ही 23 हजार रूपये प्रति एकड़ की वार्षिकी भी 33 साल तक मिलेगी। किसान यदि चाहें तो 16 प्रतिशत भूमि में से कुछ भूमि के बदले नकद प्रतिकर भी ले सकते हैं। इन मामलों में भी स्टैम्प ड्यूटी की छूट वैसे ही मिलेगी जैसे कि निजी क्षेत्र द्वारा भूमि अधिग्रहण के मामलों में दी गयी है। यदि नकद मुआवजे से एक वर्ष के भीतर किसान द्वारा प्रदेश में कहीं भी कृषि भूमि खरीदी जाती है तो उसमें भी स्टैम्प ड्यूटी से पूरी छूट मिलेगी।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि यदि भूमि का अधिग्रहण अथवा अंतरण किसी कम्पनी के  प्रयोजन हेतु होगा तो किसानों को पुनर्वास अनुदान की एकमुश्त धनराशि में से 25 प्रतिशत के समतुल्य कम्पनी शेयर लेने का विकल्प उपलब्ध होगा। परियोजना क्षेत्र में कृषि भूमि वाले ऐसे प्रत्येक प्रभावित परिवार, जिनकी पूरी भूमि अर्जित अथवा अंतरित की जायेगी, उन्हें आजीविका में हुए नुकसान की भरपाई के लिए पांच वर्षों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त धनराशि वित्तीय सहायता के तौर पर दी जायेगी। ऐसे प्रभावित परिवार जो भूमि अर्जन अथवा अंतरण के परिणाम स्वरूप सीमान्त किसान हो जायेंगे, उन्हें पांच सौ दिन की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जायेगी। इसी तरह जो प्रभावित परिवार छोटे किसान बन जायेंगे, उन्हें 375 दिनों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जायेगी।

प्रवक्ता ने कहा कि यदि परियोजना प्रभावित परिवार खेतिहर मजदूर अथवा गैर-खेतिहर मजदूर की श्रेणी का होगा तो उसे 625 दिनों की न्यूनतम कृषि मजदूरी के तौर पर एकमुश्त वित्तीय सहायता दी जायेगी। इसी तरह प्रत्येक विस्थापित परिवार को 250 दिनों की न्यूनतम ड्डषि मजदूरी के बराबर एकमुश्त धनराशि का अतिरिक्त रूप में भुगतान किया जायेगा। औद्योगिक विकास प्राधिकरण में पुश्तैनी किसानों को अधिग्रहीत की  गयी कुल भूमि के 7 प्रतिशत के बराबर आबादी पूर्व निर्धारित शर्तों पर यथावत दी जाती रहेगी। भूमि अधिग्रहण से प्रभावित प्रत्येक ग्राम में विकासकर्ता संस्था द्वारा एक किसान भवन का निर्माण अपने खर्च पर कराया जायेगा। विकासकर्ता संस्था द्वारा परियोजना क्षेत्र में कम से कम कक्षा आठ तक एक माडल स्कूल खेल के मैदान सहित संचालित किया जायेगा, जिसके भवन का निर्माण परियोजना विकासकर्ता द्वारा किया जायेगा। निजी क्षेत्र की यदि किसी परियोजना से प्रभावित किसानों में से 80 प्रतिशत से कम किसान सहमति देते हैं, तो परियोजना पर पुनर्विचार किया जायेगा। इस प्रकार अधिग्रहीत की गयी भूमि के कुल क्षेत्रफल की 16 प्रतिशत भूमि को विकसित करके प्रभावित किसान को निःशुल्क देने की जो ऐतिहासिक व्यवस्था की गयी है, उससे किसान अब विकास का समुचित लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि लेकिन इसके बावजूद भी, उ0प्र0 में बी0एस0पी0 की सरकार पर उंगली उठाना, यह सब विरोधी पार्टियों की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है, जिसका हमारी पार्टी विरोध करती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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श्रीमती रीता खन्ना का कल रात्रि हृदय गति रूकने से निधन

