Posted on 08 July 2010 by admin
प्रत्येक जिले में साइंस पार्क की रूपरेखा शीघ्र तैयार करें -अब्दुल मन्नान
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मन्त्री श्री अब्दुल मन्नान ने वैज्ञानिक जागरूकता के कार्यक्रमों के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि व्यक्तिगत रूचि लेते हुए जन-मानस में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य किया जाये।
श्री मन्नान कल शाम अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सण्डीला साइंस पार्क की प्रगति की समीक्षा करते हुए प्रत्येक जिले में साइंस पार्क बनाने के लिए शीघ्र ही प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सण्डीला साइंस पार्क को शीघ्र ही पूर्ण किया जाना चाहिए।
श्री मन्नान ने नैचुरल वाटर बॉडीस को चििन्हत करके उन्हें संरक्षित करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री बृजमोहन मीणा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी अधिकारी स्वयं आगे बढ़कर नये-नये प्रस्ताव तैयार करें और जन-जागरण कार्यक्रमों की शुरूआत करें। उन्होंने समयबद्ध कार्यक्रमों को निश्चित समय सीमा के अन्दर ही पूरा करने के निर्देश दिये।
बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद से सम्बन्धित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के चयनित क्षेत्रों में शोध कार्यक्रमों की योजना एवं उनकी प्रगति पर भी विचार विमर्श किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 08 July 2010 by admin
जनपद में बन रहे शहरी गरीबों के लिए कांशीराम शहरी आवास के भ्रश्टाचार में विद्युत कनेक्शन, खिड़की/दरवाजा, पानी आदि समस्या को लेकर अभी एक दिन पहले कई समाजसेबी संगठनो ने आवासों में हो रहे मनमानी ढ़ंग से वसूली व सरकार के आदेशो का सही पालन न करने पर जिलाधिकारी पिंकी जोवेल ने आज खुद कांशीराम आवासों का निरीक्षण किया । आवासों में विद्युत कनेक्सन के लिए जा रहे पन्द्रह सौ रूप्ये लेने की बात पर सम्बन्धित अधिकारी को सही ढंग से काम करने का निर्देश देते हुए जॉच करने का आदेश देते हुए नालियो के जल निकासी हेतु ड्रेन का सर्वे कर ड्रेन की समुचित व्यवस्था, आवासों के दक्षिण तरफ रिक्त भूमि पर सौन्दयीZकरण, प्रथम, द्वितीय, व तृतीय तल के भवनो में पानी की समुचित व्यवस्था, जो आवास आवंटित नही है उन्हे लाक करने, सोसाइटी का गठन, पानी की टकिंयो का ढक्कन, हिन्दी, उर्दू में दरवाजे पर आवंटी का नाम लिखना, जिन आवटिंयो ने अभी तक कब्जा नही लिया है उन्हे नोटिस देकर 15 दिन के अन्दर उनका कब्जा कराना तथा कब्जा न करने पर उनका आवंटन निरस्तीकरण की कार्यवाही कराना तथा दो ब्लाकों के बीच में एक हैड़पम्प उपयुक्त स्थल पर कराने की व्यवस्था के निर्देश दिया। इस अवसर पर जिलाधिकारी के साथ मुख्य राजस्व अधिकारी, उपजिलाधिकारी सदर, अधिशाशी अभियन्ता विद्युत प्रथम, अधिशाशी अभियन्ता जल निगम, सहायक अभियन्ता उ0प्र0 आवास विकास परिशद,परियोजना अधिकारी डूडा आदि मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 08 July 2010 by admin
आने वाले समय में बुंदेलखंड दुनिया की बेशकीमती धातु ‘प्लैटिनम’ के लिए भी जाना जाएगा। झाँसी मंडल के ललितपुर जिले में प्लैटिनम के भंडार का पता चला है। यह खोज भविष्य में बुंदेलखंड की किस्मत बदल सकती है। झाँसी मंडल के ललितपुर जिले से 85 किलोमीटर दूर इकोना गांव में इन धातुओं का पता चला है। उत्तर प्रदेश के खनन विभाग को इकोना गांव में प्लैटिनम समूह की कीमती धातुओं- पैलेडियम, इरीडियम तथा ओसमियम को होने का पता चला है। यहां से मिले प्लैटिनम की तासीर 10.4 ग्राम एक टन मिट्टी से प्राप्त होने वाले प्लैटिनम की मात्रा है। जबकि इसकी गुणवत्ता औसतन 5.5 ग्राम प्रति टन है। देश में इस गुणवत्ता वाला प्लैटिनम अभी कहीं नहीं मिला है। खास बात यह है कि राज्य के खनन विभाग को बेशकीमती धातु का खजाना जमीन की सतह पर ही उपलब्ध हो गया। वैसे उड़ीसा में प्लैटिनम समूह की विभिन्न धातुओं का लगभग 15 टन का भंडार