राज्य जैव विविधता बोर्ड के कार्य व अधिकार निर्धारित
लखनऊ - उत्तर प्रदेश मन्त्रि परिषद ने परिचालन द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता नियमावली-2010 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। नियमावली द्वारा उ0प्र0 राज्य जैव विविधता बोर्ड के गठन, सामान्य कार्य व अधिकार, लेखा का रख-रखाव, वित्त पोषण आदि की प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
राज्य जैव विविधता बोर्ड प्रदेश में जैव विविधता के संरक्षण सम्बन्धी प्रकरणों की पहचान करने के साथ-साथ जैव विविधता के सम्बन्ध में रणनीति और कार्ययोजना तैयार करेगा। बोर्ड प्रदेश सरकार के विभागों को तकनीकी सहायता तथा मार्ग-दर्शन प्रदान करेगा और जैव विविधता अधिनियम-2002 के उपबन्धों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगा। राज्य की जैव विविधता नीति तैयार करना, जैव विविधता पार्क की स्थापना करना भी बोर्ड के कार्यो में शामिल होगा। इसके अलावा समुचित अन्तरालों पर बोर्ड द्वारा प्रदेश की जैव विविधता की स्थिति के सम्बन्ध में रिपोर्ट भी जारी की जायेगी। बोर्ड द्वारा जैव विविधता अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जैव विविधता समितियों को सुदृढ़ किया जायेगा और इन्हें मार्ग दर्शन प्रदान किया जायेगा।
बोर्ड यह भी सुनिश्चित करेगा कि नियोजन व प्रबन्धन के सभी क्षेत्रों में जैव विविधता और इस पर निर्भर जीविका का इस प्रकार समन्वय किया जाये, ताकि जैव संसाधनों का संरक्षण और पोशणीय उपयोग किया जा सके। जैवीय संसाधनों और इससे जुड़े परम्परागत ज्ञान की जानकारियों को संकलित करने के उद्देश्य से बोर्ड द्वारा डाटाबेस तैयार करने और डाक्यूमेन्टेशन का कार्य किया जायेगा। बोर्ड जैव संसाधनों तथा इससे जुड़े ज्ञान के सम्बन्ध में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के संरक्षण के उपाय भी करेगा। जैव विविधता बोर्ड राज्य के किसी जैव संसाधन और उससे जुड़े परम्परागत ज्ञान के सम्बन्ध में अवैध रूप से प्रदान किए गए बौद्धिक सम्पदा अधिकार का विरोध करने के लिए विधि विशेशज्ञों की नियुक्ति सहित अन्य आवश्यक उपाय करेगा। ऐसे क्षेत्रों, जहां से जैव संसाधन और इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त की गई हैं, जैव विविधता बोर्ड इन क्षेत्रों का सामाजिक-आर्थिक विकास करेगा।
राज्य जैव विविधता बोर्ड का मुख्यालय लखनऊ में होगा। प्रदेश के प्रमुख सचिव वन इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे। इनके अलावा पर्यावरण, उद्यान, कृशि विभाग/कृषि शिक्षा, पशुपालन विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव एवं प्रमुख वन संरक्षक बोर्ड के पदेन सदस्य होंगे। राज्य सरकार तीन वर्ष की अवधि के लिए पांच विशेश सदस्यों को बोर्ड में नामित करेगी। यह गैर-सरकारी सदस्य जैव विविधता के संरक्षण, जैव संसाधनों के पोशणीय उपयोग तथा जैव संसाधनों के उपयोग से जुड़े लाभों में बराबर भागीदारी से सम्बन्धित विशयों के विशेषज्ञ होंगे। राज्य सरकार अपर प्रमुख वन संरक्षक/मुख्य वन संरक्षक/वन संरक्षक स्तर के किसी अधिकारी को बोर्ड का सचिव नियुक्त करेगी। बोर्ड आवश्यकतानुसार वित्त विभाग, मत्स्य विभाग के किसी अधिकारी या प्रतिष्ठित संस्थानों/गैर सरकारी संगठन के किसी विशेषज्ञ को विशेष आमन्त्रित के रूप में आमन्त्रित कर सकेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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