उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976 में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया। इस सम्बन्ध में प्रस्तावित विधेयक को राज्य विधान मण्डल के आगामी सत्र में प्रस्तुत किये जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद द्वारा मंजूरी प्रदान की गयी।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित मसौदे के अनुसार, विधेयक में ‘उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976’ की धारा 15(1) व 15(2) में उल्लिखित प्राविधान के अन्तर्गत अपराधों के प्रशमन हेतु निर्धारित अधिकतम धनराशि को पांच हजार रूपये से बढ़ाकर दस हजार रूपये किया जाना प्रस्तावित है।
किसी ऐसे व्यक्ति से, जिसके विरूद्ध यह विश्वास करने का कारण है कि उसमें किसी वन, बाग या सार्वजनिक भूग्रहादि में स्थित वृक्ष से भिन्न किसी वृक्ष के सम्बन्ध में इस अधिनियम के अधीन अपराध किया है, ऐसी धनराशि, जो दस हजार रूपये से अधिक न हो, से उस अपराध के लिये प्रशमन के रूप में स्वीकार करने के लिये प्राधिकृत किये जाने हेतु अधिनियम की धारा 15(1) में संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है।
इसी प्रकार विधेयक के माध्यम से अधिनियम की धारा 15(2) में संशोधन किये जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत किसी ऐसे अधिकारी को ऐसी धनराशि का भुगतान करने पर, संदिग्ध व्यक्ति को, यदि व अभिरक्षा में है, छोड़ दिया जायेगा और ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध इस अधिनियम के अधीन कोई अग्रेतर कार्यवाही नहीं की जायेगी और धारा 14 में किसी बाद के होते हुए भी, ऐसा अधिकारी, ऐसी राशि का, जो दस हजार रूपये से अधिक न हो, जिसे वह मामले की परिस्थितियों में उचित समझे, भुगतान करने पर इस अधिनियम के अधीन अभिग्रहीत सम्पत्ति को छोड़ने का प्राविधान किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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