मौजूद है। इसमें से 54 फीसदी भंडार को निकालने का आकलन होना बाकी है। बेशकीमती प्लैटिनम का उपयोग जहां आभूषणों में होता है, वहीं पैलेडियम का उपयोग कीमोथैरेपी में किया जाता है। उत्तर प्रदेश के जियोलॉजी व माइनिंग विभाग ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि बुंदेलखंड में प्लैटिनम समूह की विभिन्न धातुओं की खोज हुई है। राज्य सरकार को इकोना गांव में 1.5 किलोमीटर लंबे तथा 400-500 मीटर चौड़े दायरे में प्लैटिनम का भंडार मिला है। खनन विभाग को जमीन से 250 मीटर नीचे तक प्लैटिनम समूह की विभिन्न धातुओं का पता चला है। ललितपुर के अलाबा बुंदेलखंड के छह अन्य जिले हमीरपुर, बांदा, महोबा, झांसी, चित्रकूट तथा जालौन में भी उत्तर प्रदेश का खनन विभाग सोना, चांदी, निकेल, क्रोमियम, यूरेनियम, एसबेस्टस, चाइना क्ले आदि के भंडार का पता लगा रहा है।
प्लैटिनम का मेल्टिंग प्वाइंट काफी ऊंचा 1768.3 डिग्री सेल्सियस होता है। लिहाजा इसे कंप्यूटर सहित महंगे इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाने में प्रयोग किया जाता है। किसी धातु का मेल्टिंग प्वाइंट वह तापमान है जिस पर वह गलना शुरू हो जाती है। प्लैटिनम के आभूषण भी बनते हैं। अपने देश में उपलब्धता कम होने की वजह से इसकी कीमत अधिक है। सोने से भी ज्यादा कीमती प्लैटिनम एक बहुमूल्य धातु है। बाजार में इसकी कीमत सोने से भी अधिक आंकी जाती है। इस समय इसकी कीमत 23 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से अधिक है। जबकि सोना इस समय 19 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास है। देश में प्लैटिनम सर्वाधिक उड़ीसा और कर्नाटक में पाया जाता है। विश्व स्तर पर कनाडा एवं दक्षिण अफ्रीका इसके चल क्षेत्र समझे जाते हैं।
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Vikas Sharma
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Posted on 08 July 2010 by admin
उत्तर प्रदेश में विकास की मुख्य धारा से दलितों को जोड़ने के लिए संचालित डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के कार्यक्रमों के अन्तर्गत चयनित सभी ग्रामों में सम्पर्क मार्ग, सी0सी0रोड एवं मजरों के कार्य, स्वच्छ पेयजल, शौचालयों के निर्माण, ग्रामीण विद्युतीकरण, डा0 अम्बेडकर सामुदायिक केन्द्रों के निर्माण एवं आवास हीन को आवासीय पट्टा एवं भूमिहीन को कृषि भूमि दिलाने आदि के कार्य निर्धारित अवधि में शीघ्र पूरा किये जायें। इन ग्रामों में चिकित्सकों की उपलब्धता एवं एन0एम0सेन्टर हों जिससे ग्रामीणों को चिकित्सा का लाभ मिल सके।
डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना के राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री रतन लाल अहिरवार ने यह निर्देश आज यहॉ विभागीय समीक्षा बैठक में सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने समीक्षा में मुख्यत: वर्ष 2008-09, वर्ष 2009-10 वर्ष 2010-11 की कार्यों की प्रगति एवं अवशेष कार्यों तथा नक्सल प्रभावित जनपदों में संचालित कार्यक्रमों की भी समीक्षा की।
डा0 अम्बेडकर ग्राम्य सभा विकास के अधिकारियों ने अवगत कराया कि वर्ष 2008-09 का जनपद बस्ती ग्राम सभा का सम्पर्क मार्ग निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। हमीरपुर का पतारा का कार्य स्वीकृत हो गया है। वर्ष 2009-10 में लक्षित ग्रामों में मंजरों का सन्तृप्तीकरण का कार्य लगभग शत प्रतिशत किया जा चुका है सिर्फ चित्रकूट एवं गाजियाबाद में एक-एक मजरा अवशेष है एवं यह कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा। वर्ष 2010-11 में चयनित सम्पर्क मागोंZ एवं मंजरों आदि के कार्य प्रगति पर है।
प्रमुख सचिव श्री बलविन्दर कुमार ने कहा कि उपलब्ध धनराशि के अनुसार मंजरों को सन्तृप्त किया जाये। उन्होंने सभी कार्यों की गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय पर कराने के निर्देश दिये।बैठक में विशेष सचिव एवं निदेशक सुश्री मंजू चन्द्रा एवं सम्बन्धित सभी विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 08 July 2010 by admin
