Posted on 13 July 2011 by admin
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर द्वारा दिये गये बयान को घोर आपत्तिजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि पहले से दहशत में रह रही दिल्ली की महिलाओं में असुरक्षा की भावना इस बयान से और अधिक बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर के बयान से साबित हो गया है कि वहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, और कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार तथा दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाने में नाकाम रही हैं। उन्हांेेने कहा कि कांग्रेस की यह दोनों सरकारें अपराधियों के समक्ष समर्पण कर चुकी हंै। पुलिस कमिश्नर के बयान से अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली को दुनिया के बड़े और आधुनिक शहरों में शुमार कराने का दावा करने वाली केन्द्र व राज्य सरकार को बताना चाहिए कि वे पुलिस कमिश्नर के बयान से कितना सहमत हैं। बदलते परिवेश में इस प्रकार के दकियानूसी बयान से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है और उनकी सुरक्षा का दायित्व उनके परिवारों के हवाले करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर का बयान उस पुरानी परम्परा की याद दिलाता है जब अपराध व उत्पीड़न की शिकार महिला को ही उसके साथ हुई घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था। महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर स्थान देने का दावा किया जा रहा है, ऐसे में यह जरूरी है कि उन्हें सुरक्षा का ऐसा वातावरण दिया जाय जिससे कि वे किसी भी समय बिना किसी भय एवं प्रतिबन्ध के घर से बाहर निकल कर अपना कार्य कर सकें।
प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के बजाय महिलाओं को पुरुष संबंधियों की हिफाजत में घर से बाहर निकलने की सलाह दे रही है। उन्होंने मांग की कि जो अधिकारी महिलाओं के लिए शहर की कानून-व्यवस्था सुरक्षित बनाने में सक्षम न हो उसे तत्काल हटाकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। इसलिए यहां के वातावरण एवं कानून-व्यवस्था को केवल महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस की दिल्ली सरकार अपराधियों, अराजक तत्वों, गुण्डों एवं माफिया के खिलाफ यदि सख्त कार्यवाही न कर सके तो उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है और तत्काल गद्दी छोड़ देनी चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार को बताना चाहिए कि यदि ऐसी महिला जिसका कोई पुरुष सम्बन्धी दिल्ली में नहीं रहता हो और उसेे किसी कार्यवश रात को बाहर जाना जरूरी हो तो वह क्या करे? क्योंकि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अपने दायित्व से पल्ला झाड़ चुके हैं। उन्होंने पूछा कि क्या दिल्ली पुलिस का काम यहां की महिलाओं सहित सभी नागरिकों को सुरक्षा देना नहीं है? उन्होंने कहा कि बाहर जाने वाली महिलाओं के साथ उनके घर के किसी एक पुरुष को जाना क्यों जरूरी है क्या इससे यह साबित नहीं होता है कि दिल्ली पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ का दावा करके केन्द्र की सत्ता में आने वाली यू0पी0ए0 सरकार अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकती। क्यांेकि दिल्ली राज्य की कानून-व्यवस्था केन्द्र सरकार के पास है और दिल्ली पुलिस केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर राजनैतिक दलों की तर्ज पर बयान देने वाले विभिन्न राष्ट्रीय आयोग दिल्ली पुलिस कमिश्नर के बयान पर खामोश क्यों हैं। क्या उन्हें केन्द्र एवं राज्य सरकार से नहीं कहना चाहिए कि वे महिलाओं के लिए ऐसा माहौल बनायंे ताकि वे किसी भी समय बिना किसी भय के कहीं भी आ-जा सकें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर हाय-तौबा मचाने वाले कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को दिल्ली की कानून-व्यवस्था विशेष रूप से महिलाओं के साथ आये दिन हो रहे अपराध दिखाई क्यों नहीं पड़ रहे हैं?