14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अम्बडेकर की जयन्ती पर पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन
लखनऊ- बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो एवं उप्र की मुख्यमन्त्री मायावती ने कांग्रेस को दलित विरोधी करार देते हुए आज यहां घोषणा की कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण विधेयक के विरोध में डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती पर 14 अप्रैल को बसपा पूरे देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी। बसपा के संस्थापक कांशीराम के जन्मदिन और बसपा की 25वीं वर्षगांठ पर राजधानी लखनऊ के रमा देवी अम्बेडकर मैदान में आयोजित महारैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कांग्रेस भाजपा सहित सभी विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि इन दलों ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा दलितों को संविधान में बराबर का अधिकार दिए जाने का विरोध ही नहीं किया, बल्कि विभिन्न प्रकार की बाधायें खड़ी करते रहे जो आज तक जारी है।
संसद में लाए गए महिला आरक्षण का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इस विधेयक में भी दलित, गरीब और पिछड़ों के विरोध की बू आ रही है और सुप्रीमो ने कहा कि प्रस्तावित 33 प्रतिशत के महिला आरक्षण में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं के लिए अलग से कोई कोटा निर्धारित नहीं किया गया है और बसपा इस विधेयक का जमकर विरोध करेगी। मायावती ने कहा कि मौजूदा महिला आरक्षण बिल में 33 प्रतिशत आरक्षण के कोटे में ही महिलाओं को शामिल कर लिया गया जिसका बसपा विरोध करती है और मांग करती है कि इस आरक्षण में दलित पिछड़ी और उच्च जाति की गरीब महिलाओं को अलग से आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अम्बडेकर की जयन्ती पर पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
मायावती ने कांग्रेस के महिला और दलित प्रेम की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि बसपा ने सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति के आधार पर महिला आरक्षण में दलित के अलावा पिछड़ी और सवर्ण वर्ग की गरीब महिलाओं के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की, लेकिन केन्द्र सरकार ने विधेयक में इसे शामिल नहीं किया। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि समाज के दबे कुचले वर्ग को जो भी अधिकार मिले हैं वह कांग्रेस, राजीव गांधी, सोनिया गांधी या किसी अन्य दल ने नहीं दिए हैं बल्कि इसका पूरा श्रेय डॉ. भीमराव अम्बेडकर को जाता है जिन्होंने संविधान में इन वर्गों के अधिकारों को सुरक्षित किया। कांग्रेस तथा सभी विपक्षी दलों को दलितों, पिछड़ों और गरीबों का विरोधी करार देते हुए मायावती ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा- कांग्रेस तथा चाचा भतीजे दलितों के घर खाना खाने का ढोंग जरूर रचते हैं लेकिन इन वर्गों के हितों और हकों की कांग्रेस को कभी चिन्ता नहीं रही और महिला आरक्षण विधेयक से कांग्रेस का पर्दाफाश हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न जातियों और धर्मों को मानने वाले लोग हैं पर स्वतन्त्रता के बाद से केन्द्र की सत्ता पर दशकों काबिज रही कांग्रेस की जातिवादी व्यवस्था के चलते गरीबों, दलितों और पिछड़ों को पढ़ने लिखने, वोट डालने, चुनाव लड़ने, नौकरी और व्यवसाय में बराबर के अधिकार नहीं मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथा अन्य जातिवादी पार्टियों ने बसपा द्वारा दलितों और पिछड़ों के हक के लिए लड़ी जा रही लड़ाई का सदा विरोध किया जो आज भी जारी है और यही कारण है महिला आरक्षण में अनुसूचित जाति और जनजाति की महिलाओं को अलग से शामिल नहीं किया गया।
राजधानी लखनऊ के रमा देवी अम्बेडकर मैदान में आयोजित इस रैली के बारे में दावा किया गया है कि इसमें देश भर से करीब 10 लाख लोग उपस्थित हुए। बसपा पदाधिकारियों ने रैली में शामिल होने वाले लोगों के लिए व्यापक तैयारियां की थीं जिससे किसी को भी किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आई। रैली को सफल बनाने में पूरा प्रशासनिक अमला भी जुटा हुआ था। अफसर लोगों की अगवानी से लेकर खाना परोसने तक में लगे थे। रैली ऐतिहासिक होने के साथ ही बेहद अनुशासित भी थी। बताया जा रहा है कि तकरीबन बीस हजार बसों से लोग इस रैली में शामिल होने के लिए राज्य की राजधानी आए। मायावती ने रैली को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी गिनाया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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