केन्द्र में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. सरकार द्वारा पेट्रोल की क़ीमत को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त करते हुये पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस के सिलेण्डर व ग़रीबों के इस्तेमाल में आने वाले मिट्टी के तेल की क़ीमतों में अनवरत् वृद्धि के िख़लाफ बी.एस.पी. ने उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों के मुख्यालयों पर आज Þएक-दिवसीय विशाल धरना-प्रदशZनß कार्यक्रम आयोजित किया, जो प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक Þज़बरदस्त कामयाबß रहा।
सुश्री मायावती जी ने इस बार भी पार्टी के ज़िला-स्तरीय Þधरना-प्रदशZनß कार्यक्रम का हवाई निरीक्षण करने के बजाय दूसरे ज़िलों से अपने पर्यवेक्षक नियुक्त किये थे ताकि प्रत्येक ज़िले से सही-सही रिपोर्ट तत्काल यहां प्राप्त हो सके। बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा पार्टी के इस आन्दोलन की सफलता का आकलन कर गुप्त रिपोर्ट पार्टी के राज्य मुख्यालय को भेजने के लिये दूसरे ज़िलों से नियुक्त पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई को और ज़्यादा जानलेवा बनाने वाली केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस के सिलेण्डर व मिट्टी के तेल की क़ीमत बढ़ाने के िख़लाफ बी.एस.पी. की आज की मुहिम में आम जनता ने काफी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया तथा यह कार्यक्रम प्रत्येक ज़िले में Þज़बरदस्तß सफल रहा।
उल्लेखनीय है कि बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी के निर्देशानुसार पार्टी का यह आन्दोलन, आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुये, जिला कलेक्ट्रेट में ना करके, अन्यत्र बड़े, खुले व महत्वपूर्ण स्थान पर आयोजित किया गया, क्योंकि बी.एस.पी. महंगाई के िख़लाफ ज़ोरदार संघशZ में भी ऐसा कोई काम नहीं करना चाहती है जिससे सरकारी सम्पित्त को नुक़सान पहुंचे, सरकारी काम बाधित हो व आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़े।
इस सम्बन्ध में आज यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बी0एस0पी0 राश्ट्रीय अध्यक्ष ने देश में खाद्यान्नों तथा अन्य दैनिक उपयोग की जरूरी वस्तुओं की कीमतों में लगातार हो रही बेतहाशा वृद्धि के लिए पूरी तरह कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार की गलत तथा दिशाहीन आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को तेल कम्पनियों के घाटे की चिन्ता तो है, लेकिन पिछले कुछ दिनों में खाद्यान्नों की महंगाई दर में लगभग 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी की कोई चिन्ता नहीं है, जिसके कारण मंहगाई देश के समक्ष एक राश्ट्रीय समस्या बन गई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल, रसोई गैस, डीजल एवं केरोसीन तेल के दामों में हुई बढ़ोत्तरी से आम आदमी का जीवन दूभर हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री जी ने अपनी सरकार के पहले साल का लेखा-जोखा पेश करते हुए इस वशZ दिसम्बर तक भीशण मंहगाई पर काबू पाने की बात कही थी। लेकिन इसके तुरन्त बाद पेट्रोलियम पदार्थाें के दाम बढ़ाने का फैसला यह साफ कर देता है कि यू0पी0ए0 सरकार देश की आम जनता को मंहगाई की मार से बचाने के बजाए उसके ऊपर और बोझ डाल रही है।
बी0एस0पी0 की राश्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तेल कम्पनियों के लगातार होने वाले घाटे का रोना रोने वाली यू0पी0ए0 सरकार ने आज तक जनता के सामने तेल की अन्तर्राश्ट्रीय कीमतों, उन पर लगाये गये टैक्स और कम्पनियों को मिलने वाले मार्जिन का कभी भी खुलासा नहीं किया। कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार को यह भी देश की जनता को बताना चाहिए कि लगातार सालों से घाटा उठाने वाली यह तेल कम्पनियां अपनी बैलेंस शीट में कैसे रिजर्व एवं सरप्लस के मद में हजारों करोड़ रूपये की रािश दिखाती जा रही हैं और यह धनरािश वशZ 2004 के बाद लगातार बढ़ती रही है, जैसा कि कम्पनियों के द्वारा दिखाये गये आंकड़े स्पश्ट करते हैं।
सुश्री मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कारण मंहगाई आज चरम पर है। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल उत्पादों पर सिब्सडी समाप्त करने के निर्णय को चिन्ताजनक बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के एजेण्डे सें आम जनता का हित गायब हो गया है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार देश की जनता को झूठे आश्वासन दे रही है कि मंहगाई पर जल्दी ही काबू पा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार ने गत वशZ लोकसभा के आम चुनावों के ठीक पहले सिर्फ राजनैतिक लाभ लेने और आम जनता का वोट पाने की नीयत से ही पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी की थी। किन्तु चुनाव समाप्त होते ही कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने पूंजीपतियों, धन्नासेठों और थैलीशाहों के हितों को ध्यान में रखकर पेटाªेल और डीजल के दामों में भारी वृद्धि कर दी, जिसके चलते मंहगाई और बढ़ी।