महामाया गरीब बालिका आशीZवाद योजना के अन्तर्गत 35624 बालिकाएं लाभािन्वत
महामाया नगर एवं बलिया के जिला कार्यक्रम अधिकारी का स्पष्टीकरण
आंगनबाड़ी एवं सहायिका कार्यकत्री के रिक्त पदों पर 31 जुलाई तक नियुक्ति करें
बिजनौर एवं श्रावस्ती जिलों में नई मण्डी समिति का निर्माण कराया जाये
-इन्द्रजीत सरोज
महामाया गरीब बालिका आशीZवाद योजना के अन्र्तगत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले (बी0पी0एल0) परिवार में पहली बालिका जन्म का होने पर एक मुश्त 21750 रूपये 18 वर्ष के लिए विभाग द्वारा फिक्स डिपाजिट किये जायेंगे और बालिका के 18 वर्ष की आयु तक आविवाहित रहने की स्थिति में जमा धनराशि जो लगभग एक लाख रूपये हो जायेगी का भुगतान किया जायेगा। बी0पी0एल0 परिवार में जन्मी दूसरी बालिका (जब दूसरी सन्तान भी बालिका ही हो) या प्रथम एवं द्वितीय प्रसव में एक से अधिक बालिकाएं जन्म लेती हैं, तो उन सभी बालिकाओं को तथा पात्र परिवार द्वारा अनाथ बालिका को कानूनन गोद लिये जाने की दशा में उसे प्रथम बालिका मानते हुए महामाया गरीब बालिका आशीZवाद योजना के अन्तर्गत लाभािन्वत किया जायेगा।
यह बात आज यहां मण्डी परिषद सभागार में बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में समाज कल्याण, कृषि विपणन, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मन्त्री श्री इन्द्रजीत सरोज ने कही। उन्होंने ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब ऐसी बालिकाओं को भी योजना का लाभ मिलेगा जिनके दादा दादी/ परदादा-परदादी का नाम बी0पी0एल0सूची में है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में जहां बी0पी0एल0 कार्ड अथवा अन्त्योदय कार्ड के आधार पर महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना का लाभ दिया जा रहा था, अब वहां भी ऐसी बालिकाओं को योजना का लाभ मिलेगा, जिनके दादा दादी/ परदादा-परदादी के नाम वी0पी0एल0 कार्ड अन्त्योदय कार्ड होंगे। यह लाभ उस बालिका को तभी मिलेगा जब उसके माता- पिता, दादा-दादी/परदादा-परदादी पर पूर्णत: आश्रित होंगे, और उसी परिवार में सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में बी0पी0एल0 परिवार में जन्मी 35624 गरीब बालिकाओं को लाभािन्वत करते हुए सावधि प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। समस्त जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी पात्र परिवार इस योजना से वंचित न रह जाये। चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतते हुए पात्र परिवारों की बालिकाओं का ही चयन किया जाये।
श्री सरोज ने बताया कि 21 अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में चलाये जा रहे मल्टी सैक्टोरल योजना के तहत स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराया जाये और अधिकारी निर्माणाधीन केन्द्रों का दौरा कर गुणवत्ता सुनिश्चित करायें। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जाये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विकास खण्ड स्तर पर संचालित बाल विकास परियोजना में नवसृजित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की तथा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का भी चयन प्रत्येक दशा में 31 जुलाई तक कर लिया जाये। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग एवं स्वतन्त्रा संग्राम सेनानियों के आश्रितों के आरक्षण में प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेशों का अनुपालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाये।
