केन्द्र स्तर पर लिम्बत परियोजनाओं के कारण प्रदेश के विकास को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही
उत्तर प्रदेश में केन्द्र सरकार के बन्द पड़े उद्योगों को पुनर्जीवित करने के लिए भी केन्द्र से शीघ्र सकारात्मक कदम उठाने का अनुरोध
केन्द्रीय कोयला मन्त्रालय प्राथमिकता पर बिजली परियोजनाओं के लिए राज्य को कोयले का कोटा आवंटित करे
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कानपुर व बिठूर के विकास के लिए 1339 करोड़ रूपये की स्वीकृत परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर
लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह से केन्द्र स्तर पर लंबित राज्य की विभिन्न विकास योजनाओं के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अपील करते हुए कहा है कि इन लिम्बत परियोजनाओं के कारण प्रदेश के विकास को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही है।
आज यहां जारी एक बयान में मुख्यमन्त्री ने उत्तर प्रदेश के विकास से जुड़ी कुछ ऐसी आवश्यकताओं की ओर प्रधानमन्त्री का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि इनके बारे में वे पूर्व में भी उनसे व्यक्तिगत रूप से भेंट कर तथा अनेक बार पत्र के माध्यम से अनुरोध कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि आबादी के दृष्टिकोण से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। प्रदेश सरकार अपने सीमित संसाधनों से राज्य का विकास करने तथा पिछड़ापन, क्षेत्रीय असन्तुलन, बेरोजगारी व गरीबी को दूर करने के सम्बन्ध में हर सम्भव प्रयास कर रही है।
मुख्यमन्त्री ने कानपुर के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा हर सम्भव मद्द करने के सम्बन्ध में प्रधानमन्त्री जी द्वारा आज दिये गये आश्वासन का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में स्थापित किये गये कई उद्योग आज बन्द पड़े हुए हैं, जिन्हें शीघ्र पुनर्जीवित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रधानमन्त्री से शीघ्र ही इस ओर विशेष ध्यान देकर इन बन्द पड़े उद्योगों को फिर से चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया।
मुख्यमन्त्री ने कहा है कि उत्तर प्रदेश को बिजली की समस्या विरासत में मिली है। जिसके सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा 18 जुलाई 2009 को एक श्वेत पत्र जारी किया गया था। जिसमें बिजली समस्या के कारण एवं उनके समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की विस्तार से जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को बिजली संकट से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाते हुए कोयला आधारित नये बिजली संयन्त्र स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जवाहरपुर (एटा), दोपाहा (सोनभद्र), ललितपुर तथा यमुना एक्सप्रेस वे परियोजनाओं के लिए कोल लिंकेज स्वीकृत किये जाने के प्रस्ताव केन्द्र सरकार के स्तर पर लंबित हैं।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि छ: कोल ब्लॉक के आवंटन का भी प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है तथा केन्द्रीय कोयला मन्त्रालय से प्राथमिकता के आधार पर राज्य सरकार के लिए कोयले का कोटा आवंटित किये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान में 48 हजार मेगावट क्षमता के 12 अल्ट्रामेगा पावर प्रोजेक्ट देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित कराये जा रहे हैं, किन्तु राज्य सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में बार-बार किये गये अनुरोध के बावजूद उत्तर प्रदेश के लिए एक भी अल्ट्रामेगा पावर प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं किया गया है।
मुख्यमन्त्री ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने घाटमपुर और बिल्हौर में स्थापित होने वाली बिजली उत्पादन परियोजनाओं के सम्बन्ध में एन0टी0पी0सी0 तथा अन्य कम्पनियों से प्रदेश के लिए 90 प्रतिशत बिजली दिये जाने के सम्बन्ध में अनुरोध किया गया है, किन्तु केन्द्र सरकार की यह कम्पनियां इसके लिए तैयार नहीं हैं। इस लिए यह कहना गलत है कि राज्य सरकार इन बिजली परियोजनाओं के प्रस्ताव को लंबित रखे हुए है। उन्होंने कहा कि इन बिजली इकाईयों की स्थापना में भूमि, जल आदि विभिन्न संसाधनों की व्यवस्था चूंकि प्रदेश सरकार को करनी होगी, इसलिए प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा बिजली दिये जाने की मांग पूर्णत: औचित्य पूर्ण है।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि भोगनीपुर में निजी क्षेत्र में स्थापित होने वाले 2000 मेगावाट क्षमता की बिजली परियोजना द्वारा प्रदेश को 90 प्रतिशत बिजली देने की वचनबद्धता दी गई है। इसलिए प्रदेश की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए बिजली उत्पादन सम्बन्धी ऐसी प्रत्येक परियोजना के लिए प्रदेश सरकार सहमत है, जिसके तहत राज्य की जनता को अधिक से अधिक बिजली मिल सके। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसी परियोजनाओं को हर सुविधा देने को तैयार हैं।
मुख्यमन्त्री ने कहा कि जहां तक कानपुर नगर के विकास का प्रश्न है तो उसके लिए उनकी सरकार अपने सीमित संसाधनों से शहर में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रयत्नशील है। कानपुर नगर व धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थल बिठूर के विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत 1339 करोड़ रूपये की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इसमें सड़कों का निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण, पेयजल, गंगानदी पर सेतु, सीवरेज व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट, आवासों का निर्माण, पार्कों का सौन्दर्यीकरण, बिजली व्यवस्था, बिठूर के घाटों का सौन्दर्यीकरण तथा पर्यटन तथा ऐतिहासिक धरोहरों का जीर्णोद्वार कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को कानपुर के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाते हुए कानपुर नगर के अवस्थापना विकास से जुड़ी विभिन्न लंबित परियोजनाओं को अविलम्ब मंजूरी दे देनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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