पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमत और मंहगाई को लेकर भारतीय जनता पार्टी, वामदल एवं समाजवादी पार्टी द्वारा आज भारत बन्द की उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कड़ी निन्दा करते हुए बन्द को पूरी तरह असफल करार दिया है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि विपक्षी दलों को पहले अपने गिरेहबां में झांकना चाहिए कि केन्द्र में जब 1997 में संयुक्त मोर्चा की सरकार में वामदल और समाजवादी पार्टी दोनों शामिल थी और वर्ष 2002 में राजग की सरकार थी, उस समय पेट्रोल, डीजल, किरासिन और रसोई गैस पर सिब्सडी खत्म करने की अधिसूचना जारी की गई थी। अगर इन अधिसूचनाओं को ज्यों का त्यों जारी किया गया होता तो आज किरासिन की कीमत 20रूपये प्रति लीटर और रसोई गैस की कीमत 525रूपये प्रति सिलेण्डर होती।
डॉ0 जोशी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को सरकारी नियन्त्रण से बाहर करने का सबसे पहले फैसला नवंबर1997 में किया गया था। तब यह फैसला करने वाली कैबिनेट में सीपीआई के दो वरिष्ठ मन्त्री इन्द्रजीत गुप्त और चतुरानन मिश्र, सपा के श्री मुलायम सिंह यादव(तत्कालीन रक्षा मन्त्री) और आरजेडी के तीन प्रतिनिधि शामिल थे। फैसले के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत की जिम्मेदारी तेल कम्पनियों का सौंपा जाना निश्चित हुआ था। उसके अनुसार मार्च2002 से पेट्रोल और डीजल की कीमत पूरी तरह से बाजार के मुताबिक तय होनी थी।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अपने को प्रगतिशील कहने वाली माक्Zसवादी कम्युनिष्ट पार्टी, सपा, सी.पी.आई और साम्प्रदायिक भाजपा के एक साथ आने से यह साफ हो गया है कि वे वैचारिक रूप से एक हैं और इनका असली चेहरा जनता के सामने उजागर हो गया है। यह सभी राजनीतिक दल कांग्रेस के खिलाफ किसी भी हद तक जाने को तैयार है। उन्होने बन्द को गैर कानूनी बताते हुए कहा कि ट्र्रेड यूनियन द्वारा अपनी मांगों को लेकर अगर बन्द का आहवान किया जाता है तो समझ में आता है किन्तु राजनीतिक दलों द्वारा बन्द करना मा0 उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का खुला उल्लंघन है। यह भी स्पष्ट हो गया कि विरोधी दलों में न्यायपालिका के लिए कोई सम्मान नहीं है। केन्द्र सरकार ने पेट्रो मूल्य मजबूरन बढ़ाये हैं क्योंकि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण ऐसा करना आवश्यक हो गया था। आज के बन्द से हिन्दुस्तान भर में हजारों करोड़ रूपये राजस्व का नुकसान हुआ है। विपक्षी दलों की जिन राज्यों में सरकारें हैं वहां राज्य सरकार प्रायोजित बन्द कराया गया है। स्थानीय जनता का बन्द में कोई भागीदारी न होने से मात्र राजनीतिक दलों के कुछ कार्यकर्ता ही शामिल रहे।
डॉ0 जोशी ने कहा कि राज्य सरकारों को पेट्रो पदार्थों पर वैट कम करना चाहिए ताकि पेट्रोल और डीजल की कीमत कम हो सके। भाजपा और सीपीएम की जहां-जहां सरकारें हैं वहां सार्वजनिक वितरण प्रणाली को समुचित ढंग से लागू करना चाहिए ताकि जनता को राहत मिले और केन्द्र सरकार द्वारा हजारों करोड़ रूपये की जो योजनाएं गरीब जनता के कल्याण हेतु लागू की गई हैं, उनका लाभ सही ढंग से जनता तक पहुंचे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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