श्री सरोज ने निर्देश दिये कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका के रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति कर दी जाये। सभी नियुक्तियां 31 जुलाई तक अवश्य पूर्ण कर ली जाये। उन्होंने बताया कि मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सिर्फ मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री की ही भर्ती की जायेगी। उन्होंने निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार श्री देवेन्द्र नाथ वर्मा को बलिया एवं महामाया नगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी की प्रगति ठीक न होने पर स्पष्टीकरण तलब कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मण्डी परिषद की समीक्षा करते हुए श्री सरोज ने कहा कि जनपद बिजनौर एवं श्रावस्ती में नई मण्डी समिति का निर्माण कराया जाये। प्रदेश में मण्डी परिषद द्वारा बनाये जा रहे स्पेशलाइज्ड मार्केटों के निर्माण की स्थित ठीक नहीं है। इनके निर्माण कार्यों में तेजी लायी जाये और जहां अभी तक भूमि अधिग्रहित नहीं की जा सकी है वहां शीघ्र भूमि का अधिग्रहण कर आगणन उपलब्ध करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि भूमि का चयन मार्केट की उपलब्धता एवं स्थानीय आवश्यकताओं के मद्देनज़र किया जाये ताकि किसानों को व्यापक लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि कृषि वर्ष 2009-10 में प्रदेश की मण्डी समितियों में प्राथमिक आवक 328.94 लाख मी0टन तथा कुल आवक 417.37 लाख मी0टन हुई जो गतवर्ष की इसी अवधि की तुलना में क्रमश: 5.3 एवं 5 प्रतिशत अधिक रहा। उन्होंने बताया कि मण्डी शुल्क से 569.72 करोड़ रूपये की आय हुई है जो गत वर्ष इसी अवधि की तुलना में प्राप्त मण्डी शुल्क रूपये 454.77 करोड़ से 114.95 करोड़ रूपये अधिक है। उन्होंने बताया कि कृषि वर्ष 2009-10 में कुल आय 771.62 करोड़ हुई जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में प्राप्त कुल आय 619.30 करोड़ रूपये से 152.32 करोड़ रूपये अधिक है। मण्डी शुल्क को और अधिक बढ़ाया जाय। मण्डी शुल्क अपवंचन को रोकने के लिए प्रवर्तन कार्य पर विशेष बल दिया जाय तथा अवैध वाहनों को पकड़कर शमन शुल्क वसूल किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 08 July 2010 by admin
ऊसर एवं बीहड़ भूमि सुधार से खाद्यान्न उत्पादकता बढ़ेगी
सरकार गॉव-गिरांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध
बीहड़ सुधार कार्यशाला सम्पन्न - रामपाल वर्मा -राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार)
भूमि सुधार निगम, सोडिक लैन्ड रिक्लेमेशन तृतीय परियोजना के अन्तर्गत बीहड़ सुधार के पाइलेट प्रोजेक्ट में रमाबाई नगर तथा फतेहपुर जनपद के चििन्हत ग्रामों के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लघु तथा सीमान्त कृषकों के विकास हेतु सत्त प्रयासरत है। बीहड़ क्षेत्र में अनेक कठिनाईयॉ हैं। वहॉ पर कानून व्यवस्था ठीक हुई है। कृषि में विकास एवं सुधार के लिए प्रदेश सरकार विश्व बैंक के साथ मिलकर अच्छा कार्य करने को प्रतिबद्ध है। यह बात परती भूमि विकास राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री रामपाल वर्मा ने आज यहॉ होटल ताज में बीहड़ सुधार कार्यशाला का उद्घाटन कर अपने सम्बोधन में कही। उन्होंने कहा कि खेती किसानी की कारगर तकनीक को जन-जन तक पहुंचाया जाय। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी बल्कि प्रदेश एवं खाद्यान्न उत्पादन बढे़गा।
श्री वर्मा ने कहा कि 967 करोड़ रूपये की विश्व बैंक सहायतित इस परियोजना से चयनित 25 जिलों में 1.30 लाख हेक्टेयर ऊसर भूमि तथा इन्हीं में दो जिलों की 5000 हेक्टेयर बीहड़ भूमि का सुधार होगा। जिससे इस क्षेत्र के लोगों को सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति बदल सकेगी। वर्ष 2009-10 से 31 दिसम्बर 2015 तक परियोजना अवधि में 2.40 लाख अभ्यार्थियों को लाभािन्वत किया जायेगा। उन्होंने विश्व बैंक के अधिकारियों को, गुणवत्तायुक्त कार्य होने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने खेती एवं पशुपालन की नई तकनीकी जानकारी से युक्त पत्रिका ´´भूमित्र´´ का विमोचन भी किया।
