Archive | July, 2010

विवाहिता की गला दबाकर हत्या, मुकदमा दर्ज

Posted on 02 July 2010 by admin

सुल्तानपुर- जनपद में हो रही हत्याओ में एक इजाफा और हो गया जब देर शाम राहुल टाकीज के पीछे नबीपुर में सूरज ढलते ही एक महिला हत्या से शहर में सनसनी फैल गई। आनन फानन में लोगो ने जिलाचिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोशित कर दिया।

प्राप्त सूचना के अनुसार नबीपुर मोहल्ले में राकेश यादव, मुकेश यादव अपनी मां और पत्नी के साथ रहते थे। लगभग सांय 7,30 बजे मृतक युवती की सास जब अपने घर पहुंची तो उसने देखा कि उसकी बहू तारा जमीन पर पड़ी थी और सामान अस्त व्यस्त था। शोर मचाने पर पड़ोसी लोग बेहोश लोग अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डाक्टरो ने मृतक घोशित कर दिया। बताते चले कि आये दिन उस परिवार में आपसी झगड़ा तू-तू मै-मै होता रहता था। मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक क्षेत्राधिकारी नगर, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली तथा चौकी इन्चार्ज शाहगंज ने भी पड़ोसियों से मिलकर घटना के बारे छान बीन की। लाश को पोश्टमार्टम करने के बाद मृतिका को परिवार वालों के हवाले कर दिया। वैसे हत्या का कारण सिन्दिग्ध दिखाई दे रहा है। पुलिस हत्या के के कारणो का पता लगाने में लगी हुई है समाचार लिखे जाने तक हत्या की स्थिती का खुलाशा नही हो सका।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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कब्रिस्तान के बीच रास्ते को लेकर हुआ बिवाद का निपटारा

Posted on 02 July 2010 by admin

अमेठी, सुल्तानपुर- अमेठी-गौरीगंज रोड पर रायपुर फुलवारी में कब्रिस्तान के अन्दर से रास्ता बनाने के विवाद ने कल 01 जुलाई को अमेठी के मुस्लिमों ने कब्रिस्तान विवाद का सही फैसला कोतवाली अमेठी के उपर छोड दिया । यह मामला मुस्लिम समूह के दो पक्षों का था, जिसमे अमेठी के उद्योग व्यापार मण्डल के राजेश मसाला वाले मुस्लिम शिया पक्ष के साथ थे। राजेश अग्रहरि का कहना था कि कब्रिश्तान के बीच से रास्ता निकलना चाहिए, और वही दूसरे पक्षों का कहना था कि यह हमारे पूर्वजों का कब्रिश्तान है यहा से रास्ता हम नही जाने देगें, चाहे इसके लिए हमे जान भी देना पडे़ तो जान भी दे देगें। विपक्षी कासिम, जब्बार, मो0 मकबूल, और सफीक ने समझौते के मांग पर कि जितना रास्ता मौके पर है उतना ही रखा जाय ? क्यों की रास्ता चौण्डा होने पर मुस्लिम भाइयों के पूर्वज के उपर से जा रहा था। इसका विरोध विपक्षी पार्टी की तरफ से राजेश मसाला ने किया। जिसका फैसला एसडीएम, क्षेत्राधिकारी, कोतवाल, ने दोनो पक्षों के साथ बैठक कर बातो को सुना और विवादित स्थल का मौके पर जा कर जायजा लिया। मौके पर पहुंच कर अधिकारियो ने फैसला किया कि जितनी रोड़ पहले थी उतनी ही रोड़ आगे भी रहेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विजली विभाग मे हो रहा करोड़ों का घपला

