मन्त्रिपरिशद द्वारा उ0प्र0 विषेश परिक्षेत्र की सुरक्षा हेतु ´´विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा वाहिनी´´ के गठन एवं पार्क, स्मारकों तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा सषस्त्र होमगार्डो से कराने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही मन्त्रिपरिशद ने उ0प्र0 विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा बल विधेयक-2010 एवं अध्यादेष वापस लेने का भी फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि विधान मण्डल के दोनों सदनों से पारित होने के बाद उ0प्र0 विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा बल अधिनियम-2010 को महामहिम राज्यपाल की अनुमति के लिए गत फरवरी में प्रेशित किया गया था। इसमें दलित एवं पिछड़े वर्ग में समय-समय पर जन्में सन्तों, गुरूओं और महापुरूशों के सम्मान एवं स्मृति में बनाए गए पार्क, संग्रहालयों एवं स्मारकों आदि की सुरक्षा के लिए सषस्त्र सुरक्षा बल के गठन का प्राविधान किया गया था। इस विधेयक पर महामहिम राज्यपाल की अनुमति अभी तक प्रतीक्षित है।
इसके पष्चात् कतिपय संषोधनों के उपरान्त उ0प्र0 विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा बल अध्यादेष राज्यपाल की अनुमति हेतु राज्य सरकार द्वारा पुन: प्रस्तुत किया गया। इस पर भी महामहिम राज्यपाल की अनुमति प्रतीक्षित है।
राज्य सरकार द्वारा निर्मित पार्क, स्मारकों की सुरक्षा व्यवस्था की तात्कालिक आवष्यकता को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक/अध्यादेष पर अनुमति प्राप्त न होने के कारण उ0प्र0 विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा हेतु भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती का एक कार्यकारी आदेष अप्रैल में निर्गत किया गया था।
भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती के दौरान यह देखने में आया कि इनमें महिलाएं उपलब्ध नहीं हैं, जबकि इन पार्क एवं स्मारकों एवं महत्वपूर्ण स्थलों को देखने के लिए देष-विदेष से, जो पर्यटक/दर्षनार्थी एवं अन्य महानुभावगण आयेंगे, उनमें पुरूशों के साथ महिलाएं एवं बच्चे भी षामिल होंगे। अत: इन महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा हेतु महिला सुरक्षा कर्मियों की भी आवष्यकता होगी। अत: राज्य सरकार द्वारा भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती के इस प्रयोजन हेतु व्यावहारिक नहीं पाया गया, इसलिए मन्त्रिपरिशद द्वारा इस आदेष को वापस ले लिया गया।
भूतपूर्व सैनिकों के स्थान पर मन्त्रिपरिशद द्वारा यह निर्णय लिया गया कि पार्क, स्मारकों एवं अन्य स्थलों की सुरक्षा हेतु उत्तर प्रदेष सषस्त्र होमगार्ड में से विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा वाहिनी का गठन किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेष होमगार्ड में प्रषिक्षित एवं सषस्त्र पुरूश एवं महिला सुरक्षा कर्मी उपलब्ध हैं। अत: मन्त्रिपरिशद द्वारा विषेश सुरक्षा वाहिनी के गठन हेतु उत्तर प्रदेष होमगार्ड से आवष्यकतानुसार भर्ती करने का निर्णय लिया गया।
इसके साथ ही मन्त्रिपरिशद द्वारा यह भी निर्णय लिया गया कि विधेयक एवं अध्यादेष के माध्यम से सीधी भर्ती द्वारा सुरक्षा बल एवं सुरक्षा वाहिनी के गठन का प्रस्ताव किया गया था, जिसकी प्रक्रिया पूरी होने में काफी लम्बा समय लगने की सम्भावना है। इसके अलावा ऐसे सुरक्षा कर्मियों को प्रषिक्षित किए जाने में भी समय लगेगा, जबकि होमगार्ड से भर्ती की कार्यवाही षीघ्र सम्पन्न हो जायेगी। इसलिए उत्तर प्रदेष होमगार्ड से विषेश परिक्षेत्र सुरक्षा वाहिनी के गठन के पष्चात इस विधेयक एवं अध्यादेष के प्राविधानों के अन्तर्गत सीधी भर्ती से सुरक्षा कर्मियों की भर्ती की व्यवस्था का औचित्य समाप्त हो गया है। इस कारण मन्त्रिपरिशद ने इस विधेयक/अध्यादेष को वापस लेने का निर्णय भी लिया है।
इसीप्रकार पूर्व में भी संगठित अपराध की रोकथाम के लिए बनाये गये यू0पी0कोका विधेयक को भी विधानमण्डल के दोनों सदनों में पारित होने के पष्चात तथा महामहिम राज्यपाल को 27.03.2008 को प्रेशित किया गया था। राज्यपाल द्वारा उसे महामहिम राश्ट्रपति की अनुमति हेतु दिनांक 21.04.2008 को प्रेशित किया गया। उत्तर प्रदेष राज्य सरकार द्वारा मन्त्रिपरिशद के निर्णय दिनांक 04.09.2008 द्वारा उक्त विधेयक को वापस लिया गया था। मन्त्रिपरिशद के निर्णय को मानते हुए भारत सरकार द्वारा इस विधेयक को वापस मानते हुए पत्र दिनांक 19.03.2009 को राज्य सरकार को प्रेशित किया गया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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