भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने उ0प्र0 बसपा सरकार की मुखिया मायावती पर मुख्यमंत्री की शपथ के तुरन्त बाद शशांक शेखर को सारे नियम कानून और संवैधानिक व्यवस्थााओं को दरकिनार कर कैबिनेट सचिव बनाने का किये गये निर्णय को प्रदेश प्रशासनिक तंत्र का मनोबल को तोड़ने वाला तथा प्रशासनिक अराजकता पैदा करने वाला बताया। श्री शाही ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा उ0प्र0 सरकार से शशांक शेखर को कैबिनेट सचिव नियुक्त किए जाने की वैधानिकता, अहर्ता और औचित्य पर जो सवाल पूछा है उससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली दिवालिएपन का शिकार है। जो संवैधानिक व्यवस्था को बलाए ताक पर रख कर नान आईएएस को कैविनेट सचिव नियुक्त करती है और मुख्य सचिव पद की गरिमा के साथ खिलवाड़ करती है। श्री शाही ने कहा उ0प्र0 की बसपा सरकार ने अपने 4 वर्षो के शासनकाल में प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को अराजक स्थित में डाल दिया है। मुख्य सचिव की व्यवस्था का अवमूल्यन किया जिसके कारण समूचे प्रदेश के प्रशासनिक अमले में अफरा तफरी और घोर दिशाहीनता का माहौल व्याप्त है।
श्री शाही ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रदेश की मुखिया ने शशांक शेखर को प्रदेश योजना आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री के दर्जे से नवाज कर प्रशासनिक व्यवस्था और राजनैतिक व्यवस्था का इस तरह ताश के पत्ते की तरह फेट दिया जिससे राजनैतिक व्यवस्था और प्रशासनिक व्यवस्था के बीच की मर्यादा समाप्त हो गई। परिणाम समूचा प्रदेश लूट तंत्र में बदल गया है। कानून व्यवस्था ध्वस्त और प्रशासन लूंज-पूंज हो गया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने कहा कि केन्द्र सरकार के कार्मिक विभाग के निदेशक द्वारा उच्च न्यायालय में दाखिल किए गए हलफनामे में प्रदेश सरकार के कैविनैट सचिव की नियुक्ति को रद्द करते हुए उनकेा दिए जा रहे वेतन को अस्वीकृत कर दिया है तथा प्रशासनिक और राजनैतिक दोनों पद दिए जाने पर गहरी आपत्ति जाहिर करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है। उ0प्र0 सरकार की मुखिया के लिए इससे अधिक शर्म और प्रशासनिक अक्षमता की कोई बात नहीं हो सकती। श्री शाही ने कहा कि केन्द्र सरकार ने इसे 4 वर्ष बाद संज्ञान में लिया यह उसकी भी प्रशासनिक निकम्मेपन का उदाहरण है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में घट रही घटनाएं बसपा सरकार के दम्भ, अहंकार और अक्षमता का परिणाम है। जिसने उसके राजनैतिक चरित्र तथा प्रशासनिक दोनों क्षमताओं को उजागर कर दिया है। श्री शाही ने कहा कि किसी भी राजनैतिक दल को सत्ता के दम्भ में न तो जनता को लूटने का अधिकार है न ही लोकतांत्रिक तथा प्रशासिनक व्यवस्थाओं को तहस-नहस करनेका अधिकार है। भाजपा प्रदेश प्रवक्त राजेन्द्र तिवारी ने बसपा सरकार को नशीहत देते हुए कहा कि बसपा सरकार अपनी अहंकार पूर्ण कार्यशैली और दंभ से बाज आए। उन्होंने कहा कि न्यायालय द्वारा बसपा सरकार की कार्य प्रणाली पर की जा रही लगातार टिप्पणियां उसकी हठधर्मिता, अहंकारी और सत्ता का लोक सेवा के बजाय धन उगाही का तंत्र बना लेने के परिणामस्वरूप है और जनता समय आने पर अपना सटीक निर्णय सुनाएगी। श्री तिवारी ने कहा बसपा के शासन काल में प्रशासनिक तंत्र का जिस तरह अवमूल्यन हुआ आजादी के बाद के भारत में कभी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा अभी उ0प्र0 कैडर के दिल्ली में तैनात एक प्रशासनिक अधिकारी को पत्र भेजकर मुख्य सचिव पद पर योगदान देने हेतु बुलाया गया था और यहां आने के बाद उन्हें वापस भेज कर दूसरे को नियुक्ति दी गई। प्रदेश प्रशासन के सर्वोच्च पद की गरिमा के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी नहीं हुआ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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