Posted on 09 July 2011 by admin

भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं भाजपा कार्यसमिति की सदस्य श्रीमती रीता खन्ना का कल रात्रि हृदय गति रूकने से निधन हो गया। वे पिछले कई महीनों से बीमार चल रही थी। श्रीमती रीता खन्ना भाजपा की जुझारू महिला नेत्री तथा संघर्षशील समाजसेवी थी। श्रीमती खन्ना वर्ष 1995 से 2000 तक बाबू जगजीवन राम वार्ड से तथा 2000 से 2006 तक इन्दिरानगर वार्ड से लखनऊ नगर निगम की निर्वाचित पार्षद रही।  श्रीमती रीता खन्ना के निधन पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं चुनाव अभियान समिति के संयोजक कलराज मिश्र, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, वरिष्ठ नेता व संासद लाल जी टण्डन, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष केसरीनाथ त्रिपाठी, प्रदेश महामंत्री संगठन राकेश जैन, प्रदेश महामंत्री विन्ध्यवासिनी कुमार, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी, विजय बहादुर पाठक, प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, महापौर डा0 दिनेश शर्मा, पूर्व महापौर डा0 सतीश चन्द्र राय, प्रदेश मंत्री आशुतोष टंडन, मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित, सहप्रभारी चै0 लक्ष्मण सिंह, कार्यालय सचिव अनूप गुप्ता, जयपाल सिंह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कैप्टन चन्दन सिंह नेगी, के0सी0सिंह, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डा0 मधु मिश्रा, प्रदेश महामंत्री कमलावती सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवीण श्रीवास्तव, मीडिया प्रभारी मीना चैबे, प्रदेश मंत्री मधु मिश्रा, जया शुक्ला, नादिरा हुसैन, महानगर अध्यक्ष बीना गुप्ता, अनीता तोमर आदि लोगों ने श्रीमती रीता खन्ना के निधन पर हार्दिक दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा के लिए अपनी श्रंद्धाजलि दी तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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आम आदमी का जीना दुश्वार

Posted on 09 July 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने उ0प्र0 की बसपा सरकार की नीति नियत पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि इस सरकार को लोकतंत्र विरोधी तथा आम आदमी के हितों की अनदेखी करने वाली बताया। श्री राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि बसपा सरकार की कार्यशैली ने एक तरफ आम आदमी का जीना दुश्वार कर दिया है। चैतरफ अपनी ही हठधर्मिता पूर्ण कार्यशैली से शर्मशार होती उ0प्र0 की सरकार लोकतांत्रिक शासन पद्धति के सामने भी एक बड़ी चुनौती खड़ी कर रही है।

श्री तिवारी ने कहा कि लगातार पिछले चार वर्षो के बसपा शासन, प्रशासन कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालने वाली पुलिस व्यवस्था से पूरी तरह उठता चला जा रहा है और आम आदमी का शासन प्रशासन से उठता विश्वास एक बड़ा खतरा है क्योंकि इसी तरह की परिस्थितियों में आम आदमी कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेने पर मजबूर होता है। श्री तिवारी ने मुरादाबाद के असालतपुर गांव की घटना, झांसी के मउरानीपुर की घटना इसके पहले लखीमपुर के निघासन, फतेहपुर, महराजगंज, बाराबंकी और उसके पहले आगरा के ऊघनपुर तथा डा0 सचान की जेल में हुई हालिया हत्या की घटनाएं अपने आप में इस बात के सीधे प्रमाण हैं कि कानून व्यवस्था लागू करने की जिम्मेदार संस्थाओं की विश्वसनीयता कहां खड़ी है ?

श्री तिवारी ने कहा कि भाजपा लगातार पिछले एक वर्ष से जनहित से जुड़े अनेक मुद्दों पर प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में संघर्ष कर रही है। सरकार से हमारी पार्टी ने अनेक बार जनहित से जुड़े मामलों पर मांगे रखी लेकिन प्रदेश सरकार की हठधर्मिता के कारण भाजपा द्वारा की गई मांगों के प्रति उपेक्षापूर्ण रवैया अपनाया गया।  इतना ही नहीं इन्हीं के चलते प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक पार्टी कार्यकर्ताओं को पुलिस की लाठियाॅं भी खानी पड़ी। वर्तमान में सरकार अपने कृत्यों पर उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी और निर्णयों से शर्मसार हो रही है। चाहे वह विषय स्थानीय निकाय अध्यक्षों के चुनाव प्रक्रिया में संसोधन का रहा है। भूमि अधिग्रहण का रहा हो, निघासन और डा0 आर्या, डा0 बी0पी0 सिंह तथा डा0 सचान के मामले में सीबीआई जांच का मामला हो सरकार हमेशा ही अपनी हठधर्मिता के कारण जनहित तथा न्याय होनी की उपेक्षा कर रही है।

श्री तिवारी ने कहा कि डा0 बी0पी0सिंह की हत्या की चार्जसीट कोर्ट द्वारा वापस करना डा0 सचान के मामले में उच्चन्यायालय द्वारा रिपोर्ट मांगना सीजीएम लखनऊ द्वारा डीआईजी को पत्र लिखना सरकार के मुंह पर करारा तमाचा है। श्री तिवारी ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि वे प्रदेश में संविधान के संरक्षक के नाते प्रदेश की वर्तमान हालात को गंभीरता से संज्ञान में लेकर प्रदेश के 15 करोड़ जनता के हित में प्रदेश सरकार को बर्खास्त किए जाने के संबंध में तत्काल केन्द्र सरकार को सिफारिश करे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मुख्य अभियन्ता नगर निगम, मुरादाबाद तथा खुर्जा एवं मैनपुरी नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश