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
उत्तर प्रदेश के अपर महाधिवक्ता श्री जयदीप माथुर ने मा0 इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में डा0 वाई0एस0 सचान की मृत्यु के मामले में आज सुनवाई के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार इस प्रकरण में पूरी पारदर्शिता चाहती है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस मामले में इसी तरह से विवेचना की जा रही थी। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा राज्य सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार इस मामले में कोई भी तथ्य न तो छुपाना चाहती है और न ही किसी को बचाना चाहती है।
अपर महाधिवक्ता के अनुसार राज्य सरकार ने मा0 न्यायालय से यह भी अनुरोध किया गया कि इस प्रकरण को किसी भी स्वतंत्र एजेन्सी से जांच कराये। परन्तु राज्य सरकार का मानना है कि सी0बी0आई0 केन्द्र सरकार के अधीन कार्य करती है, ऐसी स्थिति में उसे स्वतंत्र एजेन्सी नहीं कहा जा सकता। राज्य सरकार की ओर से मा0 न्यायालय से यह भी अनुरोध किया गया कि वह सी0बी0आई0 जांच से सहमत नहीं है, क्योंकि पूर्व में ऐसे कई उदाहरण सामने हैं, जिसमें सी0बी0आई0 का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया।
अपर महाधिवक्ता ने गुजरात के गोधरा काण्ड तथा 2-जी स्पैक्ट्रम घोटाले का दृष्टांत रखते हुए कहा कि पूर्व में भी नोएडा के आरुषि हत्याकाण्ड की जांच भी सी0बी0आई0 द्वारा की गयी थी, जिसमें राज्य सरकार को काफी बदनाम किया गया था। लेकिन सी0बी0आई0 जांच के जो परिणाम आये वह सबके सामने हैं। अतः वर्णित तथ्यों के आलोक में प्रदेश सरकार एक स्वतंत्र एजेन्सी अर्थात् स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एस0आई0टी0) से जांच कराने की पक्षधर है। राज्य सरकार द्वारा यह भी अनुरोध किया गया कि इस सम्बन्ध में यदि मा0 न्यायालय उचित समझें, तो एस0आई0टी0 से जांच करा सकते हैं। यह भी अवगत कराया गया कि मा0 उच्च न्यायालय द्वारा जब तक इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं किया जाता, तब तक राज्य सरकार द्वारा स्वयं इस प्रकरण की विवेचना को रोक दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने फतेहपुर के मलवा स्टेशन पर हुई कालका मेल हादसे के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर रेल मंत्रालय की बदहवाली का दोषी ठहराया। भाजपा प्रवक्ता हरद्वार दुबे ने संप्रग सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने बड़े हादसे से मरने वाले यात्रियों की अभी तक सुध नहीं ली। प्रदेश की बसपा सरकार तो बिल्कुल संवेदनहीन हो चुकी है। रेलवे प्रशासन एवं राज्य सरकार यदि त्वरित गति से कार्रवाई करती तो मृतकों की संख्या इतनी बड़ी न होती।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने मुआवजा की धनराशि घोषित करके अपनी जिम्मेवारी निभा दी। दोनों सरकारें मानवता ही भूल गई हैं। कांगे्रस की अध्यक्ष ही नहीं पूरी कांगे्रस एवं सरकार लाशों पर राजनीति कर रहे हैं। एक ही दिन में दो-दो रेल दुर्घटनाएं घटित हुई 100 से अधिक लोग मरे, सैकड़ों घायल जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं वही प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार कर रहे हैं। कांगे्रस के युवराज लखनऊ तो आते हैं लेकिन घटनास्थल की तरफ जाना उचित नहीं समझते। देश के प्रधानमंत्री हों या प्रदेश की मुख्यमंत्री दोनों ही इतने बड़े हादसे से पर घटनास्थल तक नहीं पहुंचे।