Posted on 02 July 2010 by admin

सुल्तानपुर - सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 05 के अन्तर्गत बिजली विभाग ने करोड़ो के घपले का खुलासा करने की मांग की गई है, जिसमे विनय कुमार अधिशाशी अभियन्ता, एसडीओ आर0एस0 माथुर, अधिशाशी अभियन्ता के उपर आरोप लगाते हुए सूचना मांगी गई है कि 27 अप्रैल 06 को बुक नं0 038963, 21मार्च 2007 बुक नं0 22415, 19 मई 2007 बुक नं0 22919 व 22920, 30 जुलाई 2007 बुक नं0 23419, 23420 व 23421 के माध्यम से अधिशाशी अभियन्ता प्रभात मोगां की मौजूदगी में लगभग 22 लाख रूपया जनता से वसूल किया गया। उक्त धन राशि कब और किस तिथि में तथा किस बैक में जमा किया गया इसका व्यौरा मीड़िया को तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की है। डा0 बीसी मिश्र सम्पादक सोना सन्देश विद्युत विभाग के अधिकारी के उपर आरोप लगाते हुए कहा कि राश्ट्रपति, गृहमन्त्री, सांसद राहुल गांधी अमेठी, मुख्य मन्त्री उ0प्र0, उर्जा मन्त्री उ0प्र0 को भी उक्त मामले में फैक्स द्वारा अवगत कराया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मंहगाई के बिरोध में प्रधान मन्त्री का फूंका पुतला

Posted on 02 July 2010 by admin

सुल्तानपुर, कुड़वार- महंगाई के विरोध में आज दोपहर मे भाजपा कार्यकर्ताओं ने सड़क पर धरना प्रर्दशन करते हुए प्रधान मन्त्री का पुतला फूंका। धरना प्रर्दशन करने वालो में अशोक यादव ब्लाक अध्यक्ष, राम चन्द मिश्र, नित्यानन्द तिवारी, ज्ञानी सिंह, विनोद सिह सहित सैकड़ो लोग थे। उधर इसौली विधान सभा के ब्लाक कार्यालय पर अमेठी जिला बनने पर एक बैठक की जिसमे सभी लोगो ने बहन मायावती मुख्य मन्त्री उ0प्र0 के प्रति आभार व्यक्त किया,और कहा कि बहन जी अपने कहे वादों को पूरा किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नौनिहालों के कंधों पर बस्ते का वजन

Posted on 02 July 2010 by admin

शासन के अनुसार नौनिहालों के कंधों पर बस्ते का कम से कम वजन होना चाहिए, लेकिन अधिकतर स्कूलों में पीने का पानी उपलब्ध न होने से एक से किलो की बोतल का अतिरिक्त वजन सहन करना पड़ रहा है।

भीषण गर्मी और उमस के बीच गुरुवार से शासकीय स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने का क्रम शुरू हो जाएगा। लेकिन हैरानी इस बात की है कि जिले के अधिक शासकीय स्कूलों में बच्चों को प्यास बुझाने के लिए कोई इन्तजाम नहीं है।
एक ओर शासन अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून पारित कर शतप्रतिशत बच्चों को स्कूलों तक लाने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है तो दूसरी ओर मानव विकास संसाधन विभाग बच्चों के बस्तों को बोझ कम करने का। लेकिन हो ठीक विपरीत रहा है। स्कूल पहुंचे बच्चे स्कूलों में प्यास बुझाने का इन्तजाम न होने के कारण पानी पीने के बहाने घर भाग लेते है तो जो पढऩा चाहते है, वह एक से डेढ़ किलो बोझ अतिरिक्त ले जाने के लिए मजबूर है।

एक सैकड़ा स्कूलों के पास नहीं पानी का कोई इन्तजामरू शासकीय स्कूलों में पीने के पानी के इन्तजाम की बात करें तो जिले के एक सैकड़ा से अधिक स्कूल ऐसे है, जहां पर पीने के पानी का कोई इन्तजाम नहीं है। यानि ऐसे स्कूलों को आसपास भी पानी की सुविधा नहीं है। ऐसे में इन स्कूलों में शिक्षक भी पानी आस-पड़ोस से मंगवाने के लिए मजबूर होते है।

ग्रामीण क्षेत्र हो या फिर शहरी स्कूलों में शिक्षक अपनी प्यास बुझाने के लिए मटकों का इन्तजाम तो कर लेते हैए लेकिन इन्हें भरने का काम बच्चों को करना होता है। स्कूल के पास लगे हैण्डपंप या फिर कुएं से पानी लाने की जिम्मेदारी बच्चों के कंधों पर होती है। इस पर भी बच्चों की प्यास बुझाने के लिए स्कूलों में कोई इन्तजाम नहीं किए जाते।

Vikas Sharma
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अमेठी के पीछे मायावती की मंशा क्‍या है? राजनीति या पैसे की बर्बादी ?

