भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता में कहा कि उ0प्र0 में आगामी विधान सभा चुनाव राष्ट्रपति शासन में ही निष्पक्ष हो सकते हैं। श्री तिवारी ने प्रदेश के राज्यपाल से प्रदेश की चिन्ताजनक कानून व्यवस्था शासन और प्रशासन की कार्यशैली को देखते हुए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की मांग की है। श्री तिवारी ने कहा महामहिम राज्यपाल प्रदेश में संविधान सरंक्षक हैं। आगामी चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र हो सके तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए वर्तमान की आवश्यकता है कि मायावती सरकार तुरन्त बर्खास्त हो।
श्री तिवारी ने कहा कि उ0प्र0 में हुए जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लाक प्रमुखों के चुनावों में जिस तरह मायावती ने बासपाई पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख निर्वाचित कराने के लिए धन बल और सत्ताबल का दुरुपयोग किया है उससे उ0प्र0 का जन-जन वाकिफ है। चुनावों में जिलों में तैनात जिलाधिकारी, एस0डी0एम0 से लेकर थानों में तैनात इन्सपेक्टर तक की भूमिका बसपा कार्यकर्ता की रही है। यहां तक की बसपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले लोगों को पर्चा तक नहीं दाखिल करने दिया गया जिन्होंने किसी तरह पर्चा दाखिल कर दिया उन्हें सरकारी तंत्र के दबाव में पर्चा वापस लेना पड़ा। विधान सभा चुनाव में भी मायावती पुनः सत्ताबल और धनबल और सरकारी मशीनरी का भरपूर दुरुपयोग करेगी जिसके कारण निष्पक्ष चुनाव मायावती सरकार के रहते संभव नही।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की मायावती सरकार भ्रष्टाचार की सारी हदें तोड़ चुकी हैं। मुख्यमंत्री की प्रशासनिक अक्षमता जगजाहिर हो चुकी है। अनेक बसपा विधायकों के बलात्कार और हत्या जैसे संगीन अपराधों में संलिप्तता प्रमाणित है। मुख्यमंत्री जिस तरह से अपनी सरकार का विकृत चेहरा छुपाने के लिए डा0 आर्या, डा0 वी0पी0 सिंह और डा0 सचान के हत्या के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा मामले की सी0बी0आई0 जांच के आदेश के पहले सीबीआई जांच की संस्तुति करना, जब कि मायावती सरकार ने पीड़ित परिवारों पी0एम0एस0 एसोशिएसन तथा राजनैतिक दलों द्वारा लगातार सी0बी0आई0 की जांच को ठुकराना, न्यायालय में प्रस्तुत हलफनामें का ठीक विरोधाभाषी संस्तुति करना, ठीक इसतरह एन0आर0एच0एम0 घोटाले में सी0बी0आई0 जांच की मांग के दबाव को देखते हुए एवं भाजपा द्वारा सी0ए0जी0 से जांच की मांग और सी0ए0जी0 जांच आदेश आने से पहले सी0ए0जी0 की संस्तुति करना यह सब साबित करता है कि सरकार में बैठे लोगों ने सरकारी योजनाओं में जनता के लिए आए धन को निजी हितों की फैक्ट्री बनाकर सरकारी कोष से भारी लूट की। चीनी मिलों की बिक्री कर एक तरफ जहां सरकारी खजाने को भारी क्षति पहुंचाई वही दुसरी तरफ किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ किया। प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के नाम पर किसानों की अधिग्रहीत भूमि के अधिग्रहण को जिस तरह से न्यायालय ने रद्द किया वह स्वागत योग्य है और इस सरकार के कदाचार को प्रमाणित करता है। श्री तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कदाचार, भ्रष्टाचार इतने सारे मामले जिस सरकार के खिलाफ प्रमाणित हो चुका है। उस सरकार को पल भर भी अस्तित्व में रहने का हक नहीं है।
श्री तिवारी ने मांग की कि श्री राज्यपाल उ0प्र0 सरकार को बर्खास्त कर जनता का धन लूटने वालों को अविलम्ब जेल में भेजने और लूट के धन को सरकारी खजाने में लाने के लिए इनकी सम्पत्तियों की नीलामी कर सरकारी कोष में लाने की कार्रवाई करे तथा राष्ट्रपति शासन में विधानसभा चुनाव कर निष्पक्ष चुनाव का रास्ता साफ करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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