श्री दुबे ने कहा कि भाजपा नेता राजनाथ सिंह, साध्वी उमा भारती, प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता ओमप्रकाश सिंह घटना स्थल पहुंच गए। काफी दबाब के वावजूद प्रदेश के राज्यपाल घटनास्थल पर जाने के लिए अपने आपको रोक नहीं सके। उन्होंने कहा कि दोनों रेल दुर्घटनाओं में राहत के लिए भाजपा एवं संघ के कार्यकत्र्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
प्रवक्ता हरद्वारा दुबे ने आरोप लगाया कि रेलवे जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को प्रधामंत्री ने ’गठबन्धन राजनीति’ का बंधक बना रखा है। जिसकी कीमत आम आदमी को आए दिन रेल हादसों में चुकानी पड़ रही है। बीते सात साल से रेल मंत्रालय संप्रग सरकार की गठबंधन की राजनीति का शिकार बना हुआ है। यूपीए में आई ममता बनर्जी उनकी दिलचस्पी रेल मंत्रालय से ज्यादा पश्चिम बंगाल में रही। रेल मंत्रालय दिल्ली के बजाय बंगला से चलने लगा इस दौरान प्रधानमंत्री ने कभी हस्तक्षेप नही।
प्रवक्ता दूबे ने कहा कि अब तो हद हो गई है कि इस मंत्रालय में कोई मंत्री नहीं है। खुद प्रधानमंत्री इसे देख रहे हैं लेकिन इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद वे खुद या कोई राज्यमंत्री तथा घटनास्थल पर तुरन्त नहीं पहुंचे। यह तो हद हो गई जब राज्य मंत्री मुकुल राय ने कह दिया कि जब प्रधानमंत्री कहेंगे तो वह घटनास्थल पर जायेंगे। गठबंधन राजनीति के कारण रेल यात्रियों की जान की भी परवाह नहीं की जा रही है। वैसे तो रेल मंत्रालय एक लंबे अर्से से संकीर्ण राजनीतिक हितों को साधने का जरिया बना हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
सर्वशिक्षा अभियान-कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को हर हाल में शिक्षा दिलाये जाने की सरकारी कवायद। पूरी सरकारी मशीनरी इस मिशन को सफल बनाने के लिए सिर के बल खड़ी हुई है, लेकिन शिक्षकों के अभाव में जमीनी हकीकत अलहदा और बदतर है।
‘सब पढ़े, सब बढ़े’ नारे की वास्तविकता बताने और जिले की परिषदीय शिक्षा का हाल बयां करने के लिए शहर के बीचों बीच स्थित कटिया टोला के अपर रोटी गोदाम परिषदीय विद्यालय की स्थिति पर्याप्त है। इस विद्यालय की एकमात्र प्रधानाध्यापिका के पास कटिया टोला प्राथमिक विद्यालय का भी प्रभार है। इसके अलावा रोशनी गोदाम स्थानांतरित कर दिए गए बाडूजई विद्यालय के कार्य, जैसे टीसी देना आदि का बोझ भी उन्हीं पर है। एक जुलाई से शुरू हुए दोनों विद्यालय को मिलाकर बच्चों की संख्या 281 है। कटिया टोला विद्यालय में 129 और अपर रोटी गोदाम में 152 बच्चे हैं। इसके सापेक्ष दोनों ज्वाइंट विद्यालय में एक प्रधानाध्यापिका, एक सहायक अध्यापिका और एक शिक्षामित्र है। सहायक शिक्षिका सुमन सक्सेना ने बताया कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका तीस जून को रिटायर हो गई हैं। अभी उनका कोई विकल्प नहीं भेजा गया है। स्कूल में बच्चों की भारी भीड़ सिर्फ मिड डे मील बंटने के समय ही उमड़ती है। बाकी का समय बच्चे सड़क पर घूमकर और कक्षा में हो-हल्ला करके बिताते हैं। स्थिति यह है कि यदि पूरे रजिस्टर्ड बच्चे आने लगे तो उन्हें बैठाने की समुचित व्यवस्था भी नहीं है।