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री मायावती भलीभान्ति जानती हैं कि वर्ष 2010 में होने वाले विधान सभा चुनाव के मैदान राहुल गांधी के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस से निपटना आसान नहीं होगा। यही कारण है कि अमेठी के वोटबैंक को बसपा की तरफ आकर्षित करने के लिए उन्‍होंने अमेठी को जिला घोषित कर दिया। सही मायने में अमेठी वालों के लिए यह काफी बड़ा उपहार है, लेकिन अमेठी का नाम बदलने के पीछे मायावती की मंशा क्‍या है? ये सिर्फ राजनीति है या फिर से पैसे की बर्बादी ?

ये सवाल उत्‍तर प्रदेश की जनता के सामने बहुत बड़े प्रश्‍नचिन्‍ह के साथ खड़े हुए हैं। एक तरफ मायावती ने अमेठीवासियों को उनके कसबे को जिले में परिवर्तित कर बड़ा उपहार दिया है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को मुंह चिढ़ाने के लिए उसका नाम बदलकर छत्रपति शाहू जी महाराज नगर रख दिया। नाम क्‍या रखा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन नाम बदलने में अब कितना पैसा खर्च होगा इसका अन्दाजा शायद जनता को नहीं होगा।
सरकारी विभाग के दस्‍तावेजों को बदलने में एक बार फिर करोड़ों रुपए खर्च होंगे। इन सभी में करोड़ों रुपए एक बार फिर खर्च होंगे। यही नहीं इस नए जिले को नए नाम के साथ राष्‍ट्रीय व अन्तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनी पहचान बनाने में एक बार फिर नए सिरे से शुरुआत करनी होगी। अपने कार्यकाल में अब तक मूर्तियों व पार्कों पर ढाई हजार करोड़ रुपए बहा चुकी राज्‍य सरकार इस मद में 100.200 करोड़ रुपए और बहाएगी। हर स्‍कूल कॉलेज, सरकारी व गैर सरकारी इमारतों पर नया नाम रखा जाएगा। तहसील, कोर्ट आदि से लेकर हर जगह नाम बदले जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह कि गत मार्च में सभी सरकारी विभागों के दस्‍तावेज की स्‍टेशनरी तैयार की जा चुकी हैए जिनमें सभी विभागों के आगे अमेठी लिखा है। अब ए‍क बार फिर बड़ी कसरत के साथ इसके बदल कर छत्रपति शाहूजी महाराज नगर करना होगा।

Vikas Sharma
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सिगरेट छोड़ दो आईक्यू बढ़ाना है तो

Posted on 02 July 2010 by admin

अमेरिकी अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की बौद्धिक क्षमता होती है कम

न्यूयॉर्क - अगर आप अपना आईक्यू बढ़ाना चाहते हैंए तो सिगरेट से नाता तोड़ लेने में ही भलाई होगी। एक नए अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की बौद्धिक क्षमता धीरे.धीरे कम होती जाती है। अमेरिकी शोधकर्ता इस्त्राइली सेना के 20,000 से ज्यादा जवानों पर किए गए रिसर्च के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने पाया कि हम जितना ज्यादा धूम्रपान करते हैंए हमारा आईक्यू उतना ही कमजोर होता जाता है।

