- दकियानूसी बयान से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है
- जो अधिकारी सक्षम न हो उसे तत्काल हटाकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जाय
बहुजन समाज पार्टी के प्रवक्ता ने महिलाओं की सुरक्षा के संबंध में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर द्वारा दिये गये बयान को घोर आपत्तिजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि पहले से दहशत में रह रही दिल्ली की महिलाओं में असुरक्षा की भावना इस बयान से और अधिक बढ़ जायेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर के बयान से साबित हो गया है कि वहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, और कांग्रेस के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार तथा दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाने में नाकाम रही हैं। उन्हांेेने कहा कि कांग्रेस की यह दोनों सरकारें अपराधियों के समक्ष समर्पण कर चुकी हंै। पुलिस कमिश्नर के बयान से अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली को दुनिया के बड़े और आधुनिक शहरों में शुमार कराने का दावा करने वाली केन्द्र व राज्य सरकार को बताना चाहिए कि वे पुलिस कमिश्नर के बयान से कितना सहमत हैं। बदलते परिवेश में इस प्रकार के दकियानूसी बयान से स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है और उनकी सुरक्षा का दायित्व उनके परिवारों के हवाले करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पुलिस कमिश्नर का बयान उस पुरानी परम्परा की याद दिलाता है जब अपराध व उत्पीड़न की शिकार महिला को ही उसके साथ हुई घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता था। महिलाओं को समाज के हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर स्थान देने का दावा किया जा रहा है, ऐसे में यह जरूरी है कि उन्हें सुरक्षा का ऐसा वातावरण दिया जाय जिससे कि वे किसी भी समय बिना किसी भय एवं प्रतिबन्ध के घर से बाहर निकल कर अपना कार्य कर सकें।
प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के बजाय महिलाओं को पुरुष संबंधियों की हिफाजत में घर से बाहर निकलने की सलाह दे रही है। उन्होंने मांग की कि जो अधिकारी महिलाओं के लिए शहर की कानून-व्यवस्था सुरक्षित बनाने में सक्षम न हो उसे तत्काल हटाकर उसके विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने दिल्ली सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। इसलिए यहां के वातावरण एवं कानून-व्यवस्था को केवल महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस की दिल्ली सरकार अपराधियों, अराजक तत्वों, गुण्डों एवं माफिया के खिलाफ यदि सख्त कार्यवाही न कर सके तो उसे सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है और तत्काल गद्दी छोड़ देनी चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार को बताना चाहिए कि यदि ऐसी महिला जिसका कोई पुरुष सम्बन्धी दिल्ली में नहीं रहता हो और उसेे किसी कार्यवश रात को बाहर जाना जरूरी हो तो वह क्या करे? क्योंकि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अपने दायित्व से पल्ला झाड़ चुके हैं। उन्होंने पूछा कि क्या दिल्ली पुलिस का काम यहां की महिलाओं सहित सभी नागरिकों को सुरक्षा देना नहीं है? उन्होंने कहा कि बाहर जाने वाली महिलाओं के साथ उनके घर के किसी एक पुरुष को जाना क्यों जरूरी है क्या इससे यह साबित नहीं होता है कि दिल्ली पुलिस का इकबाल खत्म हो गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ का दावा करके केन्द्र की सत्ता में आने वाली यू0पी0ए0 सरकार अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकती। क्यांेकि दिल्ली राज्य की कानून-व्यवस्था केन्द्र सरकार के पास है और दिल्ली पुलिस केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर राजनैतिक दलों की तर्ज पर बयान देने वाले विभिन्न राष्ट्रीय आयोग दिल्ली पुलिस कमिश्नर के बयान पर खामोश क्यों हैं। क्या उन्हें केन्द्र एवं राज्य सरकार से नहीं कहना चाहिए कि वे महिलाओं के लिए ऐसा माहौल बनायंे ताकि वे किसी भी समय बिना किसी भय के कहीं भी आ-जा सकें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को लेकर हाय-तौबा मचाने वाले कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों को दिल्ली की कानून-व्यवस्था विशेष रूप से महिलाओं के साथ आये दिन हो रहे अपराध दिखाई क्यों नहीं पड़ रहे हैं?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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