लखनऊ - उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती जी ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले, नकली एवं अधोमानक औषधियों के निर्माण एवं बिक्री करने वालों के विरूद्ध सख्त रूख अपनाने के निर्देश खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग को दिये थे। मुख्यमन्त्री के निर्देष के क्रम में खाद्य एवं औषधि प्रशासन, सचिवालय प्रषासन तथा सूचना विभाग के प्रमुख सचिव श्री विजय शंकर पाण्डेय ने आज यहॉ खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की गहन समीक्षा की।
श्री पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देषित किया कि मुख्यमन्त्री जी की इच्छा के अनुरूप प्रदेश में मिलावटखोरों तथा नकली एवं अधोमानक दवाओं की बिक्री करने वालों एवं निर्माताओं के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक प्रतिबन्धित दवाओं की बिक्री करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये तथा ऐसे लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर उन्हें जेल भेजा जाये।
श्री पाण्डेय ने कहा कि गोपनीय सूचना एवं छापों के आधार पर जिन मिलावटखोरों के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण एकत्रित किये जा चुके हैं, ऐसे दोशी लोगों के खिलाफ तत्काल कठोर कार्यवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि राज्य में विषुद्ध खाद्य पदार्थों एवं प्रमाणिक औषधियों की ही बिक्री की जाये। उन्होंने कहा कि प्रतिबन्धित दवायें यदि किसी भी दुकान या स्थान पर संग्रहीत, निर्मित या बिक्री करते हुए पाये जाते हैं, तो सम्बन्धित के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर कार्यवाई सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि नार्कोटिक्स एवं साइकोट्रापिक (शिड्यूल एच) तथा शेड्यूल एक्स औषधियां चिकित्सक के पर्चे पर ही बेची जायें, चिकित्सक के पर्चे की प्रति भी अनुरक्षित की जाये तथा इनका लेखा-जोखा भी दुकानदार अनिवार्य रूप से अलग रजिस्टर पर अंकित करें, ताकि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण के दौरान गहन छान-बीन की जा सके। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आगाह किया कि निरीक्षण के दौरान, यदि वे अपने दायित्वों के निर्वहन में कोई लापरवाही अथवा अनदेखी करते हैं, तो उन्हें बख्षा नहीं जायेगा और उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
प्रमुख सचिव ने मानव उपयोग के लिये घातक आक्सीटोन की अवैध बिक्री पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने औषधि निरीक्षकों को इस प्रकार की दवाओं की बिक्री पर कड़ी नज़र रखने की सख्त हिदायत देते हुए कहा कि यदि ऐसी दवायें कहीं भी अवैध रूप से बिक्री व संग्रहीत करते हुए पाई जाती हैं, तो ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने विभाग के वरिश्ठ अधिकारियों को निर्देश दिये कि यदि औषधि निरीक्षक अपने दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरततें हुए पायें जायें, तो उनके खिलाफ तत्काल वैधानिक एवं आपराधिक धाराओं के तहत कार्यवाही की जाये।
कैल्सियम कार्बाइड, ऐसिटलीन गैस, इथेन, एथीफोर्न, राइपेनिंग हार्मोन आदि रसायनों की चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि इन रसायनों का उपयोग बड़ी मात्रा में फलों एवं सब्जियों को आप्राकृतिक रूप से पकानें में किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये रसायन मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त ही घातक हैं, इनसे कैन्सर, अस्थमा एवं अन्य जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने इस प्रकार के घातक रसायनों की फलों एवं सब्जियों को पकाने के उपयोग पर तत्काल प्रतिबन्ध लगाने के निर्देश दिये।
श्री पाण्डेय ने कहा कि इसी प्रकार यदि प्रतिबन्धित घातक रसायनों के रंगों से सब्जियों को भी कलर किया जाता हुआ पाया जाये, तो ऐसी सब्जियों एवं फलों के विक्रेताओं के खिलाफ कठोर कार्यवाई सुनिश्चित करने के निर्देश खाद्य निरीक्षकों को दिये। उन्होंने कहा कि यदि घातक रसायनों से रंगे हुए फलों एवं सब्जियों को बिकता हुआ पाया जाये, तो इसके लिये जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध सख्त कार्यवाई करते हुए, उन्हें जेल भेजा जाये।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि अपमिश्रित खाद्य पदार्थों एवं औषधियों की बिक्री करने वाले संगठित अपराधियों एवं माफियाओं के खिलाफ कार्य योजना के अनुसार त्वरित कार्यवाही हेतु पुलिस एवं स्थानीय अभिसूचना इकाई से समन्वय स्थापित करते हुए कार्यवाई की जाये। इस क्रम में थोक विक्रेता के साथ ही साथ फुटकर विक्रेताओं के समस्त चयन को ध्वस्त करते हुए सभी सम्मिलित अपराधियों एवं माफियों की पहचान करते हुए इनके विरूद्ध आई0पी0सी0 की धारा के तहत जेल भेजने की कार्यवाई की जाये। इसके साथ ही मिलावटखोरी तथा नकली दवाइयों के निर्माण में संलिप्त अन्तर जनपदीय अपराधियों एवं माफियों के विरूद्ध भी कार्यवाई करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के टास्क फोर्स को अधिक प्रभावी बनाया गया है, ताकि संगठित अपराधियों एवं माफियाओं के विरूद्ध कड़े कदम उठाये जा सकें। उन्होंने कहा कि ऐसे मिलावटखोरों के डोजियर भी बनाये जायें, ताकि उनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाई की जा सके।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिया कि खाद्य एवं औषधि के नमूने फौरी तौर पर खानापूर्ति के लिये एकत्रित नहीं किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि इससे प्रयोगशालाओं पर अनावष्यक बोझ पड़ता है और कार्य की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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