Archive | March 15th, 2010

बसपा रैली जनता का उपहास है - समाजवादी पार्टी

Posted on 15 March 2010 by admin

लखनऊ -  बहुजन समाज पार्टी की सरकार प्रायोजित रैली में जनता की गाढ़ी कमाई जिस बेशर्मी के साथ लुटाई गई है उससे आज का दिन राजनीति के इतिहास का काला अध्याय माना जाएगा। समाजवादी पार्टी ने मायावती सरकार पर आरोप लगातें हुये कहा कि प्रदेश के बरेली जनपद में हिंसा और कर्फ्यू के चलते जनजीवन संकट में है, मंहगाई और भृष्टाचार से जनता कराह रही है और कानून व्यवस्था जर्जर है उस पर मुख्यमन्त्री का ध्यान नहीं। वे राजकोश के पॉच सौ करोड़ रूपए खर्च कर जश्न मनाने में मशगूल हैं। इस रैली में प्रदेश की जनता की भागीदारी नगण्य रही। भीड़ दिखाने के लिए बाहरी प्रान्तों से भाडे़ पर कार्यकर्ता लाए गए थे। यह बसपा रैली जनता का उपहास है।

रैली मंच पर बसपा मन्त्रियों द्वारा करोड़ों की हजार-हजार के नोटों की जो माला मुख्यमन्त्री को पहनाई गई है, वह काला धन से गून्थी गई है, इसका खुलासा होना चाहिए और आयकर तथा सी0बी0आई0 को इसका संज्ञान लेकर जॉच करनी चाहिए।

सुश्री मायावती अपने मुंह से जिसे महारैली बता रही हैं वह सरकारी तन्त्र के आतंक से एकत्र संसाधनों से फाइव स्टार सुविधाओं के प्रलोभन पर जुटे चन्द लोग थे। इसके विपरीत अक्टूबर 1987 में श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में क्रान्तिकारी मोर्चे द्वारा विरोध में रहते हुए लखनऊ में विराट रैली हुई थी। 23 वर्ष पूर्व हुए इस रैली में स्वत: स्फूर्त लोग आए थे और बेगम हजरत महल पार्क के बाहर दस गुना ज्यादा भीड़ हजरतगंज और अमीनाबाद तक फैली हुई थी। इसी तरह डा0 अम्बेडकर ग्राम विकास योजना का श्रेय वे ले रही हैं जबकि यह योजना श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमन्त्रित्वकाल में लागू की थी।

बहुजन समाज पार्टी ने अपने 25 वर्ष के स्थापना काल में लोकतन्त्र की सभी मर्यादाओं को तोड़ने का ही काम किया है। उसने राजनीति में अस्थिरता और अविश्वसनीयता को ही बढ़ावा दिया है। जाति और संप्रदाय की राजनीति के सहारे ही उसने सत्ता हासिल की है और सत्ता में जब जब सुश्री मायावती आईं भृष्टाचार, लूट, वसूली एवं प्लाट-कोठियों पर कब्जे का ही धंधा चला है। प्रशासनिक तन्त्र को बसपा का संगठन अंग बनाकर उसे लाचार और नाकारा कर दिया गया हेै।

मुख्यमन्त्री ने जिस प्राइमरी स्कूल स्तर के  भाषण का वाचन रैली में किया है उसमें कहीं जनता की तकलीफों की चिन्ता नहीं। उसमें गरीबों, दलितों, अल्पसंख्यकों के लिए भी कोई भरोसा नहीं है। वस्तुत: सुश्री मायावती ने मान लिया है कि यह उनके लिए अन्तिम अवसर है जिसमें वे जितना हो सके लूट कर अपना ऐश्वर्य बढ़ा लें  क्योंकि जनता केा उनके सभी कारनामो की  सचाई मालूम हो गई है। वे दलितों गरीबों की नेता नहीं, सांमती मानसिकता की महारानी हैं जो इन रैलियों में भव्य प्रदर्शन से अपना महत्व बढ़ाना चाहती हैं। समाजवादी पार्टी की मॉग है कि इस रैली में सरकारी खर्च का प्रामाणिक व्यौरा प्रकाशित किया जाए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मायावती ने महात्माओं और बाबाओं की जमकर खिंचाई की

