डीजल आदि पर संशोधित अधिसूचना प्रभावी होने की तिथि के मध्य की अवधि का देय प्रवेश कर एवं उस पर देय ब्याज माफ करने का निर्णय
लखनऊ - उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रवेश कर अधिनियम के अन्तर्गत 04 मार्च, 2008 को जारी अधिसूचना में संशोधन कर अधिसूचना में स्थानीय क्षेत्र एवं माल के प्रवेश से पूर्व शब्द को निकाल दिए जाने की मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही मन्त्रिपरिषद द्वारा 01 जनवरी, 2008 से संशोधित अधिसूचना को प्रभावी होने की तिथि के मध्य की अवधि का देय प्रवेश कर एवं उस पर देय ब्याज माफ करने का भी फैसला लिया गया है।
प्रदेश सरकार ने ऐसे व्यापारियों को, जिनके द्वारा हाई स्पीड डीजल, लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, अल्ट्रा लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, लाइट डीजल आयल, सुपर लाइट डीजल आयल, सुपीरियर किरोसीन आयल, फर्नेस आयल, रैजिडुअल फ्यूअल आयल, लो सल्फर हैवी स्टाक्स, हैवी पैट्रोलियम स्टाक्स और इसके समस्त भेद, किन्तु उनमें जनवितरण प्रणाली का किरोसीन आयल सम्मिलित नहीं है, की बिक्री पर वैट अधिनियम के अन्तर्गत देय कर का भुगतान किया गया है, उन्हें दिनांक 01 जनवरी, 2008 में संशोधित अधिसूचना प्रभावी होने की तिथि के मध्य की अवधि का प्रवेश कर एवं उस पर देय ब्याज को माफ करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने ब्याज माफी के आदेश पारित करने का अधिकार कर निर्धारक अधिकारी को प्रदान किया है।
प्रदेश मन्त्रिपरिषद ने परिचालन के माध्यम से उत्तर प्रदेश स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम की धारा-6 के तहत हाई स्पीड डीजल, लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, अल्ट्रा लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, लाइट डीजल आयल, सुपर लाइट डीजल आयल, सुपीरियर किरोसीन आयल, फर्नेस आयल, रैजिडुअल फ्यूअल आयल, लो सल्फर हैवी स्टाक्स, हैवी पैट्रोलियम स्टाक्स और इसके समस्त भेद, किन्तु उनमें जनवितरण प्रणाली का किरोसीन आयल सम्मिलित नहीं है, पर दिये जाने वाले रिबेट के सम्बन्ध में जारी अधिसूचना संख्या-क0 नि0-2/765/ग्यारह-9(203)/92-उ0प्र0अधि0-30-07-आदेश- (10)2008, दिनंाक 04 मार्च, 2008 में संशोधन के प्रस्ताव को मन्जूरी प्रदान कर दी है।
मन्त्रिपरिषद ने दिनांक 04 मार्च, 2008 को जारी अधिसूचना में संशोधन इसलिए किया है, ताकि वैट अधिनियम के अन्तर्गत हाई स्पीड डीजल, लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, अल्ट्रा लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, लाइट डीजल आयल, सुपर लाइट डीजल आयल, सुपीरियर किरोसीन आयल, फर्नेस आयल, रैजिडुअल फ्यूअल आयल, लो सल्फर हैवी स्टाक्स, हैवी पैट्रोलियम स्टाक्स और इसके समस्त भेद, किन्तु उनमें जनवितरण प्रणाली का किरोसीन आयल सम्मिलित नहीं है, पर रिबेट, दोनों स्थितियों में अनुमन्य हो सके। इस प्रकार उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनियम के तहत इन वस्तुओं पर कर की देयता स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश के पहले हो अथवा बाद में, दोनों स्थितियों में यह रिबेट अनुमन्य होगा।
