Archive | July 15th, 2011

माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की गहन समीक्षा की

Posted on 15 July 2011 by admin

  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने महिलाओं एवं बच्चों के ऊपर होने वाले अपराधों एवं उत्पीड़न तथा आपसी दुश्मनी के कारण कुछ जिलों में हुई हत्याओं की सख्ती से रोकथाम करने के निर्देश दिए
  • मुम्बई सीरियल धमाकों के मद्देनजर प्रदेश में हाई एलर्ट, माननीया मुख्यमंत्री जी ने केन्द्रीय अभिसूचना एजेन्सियों से समन्वय स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था चाक चैबन्द रखने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने कल एवं आज लगातार दो दिन अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठकों में प्रदेश की कानून-व्यवस्था की गहन समीक्षा की। बैठकों में मंत्रिमण्डलीय सचिव, प्रमुख सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक, विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एवं अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने दोनों दिन की बैठकों में महिलाआंे और बच्चों पर होने वाले अपराधों एवं उत्पीड़न तथा आपसी दुश्मनी के कारण कुछ जिलों में हुई हत्याओं की सख्ती से रोकथाम करने के कड़े निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी वर्ग अथवा समुदाय की महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं पर समय से एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर असली अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि पेचीदा मामलों में अधिकतम 10 दिन के अन्दर अपराधियों की गिरफ्तारी कर कानून के तहत उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलायी जाए। उन्होंने कहा कि कानून से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को कतई नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के साथ कोई घटना होने पर यदि अपराधी 10 दिन के अन्दर गिरफ्तार नहीं होता है, तो कानूनी प्राविधानों के तहत कार्यवाही करते हुए उसके घर की कुर्की आदि की कार्यवाही भी करायी जाए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने इन दोनों गहन समीक्षा बैठकों में कड़े निर्देश देते हुए कहा कि यदि महिलाओं के साथ होने वाली किसी घटना में पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी अपराधियों से मिलकर घटना को छिपाने, लीपा-पोती करने या सही अपराधी की जगह किसी बेकसूर को फंसाने का प्रयास करते हंै, तो उन्हें तुरन्त निलम्बित किया जाए। पुलिस कर्मी द्वारा किए गए कृत्य की पुष्टि होने पर कानूनी प्रक्रिया अपनाकर उसे नौकरी से भी बर्खास्त किया जाए। इसके अलावा यदि घटना गम्भीर प्रकृति की हो, तो ऐसे पुलिस अधिकारी कर्मचारी को उसकी इस हरकत के लिए आपराधिक धाराओं के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें जेल भी भेजा जाए। महिलाओं से सम्बन्धित घटनाओं के मामले में दण्डात्मक कार्यवाही की यही प्रक्रिया असली अपराधियों को बचाने वाले डाक्टरों के साथ भी अपनायी जाए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने इन समीक्षा बैठकों में महिलाओं के आवागमन वाले सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश देते हुए कहा कि जनपद एवं तहसील स्तर के पुलिस अधिकारी पुलिस गश्त पर गहन निगाह रखें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की संख्या जिस सर्किल क्षेत्र में बढ़ेगी, उस सर्किल के पुलिस उपाधीक्षक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए दण्डित किया जाए, जिसमें चरित्र पंजिका में प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए उसकी पदोन्नति रोकी जाए और आवश्यकता पड़ने पर उसे निचले पद पर पदावनत किया जाए। इसी प्रकार यदि किसी जनपद में महिलाओं एवं बच्चियों के साथ अधिक वारदात होती है, तो उस जनपद के डी0एम0/एस0पी0/एस0एस0पी0/डी0आई0जी0 के विरुद्ध पुलिस उपाधीक्षक की तरह ही कार्यवाही की जाए।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने अभी हाल ही में पश्चिम, मध्य एवं पूर्वांचल जोनों के अधिकारियों के साथ प्रत्येक सप्ताह रविवार को शासन स्तर पर उच्च स्तरीय बैठक किए जाने के निर्देश दिए हैं, जिससे कानून-व्यवस्था के सम्बन्ध में अद्यतन स्थिति की जानकारी के साथ-साथ उसमें अपेक्षित सुधार की कार्यवाही का प्रभावी अनुश्रवण किया जा सकेगा। इन बैठकों में मंत्रिमण्डलीय सचिव, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मंत्रिमण्डलीय सचिव, प्रमुख सचिव गृह, डी0जी0पी0 और विशेष डी0जी0पी0 मौजूद रहेंगे।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने मुम्बई में सीरियल ब्लास्ट की घटना को गम्भीरता से लेते हुए निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश में पूरी चैकसी बरती जाए, ताकि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति प्रदेश में न हो। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि केन्द्र सरकार की अभिसूचना एजेन्सियों से समन्वय स्थापित कर सूचनाओं का आदान-प्रदान प्रभावी ढंग से सुनिश्चित किया जाए, ताकि कहीं भी किसी तरह की चूक न हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अमन-चैन और साम्प्रदायिक सौहार्द का वातावरण बिगाड़ने वालों पर सख्त निगाह रखी जाए तथा समय रहते ही इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भारतीय जनता पार्टी की बैठक