Posted on 15 March 2010 by admin

लखनऊ-  बसपा सुप्रीमो एवं मुख्यमन्त्री मायावती ने आज यहां आयोजित बसपा की महारैली में जहां एक तरफ केन्द्र सरकार, महिला आरक्षण विधेयक और विपक्षी दलों की जमकर आलोचना की वहीं महात्माओं और बाबाओं की भी जमकर खिंचाई की।

मायावती ने महारैली को संबोधित करते हुए बाबा रामदेव का बिना नाम लिए सांकेतिक लहजे में कहा कि हमारे देश में कुछ बाबा जनता को पहले कसरत कराते हैं और बाद में अपने नुस्खे बेचकर धन कमाने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि देश की दो तिहाई आबादी गांवों में बसती है। ये लोग खेत खलिहानों में पसीना बहाते हैं इनकी कसरत तो यूं ही हो जाती है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि इन बाबाओं से सावधान रहें और इनके चक्कर में आकर अपनी मेहनत की कमाई को न लुटायें। मायावती ने कहा कि कुछ बाबा तो जनता को कसरत कराने और अपने चेले चपाटों के सहारे अब राजनैतिक पार्टियां बनाने की फिराक में भी लगे हुए हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

बसपा की महारैली में मंसूरी समाज ने बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा

Posted on 15 March 2010 by admin

लखनऊ - बहुजन समाज पार्टी द्वारा आज रमाबाई पार्क मैदान लखनऊ में आयोजित महारैली में मुस्लिम मंसूरी समाज के लोगों ने पहली बार राज्य मन्त्री जावेद इकबाल के नेतृत्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रदेश के कोने-कोने से आयें हजारों की तादात में लखनऊ पहुंचे मंसूरी समाज के लोग बहन मायावती द्वारा मंसूरी समाज के सीनियर लीडर जावेद इकबाल मंसूरी को यू0पी0 एग्रो का चेयरमैन बनाकर राज्य मन्त्री का दर्जा दिये जाने के बाद मंसूरी समाज की सभी तन्जीमों ने इस रैली में जोरदार ढ़ग से शामिल होने की घोषणा की थी।

यू0पी0 जमीअतउल मंसूर, मंसूरी फेडरेशन, मंसूरी समाज समन्वय समिति, मंसूरी वेल्फेयर सोसाइटी, मंसूरी समाजोत्थान समिति, मंसूरी समाज आदि संस्था के नेतृत्व में देर शाम से मंसूरी बिरादरी के लोगों का आने का सिलसिला शुरू हो गया था जो रैली समाप्ति तक जारी रहा।mansoori-samaaj-photo-15march20102

यू0पी0 जमीअतउल मंसूर के महामन्त्री हाजी सलीम अहमद मंसूरी ने बताया कि कानपुर से हाजी रबीउल्ला मसूंरी, सुल्तानपुर से शेरमोहम्मद मंसूरी, मैनपुरी से हाजी नबी अहमद मंसूरी, जालौन से हाजी बरकत मंसूरी, बरेली से परवेज मंसूरी, अमरोहा से रियाज मंसूरी, बब्बू मंसूरी, मुरादाबाद से डा0 हामिद अली मंसूरी, लखीमपुरखीरी से नसीर अहमद मंसूरी, सीतापुर से मो0 रिजवान मंसूरी, रामपुर से रियाजुद्दीन मंसूरी, धामपुर से हाजी गयासुद्दीन मंसूरी, प्रतापगढ़ से डा0 अफसर अली मंसूरी, फिरोजाबाद से मो0 सलीम मंसूरी, आफताब मंसूरी, इटावा से नईमुद्दीन मंसूरी, औरैया से मो0 शब्बीर मंसूरी, गोरखपुर से हाजी मकबूल मंसूरी, पडरौना से असगर अली मंसूरी, गोण्डा से अहद अली मंसूरी, बहराईच से इिम्तयाज अहमदे मंसूरी, नानपारा से बब्लू मंसूरी, शाहजहां से सरताज अहमद मंसूरी, आजमगढ़ से डा0 हाफिज इरशाद मंसूरी पूर्व विधायक, लखनऊ से मो0 फारूख मंसूरी, अहतिशाम अली मंसूरी आदि के नेतृत्व में हजारों लोगों ने रैली में भाग लिया।

