भारतीय जनता पार्टी ने फतेहपुर के मलवा स्टेशन पर हुई कालका मेल हादसे के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन ंिसह को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर रेल मंत्रालय की बदहवाली का दोषी ठहराया। भाजपा प्रवक्ता हरद्वार दुबे ने संप्रग सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि इतने बड़े हादसे से मरने वाले यात्रियों की अभी तक सुध नहीं ली। प्रदेश की बसपा सरकार तो बिल्कुल संवेदनहीन हो चुकी है। रेलवे प्रशासन एवं राज्य सरकार यदि त्वरित गति से कार्रवाई करती तो मृतकों की संख्या इतनी बड़ी न होती।
प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार ने मुआवजा की धनराशि घोषित करके अपनी जिम्मेवारी निभा दी। दोनों सरकारें मानवता ही भूल गई हैं। कांगे्रस की अध्यक्ष ही नहीं पूरी कांगे्रस एवं सरकार लाशों पर राजनीति कर रहे हैं। एक ही दिन में दो-दो रेल दुर्घटनाएं घटित हुई 100 से अधिक लोग मरे, सैकड़ों घायल जिन्दगी और मौत से जूझ रहे हैं वही प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल विस्तार कर रहे हैं। कांगे्रस के युवराज लखनऊ तो आते हैं लेकिन घटनास्थल की तरफ जाना उचित नहीं समझते। देश के प्रधानमंत्री हों या प्रदेश की मुख्यमंत्री दोनों ही इतने बड़े हादसे से पर घटनास्थल तक नहीं पहुंचे।
श्री दुबे ने कहा कि भाजपा नेता राजनाथ सिंह, साध्वी उमा भारती, प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही एवं भाजपा विधानमंडल दल के नेता ओमप्रकाश सिंह घटना स्थल पहुंच गए। काफी दबाब के वावजूद प्रदेश के राज्यपाल घटनास्थल पर जाने के लिए अपने आपको रोक नहीं सके। उन्होंने कहा कि दोनों रेल दुर्घटनाओं में राहत के लिए भाजपा एवं संघ के कार्यकत्र्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
प्रवक्ता हरद्वारा दुबे ने आरोप लगाया कि रेलवे जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय को प्रधामंत्री ने ’गठबन्धन राजनीति’ का बंधक बना रखा है। जिसकी कीमत आम आदमी को आए दिन रेल हादसों में चुकानी पड़ रही है। बीते सात साल से रेल मंत्रालय संप्रग सरकार की गठबंधन की राजनीति का शिकार बना हुआ है। यूपीए में आई ममता बनर्जी उनकी दिलचस्पी रेल मंत्रालय से ज्यादा पश्चिम बंगाल में रही। रेल मंत्रालय दिल्ली के बजाय बंगला से चलने लगा इस दौरान प्रधानमंत्री ने कभी हस्तक्षेप नही।
प्रवक्ता दूबे ने कहा कि अब तो हद हो गई है कि इस मंत्रालय में कोई मंत्री नहीं है। खुद प्रधानमंत्री इसे देख रहे हैं लेकिन इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद वे खुद या कोई राज्यमंत्री तथा घटनास्थल पर तुरन्त नहीं पहुंचे। यह तो हद हो गई जब राज्य मंत्री मुकुल राय ने कह दिया कि जब प्रधानमंत्री कहेंगे तो वह घटनास्थल पर जायेंगे। गठबंधन राजनीति के कारण रेल यात्रियों की जान की भी परवाह नहीं की जा रही है। वैसे तो रेल मंत्रालय एक लंबे अर्से से संकीर्ण राजनीतिक हितों को साधने का जरिया बना हुआ है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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