Posted on 15 July 2011 by admin

lucknow-pix-july-14-dpna-5भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने पत्रकारों से वार्ता में आज बताया कि प्रदेश के सभी प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा प्रकोष्ठ प्रमुखों तथा संगठन मंत्रियों की बैठक के आज दूसरे दिन प्रदेश के सभी क्षेत्रीय संगठन मंत्री, विभाग संगठन मंत्री तथा अन्य क्षेत्रों में कार्य देख रहे संगठन मंत्रियों की बैठक संपन्न हुए बैठक के मार्गदर्शन केलिए राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल जी, सहमहामंत्री संगठन सौदान सिंह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथ प्रदेश के चुनाव अभियान समिति के संयोजक कलराज मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही, प्रदेश महामंत्री संगठन राकेश जैन विशेष रूप से उपस्थित थे।

बैठक में प्रमुख रूप से आगामी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर विशेष रूप से चर्चा की गई जिनमें विजय वाहिनी गठन तथा प्रदेश के विधानसभा क्षेत्र में निकाली जाने वाली यात्राओं पर विशेष रूप से चर्चा हुई।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है

Posted on 15 July 2011 by admin

कांग्रेस नेतृत्व की केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है, उसे न तो आम आदमी के रोजी रोटी का भान है, न ही आम आवाम की सुरक्षा के प्रति संवेदनषीलता। कांग्रेस युवराज राहुल गाॅधी की संवेदनहीनता से देष शर्मसार हुआ है तो पी0 चिदंबरम् समेत कांग्रेस के नेताओं की मुंबई हमलों पर गैर जिम्मेदाराना बयान पर पूरे देष को दुःख है। अब समय आ गया है कि देष की गरीब व महंगाई से त्रस्त आबादी केन्द्र की जनविरोधी सरकार से हिसाब मांगे। उक्त उद्गार भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री मनोरंजन मिश्र ने लखीमपुर खीरी व सीतापुर में कार्यकर्ताओं के बैठक के बाद लखनऊ में पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किया।

श्री मिश्र ने मायावती सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब प्रदेष सरकार में शामिल सत्ताधारी दल के बीसियों निर्वाचित प्रतिनिधियों पर संगीन आरोप लगे हों। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार ने जहाॅं शैक्षिक परिसरों से लोकतंत्र को कुचल कर युवा नेतृत्व को उभरने से रोका है वहीं मायावती के शह पर प्रोफेषनल काॅलेजों द्वारा गरीब छात्रों द्वारा जबर्दस्त धन उगाही की जा रही है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन-तीन सीएमओ की हत्या व जनस्वास्थ्य के नाम पर आये धन की लूट खसोट की घटना प्रदेष की राजधानी में होती है और सरकार सीबीआई जांच से कतराती रहती है। उन्होंने कहा कि प्रदेष में युवा बेरोजगारों की हालत बदतर हो गई है सरकार और उसके सिपहसलार प्रदेष को लूटने में व्यस्त है। श्री मिश्र ने युवा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि 9 अगस्त को संसद घेराव में अधिकाधिक संख्या में पहुंचकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करें। उन्होंने पदाधिकारियों से संागठनिक विस्तार समेत अन्य मसलों पर भी चर्चा की।