यू0पी0 जमीअतउल मंसूर के महामन्त्री हाजी सलीम अहमद मंसूरी ने बताया कि यह पहला मौका है कि जब इतनी तादात में मंसूरी समाज के लोगों ने रैली में भाग लिया। इसका श्रेय यू0पी0 एग्रो के चेयरमैन जावेद इकबाल मंसूरी को जाता है जिनकी मेहनत ने बिखरे मंसूरी समाज को एक जुट करके बसपा के साथ जोड़ा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

अफसरों,जनता की गाढ़ी कमाई तथा सरकारी तन्त्र का दुरूपयोग - जोशी

Posted on 15 March 2010 by admin

लखनऊ  - बहुजन समाज पार्टी द्वारा आयोजित की जा रही रैली सरकारी अफसरों, जनता की गाढ़ी कमाई तथा सरकारी तन्त्र का दुरूपयोग करके सुश्री मायावती के लगातार खिसकते जनाधार को ढकने का एक अत्यन्त भोण्डा प्रयास है। उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने आज यहां कहा कि अफसोस की बात तो यह है कि विगत दो हफ्तों से बरेली हिंसा की आग में जल रहा है और वहां जाकर इस आग को ठण्डा करने के बजाय सुश्री मायावती इस रैली के पण्डालों में जाकर प्रतिनिधियों के रहने और खाने की व्यवस्था का मुआयना कर रही हैं।

मनगढ़ में हुए हादसे के बाद भी उनका दिल नहीं पसीजा और प्रदेश की पत्थरदिल मुख्यमन्त्री पीड़ितों एवं शोक सन्तप्त परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त करने का मौका नहीं निकाल सकीं। गौरतलब है कि मरने वालों में अधिकतर दलित एवं अतिपिछड़े वर्ग के थे, जिनकी चिता का प्रबंध भी प्रशासन नहीं कर सका। मनगढ़ में हुए हादसे के मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए वह धन न होने का रोना रोती हैं वहीं जनता के गाढ़े पसीने की कमाई के करोड़ों रूपये रैली स्थल को सजाने-संवारने में ही खर्च किये जा रहे हैं। डॉ. जोशी ने सवाल किया है कि आखिर इतनी जल्दी अब यह धन कहां से आ रहा है।

डॉ. जोशी ने कहा कि जहां एक ओर कांग्रेस अपने स्थापना के 125वर्ष पूरे होने पर अत्यन्त सादगीपूर्ण ढंग से विकास यात्राएं निकालकर खुद जनता के द्वार जा रही है, वहीं बसपा के 25वर्ष पूरे होने पर सैंकड़ों करोड़ रूपये इस रैली के आयोजन में खर्च करके लोगों को सुश्री मायावती के दर्शन के लिए लखनऊ बुलाया जा रहा है। स्व0 कांशीराम आजीवन साइकिल और रेल के दूसरे दर्जे की यात्रा कर संगठन बनाते रहे। अच्छा तो यह होता कि रैली में खर्च हो रहे लगभग तीन सौ करोड़ रूपयों से निर्बल वर्ग के लोगों के लिए आवास बनाकर कांशीराम के जन्मदिन पर दलितों और गरीबों को दिये जाते अथवा इस राशि से गरीब दलित छात्र-छात्राओं को वजीफे दिये जाते, जिससे वह अपने जीवन को बेहतर बना सकते। इससे लाखों गरीब-दलित परिवारों को लाभ पहुंचता।

डॉ0 जोशी ने कहा कि स्व0 काशीराम की जयन्ती पर बसपा की सच्ची श्रद्धांजलि तो यह होती कि राज्यसभा की खाली सीट पर बसपा के किसी संस्थापक सदस्य को प्रत्याशी बनाया जाता। परन्तु यहां भी एक पूंजीपति को ही प्रत्याशी बनाकर सुश्री मायावती ने पूंजीपतियों के प्रति अपने लगाव को ही प्रदर्शित किया है।

