मन्त्रिपरिशद ने प्रस्तावित उत्तर प्रदेष निजी निधिकृत विष्वविद्यालय (स्थापना एवं विनियमन) विधेयक-2010 को वापस लेने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि गत फरवरी में राज्य सरकार के प्रस्ताव पर विधान मण्डल के दोनों सदनों से पारित होने के पष्चात उत्तर प्रदेष निजी निधिकृत विष्वविद्यालय (स्थापना एवं विनियमन) विधेयक-2010 राज्यपाल के अनुमोदन हेतु प्रेशित किया गया था, जिस पर महामहिम राज्यपाल की अनुमति प्रतीक्षित है।
इसी बीच राज्य सरकार के संज्ञान में यह आया कि विष्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राश्ट्रीय स्तर पर निजी विष्वविद्यालयों के विशय में एक मॉडल अधिनियम का प्रारूप तैयार करने के उद्देष्य से एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। इस समिति द्वारा विष्वविद्यालय अनुदान आयोग को अपनी संस्तुतियां की गई हैं।
अत: मन्त्रिपरिशद द्वारा यह निर्णय लिया गया कि इस समिति द्वारा प्रस्तुत की गई संस्तुतियों का प्रदेष स्तर पर निजी विष्वविद्यालयों की स्थापना के विशय में अधिनियम बनाने व इसे लागू करने से पूर्व अध्ययन कर लिया जाए, जिससे कि इन संस्तुतियों का भी इस विशय में संज्ञान लिया जा सके, ताकि प्रस्तावित विधेयक में आवष्यक प्राविधान करके इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
अत: मन्त्रिपरिशद द्वारा वर्तमान में प्रस्तावित उत्तर प्रदेष निधिकृत निजी विष्वविद्यालय स्थापना विधयेक-2010 को वापस लेने का निर्णय लिया गया है।
इसीप्रकार पूर्व में भी संगठित अपराध की रोकथाम के लिए बनाये गये यू0पी0कोका विधेयक को भी विधानमण्डल के दोनों सदनों में पारित होने के पष्चात तथा महामहिम राज्यपाल को 27.03.2008 को प्रेशित किया गया था। राज्यपाल द्वारा उसे महामहिम राश्ट्रपति की अनुमति हेतु दिनांक 21.04.2008 को प्रेशित किया गया। उत्तर प्रदेष राज्य सरकार द्वारा मन्त्रिपरिशद के निर्णय दिनांक 04.09.2008 द्वारा उक्त विधेयक को वापस लिया गया था। मन्त्रिपरिशद के निर्णय को मानते हुए भारत सरकार द्वारा इस विधेयक को वापस मानते हुए पत्र दिनांक 19.03.2009 को राज्य सरकार को प्रेशित किया गया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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