ठस बाबत जानकारी देते हुए प्रदेष सह-मीडिया प्रभारी आनन्द शाही ने बताया कि उ0प्र0 के विभिन्न जिलों से हजारों नौजवान आगामी 9 अगस्त को संसद घेराव में शामिल होने दिल्ली पहॅुचेंगे।

बैठक में प्रमुख रूप से प्रदेष उपाध्यक्ष डा0 शैलेन्द्र शर्मा ‘अटल’,षिवभूषण सिंह,प्रदेष मंत्री प्रत्यूष मणि,राघवेन्द्र तिवारी,प्रदेष कार्यालय मंत्री अषोक द्विवेदी,प्रदेष मीडिया प्रभारी राहुल मिश्र,सह मीडिया प्रभारी सोनू सिंह, क्षेत्रीय प्रभारी जितेन्द्र सिंह,महानगर अध्यक्ष साकेत शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
यह जानकारी प्रदेष सह-मीडिया प्रभारी आनन्द शाही ने दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सेबी के 23 जून 2011 के आदेश को अनुमोदित करने से इन्कार किया

Posted on 15 July 2011 by admin

सहारा-सेबी मामला आज माननीय सु प्रीम कोर्ट के सम्मुख लाया गया। उसमें  यह भी निर्देशित किया गया कि सेबी के 23 जून 2011 के आदेश को प्रभावी नहीं होने दिया जाए। कोर्ट ने कहा वह कंसेप्ट समझ गयी है और उसके विचार में मामला कानून के महत्वपूर्ण  प्रश्नों से सम्बन्धित है, जिस पर फैसला दिये जाने की आवश्यकता है।

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह भी इंगित किया कि यद्यपि सेबी का आदेश व्थ्ब्क् का कंसेप्ट स्पष्ट करता है, इसके बावजूद वह अपने अधिदेश से बाहर जा रहा है। इस प्रकार के फैसले के लिए क्योंकि दो मार्ग उपलब्ध हैं एक हाईकोर्ट के सम्मुख जाने का और दूसरा ै।ज् के सम्मुख जाने का। कोर्ट  ने आदेश दिया कि सहारा ै।ज् के सम्मुख याचिका दाखिल करे।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि क्योंकि इस मामले का कम्पनीज़ एक्ट, 1956 के अन्तर्ग त आने वाले महत्वपूर्ण  कानूनी प्रश्नों से सम्बन्ध है। अतः डब्। जिसने सहारा को व्थ्ब्क् जारी करने के लिए अधिकृ त किया था, उसे इस याचिका में आवश्यक रूप से एक पक्षकार बनाया जाना चाहिए।

इस आदेश के द्वारा यह भी निर्देशित किया गया है कि ै।ज् इस मामले में पूर्व में  किये गये किन्ही भी आदेशों से प्रभावित न हो।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी0एस0पी0 ने श्री राज ठाकरे के बयान की घोर निंदा करते हुए इसे आतंकवादियों जैसा ही विघटनकारी कृत्य बताया

Posted on 15 July 2011 by admin

  • मुम्बई की खुशहाली व प्रगति में उत्तर प्रदेश व बिहार से आये लाखों कामगारों का महत्वपूर्ण योगदान
  • संविधान में प्रत्येक नागरिक को देश के किसी भी राज्य में जाकर रोजी-रोटी कमाने व बसने का मौलिक अधिकार प्राप्त

बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना (मनसे) प्रमुख श्री राज ठाकरे द्वारा उत्तर भारतीयों के सम्बन्ध में दिये गये बयान की घोर निंदा करते हुए कहा कि श्री ठाकरे आतंकवादियों जैसा ही कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां आतंकवादी अपने नापाक इरादों को अमली जामा पहनाने के लिये सीरियल बम विस्फोटों का सहारा लेकर देश की एकता एवं अखण्डता को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं श्री ठाकरे देश की संवैधानिक व्यवस्था, एकता एवं अखण्डता को चोट पहुंचाने के लिये अपने गैर जिम्मेदाराना बयानों का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री ठाकरे को समझना चाहिये कि इस प्रकार के बयान से आतंकवादी व अन्य विघटनकारी ताकतों को ही बढ़ावा मिलेगा।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि श्री ठाकरे को मालूम होना चाहिए कि यदि आज मुम्बई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है तो इसके पीछे उत्तर प्रदेश व बिहार के लाखों कामगारों का भी महत्वपूर्ण योगदान है, जिन्होंने अपने खून-पसीने से मुम्बई की समृद्धि व प्रगति में उल्लेखनीय भूमिका निभायी है। इसके साथ ही श्री ठाकरे को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि मुम्बई में उत्पादित वस्तुओं की खपत उत्तर भारत सहित पूरे देश के करोड़ों उपभोक्ताओं द्वारा की जाती है और यही तथ्य मुम्बई की आर्थिक खुशहाली का प्रमुख आधार है।  इसलिए मनसे नेता को गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी करने से पहले तथ्यों की समग्र जानकारी अवश्य कर लेनी चाहिये थी।

बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय संविधान में देश के प्रत्येक नागरिक को चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से सम्बन्धित हो अथवा किसी भी प्रदेश का निवासी हो, देश के किसी भी राज्य में जाकर रोजी-रोटी कमाने व बसने का मौलिक अधिकार प्राप्त है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का मुम्बई शहर भारत का ही अंग है तथा इसके लिये अलग से कोई संविधान नहीं बनाया गया है, जिसके अनुसार वहां देश के दूसरे राज्यों के लोग जाकर अपनी रोजी-रोटी न कमा सके और वहां जाकर न बस सके। उन्होंने कहा कि यदि मनसे नेता की भारतीय संविधान में तनिक भी आस्था है तो उन्हे इस तथ्य को अच्छी तरह से जान लेना चाहिए कि उत्तर भारतीयों को मुम्बई में उसी प्रकार से सभी अधिकार प्राप्त हैं, जिस प्रकार से महाराष्ट्र और मुम्बई के मूल निवासियों को प्राप्त हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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‘विभिन्न धर्मो के बीच समन्वय’ विषय पर तीन दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का दूसरा दिन

Posted on 15 July 2011 by admin

  • विश्व मानवता को एकता के सूत्र में पिरोने का सशक्त माध्यम है धर्म
  • देश-विदेश से पधारे विभिन्न धर्मावलम्बियों का मत

111सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अशर्फाबाद कैम्पस के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय ‘इण्टरनेशनल इण्टरफेथ कान्फ्रेन्स’ के दूसरे दिन 9 देशों से पधारे विचारकों, दार्शनिकों, धर्माचार्यों, शिक्षाविद्ों व न्यायविद्ों ने अपने सारगर्भित विचारों से आध्यात्मिकता व ईश्वरीय एकता का अनूठा आलोक बिखेरा। इस अवसर पर विदेशी मेहमानों के साथ ही सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में बड़ी संख्या में उपस्थित विभिन्न धर्मावलम्बियों ने धार्मिक एकता पर अपने विचार व्यक्त किए। देश-विदेश से पधारे इन विद्वजनों ने अपने सारगर्भित विचारों द्वारा यह संदेश दिया कि विश्व के सभी धर्मों का उद्देश्य विश्व एकता व मानव मात्र में प्रेम का संचार करना है, साथ ही मानवता का धर्म ही शाश्वत सत्य है और इस सत्य से बच्चों को बचपन से ही अवगत कराना चाहिए।

333इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरे दिन की चर्चा का शुभारम्भ इजिप्ट के सुप्रीम कान्स्टीट्यूशनल कोर्ट के डेप्यूटी चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति आदेल ओमर शेरिफ के की-नोट एड्रेस से हुआ। अपने सम्बोधन में न्यायमूर्ति शेरिफ  ने कहा कि बिना धार्मिक एकता के विश्व एकता की कल्पना नहीं की जा सकती, ऐसे में विभिन्न धर्मावलम्बियों के मिलजुल कर विचारों के आदान-प्रदान की आवश्यकता बहुत बढ़ जाती है और इसका महत्व भी बढ़ जाता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज भावी पीढ़ी को यह समझाने की आवश्यकता है कि सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही है ‘मानव धर्म’ और सभी धर्म हमें एक ही परमपिता परमात्मा की ओर ले जाते हैं।