वहीं प्रधान अध्यापिका ज्ञानवती सक्सेना ने कहा,कि वह काफी अर्से से बीमार चल रही हैंूं। डायबिटीज की मरीज हूं और पूरे बदन में दर्द रहता, ढंग से बैठा भी नहीं जाता। ऊपर से तीन-तीन विद्यालयों का काम। बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दूं या अपने शरीर पर। उन्होंने बताया कि वह स्वयं बीमारी के चलते छुट्टी लेना चाहती हैं, लेकिन कोई विकल्प न होने के चलते मजबूर हैं।
उधर बेसिक शिक्षा अधिकारी, जीएल वर्मा ने कहा कि यह बात मेरी जानकारी में नहीं है। मैं अभी बाहर हूं, आकर देखूंगा। वैसे मानक तो 35 बच्चों में एक शिक्षक का है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
चाय बनाते समय स्टोव फट जाने से झुलसे युवक की जिला अस्पताल में मौत हो गयी। तहसील व थाना जलालाबाद के गौसनगर निवासी प्रेमपाल का 18 वर्षीय पुत्र अनिल घर में स्टोव पर चाय बना रहा था कि अचानक स्टोव फट गया। इस हादसे में गंभीर रुप से झुलसे अनिल को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उसने मंगलवार तड़के तीन बजे दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
थाना कलान क्षेत्र में गंगा का जलस्तर बढ़ने से भैंसार बांध की कई ठोकरें डूब गई जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। क्षेत्रवासियों में बांध की भयावह स्थिति देखकर विनाशलीला का डर सताने लगा है। इनका आरोप है कि नहर विभाग बचाव कार्य धीमी गति से कर रहा है। अचानक गंगा में उफान आने से क्षेत्रवासियों में हड़कम्प मच गया है। उधर इससे खमरिया के पास बने भैंसार बांध को भी खतरा बढ़ गया है। इस बांध की कई ठोकरें डबरू नगला गांव के पास डूब गई हैं जिससे ग्रामीण बेहद परेशान हैं। ग्रामीणों का मानना है कि अगर इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो निश्चित ही बांध कट सकता है। इस बांध का निर्माण कार्य कई वर्षो से नहर विभाग करा रहा है लेकिन आज तक कार्य पूरा नहीं हो सका है जबकि करोड़ों खर्च हो चुका है। इस वर्ष नहर विभाग की लापरवाही के चलते भैंसार बांध पर संकट ज्यादा दिख रहा है। नहर विभाग का आज सुबह एक ट्रैक्टर कुछ मिट्टी लेकर आ रहा था। चार-छह मजदूर बोरियों में मिट्टी भरकर ठोकरों के किनारे डाल रहे थे। लेकिन नहर विभाग का कोई भी कर्मचारी वहां पर मौजूद नहीं था। ग्रामीणों ने बताया कि जेई कभी कभार आते हैं और कुछ देर रुक कर चले जाते हैं। बांध को खतरा बढ़ जाने से कलान व मिर्जापुर क्षेत्र दर्जनों गांवों के बाशिंदों की नींद उड़ गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
सर्वजन हिताय सर्वजन हिताय का दम्भ भरने वाली बसपा सरकार नौकरशाही के भ्रष्टाचार की मकड़जाल में उलझ कर रह गयी है। स्वार्थ के वशीभूत सफेदपोश नेता, भ्रष्ट प्रशानिक अधिकारी व कर्मचारी नियमों को ताक पर रख धन उगाही में मस्त हैं। ऐसे में निर्बल असहाय परिवार न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रक्त का आॅसू बहा रहा है जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। गौरतलब हो कि नौकरशाही व्यवस्था के चलते बसपा सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। विकास मद में व्यय होने वाला धन कागजी घोड़ा दौड़ा भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारी व सफेदपोश नेता धन का बन्दर बाॅट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखा