- राज्य सरकार डा0 वाई0एस0 सचान के मामले में न तो कोई तथ्य छुपाना चाहती है न ही किसी को बचाना चाहती है
- केन्द्र सरकार के अधीन होने के कारण सी0बी0आई0 को स्वतंत्र एजेन्सी नहीं कहा जा सकता
- अपर महाधिवक्ता ने मा0 न्यायालय में प्रदेश सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया
उत्तर प्रदेश के अपर महाधिवक्ता श्री जयदीप माथुर ने मा0 इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में डा0 वाई0एस0 सचान की मृत्यु के मामले में आज सुनवाई के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार इस प्रकरण में पूरी पारदर्शिता चाहती है। इसलिए राज्य सरकार द्वारा इस मामले में इसी तरह से विवेचना की जा रही थी। इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा राज्य सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि राज्य सरकार इस मामले में कोई भी तथ्य न तो छुपाना चाहती है और न ही किसी को बचाना चाहती है।
अपर महाधिवक्ता के अनुसार राज्य सरकार ने मा0 न्यायालय से यह भी अनुरोध किया गया कि इस प्रकरण को किसी भी स्वतंत्र एजेन्सी से जांच कराये। परन्तु राज्य सरकार का मानना है कि सी0बी0आई0 केन्द्र सरकार के अधीन कार्य करती है, ऐसी स्थिति में उसे स्वतंत्र एजेन्सी नहीं कहा जा सकता। राज्य सरकार की ओर से मा0 न्यायालय से यह भी अनुरोध किया गया कि वह सी0बी0आई0 जांच से सहमत नहीं है, क्योंकि पूर्व में ऐसे कई उदाहरण सामने हैं, जिसमें सी0बी0आई0 का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया गया।
अपर महाधिवक्ता ने गुजरात के गोधरा काण्ड तथा 2-जी स्पैक्ट्रम घोटाले का दृष्टांत रखते हुए कहा कि पूर्व में भी नोएडा के आरुषि हत्याकाण्ड की जांच भी सी0बी0आई0 द्वारा की गयी थी, जिसमें राज्य सरकार को काफी बदनाम किया गया था। लेकिन सी0बी0आई0 जांच के जो परिणाम आये वह सबके सामने हैं। अतः वर्णित तथ्यों के आलोक में प्रदेश सरकार एक स्वतंत्र एजेन्सी अर्थात् स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एस0आई0टी0) से जांच कराने की पक्षधर है। राज्य सरकार द्वारा यह भी अनुरोध किया गया कि इस सम्बन्ध में यदि मा0 न्यायालय उचित समझें, तो एस0आई0टी0 से जांच करा सकते हैं। यह भी अवगत कराया गया कि मा0 उच्च न्यायालय द्वारा जब तक इस सम्बन्ध में कोई आदेश पारित नहीं किया जाता, तब तक राज्य सरकार द्वारा स्वयं इस प्रकरण की विवेचना को रोक दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com