चर्चा को आगे बढ़ाते हुए श्री माइकल डी सालाबेरी, भूतपूर्व राजदूत, मिनिस्ट्री आॅफ फाॅरेन अफेयर्स, कनाडा ने कहा कि इस आयोजन के द्वारा सी.एम.एस. पूरी दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि सभी धर्मावलंबी एक ही परमपिता की संतान हैं जिन्हें आपस में मिलजुलकर रहना चाहिए। प्रो0 दिलीप लोउनडो, प्रोफेसर आॅफ रिलीजन्स स्टेडीज्स, फेडरल यूनिवर्सिटी, ब्राजील ने कहा कि आदर्श समाज का आधार धार्मिक प्रेम एवं सद्भाव के प्रदर्शन से होता है। विभिन्न धर्मों का जो स्वरूप आज हमें दिखाई देता है उसका आधार अलग-अलग संस्कृतियाँ व भौगोलिक परिस्थितियां आदि हैं परन्तु आध्यात्मिक शिक्षा तो सभी धर्मों की एक ही है। इजिप्ट से पधारे प्रोफेसर डा. मोहम्मद अल-सहात अल-जेनडी, सैक्रेटरी जनरल आॅफ दि सुप्रीम काउन्सिल फाॅर इस्लामिक अफेयर्स एण्ड मेम्बर आॅफ इस्लामिक रिसर्च एकेडमी आॅफ अल-अजहर, इजिप्ट ने कहा कि जाति, धर्म, रंग तथा मजहब के आधार पर विरोध एवं लड़ाई-झगड़े नहीं होने चाहिए। मुझे भारत और खासकर लखनऊ में अभूतपूर्व धार्मिक एकता देखने को मिली। इस अवसर पर नोएडा से पधारे श्री विजय नारायण राय, शिक्षाविद् ने कहा कि मनुष्य की प्रकृति स्वभावतः प्रेम एवं सद्भाव से रहने की है। प्रत्येक मनुष्य एक-दूसरे से अलग होते हुए भी आध्यात्मिक तौर पर जुड़ा है जैसे आम के पेड़ पर कटहल नहीं लगते परन्तु उनमें कभी लड़ाई नहीं होती। इसी तरह मानव जीवन का उद्देश्य अलग-अलग धर्मों पर चलते हुए भी परमपिता की प्राप्ति ही है।

444अपरान्हः सत्र में उपस्थित दर्शकों ने देश-विदेश से पधारे विभिन्न धर्मावलम्बियों, विचारकों व न्यायविदों आदि से धार्मिक सहिष्णुता, सद्भाव एवं प्रेम से रहने तथा मतभेद दूर करने से सम्बन्धित अनेक प्रश्न किए तथापि इन महान हस्तियों ने उनकी जिज्ञासाओं को शांत कर उनकी श्ंाका का समाधान किया। इस अवसर पर स्वामी पररूपानन्द जी ने कहा कि सभी मनुष्य एक दूसरे से देखने में भिन्न होते हैं पर उनमें एक ही परमपिता की आत्मा निवास करती है। प्रकृति के सुचारु रूप से संचालन हेतु मनुष्य एवं धर्म की विभिन्नता बनाई गई है। अपनी नासमझी से हम धर्म में मतभेद समझते हैं। इस्लाम धर्मावलम्बी मौलाना कल्बे सादिक ने कहा कि कल्पना करें कि राम, कृष्ण, नानक, ईसा एवं मुहम्मद अभी जिन्दा होते तो वे एक-दूसरे से गले मिलते हुए ही नजर आते क्योंकि उन्हें मालूम था कि वे एक हैं। उन्होंने हममें कोई भेद नहीं बताया बल्कि उनके अनुयाइयों ने विभेद उत्पन्न किया है। इसी प्रकार मौलाना राशिद खलीद फिरंगीमहली ने कहा कि इस्लाम शब्द का अर्थ ही शान्ति है। शान्ति सिर्फ मुस्लिम समुदाय हेतु नहीं अपितु पूरी मनुष्यजाति एवं दुनिया के लिए है। सिख धर्मावलम्बी राजेन्द्र सिंह बग्गा ने शायरी में समझाया कि ‘हमें क्या बनाया था, हम क्या बन बैठे, परिंदों में फिरकापरस्ती क्यों नहीं होती, कभी मंदिर कभी मस्जिद पे जा बैठे’। प्रोफेसर गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि आधुनिक युग में अनेक धार्मिक बदलाव देखने को मिला है। इतिहास छः लाख यहूदियों का संप्रदाय के नाम पर कत्ल का गवाह है। अब हमने गोरे काले का भेद मिटा दिया है। धर्म मनुष्यों में गहराई से बसा होता है, अतः इसके अनुपालन में कोई मतदेद नहीं होना चाहिए।

अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेसवार्ता में देश-विदेश से पधारे विचारकों, दार्शनिकों, धर्माचार्यों, शिक्षाविद्ों व न्यायविद्ों ने अपने विचार रखे एवं सम्मेलन के उद्देश्य व उपयोगिता पर खुलकर अपने विचार व्यक्त किये। पत्रकारों से बातचीत करते हुए विभिन्न देशों से पधारे विद्वजनों ने एक स्वर से कहा कि मानवता का धर्म ही शाश्वत सत्य है और इस शाश्वत सत्य से जन-जन को अवगत कराना वर्तमान समय की पुरजोर माँग है। जब तक विश्व के विभिन्न धर्मावलिम्बयों में आपसी संवाद, वार्तालाप, तालमेल व समन्वय नहीं होगा, तब तक समय की माँग पूरी नहीं हो सकती है।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व के 9 देशों यू.के., कनाडा, ब्राजील, इजिप्ट, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, मलेशिया तथा भारत से पधारे विद्वान, विचारक, दार्शनिक, धर्मावलम्बी व न्यायविद् आदि प्रतिभाग कर रहे हैं। यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन कल 16 जुलाई को अपरान्हः 2.30 बजे समापन समारोह के साथ सम्पन्न हो रहा है। इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्र रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे तथापि देश-विदेश से पधारे विद्वजन सम्मेलन के अनुभवों व सम्मेलन के सार्थकता पर प्रकाश डालेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समूचे प्रदेश के प्रशासनिक अमले में अफरा तफरी और घोर दिशाहीनता का माहौल व्याप्त है

Posted on 15 July 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने उ0प्र0 बसपा सरकार की मुखिया मायावती पर मुख्यमंत्री की शपथ के तुरन्त बाद  शशांक शेखर को सारे नियम कानून और संवैधानिक व्यवस्थााओं को दरकिनार कर कैबिनेट सचिव बनाने का किये गये निर्णय को प्रदेश प्रशासनिक तंत्र का मनोबल को तोड़ने वाला तथा प्रशासनिक अराजकता पैदा करने वाला बताया। श्री शाही ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उ0प्र0 सरकार से शशांक शेखर को कैबिनेट सचिव नियुक्त किए जाने की वैधानिकता, अहर्ता और औचित्य पर जो सवाल पूछा है उससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली दिवालिएपन का शिकार है। जो संवैधानिक व्यवस्था को बलाए ताक पर रख कर नान आईएएस को कैविनेट सचिव नियुक्त करती है और मुख्य सचिव पद की गरिमा के साथ खिलवाड़ करती है। श्री शाही ने कहा उ0प्र0 की बसपा सरकार ने अपने 4 वर्षो के शासनकाल में प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को अराजक स्थित में डाल दिया है। मुख्य सचिव की व्यवस्था का अवमूल्यन किया जिसके कारण समूचे प्रदेश के प्रशासनिक अमले में  अफरा तफरी और घोर दिशाहीनता का माहौल व्याप्त है।