है। गाॅवों में हरियाली व शुद्ध वातावरण बनाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष करोड़ों रूपया केन्द्र व सरकार व्यय करती है परन्तु परिणाम आज तक वहीं ठाक के तीन पात वाली कहानी चरित्रार्थ हुई है। चैरसिया समाज के नेता राम शंकर चैरसिया ने भ्रष्ट अफसर शाही पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बसपा सरकार के द्वारा सर्वजन हिताय सर्वजन हिताय के नारे को उसी के मातहत कार्य करने वाले विभागीय अधिकारी व कर्मचारी ही उनकी सरकार को बदनाम कर रहे हैं। पुलिस विभाग पर टिप्पणी करते हुए श्री चैरसिया ने कहा है कि प्रदेश सरकार के मंशानुसार पुलिस अधीक्षक गोबिन्द अग्रवाल ने अपराध पर अंकुश लगाने का जो बीड़़ा उठाया है ,उनके अधीनस्थ पुलिस कर्मी उनके मंसूबे पर पानी फेर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
हमारा भारत कृषि प्रधान देश है। किसान भारत की आत्मा है। मेरे देश की धरती सोना उगलती है। जमीन और किसान का मांॅं-बेेेटे जैसा संबंध होता है। किसान समस्याओं से घिरा है, सरकारी उत्पीड़न का शिकार हो रहा है। उसकी जमीन को जबरन छीना जा रहा है। मना करने पर उसको जेल में डाला जा रहा है। भारत की आत्मा को गोली मारी जा रही है। उनके साथ देने वालों को भी अपराधी घोषित किया जा रहा है। उनकी महिलाओं के साथ दुव्र्यहार किया जा रहा है। किसान हताश है, निराश है लेकिन सरकार और बिल्डर के अन्याय के विरूद्ध एकजुट है। उनकी इसी एकजुटता के कारण मौके की नजाकत को भांपतेे हुए राजनैतिक दल उनके बीच जा रहे हैं। हाल ही में कांगे्रस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने किसानों का दर्द जानने, उनकी समस्याओं से रूबरू होने, उनसे हमदर्दी जताने और अपनी राजनीति चमकाने आदि को केन्द्र में रखकर चार दिनों तक पश्चिम उ0प्र0 के जनपदों में किसान संदेश यात्रा की। आमजन की भाषा में इस यात्रा को कांगे्रस ने शुद्ध रूप से अपना राजनैतिक वजूद बचाने के लिए किया है। पूर्णिमा के चन्द्रमा की तरह पूर्ण रूप से इसका उद्देश्य भी स्पष्ट है। यात्रा के चार दिनों तक कांगे्रसियों की बाॅंछे खिली रही पुनः कुछ मुरझाने सी लगी हैं। मीडिया जगत को भी इस दौरान भारी भरकम पैकेेज विज्ञापन के रूप में समाचार दिखाने के लिए मिला होगा। इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक कांगे्रसी नेता, मंत्री जो अभी तक राहुल गांधी को भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से ताकतवर व बड़े कद का बताते रहे वह अब चापलूसी की दुनिया में अपना नाम रोशन करने के लिए राहुल गांधी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समान बताने लगे। वे शायद भूल गए कि बैरिस्टर गांधी ने कोट पैन्ट उतारकर अपने शरीर पर एक धोती मात्र लपेटी और महल व उसके ऐशोआराम को छोड़कर झोपड़ी में अपना बसेरा बनाया। उन्होंने इन्द्रियों को वश में करने की इसी ताकत के बल पर अंगे्रजों की हुकूमत को अहिंसावादी रास्ते से नाकों चने चबवाते हुए देश से चलता किया। जिस राहुल गांधी के नाम के पीछे जो गांधी लिखा है वह भी महात्मा गांधी ने ही नेहरू खानदान को दिया था। वरना आज राहुल के नाम के पीछे क्या लिखा होता उसका भगवान ही मालिक है। इस संदेश यात्रा पर कुछ बड़बोलो की चुप्पी जरूर आश्चर्यचकित करती है। उसके पीछे कोई बड़ी योजना या कठोर संदेश जरूर छिपा होगा। वैसे इस यात्रा में राहुल गांधी ने पूरे आयोजन में किसी स्थापित केन्द्रीय व राज्य स्तरीय नेता को परदे के पीछे भी भागीदारी नहीं करने दी। संभवतः यह रणनीति राज्य में