101 अंक रहा नॉन स्मोकर्स का आईक्यू
प्रमुख शोधकर्ता डा. मार्क वीजर के अनुसार रिसर्च में शामिल 28 फीसदी प्रतिभागी रोजाना कम से कम एक सिगरेट जरूर सुलगाते थे। बाकी चार फीसदी लोग स्मोकिंग से तौबा कर चुके थे, जबकि 68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कभी सिगरेट को हाथ ही नहीं लगाया था। उन्होंने बताया कि आईक्यू टेस्ट में नॉन स्मोकर्स ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनकी झोली में सर्वाधिक 101 अंक गिरे। वहींए कुछ माह पहले सिगरेट से दोस्ती करने वालों का आईक्यू लेवल 94 अंक पर रहा। वीजर की मानें तो जैसे-जैसे सिगरेट की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता कम हो जाती है। रोजाना एक या उससे ज्यादा पैकेट सिगरेट पीने वाले युवाओं का आईक्यूए धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में 7ण्5 अंक कम था। औरों के मुकाबले ऐसे लोगों में तनाव की आशंका भी ज्यादा थी। उन्होंने ‘जरनल एडिक्शनश् में कम आईक्यू वाले प्रतिभागियों को धूम्रपान रोकथाम कार्यक्रम में शामिल किए जाने की हिदायत दी। ताकि वे धीरे-धीरे स्मोकिंग की लत से छुटकारा पा सकें।

Vikas Sharma
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प्रमुख सचिव श्री विजय शंकर पाण्डेय द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की समीक्षा

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदे की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले, नकली एवं अधोमानक औषधियों के निर्माण एवं बिक्री करने वालों के विरूद्ध सख्त रूख अपनाने के निर्दे खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को दिये थे। मुख्यमन्त्री के निर्देष के क्रम में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, सचिवालय प्रषासन तथा सूचना विभाग के प्रमुख सचिव श्री विजय शंकर पाण्डेय ने आज यहॉ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की गहन समीक्षा की।

श्री पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देषित किया कि मुख्यमन्त्री जी की इच्छा के अनुरूप प्रदे में मिलावटखोरों तथा नकली एवं अधोमानक दवाओं की बिक्री करने वालों एवं निर्माताओं के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक प्रतिबन्धित दवाओं की बिक्री करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये तथा ऐसे लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजा जाये।

श्री पाण्डेय ने कहा कि गोपनीय सूचना एवं छापों के आधार पर जिन मिलावटखोरों के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण एकत्रित किये जा चुके हैं, ऐसे दोशी लोगों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्दे दिये कि राज्य में विषुद्ध खाद्य पदार्थों एवं प्रमाणिक औषधियों की ही बिक्री की जाये। उन्होंने कहा कि प्रतिबन्धित दवायें यदि किसी भी दुकान या स्थान पर संग्रहीत, निर्मित या बिक्री करते हुए पाये जाते हैं, तो सम्बन्धित के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्यवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि नार्कोटिक्स एवं साइकोट्रापिक (शिड्यूल एच) तथा शेड्यूल एक्स औषधियां चिकित्सक के पर्चे पर ही बेची जायें, चिकित्सक के पर्चे की प्रति भी अनुरक्षित की जाये तथा इनका लेखा-जोखा भी दुकानदार अनिवार्य रूप से अलग रजिस्टर पर अंकित करें, ताकि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान गहन छान-बीन की जा सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आगाह किया कि निरीक्षण के दौरान, यदि वे अपने दायित्वों के निर्वहन में कोई लापरवाही अथवा अनदेखी करते हैं, तो उन्हें बख्षा नहीं जायेगा और उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

प्रमुख सचिव ने मानव उपयोग के लिये घातक आक्सीटोन की अवैध बिक्री पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाने के निर्दे दिये। उन्होंने औषधि निरीक्षकों को इस प्रकार की दवाओं की बिक्री पर कड़ी नज़र रखने की सख्त हिदायत देते हुए कहा कि यदि ऐसी दवायें कहीं भी अवैध रूप से बिक्री व संग्रहीत करते हुए पाई जाती हैं, तो ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने विभाग के वरिश्ठ अधिकारियों को निर्दे दिये कि यदि औषधि निरीक्षक अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरततें हुए पायें जायें, तो उनके खिलाफ तत्काल वैधानिक एवं आपराधिक धाराओं के तहत कार्यवाही की जाये।

