समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज केन्द्र और प्रदेश सरकारेां की मिली भगत से बढ़ती मंहगाई के खिलाफ आम हड़ताल के आवाहन पर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ जनता के विभिन्न वर्गों अधिवक्ताओं, नौजवानों, शिक्षकों, व्यापारियोंं, महिलाओं तथा श्रमिकों द्वारा हड़ताल को सफल बनाने में बड़ी संख्या में भागीदारी निभाने के लिए आभार व्यक्त किया हैे। श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार की तमाम दमनकारी बन्दिशो के बावजूद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता के विभिन्न वर्गो ने सड़क पर निकलकर केन्द्र और प्रदेश सरकार को यह जता दिया है कि उनकी गलत नीतियॉ अब नहीं चलेंगी। उन्हें सुधरने या गद्दी छोड़कर जाने का एक विकल्प चुनना होगा।
श्री मुलायम िंसंह यादव के आह्वान पर आज पूरे प्रदेश में आम हड़ताल को सफल बनाने के लिए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सुबह से ही जुटे रहे। कई स्थानोें पर पुतले फूंके गये और धरना-प्रदर्शन कर जनाक्रोश को व्यक्त किया गया। राजेन्द्र चौधरी ने बताया कि आज लगभग एक लाख समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं केा प्रदेश मेें गिरफ्तार किया गया। हड़ताल की सफलता का अन्दाज इस बात से लगाया जा सकता है कि गॉवों-कस्बों के बाजार भी कई जनपदों में बन्द रहे। व्यवसायियों ने अपने प्रतिष्ठान बन्द रखे। दिनंाक- 05 जुलाई, 2010 की आम हड़ताल की एक विशेषता यह भी रही कि कानपुर में 95 वर्ष के पूर्व सांसद चौधरी हरमोहन सिंह यादव समाजवादी पार्टी के जवानों के साथ प्रदर्शन में शामिल थे। इस ऐतिहासिक सफलता का श्रेय श्री मुलायम सिंंह यादव के कुशल नेतृत्व को जाता है जिन्होंने मंहगाई से त्रस्त जनता की पीड़ा को समझते हुए 5 जुलाई 2010 को आम हड़ताल का आव्हान किया था।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि राजधानी लखनऊ में सुबह से ही समाजवादी पार्टी के कार्यालय के पास पुलिस छावनी बन गई थी। जगह-जगह बैरीकेटिंग लगाकर रास्ता रोक दिया गया था। तमाम नेता पहले ही गिरफ्तार कर लिए गये थे। इस सबके बावजूद उत्साही समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में जुट गये। नेता विरोधी दल श्री शिवपाल िंसंह यादव तथा प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव के संयुक्त नेतृत्व में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को राजभवन के पास रोक लिया गया। यहॉ श्री शिवपाल सिंह यादव तथा श्री अखिलेश यादव के साथ नेता प्रतिपक्ष विधानपरिषद श्री अहमद हसन, सांसद श्री भगवती िंसह, श्री बृजभूषण तिवारी एवं श्रीमती सुशीला सरोज तथा विधायक श्रीमती शादाब फातिमा एवं श्री राकेश सिंह राना भी धरने पर बैठ गये। पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर वाटर कैनन से सीवर का गन्दा, बदबूदार पानी छोड़ा और बर्बर लाठी चार्ज किया जिससे एक दर्जन समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता घायल हो गये। ज्यादातर के सिर पर लाठियों से प्रहार किया गया। समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं सहित इन प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन में बन्द किया गया। महिलाओं के साथ अभद्रता की गई। समाजवादी अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के पास मंहगाई का पुतला फूंका। सैकड़ों अधिवक्ताओं को भी गिरफ्तार किया गया।
श्री चौधरी ने नेता विरोधी दल तथा समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के प्रति आज पुलिस अधिकारियों द्वारा दुव्र्यहार किये जाने की भत्र्सना करते हुये कहा है कि सत्ता के मद में मुख्यमन्त्री संविधान की मर्यादाएं भूल गई है। नेता विरोधी दल एक संवैधानिक सम्मान का पद है। जबकि लोकतािन्त्रक व्यवहार में प्रमुख विपक्षी दल के सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष को भी उचित सम्मान दिया जाता है। लेकिन मुख्यमन्त्री के निर्देश पर इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुये बसपा एजेन्ट की तरह वर्ताव किया है और समाजवादी पार्टी के सम्मानित नेताओं पर गन्दा पानी फिंकवाया, लाठियॉ चलाई तथा धक्का-मुक्की की। प्रशासन को याद रखना चाहिए कि यह अधिनायकशाही सरकार ज्यादा दिनो की मेहमान नहीं है। उन्हें अपने कार्यो के लिए जबाबदेही देनी होगी। अहिसंक आन्दोलन को कुचलना महंगा पडेगा।
श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद से सड़क तक जनता के हितों की लड़ाई लड़ी है। बढ़ती मंहगाई पर रोक के लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी की दाम बांधो नीति को अपनाने का सुझाव दिया था। केन्द्र और राज्य की सरकारें चूंकि पूंजी घरानों से संचालित हैं इसलिए उन्हें इसमें रूचि नहीं हैं। आज के जनान्दोलन का सारा घटनाक्रम राजभवन के पास घटा। इसलिए महामहिम राज्यपाल को चाहिए कि वे स्वंय इसका संज्ञान लेकर इस असंवैधानिक एवं लोकतन्त्र विरोधी मायावती सरकार को तत्काल विदा करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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