श्री शाही ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रदेश की मुखिया ने शशांक शेखर को प्रदेश योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री के दर्जे से नवाज कर प्रशासनिक व्यवस्था और राजनैतिक व्यवस्था का इस तरह ताश के पत्ते की तरह फेट दिया जिससे राजनैतिक व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था के बीच की मर्यादा समाप्त हो गई। परिणाम समूचा प्रदेश लूट तंत्र में बदल गया है। कानून व्यवस्था ध्वस्त और प्रशासन लूंज-पूंज हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने कहा कि केन्द्र सरकार के कार्मिक विभाग के निदेशक द्वारा उच्च न्यायालय में दाखिल किए गए हलफनामे में प्रदेश सरकार के कैविनैट सचिव की नियुक्ति को रद्द करते हुए उनकेा दिए जा रहे वेतन को अस्वीकृत कर दिया है तथा प्रशासनिक और राजनैतिक दोनों पद दिए जाने पर गहरी आपत्ति जाहिर करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। उ0प्र0 सरकार की मुखिया के लिए इससे अधिक शर्म और प्रशासनिक अक्षमता की कोई बात नहीं हो सकती। श्री शाही ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इसे 4 वर्ष बाद संज्ञान में लिया यह उसकी भी प्रशासनिक निकम्मेपन का उदाहरण है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में घट रही घटनाएं बसपा सरकार के दम्भ, अहंकार और अक्षमता का परिणाम है।  जिसने उसके राजनैतिक चरित्र तथा प्रशासनिक दोनों क्षमताओं को उजागर कर दिया है। श्री शाही ने कहा कि किसी भी राजनैतिक दल को सत्ता के दम्भ में न तो जनता को लूटने का अधिकार है न ही लोकतांत्रिक तथा प्रशासिनक व्यवस्थाओं को तहस-नहस करनेका अधिकार है। भाजपा प्रदेश प्रवक्त राजेन्द्र तिवारी ने बसपा सरकार को नशीहत देते हुए कहा कि बसपा सरकार अपनी अहंकार पूर्ण कार्यशैली और दंभ से बाज आए। उन्होंने कहा कि न्यायालय द्वारा बसपा सरकार की कार्य प्रणाली पर की जा रही लगातार टिप्पणियां उसकी हठधर्मिता, अहंकारी और सत्ता का लोक सेवा के बजाय धन उगाही का तंत्र बना लेने के परिणामस्वरूप है और जनता समय आने पर अपना सटीक निर्णय सुनाएगी। श्री तिवारी ने कहा बसपा के शासन काल में प्रशासनिक तंत्र का जिस तरह अवमूल्यन हुआ आजादी के बाद के भारत में कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा अभी उ0प्र0 कैडर के दिल्ली में तैनात एक प्रशासनिक अधिकारी को पत्र भेजकर मुख्य सचिव पद पर योगदान देने हेतु बुलाया गया था और यहां आने के बाद उन्हें वापस भेज कर दूसरे को नियुक्ति दी गई। प्रदेश प्रशासन के सर्वोच्च पद की गरिमा के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी नहीं हुआ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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पदों पर नियुक्तियों के आदेश

Posted on 15 July 2011 by admin

डॉ नूतन ठाकुर एवं अन्य द्वारा प्रमुख सचिव, भाषा एवं अन्य के विरुद्ध उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान से सम्बंधित रिट याचिका संख्या 1440/2011 में आज दिनांक 15/07/2011 को मा० प्रदीप कान्त तथा मा० ऋतुराज अवस्थी की खंडपीठ ने अपने पूर्व के निर्णय के क्रियान्वयन हेतु दस दिनों का समय प्रतिवादीगण प्रमुख सचिव भाषा, उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य को दिया है. साथ ही उच्च न्यायालय ने दस दिनों के अंदर हिंदी संस्थान की नियमावली के अनुसार वहाँ साधारण सभा और कार्यकारिणी / प्रबंधकारिणी समिति, पूर्णकालीन कार्यकारी अध्यक्ष तथा  निदेशक के पदों पर नियुक्ति नहीं करने की दशा में प्रमुख सचिव भाषा को न्यायालय में स्वयं उपस्थित होने के आदेश दिये हैं. यह आदेश आज न्यायालय में वादीगण के अधिवक्ता अशोक पांडे द्वारा उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेश दिनांक 11/02/2011 का प्रतिवादीगण द्वारा अनुपालन नहीं किये जाने की बात प्रस्तुत करने के उपरांत पारित किया गया. दिनांक 11/02/2011 को उच्च न्यायालय ने लंबे समय से चल रही रिक्तियों को दृष्टिगत करते हुए चार सप्ताह के अंदर इन पदों पर नियुक्तियों में आने वाली कठिनाईयों को न्यायालय के सामने रखने तथा यह स्पष्ट करने के आदेश दिये थे कि ये पद कितने दिनों में भर दिये जायेंगे.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित किया

