अमेरिकी अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की बौद्धिक क्षमता होती है कम
न्यूयॉर्क - अगर आप अपना आईक्यू बढ़ाना चाहते हैंए तो सिगरेट से नाता तोड़ लेने में ही भलाई होगी। एक नए अध्ययन के मुताबिक धूम्रपान करने वालों की बौद्धिक क्षमता धीरे.धीरे कम होती जाती है। अमेरिकी शोधकर्ता इस्त्राइली सेना के 20,000 से ज्यादा जवानों पर किए गए रिसर्च के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने पाया कि हम जितना ज्यादा धूम्रपान करते हैंए हमारा आईक्यू उतना ही कमजोर होता जाता है।
101 अंक रहा नॉन स्मोकर्स का आईक्यू
प्रमुख शोधकर्ता डा. मार्क वीजर के अनुसार रिसर्च में शामिल 28 फीसदी प्रतिभागी रोजाना कम से कम एक सिगरेट जरूर सुलगाते थे। बाकी चार फीसदी लोग स्मोकिंग से तौबा कर चुके थे, जबकि 68 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कभी सिगरेट को हाथ ही नहीं लगाया था। उन्होंने बताया कि आईक्यू टेस्ट में नॉन स्मोकर्स ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनकी झोली में सर्वाधिक 101 अंक गिरे। वहींए कुछ माह पहले सिगरेट से दोस्ती करने वालों का आईक्यू लेवल 94 अंक पर रहा। वीजर की मानें तो जैसे-जैसे सिगरेट की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता कम हो जाती है। रोजाना एक या उससे ज्यादा पैकेट सिगरेट पीने वाले युवाओं का आईक्यूए धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में 7ण्5 अंक कम था। औरों के मुकाबले ऐसे लोगों में तनाव की आशंका भी ज्यादा थी। उन्होंने ‘जरनल एडिक्शनश् में कम आईक्यू वाले प्रतिभागियों को धूम्रपान रोकथाम कार्यक्रम में शामिल किए जाने की हिदायत दी। ताकि वे धीरे-धीरे स्मोकिंग की लत से छुटकारा पा सकें।
Vikas Sharma
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