कृषि उत्पादन आयुकत श्री आर0केे0शर्मा ने कहा कि लाभार्थियों के सक्रिय सहयोग से परियोजना को वास्तविक धरातल पर उतारा जाय। निगम एवं किसानों के बीच अच्छा दो तरफ सम्वाद होना चाहिए। जिससे किसानों की आय तथा उत्पादकता बढ़े। उन्होंने कहा कि इससे बीहड़ क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियॉ लगभग समाप्त होगी और क्षेत्रवासियों की दुश्वारियॉ घटेगी।
प्रमुख सचिव श्री योगेश कुमार ने कहा कि जनसंख्या बढ़ने के साथ खाद्यान्न की बढ़ोत्तरी आवश्यक हो गई है। भूमि सुधार की प्रथम एवं द्वितीय परियोजनाएं विश्व बैंक की नज़र में सफल रही है तभी तृतीय परियोजना के संचालन की घोषणा विश्व बैंक ने की है। उन्होंने कहा कि इससे लघु सीमान्त किसानों की गरीबी दूर होगी। कृषि, पंचायत राज, ग्राम्य विकास एवं पशुपालन मिलकर इस तरह प्रयास करें कि जो परिवार एक बार गरीबी रेखा से ऊपर उठ जायें, वह दुबारा गरीबी रेखा से नीचे न आयें।
विश्व बैंक के वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ डा0 पी0एस0सिद्धू ने इस बात पर बल दिया कि विश्व बैंक वित्त पोषित इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बीहड़ भूमि को कृषि योग्य बनाकर उसमें फसलोत्पादन के साथ-साथ अन्य आय जनित गतिविधियों को प्रारम्भ किया जाय। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा में भूमि सुधार के साथ लोगों को नई तकनीकी जानकारी भी दी गई। जिससे दोनों राज्यों ने कृषि उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित किये। उ0प्र0, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में बीहड़ सुधार कार्यक्रम चलेगा। सचिव पशुधन डा0 हरिशरण दास ने कहा कि किसान की आय बढ़ाने में पशुपालन का भी बड़ा महत्व है। गॉव में लोगों को उत्तम पशु प्रबन्धन की तकनीक के बारे में सिखाना अत्यन्त आवश्यक है। उत्तम नश्ल, रोग नियन्त्रण तथा चारे की व्यवस्था में पशुपालन विभाग भूमि सुधार निगम को पूरा सहयोग करेगा।
प्रबन्ध निदेशक श्रीमती आराधना शुक्ला ने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट की रणनीति बनाने के लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ तथा किसान भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि के घटते क्षेत्र का विकल्प सघन कृषि तथा उत्पादकता बढ़ायी जाय या अकृषि भूमि को कृषि योग्य बनाया जाय। उन्होंने कहा कि 1993 में ऊसर सुधार की पहली परियोजना शुरू हुई थी। वर्ष 1999 में तीन गुना लक्ष्य बढ़ाकर दूसरी परियोजना शुरू हुई। इनसे 3.75 लाख परिवार आच्छादित हुए। इसके बाद भी इसकी आवश्यकता को देखते हुए विश्व बैंक ने तीसरी परियोजना को मंजूरी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 25 जनपदों में लगभग 93 प्रतिशत लघु एवं सीमान्त कृषक लाभािन्वत होंगे बीहड़ सुधार में छिछली तथा मध्यम गहरी घाटियों को उपचारित किया जायेगा। अध्यक्ष भारतीय मृदा संरक्षण समिति डा0 सूरज भान ने कहा कि इस कार्यशाला से बीहड़ सुधार का एक ऐसा कार्यक्रम बनेगा जो सहभागिता पर आधारित खेती करने का एक माडल के रूप में कार्य करेगा।
इस अवसर पर विश्व बैंक के प्रतिनिधि डा0 अनुपम जोशी, पूर्व कृषि निदेशक श्री के0बी0सिंह, संयुक्त प्रबन्ध निदेशक श्री जे0पी0सिंह आदि ने अपने विचार व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 08 July 2010 by admin
उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मन्त्री श्री लालजी वर्मा ने कहा है कि अगस्त माह में आहूत किये गये विधान मण्डल सत्र के लिए विभागीय अधिकारी जनकल्याणी कार्यों के लिए अनुपूरक बजट सम्बन्धी सुसंगत प्रस्ताव तैयार करेंं। सम्बन्धित विभाग से आवश्यक टिप्पणी प्राप्त कर उसका परीक्षण भी करें।