कैल्सियम कार्बाइड, ऐसिटलीन गैस, इथेन, एथीफोर्न, राइपेनिंग हार्मोन आदि रसायनों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि इन रसायनों का उपयोग बड़ी मात्रा में फलों एवं सब्जियों को आप्राकृतिक रूप से पकानें में किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये रसायन मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त ही घातक हैं, इनसे कैन्सर, अस्थमा एवं अन्य जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने इस प्रकार के घातक रसायनों की फलों एवं सब्जियों को पकाने के उपयोग पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाने के निर्दे दिये।

श्री पाण्डेय ने कहा कि इसी प्रकार यदि प्रतिबन्धित घातक रसायनों के रंगों से सब्जियों को भी कलर किया जाता हुआ पाया जाये, तो ऐसी सब्जियों एवं फलों के विक्रेताओं के खिलाफ कठोर कार्यवाई सुनिश्चित करने के निर्दे खाद्य निरीक्षकों को दिये। उन्होंने कहा कि यदि घातक रसायनों से रंगे हुए फलों एवं सब्जियों को बिकता हुआ पाया जाये, तो इसके लिये जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाई करते हुए, उन्हें जेल भेजा जाये।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि अपमिश्रित खाद्य पदार्थों एवं औषधियों की बिक्री करने वाले संगठित अपराधियों एवं माफियाओं के खिलाफ कार्य योजना के अनुसार त्वरित कार्यवाही हेतु पुलिस एवं स्थानीय अभिसूचना इकाई से समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाई की जाये। इस क्रम में थोक विक्रेता के साथ ही साथ फुटकर विक्रेताओं के समस्त चयन को ध्वस्त करते हुए सभी सम्मिलित अपराधियों एवं माफियों की पहचान करते हुए इनके विरूद्ध आई0पी0सी0 की धारा के तहत जेल भेजने की कार्यवाई की जाये। इसके साथ ही मिलावटखोरी तथा नकली दवाइयों के निर्माण में संलिप्त अन्तर जनपदीय अपराधियों एवं माफियों के विरूद्ध भी कार्यवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के टास्क फोर्स को अधिक प्रभावी बनाया गया है, ताकि संगठित अपराधियों एवं माफियाओं के विरूद्ध कड़े कदम उठाये जा सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे मिलावटखोरों के डोजियर भी बनाये जायें, ताकि उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाई की जा सके।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि खाद्य एवं औषधि के नमूने फौरी तौर पर खानापूर्ति के लिये एकत्रित नहीं किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि इससे प्रयोगशालाओं पर अनावष्यक बोझ पड़ता है और कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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नान फंक्शनल वेतनमान का शासनादेश जारी

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश वित्त विभाग के प्रमुख सचिव श्री अनूप मिश्र द्वारा पुनरीक्षित वेतन संरचना में नान फंक्शनल वेतनमान का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें वेतन निर्धारण की वही प्रक्रिया अपनाये जाने की व्यवस्था की गई है जो पदोन्नति होने की स्थिति में वेतन निर्धारण हेतु अपनायी जाती है जो शासनादेश दिनांक 8.12.2008 के प्रस्तार-11 में विर्णत है। यह व्यवस्था सचिवालय के अनुभाग अधिकारियों एवं निजी सचिव श्रेणी-1 के पदधारकों वेतनमान-8000-13500 के सादृश्य पुनरीक्षित वेतन संरचना में वेतनबैण्ड एवं ग्रेड वेतन पर अनुमन्य होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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पर्यावरण विरोधी नीति और उससे प्रदेश को हुई क्षति की महामहिम राज्यपाल से उच्च स्तरीय निष्पक्ष जॉच किए जाने की मांग