Posted on 09 July 2011 by admin

शेल्टर होम्स का निर्माण प्रत्येक दशा में  31 अक्टूबर, 2011 तक पूरा कर लिया जाए
नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन्न

उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री श्री नकुल दुबे ने मुख्य अभियन्ता नगर निगम, मुरादाबाद तथा खुर्जा एवं मैनपुरी नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने नगर निगमों, नगर पालिका परिषदों तथा नगर पंचायतों के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने यहां सम्पत्तियों का रजिस्टर बनाकर उसमें आवश्यक अंकन कर वांछित सूचना 15 जुलाई, 2011 तक निदेशक स्थानीय निकाय को उपलब्ध करा दें। सम्पत्तियों का रजिस्टर एवं सम्बन्धित सूचना भेजने के निर्देश जल संस्थानों के महाप्रबन्धकों को भी दिए गए हैं। नगर विकास मंत्री स्वयं आगामी 20 जुलाई को बैठक कर इस सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही की समीक्षा करेंगे।

नगर विकास मंत्री ने आज यहां आवास विकास परिषद सभागार में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए निर्देश दिए कि विभागीय ठेकों में आरक्षित श्रेणी के ठेकेदारों द्वारा 01 अप्रैल से 30 जून तक कराये गए कार्याें का भुगतान समय से करा दिया जाए। उन्होंने कहा कि आगामी समीक्षा बैठक में भुगतान की स्थिति की समीक्षा भी की जायेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि शेल्टर होम्स का निर्माण किसी भी दशा में 31 अक्टूबर, 2011 तक पूरा कर लिया जाए।

नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिए कि दलित बस्तियों में अवस्थापना सुधार हेतु निकाय बजट का 25 प्रतिशत व्यय किया जाना चाहिए। उन्होंने दलित बस्तियों में किए गए कार्याें के भुगतान पर बल दिया। उन्होंने सभी निकायों को आय के स्रोत बढ़ाने तथा वसूली पर भी जोर दिया।

बैठक में झांसी नगर निगम द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्याें का प्रस्तुतिकरण किया गया। नगर विकास मंत्री ने निर्देश दिए कि सभी नागर निकाय झांसी नगर निगम द्वारा किए गए अच्छे कार्य का अनुसरण करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इन कार्याें के कार्यान्वयन की प्रगति एवं अनुश्रवण की समुचित व्यवस्था की जाए।
बैठक में बताया गया कि नगर निगम वाराणसी में यह व्यवस्था की गयी है कि किसी भी शिकायत दर्ज होते ही उसकी जानकारी नगर आयुक्त को एस0एम0एस0 के जरिए मिल जाती है। उन्होंने कहा कि वे यह जानना चाहेंगे कि कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया। इस सम्बन्ध में आवश्यक विवरण से सम्बन्धित नगर आयुक्त नगर विकास मंत्री को अवगत करायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अमहट मण्डी में वर्षों से बन्द विश्रामालय

Posted on 09 July 2011 by admin

मामला कृषि मण्डी अमहट के व्यवसायी  एवं किसानों के लिए बनाया गया  विश्रामालय

उ0प्र0 सरकार की मुखिया हमेशा किसानों की हित की बात करते करते थक चुकी हंै, लेकिन अधिकारी उनके आदेशों को धक्का मार सरकारी सम्पत्ति गिरवीं रखने में कोई कोर कसर नही कर रहे है। अब तो विभाग भी अपने सामान की सुरक्षा करने में विफल हो चुका है।

जनपदीय कृषि मण्डी अमहट में सरकार द्वारा किसानो व व्यापारियों की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए व्यापारी विश्रामालय बना कर उनके ठहरने व आराम करने की सुविधा के लिये भवन तो बनवा है, किन्तु मण्डी विभाग ने लगभग 10 वर्षो  बाद भी आज तक ताला लगा रखा  है। विश्राम के लिये जनपदीय मण्डी व्यापारी अध्यक्ष द्वारा पूर्व में कई वार सम्बन्धित अधिकारी से उक्त भवन को खुलवाने की मांग की  परन्तु आज तक दूर दराज से आयेे व्यापारी पानी पीने तथा पसीने सुखाने के लिये छाॅव की तलाश में भटक रहे हैं।

