लखनऊ- उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री एवं बसपा सुप्रीमो मायावती ने उनके और पार्टी के विरुद्ध विभिन्न अदालतों में चल रहे मुकदमों की निगरानी के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा की अध्यक्षता में एक लीगल सेल की स्थापना की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि आज राजधानी लखनऊ में बसपा संस्थापक कांशीराम के 76वें जन्म दिन पर पार्टी स्थापना की रजत जयन्ती के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय रैली का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मायावती ने अपने विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति और बसपा सरकार में बने विभिन्न स्मारकों पर लगाई गई हाथी की मूर्तियों की आड़ में पार्टी के चुनाव चिन्ह हाथी को जब्त करने वाली याचिकाओं आदि के उल्लेख पर कहा कि सारे आरोप झूठे हैं और उनकी छवि बिगाड़कर बसपा आन्दोलन को समाप्त करने की साजिश का हिस्सा है।
मायावती ने कहा कि पार्टी संस्थापक कांशीराम ने पहले ही आगाह किया था कि जैसे-जैसे बसपा की ताकत बढ़ेगी, वैसे-वैसे बसपा विरोधी पार्टी को अदालती चôरों में फंसायेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह दिन आ गया है और इसीलिए पार्टी ने ऐसे मुकदमों की प्रभावी पैरवी के लिए राष्ट्रीय लीगल सेल के गठन का फैसला किया है, जिसके अध्यक्ष पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र होंगे।
मायावती ने इस घोषणा के साथ यह भी स्पष्ट किया कि सतीश चन्द्र मिश्र को लीगल सेल का अध्यक्ष बनाए जाने का यह अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए कि पार्टी में उनका महत्व कम हो जायेगा अथवा वे पार्टी संगठन के अन्य क्रियाकलापों से अलग रहेंगे। उन्होंने कहा कि मिश्रा की मुख्य जिम्मेदारी पार्टी के मुकदमों की पैरवी होगी, लेकिन वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में प्रचार प्रसार एवं अन्य कार्यक्रमों में पहले की ही तरह अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे और देश प्रदेश में चुनाव प्रचार जैसे कार्यक्रमों में पहले की ही तरह हिस्सेदारी करेंगे। मायावती ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अब समाज की ऊंची जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए भाईचारा समितियों की जिम्मेदारी अन्य नेताओं को दे दी गई है और उन्होंने ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य समाज को पार्टी से जोड़ने का काम देखने के लिए नेताओं के नाम की घोषणा की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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