Posted on 02 July 2010 by admin

लखनऊ -  समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता  राजेन्द्र चौधरी ने एक बयान में कहा है कि प्रदेश की मायावती सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अन्तर है। जनता को बरगलाने के लिए एक जुलाई को मन्त्रिमण्डल की बैठक में पेड़ों की अवैध कटान पर दस हजार रूपए जुर्माने और प्रति हरे पेड़ की कटान के लिए आवेदन के साथ 100 रूपए का लाइसेंस शुल्क लगाने का निर्णय कर  यह दिखाने की कोशिश की है कि उसे प्रदेश के पर्यावरण एवं हरित क्षेत्र की बहुत चिन्ता है जबकि हकीकत यह है कि इनका सर्वाधिक विनाश इसी सरकार में हुआ है। इससे ऋतु  चक्र बदला है और लोगों की जिन्दगी बेहाल हुई है। समाजवादी पार्टी बसपा सरकार की पर्यावरण विरोधी नीति- रीति और उससे प्रदेश को हुई क्षति की महामहिम राज्यपाल से उच्च स्तरीय निष्पक्ष जॉच किए जाने की मांग करती है।

श्री चौधरी ने कहा है कि जुलाई में वन महोत्सव के तहत वृक्षारोपण का लम्बा चौड़ा कार्यक्रम जारी किया जाना औपचारिक कर्मकाण्ड बन गया है। इस वर्ष वन विभाग ने 3 करोड़ पौध लगाने का ऐलान किया है। कई अन्य विभागों के भी इसमें शामिल होने से इस वर्ष 8.5 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह सब कागजी खानापूरी के अलावा कुछ और नहीं है। दिखावे के ऐसे कार्यक्रमों की हकीकत फारेस्ट सर्वे आफ इण्डिया की रिपोर्ट से खुल जाती है जिसके अनुसार उत्तर प्रदेश में हरित क्षेत्र  में निरन्तर गिरावट आती जा रही है। वन से इतर हरियाली में हाल के वर्षो में गिरावट 9.6 प्रतिशत से नीचे 9.01 प्रतिशत आंकी गई है। राज्य में वर्ष 2005 में, जब श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार थी, 3.40 प्रतिशत (8,203 वर्ग किलोमीटर) हरियाली वृद्धि आंकी गई थी, ताजा रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र में हरियाली अब 7,381 वर्ग किलोमीटर (3.06 प्रतिशत) रह गई है।       श्री मुलायम सिंह यादव के समय लगाए गए लाखों पेड़ उजाड़ दिए गए जिससे यह गिरावट आई है।

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार के तीन वर्ष के कार्यकाल में करोड़ों पेड़ मुख्यमन्त्री की निजी महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ा दिए गये हैं। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में लगे हरे पेड़-पौधों को बेरहमी से काट डाला गया।  पार्को,स्मारकों के निर्माण के नाम पर वृक्षविनाश कार्यक्रम पूरी गति से चलाया गया। सड़क किनारे लगे वृक्षों की अधाधुंध कटान के फलस्वरूप मीलों तक छाया का नाम नहीं रह गया है।

श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश में हरियाली का विनाश कार्यक्रम चूंकि मुख्यमन्त्री के इशारों पर हुआ है और अब वही घड़ियाली आंसू बहाती हुई वृक्ष कटान के लिए लाइसेंस फीस और जुर्मानें का प्राविधान कर रहीं है तो सर्वप्रथम उनको ही इन अवैध कार्यो के लिए नोटिस दिया जाना उचित होगा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी सनक की भेंट चढ़े करोड़ों  पेड़ों की अवैध कटान के लिए प्रति पेड़ उनसे हर्जाना लिया जाना चाहिए। महामहिम राज्यपाल को भी यह देखना चाहिए कि प्रदेश की वन सपन्दा और हरियाली के विनाश से पर्यावरण में पैदा असन्तुलन और उसके फलस्वरूप ऋतु चक्र बदलने से जो असामान्य जीवन स्थिति बनी है उसका आकलन एक स्वतन्त्र एवं निष्पक्ष जॉच एजेंसी से कराया जाए और मुख्यमन्त्री ने जो क्षति पहुंचाई है उसके लिए उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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