मण्डी सचिव को  लिखित शिकायती पत्र में मण्डी के व्यवसायी लईया ट्रेडिंग कम्पनी के मालिक ने दर्जनो मण्डी व्यापारी सहित कहा है कि पूर्व में  तथा आज तक कई बार सम्बन्धित अधिकारी को इस आशय से प्रार्थना पत्र दिया गया था कि सरकार द्वारा निर्मित विश्रामालय मण्डी व्यापारियो केा आराम करने, पीने के पानी की असुविधा तथा पसीना पोछने के लिये छावं की जगह को खुलवाया जाय परन्तु आल तक उनकी बातों पर ध्याान नहीं दिया गया। जनपद की मुख्यालय मण्डी में किसानो,व्यापारियो तथा स्थाई व्यवसायिओं के उठने बैठने,तथा शुद्ध पानी पीने की अव्यवस्थाओ का अम्बार लगा है। भवनों की स्थिती जर्जर हो चुकी है, कुर्सी, पंखा, बैठने के लिये दरी आदि सामान अधिकारी व कर्मचारी की मिलीभगत से विकवा दिया गया है। अगर ऐसी स्थिति मण्डी की बनी रही तो वह दिन दूर नही कि मण्डी के भवन व विभाग के कार्यालय  तक को विक्री कर अधिकारी फरार हो जायेगें, उक्त व्यापारियो ने बताया कि विभाग के पंखे, कुर्सी पानी की टोटी, बैठने की दरी, तथा हवादार कमरे किसी और के गिरफ्त में चलेे गये। विभाग के तेज तर्रार मण्डी सचिव इन सभी असुविधाओं पर किसानो की हित की थोडी सी भी छान बीन करे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा, और व्यवसायी तथा स्थायी व्यापारी भी सरकार की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उक्त मण्डी व्यापारी अध्यक्ष ने कहा है कि यदि हमारी बातों ं को नहीं माना गया तो सभी व्यापारी मिलकर  शीध्र आन्दोलन की राह पर चले जायेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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शिक्षा विभाग बेखौफ, कुकुरमुत्तों की तरह पनप रहीं हंै नर्सरियां

Posted on 09 July 2011 by admin

बच्चो को शिक्षा का सही अमलीजामा पहनाने का दे रहे झूठा प्रलोभन

बच्चांे के जीवन संवारने में शहर से लेकर बरसाती मेढक की तरह निकल  रहे मौसमी विद्यालय बच्चों के भविष्य सुधारने का जिम्मा ले रहे है। उच्च शिक्षा का बहाना बताकर कर अविभावको केा गुमराह करने में कोई कोर कसर नही बाकी कर रहे हैं। शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक वि़द्यालयों में छोटे खिलौन व व्यायाम के उपकरण होना, शिक्षा ग्रहंण करने के लिये छत, पीने के पानी, खेलने व कूदने के लिये खाडी पडी जमीन, आदि प्रमुख सुविधा सिर्फ कागजो के घोषणा पत्र पर तो दिखाई देता है लेकिन सच्चाई जाकर देखने से कुछ और ही बयां कर रहा है। जिसके लिये जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी पूर्ण रूप से अनभिज्ञ दिखाई पड रहे है।

बताते चले कि ब्लाक जयसिंहपुर मंे इन दिनो बच्चो को अपने लुभाने के लिये अविभावको केा तरह तरह के शिक्षा समन्धी सुविधाओं की बात घर-घर जाकर बता रहे है परन्तु सच्चाई इसके विल्कुल विपरीत है। विद्यालय जाने पर अविभावक अपने को ठगा सा महसूस करते है, कारण कि कुछ विद्यालयो के प्रवन्धक, प्रधानाचार्य एवं शिक्षक शिक्षिकायें अपने साथ विद्यालय के प्रवेश फार्म, रसीद बुक, साथ लेकर चलते है और बच्चो के घर पर ही अपने विद्यालय का प्रवेश फार्म भर कर रसीद काट देते है। कुछ अविभावकों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यदि विद्यालय जाने पर अपने साथ हुई धोखाधडी की बात करके पैसा वापस मांगते है तो उनके साथ बदसलूकी करके उन्हे भगा दिया जाता है। क्षेत्र में जयसिंहपुर विरसिहपुर कालीगंज, भटमई, दियरा, आदि प्रमुख बाजारों में बिना मान्यता के कई ऐसे वि़द्यालय चल रहे है जो बिना शिक्षा विभाग के मान्यता  प्राप्त हैं बस मात्र रजिस्ट्रेशन आफिस से समिति का रजिस्ट्रेशन ही करवायें हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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