Posted on 15 July 2011 by admin

माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ बैंच में दि0 12.7.11 को एक जनहित याचिका (पी0आई0एल) नवाब सिंह नागर पूर्व मंत्री की ओर से उनके अधिवक्ता अनुराग कुमार सिंह द्वारा नोएडा में कृषि फार्म हाउस योजना में हुई भारी अनियमिताओं के आधार पर याचिका डाली गई थी जिसकी सुनवाई आज कोर्ट में हुई जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह ने दलील रखी गई जिसमें इस जमीन के अधिग्रहण में नोएडा प्राधिकरण द्वारा धारा-4 (17) आपात उपबंध (अरजेन्सी क्लांज) लगाने जिसमें किसानों को आपत्ति सुनवाई का भी कोई मौका न देकर जबरन अधिग्रहण करने का विरोध किया गया जबकि इस जमीन के अधिग्रहण में  अरजैन्सी की कोई आवश्यकता नहीं थी दूसरी दलील यह दी गई कि यह जमीन नौएडा प्राधिकरण ने औद्योगिक विकास के लिए अधिग्रहण की थी और इसको कृषि फार्म हाउस बनाकर अपने मनचाहे लोगों को आवंटित कर दिया गया। जिसमें सरकार को 1200 करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ। इसमें प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जयदीप माथुर ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित कर लिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बी0एस0पी0 ने माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा डा0 वाई0एस0 सचान प्रकरण की एस0आई0टी0 आदि के जरिए जांच को दरकिनार करते हुए व उनके परिवार की इच्छा अनुरूप सी0बी0आई0 जांच कराने के किये गये फैसले का स्वागत किया

Posted on 15 July 2011 by admin

  • डा0 सचान प्रकरण में माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा लिए गए फैसले पर उच्च न्यायालय द्वारा आज मोहर लगा दी गयी, बी0एस0पी0 ने इसका भी स्वागत किया

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी की ओर से बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी के उस निर्णय का स्वागत किया है, जिसके अन्तर्गत उन्होंने कल दिनांक 13 जुलाई, 2011 को डा0 वाई0एस0 सचान की मृत्यु के प्रकरण की जांच सी0बी0आई0 को संदर्भित किये जाने के निर्देश डा0 सचान के परिवार की इच्छा को सर्वोपरि रखते हुए दिये थे।

श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 इस बात का भी स्वागत करती है कि बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं माननीया मुख्यमंत्री जी ने डा0 सचान प्रकरण में एस0आई0टी0 अथवा किसी अन्य एजेन्सी की जांच को दरकिनार करते हुए इस प्रकरण को सी0बी0आई0 को सुपुर्द किये जाने के निर्देश दिये।     बी0एस0पी0 प्रदेश अध्यक्ष ने डा0 सचान की मृत्यु के प्रकरण पर मा0 उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले ने माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा डा0 सचान की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु के प्रकरण को सी0बी0आई0 को संदर्भित किये जाने के निर्णय के साथ-साथ माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा अपराधों एवं अपराधियों के विरुद्ध की जाने वाली कार्यवाही पर अपनी मोहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 की सरकार ने अपराधियों के प्रति कभी भी कोई रियायत नहीं दिखाई और कानून को अपने हाथ में लेने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न रहा हो। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी और उनकी सरकार की हमेशा यह प्रतिबद्धता रही है कि अपराधियों को कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पहले ही सख्त निर्देश दिये थे कि डा0 वाई0एस0 सचान की हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु के प्रकरण को विवेचना हेतु सी0बी0आई0 को संदर्भित कर दिया जाये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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