प्रदेश में एक ओर जहां बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है, परीक्षा देने वाले छात्र और उनके अभिभावक परेशान हैं क्योंकि बिजली की भारी कटौती की जा रही है, वहीं रैली के आयोजन में बिजली की सजावट पर भारी विद्युत का अपव्यय किया जा रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में परिवहन निगम की हजारों रैली के लिए लोगों को ढोने के लिए प्रयोग की जा रही है। बताया जाता है कि 4 करोड़ रूपये की लागत से दो हजार अस्थायी शौचालयों का निर्माण कराया गया है परन्तु इसके लिए नगर निगम को एक पैसा भी भुगतान नहीं किया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ में लाखों की भीड़ बुलाने और रैली करने का मकसद सुश्री मायावती का दलितों, गरीबों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों के कल्याण का नहीं बल्कि उनका मकसद तो सिर्फ बहुजन समाज पार्टी की जनविरोधी नीतियों तथा उनके स्मारकों, मूर्तियों और पत्थरों से प्रेम के कारण प्रदेश में लगातार घट रहे जनाधार को एकजुट करना एवं अपने मतदाता को यह सन्देश देना है कि स्थिति अभी भी उनके नियन्त्रण में है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मुकदमों की निगरानी के लिए लीगल सेल की स्थापना की घोषणा

Posted on 15 March 2010 by admin

लखनऊ-  उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनके और पार्टी के विरुद्ध विभिन्न अदालतों में चल रहे मुकदमों की निगरानी के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता में एक लीगल सेल की स्थापना की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि आज राजधानी लखनऊ में बसपा संस्थापक कांशीराम के 76वें जन्म दिन पर पार्टी स्थापना की रजत जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय रैली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मायावती ने अपने विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति और बसपा सरकार में बने विभिन्न स्मारकों पर लगाई गई हाथी की मूर्तियों की आड़ में पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने वाली याचिकाओं आदि के उल्लेख पर कहा कि सारे आरोप झूठे हैं और उनकी छवि बिगाड़कर बसपा आन्दोलन को समाप्त करने की साजिश का हिस्सा है।

मायावती ने कहा कि पार्टी संस्थापक कांशीराम ने पहले ही आगाह किया था कि जैसे-जैसे बसपा की ताकत बढ़ेगी, वैसे-वैसे बसपा विरोधी पार्टी को अदालती चôरों में फंसायेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह दिन आ गया है और इसीलिए पार्टी ने ऐसे मुकदमों की प्रभावी पैरवी के लिए राष्ट्रीय लीगल सेल के गठन का फैसला किया है, जिसके अध्यक्ष पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र होंगे।

मायावती ने इस घोषणा के साथ यह भी स्पष्ट किया कि सतीश चन्द्र मिश्र को लीगल सेल का अध्यक्ष बनाए जाने का यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि पार्टी में उनका महत्व कम हो जायेगा अथवा वे पार्टी संगठन के अन्य क्रियाकलापों से अलग रहेंगे। उन्होंने कहा कि मिश्रा की मुख्य जिम्मेदारी पार्टी के मुकदमों की पैरवी होगी, लेकिन वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में प्रचार प्रसार एवं अन्य कार्यक्रमों में पहले की ही तरह अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे और देश प्रदेश में चुनाव प्रचार जैसे कार्यक्रमों में पहले की ही तरह हिस्सेदारी करेंगे। मायावती ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब समाज की ऊंची जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए भाईचारा समितियों की जिम्मेदारी अन्य नेताओं को दे दी गई है और उन्होंने ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य समाज को पार्टी से जोड़ने का काम देखने के लिए नेताओं के नाम की घोषणा की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