वित्त विभाग की समीक्षा कर रहते हुए वित्त मन्त्री ने पेंशन सम्बन्धी मामलों को शीघ्रता से निस्तारण करने तथा अनुशासनिक कार्यवाही सम्बन्धी मामलों को गुण-दोष के आधार पर त्वरित निस्तारण करने हेतु विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने स्थानीय निधि लेखा परीक्षा, सहकारी समितियॉ एवं पंचायत लेखा संगठन को अपने-अपने विभाग सम्बन्धी आडिट कार्यों में तेजी लाने तथा उसकी अनुपालन आख्या पर समयबद्ध कार्यवाही करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने न्यायालय सम्बन्धी आदेशों का पालन करने, आवश्यकतानुसार प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने तथा अनिस्तारित वादों के निस्तारण हेतु प्रभावी पैरवी करने के भी निर्देश दिये।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव वित्त, श्री अनूप मिश्रा के अलावा सचिव वित्त, विशेष सचिव एवं निदेशक पेंशन उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 07 July 2010 by admin
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मन्त्री श्री रंगनाथ मिश्र ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शैक्षिक गुणवत्ता में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं होनी चाहिए, सम्पूर्ण वर्ष का भ्रमण कार्यक्रम बनाया जाये जिससे प्रदेश में शिक्षा का अच्छा माहौल बने।
श्री मिश्र आज यहां राज्य सांक्षरता मिशन प्राधिकरण के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाईस्कूल/इण्टरमीडिएट के वर्ष 2010 के परीक्षा परिणाम निकल गये हैं। सावित्रीबाई फुले शिक्षा मदद योजना के लिये बालिकाओं के आवेदन पत्र प्राप्त कर पात्र छात्राओं को योजना का लाभ दिलाया जाये। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को प्रबन्धतन्त्र द्वारा ज्वाइन न कराये जाने पर कहा कि प्रबन्धतन्त्र के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
माध्यमिक शिक्षा मन्त्री ने विद्यालय भवनों के निर्माण में हो रहे विलम्ब पर सम्बंधित निर्माण एजेन्सी के साथ बैठक करने एवं अवशेष कार्यों का मूल्यांकन करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यदि मौंके पर कराया गया कार्य और भुगतान की स्थिति सन्तोषजनक पाई जाये, तभी पुनरीक्षित धन देने पर विचार किया जाये। उन्होंने सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन एवं अन्य देयकों का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में अभी प्रबन्धतन्त्र की बहाली नहीं हुई है, उनमें तत्काल प्रबन्धतन्त्र की बहाली कराई जाये।
सचिव जितेन्द्र कुमार ने कहा कि सभी मण्डलीय/जिलास्तरीय अधिकारी नये शैक्षणिक सत्र से शैक्षणिक गतिविधियों पर ध्यान रखें जिससे छात्र/छात्राओं को प्रवेश से परीक्षा तक किसी प्रकार की परेशानी न हो।
बैठक में निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री संजय मोहन एवं शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा जिला/मण्डलीय अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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Posted on 07 July 2010 by admin
उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा राज्य मन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) श्री सदल प्रसाद ने यू0पी0टी0यू0 काउिन्सलिंग में पादर्शिता बनाये रखने के कड़े निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि काउिन्सलिंग समय से करायी जायं। उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुऐट परीक्षाओं के लिम्बत परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित करने के निर्देश दिये।
श्री प्रसाद आज यहां यू0पी0टी0यू0 के सभागार में आयोजित विभागीय कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रैंगिंग एक्ट प्रचार-प्रसार काउिन्सलिंग के समय भी किया जायं ताकि हर छात्र को यह जानकारी हो जाय कि रैंगिंग करने पर दो वर्ष की सजा, सात साल का निष्कासन व 10,000 रुपये जुर्माना हो सकता है।
श्री प्रसाद ने कहा कि स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के तहत चारों इंजीनियरिंग संस्थानों का संचालन प्रारम्भ करने में तेजी लायी जाय ताकि इसी सत्र से प्रवेश प्रारम्भ हो जाय। इसके अतिरिक्त बैठक में संस्थानों में सृजित शैक्षिक पद तथा उसके सापेक्ष रिक्तियों व अन्य विषयों पर चर्चा की गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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