बसपा प्रमुख ने कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पिश्चमी देशों के मंहगे विश्वविद्यालयों से िशक्षा प्राप्त तथाकथित अर्थशास्त्रियों द्वारा तेजी से बढ़ती अर्थ व्यवस्था का दावा करने वालों को उन करोड्ों गरीबों, उपेक्षितों तथा साधनहीनों की कोई चिन्ता नहीं है जिन्हें दो जून की रोटी बड़ी मुिश्कल से मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की वर्तमान सरकार ने अपने 2009-2010 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा था कि पिछले वित्तीय वशZ की दूसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर में 7.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह विश्वास व्यक्त किया गया था कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में क्रमश: 8.2 तथा 8.7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी। लेकिन उनके इस दावे की पोल बढ़ती हुई मंहगाई की दर ने खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि यू0पी0ए0 सरकार की मंहगाई पर काबू पाने के उपाय करने के दावे की हवा निकल गई और वह किंकर्तव्यविमूढ़ सी हो गई है। सच्चाई तो यह है कि केन्द्र सरकार के पास मंहगाई पर काबू पाने के लिए न तो कोई नीति है और न ही उसकी नीयत।
उन्होंने कहा कि खाद्यान्नों तथा आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के मूल्यों में बढ़ोत्तरी का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वशZ 2004 में जो वार्शिक थोक मूल्य सूचकांक 184.90 था वह वशZ 2005 में बढ़कर 193.70 हो गया। इस एक वशZ में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी प्रकार वशZ 2006 में थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 203 हो गया, जो 9.8 प्रतिशत अधिक है। वशZ 2007 तथा 08 में यह क्रमश: 212.80 तथा 232.20 था जो क्रमश: 15.1 तथा 25.6 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि गत वशZ मूल्य सूचकांक 237.10 था जो 28.2 प्रतिशत अधिक था। उन्होंने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई कारगर कदम नहीं उठाए।
सुश्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस की नेतृत्व वाली केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार जब सन् 2004 में सत्ता में आयी तभी से खाद्यान्नों एवं सब्जियों के मूल्यों में बढ़ोत्तरी लगातार जारी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 2004 से अब तक गेहूं के दाम में लगभग दोगुना तथा चावल के दाम में तीन गुना बढ़ोत्तरी हुई है। आम आदमी के उपयोग में आने वाली चीनी, जो 15 रूपये प्रतिकिलो बिकती थी, अब 30 रूपये से भी अधिक हो गई है। इसी प्रकार अरहर सहित सभी दालों के दामों में लगभग दो गुने से भी अधिक वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि सरसों के तेल सहित आलू एवं अन्य सब्जियों के दामों में भी दो गुने से भी अधिक वृद्धि हो गई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में दूसरे नम्बर पर रहने वाले देश में पिछले पांच वशोZं में इसके दामों में तीन गुने से भी अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में गरीब आदमी की तो बात छोड़िये मध्यम वर्ग को भी दो जून की रोटी का प्रबन्ध करना भारी पड़ रहा है।सुश्री मायावती ने कहा कि दूसरी बार केन्द्र की सत्ता में आई यू0पी0ए0 सरकार ने जनता से 100 दिनों में मंहगाई में कमी लाने का वायदा किया था, किन्तु वशZ 2008 से अब तक तीन बार पेट्रोल तथा डीजल की कीमतें बढ़ाकर उसने अपने ही वायदे को झुठला दिया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती मंहगाई पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने हेतु उन्होंने केन्द्र सरकार से कई बार अनुरोध किया, किन्तु केन्द्र सरकार द्वारा आज तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने कहा कि वशZ 2009 में लोकसभा चुनावों के समय `कांग्रेस का हाथ, गरीब के साथ´ का लोक-लुभावन नारा लगाने वाली यू0पी0ए0 सरकार का हाथ दर असल पूंजीपतियों के साथ है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के दावों के विपरीत देश के सकल घरेलू उत्पाद की दर 6.5 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ पा रही है। पिछले वशZ खराब मानसून के कारण कृशि उत्पादन में आई गिरावट को इसका कारण बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ केन्द्र सरकार बार-बार यह दावा कर रही है कि देश की अर्थ-व्यवस्था में मजबूती आ रही है। उन्होंने कहा कि विकास की दर में वृद्धि न होने का दूसरा कारण वैिश्वक आर्थिक मन्दी बताया जा रहा है। इसके बावजूद केन्द्र सरकार निरन्तर यह कह रही है कि वह 9 प्रतिशत की वार्शिक विकास दर प्राप्त करने में सफल होगी। उन्होेंने कहा कि केन्द्र सरकार इस प्रकार की व्यर्थ आंकड़ेबाजी करके देश की जनता को गुमराह कर रही है।
सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने केन्द्र सरकार से सहयोग न मिलने के बावजूद खाद्यान्नों तथा आवश्यक वस्तुओं के दामों को नियन्त्रित करने के लिए ठोस उपाय किए हैं। इन उपायों को अमली जामा पहनाने के लिए अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे जमाखोरों एवं कालाबाजारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें और जनता को मंहगाई से राहत दिलाएं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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