जंग खाई टीम के तेवरों और रवैयों को देखते हुए बनाई गई। टीम राहुल में इस दफा किसी को अपने परछाई तक नहीं बनने दिया। उनके चक्कर में दो लोगों को हवालात की हवा जरूर खानी पड़ी। एक को हाथ मिलाने की कोशिश में तो दूसरे को मीडिया में इण्टरब्यू देने के चक्कर में। पहले शख्स पेशे से डाक्टर हैं और दूसरे किसान नेता हैं। डाक्टर हरि किशन शर्मा पुत्र बनवारी लाल शर्मा अपने घर से आ रहे थे। साथ में धर्मपत्नी भी थी, रास्ते में राहुल दिखे तो वह अपनी गाड़ी रोककर उनसे हाथ मिलाने चल दिए। उनका कसूर यह था कि वे लाइसेन्सी रिवाल्वर लगाए थे। अगर गैर लाइसैन्सी रखे होते तो पुलिस उनको पहचानती होती और उनको जाने देती लेकिन लाइसेन्सी रिवाल्वर लगाना उनको महंगा पड़ा। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ पत्नी ने खाट खड़ी की होगी वह अलग से। शर्मा जी जमानत कराकर बाहर आए। अब शायद दोबारा राहुल गांधी को गलियों में घूमने वाला साधारण नेता नहीं जानने की भारी भूल कभी नहीं करेंगे। भारत के प्रधानमंत्री नियुक्त करने वाली सोनिया गांधी का बेटा समझकर दूर ही रहेंगे क्योंकि राजनीतिज्ञों के हाथी के दाॅंत होते हैं जो दिखने में कुछ और खाने में कुछ और होते है। दूसरे किसान नेता मनबीर सिंह तिवतिया जी भट्टा पारसौल में हुई घटना के बाद से पुलिस से बचे हुए थे अब राहुल गांधी के चक्कर में फंस गए हैं। छपास के महारोग जैसी लाइलाज बीमारी के शिकार भी हो गए किसान नेता तिवतिया जी। राहुल उनके लिए राहु साबित हुए। वह जेल में पड़े हैं। प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष को लगा कहीं उनकी पार्टी पर किसान संदेश यात्रा के दौरान किसान नेता को पकड़वाने का कोई आरोप न लगा दे। अतः उन्होंने बिना विलम्ब किए तिवतिया की गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार दे दिया। कई रोज से अखबारों में छपने का अवसर भी नहीं मिल पा रहा था। उन्हें अच्छा मौका हाथ लगा और उन्होंने उसका पूरा लाभ उठाया। राहुल ने कहा उ0प्र0 में दलालों की सरकार है, यह किसानों की जमीन छिनने में दलाली कर रहे हैं। जमीन की पूरी कीमत न मिलने का जो विरोध करता है उसे गोली से उड़ाया जाता है। कृपालपुर गाॅंववासियों ने किसी भी कीमत पर जमीन न देने की बात कही है लेकिन जे0पी0 वाले जिन पर माया सरकार विशेष रूप से मेहरबान है, जबरन जमीन पर काम करवा रहे हैं। गांव कंसेरा की सरोज देवी अपनी व्यथा सुनाते हुए रो पड़ी। उसकी जुबानी माया सरकार के जुल्म की कहानी कह रही थी, जमीन नहीं दी तो बेटे के पासपोर्ट में अड़गा लगा दिया है। उसके बेटे को विदेश में नौकरी के मौके मिल रहे हैं इस स्थिति में वह क्या करे ? उत्पीड़न की शिकार एक महिला ने प्रदेश की महिला मुख्यमंत्री को उनके राज की सच्चाई का जो आइना दिखाया है। वह उनके कुशासन के भ्रष्टाचार, दलालों से साठ-गांठ व सरकारी आतंक को दर्शाने के लिए काफी है। सत्ता के नशे में मदहोश देश की एकता व अखंडता को निजी स्वार्थो के लिए ताक पर रखने वाली पार्टियों ने एक दूसरे को झूठा करार दिया। बसपा ने कहा उल्टा चोर कोतवाल को डांटे कांगे्रस को चोर और अपने को कोतवाल कहा इससे भारतीय जनता पार्टी की जो दोनों दलों के बारे में धारणा है वह सही साबित हो गई। भाजपा ने कांगे्रस, सपा व बसपा के मूल में भ्रष्टाचार भरा बताया है। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने पे्रसवार्ता कर मायावती सरकार पर 2 लाख 54 हजार करोड़ की जनता के धन की लूट के आरोप लगाते हुए प्रमाण सहित एक पुस्तक जारी की है। जनपद नोयडा मात्र में डा0 सोमैया के अनुसार अब तक 40 हजार करोड़ के जमीन घोटाले का प्रमाणित दस्तावेज प्रेस को जारी किया। प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही के नेतृत्व में इसीप्रकार चीनी मिलों के हजारों करोड़ के घोटाले को भी जनता की अदालत में रखा है। भाजपा महामहिम राज्यपाल उ0प्र0 को घोटालों से अवगत करा चुकी है और उनसे सरकार के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है। निकट भविष्य में पार्टी महामहिम राष्ट्रपति तथा माननीय न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएगी। कांगे्रस को यू0पी0 में औधें मुंह गिरे दो दशक से ज्यादा हो गया बेशक पिछले लोकसभा चुनाव में उनको विपक्षी दलों की खामियों के कारण कुछ सफलता मिली थी जो उसके बाद हुए उपचुनाव में केन्द्रीय मंत्रियों के परिजन व पसन्दीदा उम्मीदवारों की करारी हार के कारण चारों खाने चित हो गई। बढ़ती कमरतोड़ महंगाई, भ्रष्टाचार, पेट्रोल व डीजल के दाम, किसानों के खाद के दाम, उनकी फसल का उचित मूल्य न मिलना आदि सवाल यक्ष प्रश्न की तरह केन्द्र सरकार के समक्ष मौजूद हैं। किसान बचेगा तो देश बचेगा। युवराज की यह यात्रा कांगे्रसी लाचारी को चमत्कार में बदल पाएगी यह समय बताएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com
Posted on 13 July 2011 by admin
एचडीएफसी बैंक, देश में क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले सबसे बड़े संगठन, ने अत्यधिक धनवान लोगों के लिये भारत का पहला अल्ट्रा प्रीमियम क्रेडिट कार्ड लाॅन्च किया है। इनफिनिया नामक इस क्रेडिट कार्ड की कोई सीमा नहीं है-सिर्फ खर्च करने के मामले में ही नहीं, बल्कि इसमें वे सभी सुविधायें सन्निहित हैं, इस वर्ग के लोग आमतौर पर जिसके आदी होते हैं। प्रारंभ में यह कार्ड चुनिन्दा 5,000 ग्राहकों को आॅफर किया जायेगा।
एचडीएफसी बैंक निजी क्षेत्र का एक अग्रणी बैंक है और इसके व्यापक ग्राहक वर्ग में देश के एक से बढ़कर एक धनाढ्य व्यक्ति भी शामिल हैं। अपने इस पहल के माध्यम से बैंक ऐसे ग्राहकों को वैसी सुविधायें प्रदान कर रहा है, जिसके वे आदी हैं।
मेरिल लिंच ग्लोबल वेल्थ मैनेजमेंट एवं कैपगेमिनी द्वारा हाल ही में जारी ‘वल्र्ड वेल्थ रिपोर्ट‘ में कहा गया है कि वर्ष 2010 में हाई नेटवर्थ वाले व्यक्तियों (एचएनआई) की संख्या 20.8 प्रतिशत बढ़कर 153,000 हो गई है। पहली बार भारत इस क्षेत्र में बारहवें स्थान पर पहुंच गया है और वैश्विक स्तर पर शीर्ष 10 से उसकी दूरी बहुत ज्यादा नहीं है। इस प्रीमियम कार्ड की पेशकश कर बैंक इस क्षेत्र में निर्विवाद रूप से अग्रणी बनना चाहता है।
इस अवसर पर टिप्पणी करते हुये एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक श्री आदित्य पुरी ने कहा कि, ‘‘इनफिनिया धनाढ्य भारतीयों के लिये सुपर प्रीमियम पेशकश है। वर्ष 2003 में हमने अपने पहले क्रेडिट कार्ड को लाॅन्च कर जिस यात्रा की शुरूआत की थी, यह उसका अंत है। हम हमेशा से अग्रणी स्थिति में रहे हैं, चाहे वह हमारे ग्राहकों के संदर्भ में ही क्यों न हो, उन्हें सेवायें प्रदान कर हमने अपनी सक्षमता साबित की है। इनफिनिया लाॅन्च करने की प्रेरणा के पीछे का उद्देश्य यह है कि हमारे ग्राहक ऐसे कार्ड की आवश्यकता महसूस कर रहे थे। हमें पूरा विश्वास है कि यह जल्द ही धनाढ्य भारतीयों का पसंदीदा क्रेडिट कार्ड बन जायेगा।‘‘
