माननीय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा दाखिल किये गये शपथ-पत्र का अवलोकन करने के पश्चात फैसला सुरक्षित कर लिया है, जिसे शीघ्र सुनाये जाने की सम्भावना है।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के अपर महाधिवक्ता श्री जे0एन0माथुर द्वारा प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कल माननीय उच्च न्यायालय में एक शपथ-पत्र दाखिल किया, जिसमें यह उल्लेख किया गया कि समस्त चार प्रकरणों, अर्थात् डाॅ0वी0के0आर्या तथा बी0पी0सिंह की हत्या के सम्बन्ध में दर्ज दो एफ0आई0आर0 तथा लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) कार्यालय के आरोपो के सम्बन्ध में दर्ज दो एफ0आई0आर0 को अग्रेतर जांच हेतु सी0बी0आई0 को संदर्भित कर दिया गया है।
श्री माथुर ने यह भी बताया कि आज वाद की सुनवाई के दौरान प्रश्नगत शपथ-पत्र को माननीय उच्च न्यायालय के अवलोकनार्थ प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा पूर्व में पारित आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सभी चारो मामलों में की गयी विवेचना से सम्बन्धित समस्त रिकार्ड माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ प्रस्तुत किये गये।
अपर महाधिवक्ता उ0प्र0 श्री जे0एन0माथुर ने बहस करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा चूंकि लम्बित एफ0आई0आर0 से सम्बन्धित समस्त विवेचना सी0बी0आई0 को हस्तान्तरित कर दी गयी है, ऐसी दशा में रिट याचिका निष्फल हो गयी है। माननीय उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है, जिसे शीघ्र सुनाये जाने की सम्भावना है।
माननीय उच्च न्यायालय ने यह निर्देश भी दिये है कि राज्य सरकार द्वारा सी0बी0आई0 को समस्त विवेचना सौंप दिये जाने के परिणामस्वरुप, स्थानीय पुलिस इसकी विवेचना नहीं करगी और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लखनऊ, उ0प्र0 पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र का संज्ञान लिये जाने के सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं करंेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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