समाजवादी पार्टी की साइकिल यात्रा 23 मार्च 2010 तक जारी

Posted on 15 March 2010 by admin

लखनऊ - उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की जनजागरण साइकिल यात्रा आज आठवें दिन भी जारी रही। महिला आरक्षण बिल के नाम पर भाजपा, कांग्रेस की साजिश, भृष्टाचार, मंहगाई और कुशासन के खिलाफ साइकिल सवारों ने गॉव-गॉव, शहर-शहर सभाएं कर समाजवादी पार्टी और अपने नेता श्री मुलायम सिंह यादव का सन्देश पहुंचाया। आज राजधनी लखनऊ में सत्ता दल की रैली में जनधन के अपव्यय के विरोध में साइकिल यात्रियों ने काली पट्टी बॉधकर प्रदेश भर मे साइकिल चलाई।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने साइकिल यात्रा में शामिल नौजवानों के जोश-खरोश एवं निष्ठा की सराहना करते हुये साइकिल यात्राएं  23 मार्च, 2010 तक जारी रखने का निर्देश दिया है, ताकि अभी जिन गॉवों-कस्बों तक नहीं पहुंच सके हैं, वहॉ भी वे अपना सन्देश पहुंचा सकें। अब तक इस साइकिल यात्रा में लगभग 5 लाख से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं समर्थकों ने भागीदारी की है।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने कहा कि जनपद के दूर के अंचलों में साइकिल यात्री जत्थों में 21 व 22 मार्च को प्रस्थान कर सकते हैं, ताकि मार्ग में रात्रि विश्राम करते हुए 23 मार्च 2010 को अपने जिला मुख्यालय पर आयोजित समारोह में सम्मिलित हो सकें। पार्टी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जो कार्यकर्ता, नेता व पदाधिकारी साइकिल यात्रा में 08 मार्च से 23 मार्च, 2010 तक अनवरत सक्रिय रूप से सम्मिलित होकर साइकिल चलाएंगे उनको प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

आज हाथरस में साइकिल यात्रियों की गिरफ्तारी हुई। फैजाबाद में साइकिल यात्रा निकालने में बाधा डाली गई और साइकिल यात्रियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन आगरा में उत्साहित महिलाओं की टोली साइकिल यात्रा पर निकली जिसका स्थान-स्थान पर भव्य स्वागत किया गया।

विभिन्न जनपदों में आज निम्नलिखित नेताओं के नेतृत्व में साइकिल यात्राएं निकाली गईं-आजमगढ़- श्री बलराम यादव, बहराइच-डा0 वकार अहमद शाह, श्री सूर्यकुमार सिंह, ललितपुर- श्री चन्द्रपाल सिंह पूर्व सांसद, बाराबंकी- श्री अरविन्द सिंह गोप, श्री रामगोपाल रावत, बलरामपुर- एस0पी0 यादव, रायबरेली- श्री मनोज पाण्डेय, औरैया- श्री रामबाबू यादव, अयोध्या- श्री जयशंकर पाण्डेय, श्रीमती लीलावती कुशवाहा, मो0 हलीम झॉसी- श्री स्वदेश पटेल, एटा- श्री राकेश सिंह राना, रामपुर- डा0 फिदा हुसैन अंसारी, श्री अफरोज, खलीलाबाद (सन्तकबीरनगर)- श्री रामदर्शन यादव, श्री सुरेन्द्र यादव, श्री गोहर अली आगरा -श्री जितेन्द्र वर्मा, महराजगंज -श्री राजेश यादव, सिद्धार्थनगर- श्री माताप्रसाद पाण्डेय,  श्री अजय चौधरी, हरदोई- श्री पदम राग पम्मू, खीरी -श्री शशाक यादव, हमीरपुर - श्री ज्ञान सिंह।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

कांशीराम के जन्मदिन और बसपा की 25वीं वर्षगांठ पर महारैली

Posted on 15 March 2010 by admin

14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अम्बडेकर की जयन्ती पर पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन

लखनऊ-  बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो एवं उप्र की मुख्यमन्त्री मायावती ने कांग्रेस को दलित विरोधी करार देते हुए आज यहां घोषणा की कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण विधेयक के विरोध में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती पर 14 अप्रैल को बसपा पूरे देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। बसपा के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन और बसपा की 25वीं वर्षगांठ पर राजधानी लखनऊ के रमा देवी अम्बेडकर मैदान में आयोजित महारैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कांग्रेस भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि इन दलों ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा दलितों को संविधान में बराबर का अधिकार दिए जाने का विरोध ही नहीं किया, बल्कि विभिन्न प्रकार की बाधायें खड़ी करते रहे जो आज तक जारी है।mayawati

संसद में लाए गए महिला आरक्षण का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इस विधेयक में भी दलित, गरीब और पिछड़ों के विरोध की बू आ रही है और सुप्रीमो ने कहा कि प्रस्तावित 33 प्रतिशत के महिला आरक्षण में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए अलग से कोई कोटा निर्धारित नहीं किया गया है और बसपा इस विधेयक का जमकर विरोध करेगी। मायावती ने कहा कि मौजूदा महिला आरक्षण बिल में 33 प्रतिशत आरक्षण के कोटे में ही महिलाओं को शामिल कर लिया गया जिसका बसपा विरोध करती है और मांग करती है कि इस आरक्षण में दलित पिछड़ी और उच्च जाति की गरीब महिलाओं को अलग से आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अम्बडेकर की जयन्ती पर पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगी।

मायावती ने कांग्रेस के महिला और दलित प्रेम की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि बसपा ने सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति के आधार पर महिला आरक्षण में दलित के अलावा पिछड़ी और सवर्ण वर्ग की गरीब महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की, लेकिन केन्द्र सरकार ने विधेयक में इसे शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि समाज के दबे कुचले वर्ग को जो भी अधिकार मिले हैं वह कांग्रेस, राजीव गांधी, सोनिया गांधी या किसी अन्य दल ने नहीं दिए हैं बल्कि इसका पूरा श्रेय डॉ. भीमराव अम्बेडकर को जाता है जिन्होंने संविधान में इन वर्गों के अधिकारों को सुरक्षित किया। कांग्रेस तथा सभी विपक्षी दलों को दलितों, पिछड़ों और गरीबों का विरोधी करार देते हुए मायावती ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा- कांग्रेस तथा चाचा भतीजे दलितों के घर खाना खाने का ढोंग जरूर रचते हैं लेकिन इन वर्गों के हितों और हकों की कांग्रेस को कभी चिन्ता नहीं रही और महिला आरक्षण विधेयक से कांग्रेस का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न जातियों और धर्मों को मानने वाले लोग हैं पर स्वतन्त्रता के बाद से केन्द्र की सत्ता पर दशकों काबिज रही कांग्रेस की जातिवादी व्यवस्था के चलते गरीबों, दलितों और पिछड़ों को पढ़ने लिखने, वोट डालने, चुनाव लड़ने, नौकरी और व्यवसाय में बराबर के अधिकार नहीं मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा अन्य जातिवादी पार्टियों ने बसपा द्वारा दलितों और पिछड़ों के हक के लिए लड़ी जा रही लड़ाई का सदा विरोध किया जो आज भी जारी है और यही कारण है महिला आरक्षण में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को अलग से शामिल नहीं किया गया।

mayawati-railiराजधानी लखनऊ के रमा देवी अम्बेडकर मैदान में आयोजित इस रैली के बारे में दावा किया गया है कि इसमें देश भर से करीब 10 लाख लोग उपस्थित हुए। बसपा पदाधिकारियों ने रैली में शामिल होने वाले लोगों के लिए व्यापक तैयारियां की थीं जिससे किसी को भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई। रैली को सफल बनाने में पूरा प्रशासनिक अमला भी जुटा हुआ था। अफसर लोगों की अगवानी से लेकर खाना परोसने तक में लगे थे। रैली ऐतिहासिक होने के साथ ही बेहद अनुशासित भी थी। बताया जा रहा है कि तकरीबन बीस हजार बसों से लोग इस रैली में शामिल होने के लिए राज्य की राजधानी आए। मायावती ने रैली को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

March 2010
M T W T F S S
« Feb   Apr »
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
-->









 Type in