प्रलय मोण्डाल, कंट्री प्रमुख, रीटेल एसेट्स एवं क्रेडिट कार्ड्स ने इस अवसर पर कहा कि, ‘‘हम इस देश के प्रत्येक प्रसिद्ध व्यक्ति के पर्स में इनफिनिया देखना चाहते हैं। हमारे इस आत्म विश्वास का सबसे बड़ा कारण यह है कि वर्तमान समय में हमारे क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या सबसे अधिक है। इनफिनिया के माध्यम से हम जीवन शैली के अनुभवों को नये सिरे से परिभाषित करने के लिये प्रतिबद्ध हैं।‘‘
इनफिनिया वीसा एवं मास्टरकार्ड, दोनों ही प्लेटफाॅर्म पर उपलब्ध होगा। 31 मार्च 2011 को बैंक के क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या 50.5 लाख थी।
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के विषय मेंः
वर्ष 1995 में हाउसिंग डेव्हलपमेंट फाइनेंस काॅर्पोरेशन (एचडीएफसी), भारत की अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी द्वारा प्रवर्तित एचडीएफसी बैंक देश के अग्रणी बैंकों में से एक है। यह व्यापक पैमाने पर अपने विŸाीय उत्पादों की श्रृंखला अपने 21 मिलियन से अधिक ग्राहकों को अपने मल्टीपल डिस्ट्रीब्यूशन चैनल द्वारा देश भर में अपनी सेवाएं मुहैया कराता हैं। बैंक की शाखाएं देश भर में फैली हुई हैं। इसके अलावा बैंक एटीएम, फोन बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग के जरिये, भी ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। बहुत कम समय में ही यह बैंक अपने व्यावसायिक क्रियाकलापों के तीनों ही क्षेत्रों-रिटेल बैंकिंग, होलसेल बैंकिंग और ट्रेजरी परिचालन के क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत बना चुका है।
बैंक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह तकनीकी का उपयोग करता है और इसके माध्यम से वह अपने ग्राहकों को विश्व स्तर की सेवाएं प्रदान करता है। पिछले 16 वर्षों में बैंक अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में पूरी तरह सफल रहा है और बैंक की लाभप्रदता और संपŸिा की गुणवŸाा में भी काफी वृद्धि हुई है।
31मार्च 2011 को भारत के 996 शहरों में फैले बैंक के नेटवर्क में 1,986 शाखाएं और 5,471 एटीएम्स थे।
31 मार्च 2011 को समाप्त तिमाही में बैंक को 67.24 बिलियन रूपये (6724.3 करोड़ रूपये) की आय हुई, जबकि 31 मार्च 2010 को समाप्त तिमाही में बैंक को 50.04 बिलियन रूपये (5003.9 करोड़ रूपये) की आय हुई थी। आलोच्य तिमाही में बैंक को 40.95 बिलियन रूपये (4095.2 करोड़ रूपये) का शुद्ध राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक था। 31 मार्च 2010 को समाप्त तिमाही में इस मद में बैंक को 33.02 बिलियन रूपये (3302.1 करोड़ रूपये)की आय हुई थी। 31 मार्च 2011 को समाप्त तिमाही में बैंक को 11.15 बिलियन रूपये (1114.7 करोड़ रूपये) का शुद्ध लाभ हुआ, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 33.2 प्रतिशत अधिक है।
31 मार्च 2011 को बैलेंस शीट का आकार 24.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2773.53 बिलियन रूपये (277,353 करोड़ रूपये) के स्तर पर पहुंच गया। इसी प्रकार 31 मार्च 2010 की तुलना में बैंक की जमा राशियों में 24.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 2085.86 बिलियन रूपये (208,586 करोड़ रूपये) के स्तर पर पहुंच गयी।
31 मार्च 2011 को समाप्त वर्ष में बैंक को 242.63 बिलियन रूपये (24263.4 करोड़ रूपये) की आय हुई थी।
भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के अग्रणी पब्लिकेशन, बैंक के क्रियाकलापों एवं इसकी गुणवŸाा की सराहना करते हैं।
विस्तृत जानकारी के लिए लाॅग आॅन करें http://www.hdfcbank.com
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com