महामाया गरीब बालिका आशीZवाद योजना के अन्तर्गत 35624 बालिकाएं लाभािन्वत
महामाया नगर एवं बलिया के जिला कार्यक्रम अधिकारी का स्पष्टीकरण
आंगनबाड़ी एवं सहायिका कार्यकत्री के रिक्त पदों पर 31 जुलाई तक नियुक्ति करें
बिजनौर एवं श्रावस्ती जिलों में नई मण्डी समिति का निर्माण कराया जाये
-इन्द्रजीत सरोज
महामाया गरीब बालिका आशीZवाद योजना के अन्र्तगत उत्तर प्रदेश के मूल निवासी एवं गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले (बी0पी0एल0) परिवार में पहली बालिका जन्म का होने पर एक मुश्त 21750 रूपये 18 वर्ष के लिए विभाग द्वारा फिक्स डिपाजिट किये जायेंगे और बालिका के 18 वर्ष की आयु तक आविवाहित रहने की स्थिति में जमा धनराशि जो लगभग एक लाख रूपये हो जायेगी का भुगतान किया जायेगा। बी0पी0एल0 परिवार में जन्मी दूसरी बालिका (जब दूसरी सन्तान भी बालिका ही हो) या प्रथम एवं द्वितीय प्रसव में एक से अधिक बालिकाएं जन्म लेती हैं, तो उन सभी बालिकाओं को तथा पात्र परिवार द्वारा अनाथ बालिका को कानूनन गोद लिये जाने की दशा में उसे प्रथम बालिका मानते हुए महामाया गरीब बालिका आशीZवाद योजना के अन्तर्गत लाभािन्वत किया जायेगा।
यह बात आज यहां मण्डी परिषद सभागार में बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में समाज कल्याण, कृषि विपणन, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मन्त्री श्री इन्द्रजीत सरोज ने कही। उन्होंने ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब ऐसी बालिकाओं को भी योजना का लाभ मिलेगा जिनके दादा दादी/ परदादा-परदादी का नाम बी0पी0एल0सूची में है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में जहां बी0पी0एल0 कार्ड अथवा अन्त्योदय कार्ड के आधार पर महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना का लाभ दिया जा रहा था, अब वहां भी ऐसी बालिकाओं को योजना का लाभ मिलेगा, जिनके दादा दादी/ परदादा-परदादी के नाम वी0पी0एल0 कार्ड अन्त्योदय कार्ड होंगे। यह लाभ उस बालिका को तभी मिलेगा जब उसके माता- पिता, दादा-दादी/परदादा-परदादी पर पूर्णत: आश्रित होंगे, और उसी परिवार में सम्मिलित होंगे। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में बी0पी0एल0 परिवार में जन्मी 35624 गरीब बालिकाओं को लाभािन्वत करते हुए सावधि प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। समस्त जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिये गये हैं कि कोई भी पात्र परिवार इस योजना से वंचित न रह जाये। चयन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरतते हुए पात्र परिवारों की बालिकाओं का ही चयन किया जाये।
श्री सरोज ने बताया कि 21 अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों में चलाये जा रहे मल्टी सैक्टोरल योजना के तहत स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराया जाये और अधिकारी निर्माणाधीन केन्द्रों का दौरा कर गुणवत्ता सुनिश्चित करायें। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य में गड़बड़ी पाये जाने पर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जाये। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विकास खण्ड स्तर पर संचालित बाल विकास परियोजना में नवसृजित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिकाओं की तथा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का भी चयन प्रत्येक दशा में 31 जुलाई तक कर लिया जाये। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग एवं स्वतन्त्रा संग्राम सेनानियों के आश्रितों के आरक्षण में प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेशों का अनुपालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाये।
श्री सरोज ने निर्देश दिये कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका के रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति कर दी जाये। सभी नियुक्तियां 31 जुलाई तक अवश्य पूर्ण कर ली जाये। उन्होंने बताया कि मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सिर्फ मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री की ही भर्ती की जायेगी। उन्होंने निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार श्री देवेन्द्र नाथ वर्मा को बलिया एवं महामाया नगर के जिला कार्यक्रम अधिकारी की प्रगति ठीक न होने पर स्पष्टीकरण तलब कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मण्डी परिषद की समीक्षा करते हुए श्री सरोज ने कहा कि जनपद बिजनौर एवं श्रावस्ती में नई मण्डी समिति का निर्माण कराया जाये। प्रदेश में मण्डी परिषद द्वारा बनाये जा रहे स्पेशलाइज्ड मार्केटों के निर्माण की स्थित ठीक नहीं है। इनके निर्माण कार्यों में तेजी लायी जाये और जहां अभी तक भूमि अधिग्रहित नहीं की जा सकी है वहां शीघ्र भूमि का अधिग्रहण कर आगणन उपलब्ध करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि भूमि का चयन मार्केट की उपलब्धता एवं स्थानीय आवश्यकताओं के मद्देनज़र किया जाये ताकि किसानों को व्यापक लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि कृषि वर्ष 2009-10 में प्रदेश की मण्डी समितियों में प्राथमिक आवक 328.94 लाख मी0टन तथा कुल आवक 417.37 लाख मी0टन हुई जो गतवर्ष की इसी अवधि की तुलना में क्रमश: 5.3 एवं 5 प्रतिशत अधिक रहा। उन्होंने बताया कि मण्डी शुल्क से 569.72 करोड़ रूपये की आय हुई है जो गत वर्ष इसी अवधि की तुलना में प्राप्त मण्डी शुल्क रूपये 454.77 करोड़ से 114.95 करोड़ रूपये अधिक है। उन्होंने बताया कि कृषि वर्ष 2009-10 में कुल आय 771.62 करोड़ हुई जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में प्राप्त कुल आय 619.30 करोड़ रूपये से 152.32 करोड़ रूपये अधिक है। मण्डी शुल्क को और अधिक बढ़ाया जाय। मण्डी शुल्क अपवंचन को रोकने के लिए प्रवर्तन कार्य पर विशेष बल दिया जाय तथा अवैध वाहनों को पकड़कर शमन शुल्क वसूल किया जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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