ज्ञातव्य है कि 01 जनवरी, 2008 से उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम लागू होने से पूर्व हाई स्पीड डीजल, लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, अल्ट्रा लो सल्फर हाई स्पीड डीजल, लाइट डीजल आयल, सुपर लाइट डीजल आयल, सुपीरियर किरोसीन आयल, फर्नेस आयल, रैजिडुअल फ्यूअल आयल, लो सल्फर हैवी स्टाक्स, हैवी पैट्रोलियम स्टाक्स और इसके समस्त भेद, किन्तु उनमें जनवितरण प्रणाली का किरोसीन आयल सम्मिलित नहीं है पर विज्ञप्ति संख्या -क0नि0-2-160/ग्यारह-9 (203)/92-उ0प्र0अधि0-12-2000-आदेश-(2)-2004, दिनांक 15 जनवरी, 2004 द्वारा माल के मूल्य का 5 प्रतिशत प्रवेश कर निर्धारित किया गया था। इन वस्तुओं की बिक्री पर देय व्यापार कर में उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनियम की धारा 5 के अन्तर्गत प्रवेश कर अधिनियम के अन्तर्गत देय कर की सीमा तक रिबेट प्रदान किया गया था। यह रिबेट दोनों स्थितियों में था, चाहे प्रवेश कर की देयता व्यापार कर की देयता से पूर्व हो अथवा बाद में हो। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह था कि प्रदेश के बाहर से उपभोग हेतु मंगाये जाने वाले डीजल, फर्नेस आयल आदि पर राज्य को प्रवेश कर प्राप्त हो तथा जिन व्यापारियों द्वारा इन वस्तुओं की बिक्री पर कर दिया जा रहा है, उन पर प्रवेश कर का भार न रहे।
व्यापार कर अधिनियम के स्थान पर उत्तर प्रदेश मूल्य संविर्धत कर अधिनियम, 2008 दिनांक 01 जनवरी, 2008 से प्रभावी हुआ था, जिसमें रिबेट का प्राविधान नहीं है। अत: उ0प्र0 स्थानीय क्षेत्र के माल के प्रवेश पर कर अधिनियम की धारा 6 में तत्समय विद्यमान प्राविधानों के अनुरूप अधिसूचना संख्या-क0 नि0-2/765/ग्यारह-9 (203)/92-उ0प्र0 अधि0-30-07 -आदेश-(10) 2008, दिनांक 04 मार्च, 2008 द्वारा इन वस्तुओं पर देय प्रवेश कर में वैट अधिनियम में देय कर का रिबेट प्रदान किया गया। यह रिबेट तभी अनुमन्य है यदि स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश करने से पूर्व उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम 2008 के अन्तर्गत उस माल पर कर की देयता हो। स्थानीय क्षेत्र में प्रवेश के पश्चात मूल्य संवर्धित कर अधिनियम के अन्तर्गत कर की देयता होने पर रिबेट अनुमन्य नहीं होता है। आयल कम्पनियों द्वारा प्रदेश के कई स्थानों पर डिपो पर माल लाकर बिक्री की जाती है। डिपो से की गई बिक्री के सम्बन्ध में पहले प्रवेश कर का दायित्व आता है तथा बाद में बिक्री के पश्चात उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम, 2008 के अन्तर्गत भुगतान का दायित्व आता है।
इस प्रकार डिपो से डिपो के स्थानीय क्षेत्र के भीतर की गई बिक्री के सम्बन्ध में रिबेट अनुमन्य न होने से उन नगर निगमों में कीमत अधिक हो जाती है, जहां पर डिपो हैं। इस विसंगति को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम, 2007 की धारा 6 में संशोधन की कार्यवाही प्रारम्भ की गई तथा मा0 मुख्यमन्त्री जी द्वारा प्रदान किये गये अनुमोदन से शासनादेश संख्या-265/ग्यारह-2-09-9(01)/08 पार्ट-1ए, दिनंाक 01 फरवरी, 2009 द्वारा कमिश्नर वाणिज्य कर, उ0प्र0 को निर्देशित किया गया कि ऐसे व्यापरियों, जिनके द्वारा उक्त वस्तुओं की बिक्री पर वैट अधिनियम के अन्तर्गत देयकर का भुगतान किया जा रहा है, से उक्त वस्तुओं पर प्रवेश कर की वसूली तात्कालिक प्रभाव से अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखी जाय।
अब चूंकि उत्तर प्रदेश स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर संशोधन अधिनियम, 2009 द्वारा ´उ0प्र0 स्थानीय क्षेत्र में माल के प्रवेश पर कर अधिनियम, 2007´ की धारा-6 में वांछित संशोधन हो गया है, जिसे दृष्टिगत रखते हुए धारा-6 के वर्तमान प्राविधानों के अनुरूप दिनांक 04 मार्च, 2008 की अधिसूचना में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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